“द मिरेकल मॉर्निंग”- आपकी सुबह बदल देगी आपकी ज़िंदगी !

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Miracle Morning book summary in Hindi
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दुनिया में ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि उनका दुख सबसे बड़ा है और उनका बैंक बैलेंस सबसे छोटा है। अगर आपका भी यही मानना है तो जरा वो पल भी याद कीजिए जब कोरोना लॉकडाउन के दौरान हज़ारों मज़दूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े। हजारों मीलों का सफ़र उन्होंने पैदल ही तय किया वो भी भूखे प्यासे। कहने का मतलब यही है कि अगर हम सोचते हैं कि हमारी किस्मत ही सबसे ज़्यादा खराब है, तो हमें ये समझना होगा कि इस दुनिया में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं जो हमसे भी बदतर हालत में जी रहे हैं, संघर्ष कर रहे हैं। ज़िंदगी निराश होकर हार मान लेने का नाम नहीं है। दोबारा उठ खड़े होकर मुश्किलों का डटकर सामना करने का नाम है ज़िंदगी। हाल एलरोड इसका बेस्ट उदाहरण हैं जिसे उन्होंने अपनी किताब “द मिरेकल मॉर्निंग” (सुबह के चमत्कार) के जरिए दुनिया के सामने रखा।

“द मिरेकल मॉर्निंग” हमारी इच्छाशक्ति को मजबूत करने में हमारी मदद करती है। ये किताब हमारे आत्मविश्वास को शक्ति प्रदान करती है और हमें कामयाबी की उड़ान भरने का गुर भी सिखाती है। इस पुस्तक के जरिए लेखक हाल एलरोड ने अपनी निजी ज़िंदगी के अनुभवों को दुनिया के साथ शेयर किया है। लेखक के जीवन में एक समय ऐसा आया था… जब वह पूरी तरह से टूट चुके थे, ज़िंदगी से निराश हो चुके थे… अपनी इस हार को उन्होंने जीत में किस तरह बदल दिया, इसका पूरा लेखा-जोखा हमें “द मिरेकल मॉर्निंग” में मिलता है। “हाल एलरोड” की पुस्तक “द मिरेकल मॉर्निंग” इतनी लोकप्रिय है कि इसे अब तक 27 भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

“द मिरेकल मॉर्निंग” हमें अपने जीवन को रूटीन में ढालना सिखाती है, जिम्मेदारियों को उठाना सिखाती है, खुद पर भरोसा करना सिखाती है और साथ ही अपने सपने को पूरा करने का हौसला भी देती है। ये पुस्तक सभी वर्गों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सभी को युवा अवस्था शुरू होने से पहले ही ये किताब पढ़ लेनी चाहिए ताकि जीवन में भटकाव आने से पहले ही इंसान संभल जाए और सिर्फ अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने पर ही उनका पूरा फोकस रहे।

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। कहे कबीर हरि पाइए मन ही की परतीत।”संत कबीर

संत कबीर का ये दोहा हाल एलरोड” के जीवन पर सौ फीसदी फिट बैठता है। इस दोहे में कहा गया है कि जीवन में हार-जीत केवल मानसिक भावनाएं है। यदि मनुष्य मन से हार मान कर निराश हो गया तो समझिए वो सच में हार गया। यदि मनुष्य मन से जीत गया तो समझिए वो हर हाल में जीत का तमगा अपने नाम कर ही लेगा। ईश्वर को भी मन के विश्वास से ही पाया जाता है, यदि विश्वास नहीं है तो लाख कोशिशों के बाद भी ईश्वर की प्राप्ति नहीं होगी।

“हाल एलरोड” का जन्म 30 मई 1979 को कैमारिलो कैलिफोर्निया में हुआ था। हाल एलरोड, अमेरिकी लेखक,  मोटिवेशनल स्पीकर और एक सफल कोच हैं। “द मिरेकल मॉर्निंग” हाल एलरोड की सबसे फेमस बुक है। लाखों लोग इस पुस्तक से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में नई शुरुआत कर चुके हैं। हाल एलरोड का जीवन काफी समस्याओं से भरा रहा। उन्होंने अपने परिवार को बचपन से ही मुश्किलों से जूझते हुए देखा। 1999 में हाल एलरोड का एक भयंकर रोड एक्सीडेंट हुआ था। इस एक्सीडेंट में हाल बुरी तरह से घायल हो गए थे। इनकी सांसे करीब 6 मिनट तक रुकी रही, ऐसा लगा कि मानो हाल मर चुके हैं। लेकिन 6 मिनट बाद इन्हें होश आया, फिर इन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल की रिपोर्ट से पता चला कि इनके शरीर की करीब 11 हड्डियां टूट चुकी हैं। जिसके बाद डॉक्टरों ने हाल को कहा कि अब वो कभी चल नहीं पाएंगे। उन्हें पूरा जीवन व्हीलचेयर पर ही गुजरना होगा।

डॉक्टर के इतने बड़े स्टेटमेंट के बाद भी हाल ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी सर्जरी के बाद ही  “मिरेकल मॉर्रिंग” (चमत्कारी सुबह) की शुरुआत की। उन्होंने अपने “मिरेकल मॉर्रिंग” टेक्नीक  के सहारे 10 दिनों के भीतर ही चलना शुरू कर दिया और बाद में अल्ट्रा मैरॉथन की 42 किलोमीटर की दौड़ में अपनी भागीदारी भी दी। हाल एलरोड ने “मिरेकल मॉर्निंग” को अपने जीवन में पूरी तरह से उतार लिया और इसके बाद ही उन्होंने साल 2012 में “द मिरेकल मॉर्निंग” बुक लिखी। “द मिरेकल मॉर्निंग” इतनी लोकप्रिय हो गई कि आज 70 देशों के 5 लाख से ज्यादा लोग इसमें बताए गए मॉर्निंग रूटीन को फॉलो करते हैं।

द मिरेकल मॉर्निंग”…  बदल देगा आपकी ज़िंदगी

हाल एलरोड ने अपनी पुस्तक “द मिरेकल मॉर्निंग” में ऐसे महत्वपूर्ण बातों को बताया है… जिन बातों को अपना कर जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को पाया जा सकता है।

हाल एलरोड ने “द मिरेकल मॉर्निंग” में छह महत्वपूर्ण आदतों का वर्णन किया है। इन आदतों को लेखक ने THE LIFE SAVERS का नाम दिया है। SAVERS में पूरे जीवन का मूल मंत्र समाया हुआ है।

S.A.V.E.R.S की पूरी परिभाषा…

“द मिरेकल मॉर्निंग” में सबसे पहली आदत S का अर्थ यहां SILENCE (शांति) से लगाया गया है… जीवन को तनाव मुक्त और एकाग्र बनाए रखने के लिए शांति सबसे अहम मानी जाती है। हमारा मन शांत होगा, तब ही हम अपने आप को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और उतने ही बेहतर तरीके से अपने लक्ष्य को पाने के लिए जागरूक हो सकेंगे।

मनुष्य को सुबह बहुत ही शांत मन के साथ जगना चाहिए। किसी भी तरह की हड़बड़ाहट को अपने दिनचर्या में शामिल नहीं करना चाहिए । आपकी सुबह जिस तरह से शुरू होगी, पूरा दिन उसी पर ही निर्भर होगा।  इसीलिए खुद को जितना हो सके शांत बनाए रखें और साथ ही अपने जीवन में नव ऊर्जा का संचार करें।

A का अर्थ यहां AFFIRMATION (खुद को सकारात्मक रहने का बार बार मैसेज देना) से है। “द मिरेकल मॉर्निंग” में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण आदत यह बताई गई है कि मनुष्य को अपने दिन की शुरुआत आत्मविश्वास से करनी चाहिए। दुनिया में ऐसा कोई भी काम नहीं है, जो कोई नहीं कर सकता है। इंसान चाहे तो वह अपनी मेहनत और लगन, अपने दृढ़ विश्वास से हर नामुमकिन काम को मुमकिन बना सकता है। आपका दृढ़ विश्वास ही आपको औरों से अलग करता है। आपका आत्मविश्वास ही आपके जीवन में चमत्कार का काम करता है। आपका आत्मविश्वास ही आपके सपनों पूरा करने में आपकी मदद करता है। “द मिरेकल मॉर्निंग” की ये दूसरी आदत मनुष्य को खुद से सवाल जबाब करना सिखाती है, जिससे मनुष्य को अपनी कमी का पता चलता है और फिर उस कमी को दूर कर बेहतर इंसान बनने में मदद करता है।

“द मिरेकल मॉर्निंग” में तीसरी अहम आदत V-VISUALIZATION (अपने दिमाग में अपने सपनों की कल्पना करना) को बताया है। विजुएलाइजेशन में हर पल अपने दिमाग में जीत की कल्पना करते रहना चाहिए। जिससे मनुष्य को अपने सपने को साकार करने में भरपूर मदद मिलती है। अक्सर सुनने में आता है कि आप अपनी सोच जिस तरह की रखेंगे, आपका जीवन भी उसी तरह के परिणाम देगा। इसीलिए हमेशा मनुष्य को सकारात्मक विचारों की कल्पना ही करनी चाहिए। ये सकारात्मक विचार ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करेंगे। “द मिरेकल मॉर्निंग” मनुष्य को उन विचारों की कल्पना करने की प्रेरणा देता है, जो उसे अपने सपनों को साकार करने में मददगार साबित हों।

“द मिरेकल मॉर्निंग” पुस्तक के चौथे स्टेप में E- EXERCISE (व्यायाम) की ज़रूरत पर प्रकाश डाला गया है। कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का विकास होता है। इसीलिए दिन की शुरुआत अगर एक्सरसाइज से हो तो वह मनुष्य के शरीर और दिमाग दोनों को तरो-ताज़ा रखने में मदद करता है। अगर मनुष्य अपने दिन की शुरुआत किसी भी हल्की फुल्की एक्सरसाइज से करें तो दिन भर उसे सकारात्मक एनर्जी मिलती रहती है। एक्सरसाइज से दिन भर काम करने के बाद भी थकान बहुत कम महसूस होती है। एक्सरसाइज से मन और दिमाग दोनों ही शांत रहता हैं। “द मिरेकल मॉर्निंग” पुस्तक में एक्सरसाइज को जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

“द मिरेकल मॉर्निंग” पुस्तक में लक्ष्य प्राप्ती के लिए पांचवी आदत R-READING (पढ़ना) को बताया गया है। मनुष्य को अपनी दिनचर्या में कोई ना कोई ऐसी किताब पढ़ने की आदत ज़रूर डालनी चाहिए जो उसको प्रेरित करती हो। किताबें हर रोज कुछ नया सिखाती हैं, साथ ही हर रोज नए अनुभवों से परिचय भी कराती है। इन अनुभवों से हम अपनी गलतियों को दोहराने से बच पाते हैं और अपनी मंजिल की तरफ बिना रुकावट के बढ़ पाते हैं।

“द मिरेकल मॉर्निंग” पुस्तक ने अपने सपने सच करने के लिए छठी आदत S-SCRIBE (लिखना) बताया है। प्रत्येक मनुष्य को थोड़ा या बहुत लिखने की आदत होनी चाहिए। हर सुबह अपने सपनों को जरूर लिखना चाहिए…. जो जो हमें जीवन में चाहिए। हर दिन का नकारात्मक-सकारात्मक अनुभव भी लिखना चाहिए, जिससे हम सही गलत का आकलन कर सकें। साथ ही जब भी कोई विचार परेशान कर रहा हो तो उसे लिख लेना चाहिए, इससे मन हल्का होता है। इस लिखने की आदत से आप स्वयं को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और हर परिस्थिति में अपने सपनों को साकार करने की सकारात्मक कोशिश जारी रख सकेंगे।

“द मिरेकल मॉर्निंग” पुस्तक में कुछ और ऐसे विचार बताए गए हैं जिससे आप अपनी सुबह को चमत्कारी तो बना ही सकते हैं, साथ ही सुबह उठने की आदत को भी बड़ी आसानी से अपना सकते हैं। हाल एलरोड अपनी पुस्तक में बताते हैं कि मनुष्य को रात में सोने से पहले अपने अगले दिन की प्लानिंग कर लेनी चाहिए, जिससे अगले दिन के सारे काम समय से पूरे हो जाएं। हमें अपनी अलार्म घड़ी अपने बेड से दूर रखनी चाहिए ताकि अलार्म को बंद करने के लिए ही सही, शरीर थोड़ा चेतन अवस्था में आ जायेगा और हमारी नींद खुल जाएगी। सुबह उठते ही सबसे पहले ब्रश कर लेना चाहिए, ब्रश करते ही मनुष्य का शरीर और दिमाग एक्टिव हो जाता है। इसके बाद अपने दिन की शुरुआत पानी पीकर करना चाहिए, पानी से शरीर में फुर्ती आती है। पानी पीने के बाद ही नहा लेना चाहिए, नहा लेने से पूरा शरीर तरो-ताज़ा हो जाता है। इसके बाद अपने दिन की शुरुआत एक फ्रेश और एक्टिव मूड के साथ करना चाहिए।

हाल एलरोड ने ये भी बताया है कि इन सभी नियमों का पालन करने के शुरूआती दिनों में बहुत मुश्किलें आएंगी। किसी भी नियम को अपनाने में ज्यादा से ज्यादा 10 से 20 दिन का समय लगता है, उसके बाद सब बहुत आसान हो जाता है। तो “द मिरेकल मॉर्निंग” के नियमों के अपनाने के लिए सिर्फ 10 से 20 दिन तक कड़ी मेहनत और आत्मबल की दरकार है। बाकि उसके बाद सब बड़ी आसानी से खुद-ब-खुद ही होता चला जाएगा।

“द मिरेकल मॉर्निंग” किताब में हाल एलरोड ने अपनी लगभग खत्म हो चुकी जिंदगी को फिर से शुरू करने का अनुभव लिखा है। हाल एलरोड ने अपनी जिंदगी को फिर से सामान्य बनाया, ये सच में किसी चमत्कार से कम नहीं था। ये सब मुमकिन हुआ “द मिरेकल मॉर्निंग” के जरिए। हाल एलरोड ने अपने इस अनुभव को अपनी पुस्तक के जरिए लाखों लोगों के साथ शेयर किया। लाखों लोग “द मिरेकल मॉर्निंग” पुस्तक से मोटिवेट हो रहे हैं… और अपने जीवन में सफलता के शिखर तक पहुंच रहे हैं। आप भी “द मिरेकल मॉर्निंग” में बताए गए नियमों को अपना कर अपना जीवन सफल और खुशहाल बना सकते हैं।

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