हमारे देश में वैसे तो जनता के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की तरफ से अनगिनत योजनाओं की शुरुआत अक्सर की जाती है, लेकिन अभी केंद्र सरकार ने शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्रों को लाभ देने पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। और अभी हाल ही में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश भर के स्कूलों में सामुदायिक और निजी क्षेत्र की भागीदरी के माध्यम से स्कूलों को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई एक पहल है विद्यांजली पोर्टल 2.0। यह पहल भारत के विभिन्न स्वयंसेवकों, युवा पेशेवरों, स्कूल के पूर्व छात्रों, शिक्षकों और कई अन्य सरकारी अधिकारियों को स्कूल से जोड़ेगी। तो आइये इस विद्यांजली योजना के बारे में अधिक जानते हैं।
क्या है विद्यांजली योजना का अर्थ। What is Vidyanjali Scheme
अगर आप इस शब्द को ध्यान से देखेंगे तो आपको खुद ही पता लग जाएगा कि विद्यांजली शब्द दो शब्दों से बना है; विद्या और अंजलि। जहाँ विद्या का अर्थ ज्ञान है तो वहीं अंजलि का अर्थ होता है दोनों हाथों से देना। इसका मतलब इस योजना का अर्थ हुआ दोनों हाथों से ज्ञान बांटना। इसके अंतर्गत दो कार्यक्षेत्र हैं: स्कूल सेवा और संपत्ति, सामग्री व उपकरण जिसमें स्वयंसेवक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को समर्थन देकर और मजबूत कर सकते हैं। देश में शिक्षा और स्कूलों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए इस विद्यांजली पोर्टल 2.0 को लौंच किया गाय है।
विद्यांजली का उद्देश्य। Objective of Vidyanjali Portal
विद्यांजली पोर्टल की शुरुआत भारत के भविष्य को एक आकार देने के उद्देश्य के साथ की गई है। इसी साल यानि 2021 में शिक्षक पर्व (5 सितंबर) के सम्मेलन का उदघाटन करते हुए इस महत्वपूर्ण पहल का आरंभ हुआ। डोनर्स, सीएसआर कंट्रीब्यूटर्स और एडुकेशन वोलनटीयर्स की सुविधा स्कूल विकास के लिए मिल सके यही इस स्कीम का उद्देश्य है।
विद्यांजली में योगदान करने के तरीके। Ways of Contribution to Vidyanjali
अगर आप इस योजना में योगदान देना चाहते हैं तो आपको बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने इस स्कीम के तहत स्वेच्छा से योगदान देने के लिए छूट दी है। भारत का कोई भी भी नागरिक, एनआरआई, पीआईओ या भारत में रेजिस्टर्ड कोई भी संगठन, संस्थान या कंपनी दो तरीकों से योगदान दे सकती है। ये दो तरीके हैं –
- सर्विंग और रिटायर्ड टीचर्स, वैज्ञानिक, गवर्नमेंट और सेमी- गवर्नमेंट ओफिशियल्स, सेल्फ-एम्प्लोएड, रिटायर्ड आर्मड फोर्सेस पर्सनल, एडुकेशनल इन्स्टीट्यूशन्स के पूर्व छात्र, हाउस वाइफ़्स या कोई भी साक्षर यानि पढ़ा-लिखा व्यक्ति अनुरोध पर स्वयंसेवा कर सकते हैं।
- स्कूल के लिए ज़रूरी और बुनियादी सामग्री प्रदान करके भी आप अपनी सेवा या योगदान प्रदान कर सकते हैं। ये बुनियादी सामग्री हैं बेसिआई सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्लासरूम सपोर्ट मटिरियल एंड एकूईप्मेंट्स, एलेक्ट्रिकल और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पोर्ट्स, योगा, म्यूज़िक या हैल्थ रिलेटेड कोई भी एसेसरी।
कैसे लाएगी विद्यांजली योजना भारतीय शिक्षा में क्रान्ति। How will Vidyanjali Scheme revolutionize the field of education
विद्यांजली पोर्टल या विद्यांजली योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रान्ति की तरह है। इसका आरंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विद्यांजली 2.0 इस समय हमारे निजी क्षेत्रों को आगे आना होगा और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके, बच्चों और माता-पिता को शिक्षा का महत्व समझ आ सके इसके लिए योगदान देना होगा। इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के मिशन स्टेटमेंट के साथ एक चौथा एलिमंट भी जोड़ा है इस बार। और इसे जोड़ते हुए उन्होंने कहा “सभी के साथ, सभी के विकास के लिए और सभी में विश्वास का निर्माण – सभी के प्रयासों के साथ।” मोदी जी ने शिक्षकों को भी प्रोत्साहित करते हुए कहा – “हमें अपने टीचिंग – लर्निंग प्रोसेस को रीडिफ़ाइन और रीडिज़ाइन करना होगा। तेज़ी से बदलते हुए इस युग में हमारे शिक्षकों को भी नए सिस्टम्स और नई तकनीकों के बारे में तेज़ी से सीखना होगा।“
जब सरकारी और निजी क्षेत्र एक दूसरे को सहयोग देंगे तो निश्चित रूप से किसी भी क्षेत्र में क्रान्ति आ सकती है। इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का ये प्रयास अनूठा तो है ही साथ ही सराहनीय भी है। उम्मीद करते हैं भविष्य में ऐसी ही और भी योजनाएँ आती रहे जिससे सभी लाभान्वित हो सकें।
क्या है शिक्षक पर्व सम्मेलन। What is Shikshak Parv Sammelan
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) द्वारा शिक्षक पर्व – 2021 को लौंच किया गया था। यह उत्सव 5 सितंबर 2021 को शुरू हुआ था जो 17 सितंबर 2021 तक चलेगा। इस बीच शिक्षा मंत्रालय एडुकेशन और लिट्रेसी से संबन्धित कई विषयों पर वेबिनार्स भी आयोजित करेगी। शिक्षकों के मूल्यवान योगदान को मान्यता मिल सके और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education पॉलिसी, 2020) को आगे बढ़ाने में मदद मिले इसी वजह से इस उत्सव का आयोजन किया गया है। सभी देशवासियों को इसमें अपने – अपने स्तर पर भाग लेना चाहिए।
कौन सी अन्य योजनाएँ हुईं शुरू। What other schemes have started
इसके साथ ही शिक्षक पर्व सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई और योजनाओं की भी शुरुआत की है। इंडियन साइन लैड्ग्वेज डिक्शनरी, टॉकिंग बुक्स, स्कूल क्वालिटी एश्युरेंस एंड एसेस्मेंट फ्रेमवर्क ऑफ सीबीएसई, नेशनल डिजिटल एडुकेशन आर्किटैक्चर जैसी कई और योजनाएँ आरंभ हुई हैं। इन सभी योजनाओं और इनोवेटिव प्रेक्टिसेस से न केवल शिक्षा का विस्तार होगा बल्कि सभी स्तरों पर शिक्षा में सुधार आएगा स्कूलों में सस्टेनेबिलिटी भी बढ़ेगी।
अगर सरकार ऐसी योजनाएँ शुरू करती है तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि उनका सही से पालन करने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाएँ। प्रधानमंत्री के कहे अनुसार हमें ध्यान रखना चाहिए कि ये स्कीम्स पॉलिसी बेस्ड नहीं बल्कि पार्टीसिपेशन बेस्ड होना चाहिए।