नहीं रहे ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद
- लंबे समय तक ओमान के सुल्तान रहने वाले काबूस बिन सैद का इंतकाल हो गया है। वे 79 साल के थे। उनके निधन के बाद तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा ओमान में कर दी गई। तेल से होने वाली कमाई का इस्तेमाल काबूस बिन सैद ने ओमान की आर्थिक प्रगति के लिए किया था। सुल्तान काबूस 1970 से ही लगातार इस पद पर बने हुए थे। ओमान की पूर्व औपनिवेशिक सरकार का उन्होंने वर्ष 1970 में ब्रिटेन की सहायता से तख्तापलट कर दिया था।
- काबूस बिन सैद ने अपने देश को मस्कट और ओमान के रूप में नहीं जाने जाने की घोषणा की थी। देश की राजनीतिक एकता को सही तरीके से दर्शाने के लिए उन्होंने इसका नाम परिवर्तित करके ओमान सल्तनत कर दिया था। सुल्तान में ही सारी राजनीतिक शक्तियां ओमान में केंद्रित होती हैं। सशस्त्र बलों के कर्मचारियों का तो वह प्रमुख होता ही है, साथ में रक्षा मंत्री, विदेश मामलों का मंत्री और सेंट्रल बैंक का भी वह इस देश में प्रमुख होता है।
यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराने की बात ईरान ने स्वीकारी
- यूक्रेन के हवाई जहाज यूक्रेनी बोइंग 737-800 गलती से माल गिराने की बात ईरान ने स्वीकार ली है। ईरान ने बताया है कि संवेदनशील क्षेत्र में विमान उड़ान भर रहा था और तेजी से सैन्य अड्डे की तरफ मुड़ा था, जिसकी वजह से त्रुटि हुई और इसे मार गिराया गया। इस विमान दुर्घटना में 176 यात्रियों की मौत हो गई थी। सबसे पहले अमेरिकी प्रशासन ने यूक्रेन के विमान को ईरानी मिसाइल द्वारा निशाना बनाए जाने की बात कही थी।
- वर्ष 1988 में 3 जुलाई को अमेरिकी नौसेना के एक जहाज ने ईरान की एयर फ्लाइट 655 पर भी मिसाइल से हमला कर दिया था। विमान के अरब की खाड़ी से गुजरने के दौरान यह हमला किया गया था। वर्ष 2014 में भी 17 जुलाई को मलेशियाई एयरलाइंस का एक विमान एम्सटर्डम से कुआलालंपुर की ओर बढ़ रहा था कि तभी सोवियत निर्मित सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल ने इसे अपना निशाना बनाया था, जिसमें 283 यात्रियों के साथ चालक दल के 15 सदस्यों की मौत हो गई थी। वर्ष 2001 में 4 अक्टूबर को एक सर्बियाई प्लेन इजराइल के तेल अवीव से रूस की ओर रवाना हुआ था, मगर एक क्रीमियन मिसाइल ने इसे निशाना बनाया था, जिसकी वजह से इसमें सवार 66 यात्रियों के साथ चालक दल के 12 सदस्यों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
केंद्र सरकार ने जारी की नागरिकता संशोधन कानून को देशभर में लागू करने की अधिसूचना
- बीते 10 जनवरी से देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू कर दिया गया है। अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। 31 दिसंबर, 2014 तक जो हिंदू, पारसी, जैन, ईसाई, सिख और बौद्ध धर्म के अल्पसंख्यक भारत में आ चुके हैं। इस कानून के मुताबिक वे भारत की नागरिकता हासिल करने के हकदार हैं। नागरिकता संशोधन कानून में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न झेल कर जो अल्पसंख्यक भारत में आए हुए हैं, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। साथ ही उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।
- बीते 11 दिसंबर, 2019 को संसद से नागरिकता संशोधन अधिनियम को पारित कर दिया गया था। मेघालय, मिजोरम, असम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर यह कानून लागू नहीं हो रहा है, क्योंकि ये भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं।
ब्रेक्जिट समझौते को ब्रिटेन के सांसदों से मिली मंजूरी
- आगामी 31 जनवरी को ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है, क्योंकि ब्रिटेन के संसद ने ब्रेक्जिट समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है। एक साल से भी अधिक वक्त से यह समझौता अटका हुआ था। ऐसे में इसका पास होना एक ऐतिहासिक कदम है। यूरोपीय संघ से अलग होने वाला ब्रिटेन पहला देश बन जाएगा। समझौते के पक्ष में जहां 330 वोट डाले गए, वहीं विरोध में महज 231 वोट पड़े। इस तरह से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ईयू से अलग होने के समझौते को ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमंस से मंजूरी मिल गई।
- ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया को ही ब्रेक्जिट के नाम से जाना गया है। वर्ष 2016 में 23 जून को ब्रिटेन में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें 51.89 फ़ीसदी लोगों ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के पक्ष में मत दिया था। यूरोपीय संघ जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से आपस में जुड़े हुए 28 देशों का समूह है। वर्ष 1999 में यूरोपीय संघ द्वारा साझा मुद्रा यूरो की शुरुआत की गई थी। 15 देशों ने इसे अपना लिया था। वर्ष 1973 में ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन का सदस्य बना था।
कन्हैया कुमार और प्रशांत किशोर को फोर्ब्स पत्रिका ने 20 प्रभावशाली लोगों में किया शामिल
- दुनिया के टॉप-20 निर्णायक लोगों में ‘फोर्ब्स’ पत्रिका ने जिन राजनेताओं, मनोरंजनकर्ताओं, उद्यमियों एवं खिलाड़ियों को जगह दी है, उसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और जदयू के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का नाम भी शामिल है। इनके अलावा भारतीय मूल के पांच और लोगों गोदरेज परिवार, आदित्य मित्तल, दुष्यंत चैटाला, गरिमा अरोड़ा और महुआ मोइत्रा को इस सूची में जगह दी गई है।
- पहले स्थान पर इस सूची में भारतीय मूल के अमेरिकी राजनीतिक टिप्पणीकार एवं हास्य कलाकार हसन मिन्हाज को जगह मिली है। सूची में 14वें स्थान पर शेफ गरिमा अरोड़ा, जबकि पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग 15वें स्थान पर हैं। सूची में फिनलैंड की नई प्रधानमंत्री, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आदि के नाम भी शामिल हैं।
सभी अमेरिकी सेना को ईरान ने घोषित किया ‘आतंकवादी’
- अपने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या को लेकर ईरान ने पूरी अमेरिकी सेना को ‘आतंकवादी’ घोषित कर दिया है। एक विधेयक बीते 7 जनवरी को पारित करके अमेरिकी बलों को ईरान की ओर से आतंकवादी घोषित किया गया है। ईरान की संसद ने इन बलों को वित्तीय, खुफिया, सैन्य या किसी भी प्रकार की मदद को आतंकवादी कृत्य में सहयोग के तौर पर परिभाषित किया है।
- अमेरिका ने बगदाद एयरपोर्ट पर एयर स्ट्राइक करके जनरल सुलेमानी को मार गिराया था, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। पश्चिम एशिया में ईरानी गतिविधियों का संचालन सुलेमानी द्वारा ही किया जा रहा था और उन पर इजरायल में रॉकेट से हमला किये जाने का भी आरोप था।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा
- केंद्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से दिल्ली में 8 फरवरी, 2020 को विधानसभा चुनाव कराये जाने की घोषणा की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यह घोषणा करते वक्त बताया कि मतगणना 11 फरवरी को होगी। विधानसभा चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना 14 जनवरी को जारी की जायेगी।
- दिल्ली में 2689 जगहों पर बने 13 हजार 750 बूथों पर वोट डाले जाएंगे। वर्तमान में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 14 फरवरी, 2015 को शपथ ली थी। दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चौधरी ब्रह्म प्रकाश रहे थे। बीते विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर विजय मिली थी।