अमीर बनने के गुण बताती : रॉबर्ट कियोसाकी की किताब “रिच डैड पुअर डैड”

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20071
Rich Dad Poor Dad book summary Hindi

यदि आप अमीर बनना चाहते हैं, तो बड़ा सोचें और अलग सोचें।

अमीर बनने का सपना हर कोई देखता है। गरीब इंसान का तो जीवन भर का एक ही सपना होता है कि वो अमीर बन जाए और अमीर इंसान और ज्यादा अमीर बनने की कोशिश में लगा रहता है। ज्यादातर लोग अमीरी-गरीबी को किस्मत का खेल मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है… आप जान कर हैरान होंगे कि अमीर-गरीब होना आपके सोचने के ढंग, काम करने के ढंग और पैसे कमाने के तरीकों पर निर्भर करता है। इन सभी बातों का प्रमाण रॉबर्ट टी. कियोसाकी की वर्ल्ड फेमस बुक “Rich Dad Poor Dad” में मिलता है। ये किताब जिंदगी में सफल होने के सभी आयामों से आपका परिचय कराती है। अमीर और गरीब बनने के पीछे के सभी कारणों और स्थितियों से भी वाकिफ कराती है।

रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक में पैसे कैसे कमाए जाते हैं और इनवेस्टमेंट से कैसे पैसों में इजाफा किया जाता है, इसके पूरे मैनेजमेंट को बहुत बेहतर तरीके से समझाया गया है। ऑथर ने इस पुस्तक में कैश फ्लो, रियल एस्टेट, इन्वेस्टिंग और बिजनेस शुरू करने के लिए पर्सनल फाइनेंस एजुकेशन के बारे में विस्तार रूप से जानकारी दी है। लेखक ने अपनी इस पुस्तक में एक कहानी के माध्यम से इन सभी मुद्दों पर प्रकाश डाला है।

“जो बात मैं हमेशा लोगों से कहता हूं वह यह है कि यदि आप असफलता से बचते हैं, तो आप सफलता से भी बचते हैं।” रॉबर्ट कियोसाकी

रॉबर्ट कियोसाकी एक ऐसे लेखक हैं, जो आम लोगों को अमीर बनने के गुर सिखाते हैं। रॉबर्ट अपने इसी लेखन शैली के जरिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।

  • रॉबर्ट एक अमेरिकी बिजनेसमैन, इन्वेस्टर, राइटर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। रॉबर्ट का जन्म 8 अप्रैल 1947 को हुवाई में हुआ। उनकी शिक्षा न्यूयॉर्क में हुई है।
  • इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में एस मरीन कॉर्प्स में ऑफिसर और हेलीकॉप्टर गनशिप पायलट के रूप में वियतनाम में काम किया।
  • 1985 में रॉबर्ट ने सब कुछ छोड़कर अपनी इंटरनेशनल एकेडमिक कंपनी शुरू की। जिसके जरिए इन्होंने लोगों को बिजनेस और इन्वेस्ट करने के गुर सिखाने की शुरुआत की।
  • 1997 में रॉबर्ट की “रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक आई जिसने न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलर अवार्ड हासिल की। आज दुनिया भर में रॉबर्ट की बिजनेस और इन्वेस्टमेंट की पुस्तकें उपलब्ध है।
  • इन्होंने फाइनेंस मैनेजमेंट से जुड़ी कई और पुस्तकें लिखी हैं। इनकी सभी किताबें आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में बहुत मददगार साबित होती हैं।
  • “रिच डैड पुअर डैड” किताब अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है, जिसका हिंदी अनुवाद डॉक्टर सुधीर दीक्षित द्वारा किया गया है। यह पुस्तक मंजुल प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित हुई है। रॉबर्ट की “रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक हर युवा वर्ग को उसके टीनएज स्टेज खत्म होने से पहले ही पढ़ लेनी चाहिए ताकि उन्हें अपने भविष्य में कम से कम ठोकरें खानी पड़े।

आपकी सफलता का आकार आपकी इच्छा की ताकत से मापा जाता है। आपके सपने का आकार और आप किस तरह से निराशा को अपनी जिंदगी में संभालते हैं।रिच डैड पुअर डैड

रॉबर्ट ने “रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक में एक कहानी के जरिए अमीरी और गरीबी के सभी आयामों को समझाने की कोशिश की है। इस किताब में बताया गया है कि अमीर ऐसा क्या करते हैं, जो वह कम समय में ज्यादा पैसे कमाते हैं और गरीब ऐसा क्या करते हैं, जो वह ज्यादा काम करने पर भी कम पैसे कमाते हैं।

लेखक ने अपनी पूरी पुस्तक में दो लोगों के माध्यम से विचार प्रस्तुत किए है, जिसमें से एक बहुत अमीर और एक बहुत गरीब है। जो गरीब है, वह रॉबर्ट के पिता है और जो अमीर है वह रॉबर्ट के दोस्त के पिता है। रॉबर्ट इन दोनों व्यक्तियों के माध्यम से अमीर-गरीब के सभी आयामों का तुलनात्मक विवरण करते हैं। कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के द्वारा हम इन अंतर को समझेंगे…

“हर बार जब आप सोचते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते, तो कोई और सोचता है कि वह कर सकते हैं”- सकारात्मक सोच

सफल होने का सबसे पहला सबक होता है- सकारात्मक सोच। सकारात्मक सोच रखते हुए मनुष्य उन सभी मुश्किल हालातों से आसानी से निकल सकता है, जो मुश्किलें पहाड़ जैसी लगती हैं। रॉबर्ट के पिता की सोच नकारात्मक है, जबकि रॉबर्ट के दोस्त के पिता की सोच सकारात्मक है। नकारात्मक सोच वाले कभी प्रश्न नहीं करते जबकि सकारात्मक सोच वाले हमेशा प्रश्न करते हैं। प्रश्न करने वाले हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखते हैं। प्रश्न करना मनुष्य को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है, साथ ही मंजिल पाने के नए रास्ते भी निकालता है। लेखक अपनी पुस्तक में कहते हैं कि मनुष्य को हमेशा सकारात्मक सोच ही रखनी चाहिए, जिससे कि वह हर विपरीत परिस्थिति में अपने दिमाग को एक्टिव रख सके और सही फैसले ले सके। सही फैसला ही सफलता की ओर पहला कदम होता है।

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“हमेशा जोखिम होता है, इसीलिए इससे बचने के बजाय जोखिम का प्रबंधन करना सीखें”- जोखिम उठाना

काम छोटा हो या बड़ा, जोखिम सभी में होता है। कुछ लोग जोखिम के डर से काम को छोड़ देते हैं तो कुछ लोग जोखिम उठाते हैं और आगे बढ़ते हैं। जो जोखिम को पार कर गया, वही सफल हुआ और पैसे कमाने के लिए आगे बढ़ा। रॉबर्ट के पिता एक मिडिल क्लास व्यक्ति हैं जो हमेशा एक सिक्योर लाइफ और जॉब चाहते हैं। जिस वजह से वह लाइफ में कभी भी जोखिम उठाना नहीं चाहते जबकि रॉबर्ट के दोस्त के पिता हमेशा जोखिम उठाते हैं और जोखिम को मैनेज करना सीखते हैं। “रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक हमें जोखिम से बाहर निकलना सिखाती है।

“अमीर और गरीब का दर्शन यह है अमीर अपने पैसे का निवेश करते हैं और जो बचा है उसे खर्च करते हैं, गरीब अपना पैसा पहले खर्च करते हैं और जो बचा है उसे फिर निवेश करते हैं”- प्रॉफिट

लेखक ने अपनी पुस्तक “रिच डैड पुअर डैड” में बताया है कि मनुष्य को संपत्ति और दायित्व का अंतर पता होना चाहिए। संपत्ति धन को दुगना करती है और दायित्व धन और पैसों में कमी लाता है। अमीर लोग पैसे आने पर सबसे पहले उसका निवेश करते हैं, बाकी बचे पैसों से अपने लिए सुविधाएं इकट्ठा करते हैं। जबकि गरीब लोग पैसे आने पर पहले अपने दायित्व को पूरा करते हैं, उसके बाद बचे हुए पैसों को निवेश करते हैं। निवेश किया हुआ पैसा ही इन्वेस्टमेंट होता है, जो भविष्य में प्रॉफिट दिलाता है। प्रत्येक मनुष्य को पैसे कमाने के लिए सबसे पहले निवेश पर ध्यान देना चाहिए, निवेश होगा तो प्रॉफिट होगा।

“अच्छी गलती को व्यर्थ ना जाने दें इससे सीखो”- गलतियों से सीखें

अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में हम लोग अक्सर यह लाइन सुनते हैं कि लोग ठोकर खाकर ही सीखते हैं। ठोकर खाकर सीखना एक अच्छी बात है लेकिन अपनी गलतियों को दोहराना बेवकूफी है। लेखक ने अपनी पुस्तक में कहा है कि अपनी हर गलतियों से हमें सीखने की जरूरत है, गलतियों से सीखेंगे तो आने वाले कल में हम अपने काम को पहले से भी ज्यादा बेहतर करेंगे और अपने लक्ष्य की प्राप्ति जल्द से जल्द करेंगे।

“अमीर और गरीब के बीच अंतर यह है कि वह अपने समय का उपयोग कैसे करते हैं”- समय का उपयोग

एक सफल और असफल व्यक्ति के बीच फर्क सिर्फ इतना ही होता है कि वह किस तरह से अपने जीवन में आए मौकों की पहचान करता है और उसका लाभ उठाता है। सही समय पर मौके का लाभ उठाना ही सफल व्यक्ति की पहचान है।

“पैसे के लिए काम मत करो, उसे आपके लिए करने दें”- पैसों से काम कराना

रॉबर्ट ने “रिच डैड पुअर डैड” में पैसे कमाने की कला बताते हुए कहा है कि मनुष्य को पैसों के पीछे भागना नहीं चाहिए और ना ही पैसे का लालच करना चाहिए। मनुष्य को केवल पैसों के लिए ही काम नहीं करना चाहिए बल्कि पैसों को हमारे लिए काम करवाना आना चाहिए। पैसों से काम करवाने की कला अगर आती है तो अमीर बनना कोई मुश्किल काम नहीं है। पैसा ही और ज्यादा पैसा कमा कर लाता है।

रॉबर्ट की किताब “रिच डैड पुअर डैड” के सबसे आखिरी अध्याय में इन्वेस्ट को सबसे महत्वपूर्ण माना है। सभी लोग अपने पैसों को कहीं ना कहीं सहेज के रखते हैं, कोई बैंक में सहेजता है तो कोई अपने घर की अलमारी में सहेजता है। जबकि लेखक ने यहां सहेजने को इन्वेस्टमेंट से जोड़ा है… ऐसा इन्वेस्ट जिससे प्रॉफिट हो, पैसों को ऐसी जगह लगाना जहां से आमदनी हो। इस पुस्तक में इन्वेस्ट करने के सारे तरीके बताए गए हैं। इन्वेस्ट कब, कहां और कितना करना चाहिए… इसकी समझ होनी बहुत जरूरी हैं… तब ही पैसों की आमदनी होगी और जिंदगी पहले से थोड़ी बेहतर होती जाएगी।

F.O.C.U.S – सफल होने तक एक पाठ्यक्रम का पालन करें”- “रिच डैड पुअर डैड” पढ़ने की वजह

“रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक दुनिया भर में लोगों को पैसे कमाने के तरीकों के लिए प्रसिद्ध है। सभी एकेडमिक संस्थान पढ़ना, नौकरी करना तो सिखाते हैं लेकिन कोई भी संस्था यह नहीं सिखाती कि ज्यादा से ज्यादा पैसे कैसे कमाए जाते हैं। रॉबर्ट की यह पुस्तक पैसे कमाने के सारे गुण बताती है, साथ ही बिजनेस करने और इन्वेस्ट करने के सभी आयामों से रूबरू कराती है। इस पुस्तक को पढ़कर आपको मार्केट और पैसों की व्यावहारिक समझ मिलती है। इस पुस्तक को पढ़कर लाखों लोगों की जिंदगियां बदली है, लाखों लोगों ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा है। आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी तो आपका जीवन भी बेहतर होगा। इस पुस्तक को पढ़ने की कोई विशेष आयु नहीं है। इस पुस्तक को हर वर्ग, हर उम्र का व्यक्ति पढ़ सकता है और इससे लाभ उठा सकता है। यह पुस्तक हर हाल में आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में कामयाब रहेगी। मनुष्य को कामयाबी की तरफ निरंतर बढ़ने के लिए “रिच डैड पुअर डैड” पुस्तक को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।

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