Padhe Bharat Campaign यानी कि पढ़े भारत अभियान जो कि हाल ही में 100 दिनों के लिए शुरू किया गया है, यह बच्चों के अंदर पढ़ने की ललक जगाने के उद्देश्य पर केंद्रित है।
पढ़े भारत अभियान जब से गत 1 जनवरी से शुरू हुआ है, तब से इस अभियान की हर और खूब चर्चा है। आखिर चर्चा हो भी क्यों न। यह एक ऐसा अभियान है, जो बाल वाटिका से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के बीच किताबों को पढ़ने की आदत डालने के एक बड़े उद्देश्य से शुरू किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस 100 दिवसीय गठन अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान को यदि पूरी गंभीरता से चलाया जाए, तो बच्चों के अंदर पढ़ने की आदत विकसित करने में यह काफी मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको इस अभियान के बारे में संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
जानें क्या है पढ़े भारत अभियान? | What is Padhe Bharat Campaign?
- Padhe Bharat Campaign एक ऐसा अभियान है, जो छात्र-छात्राओं के सीखने की क्षमता को और बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत उनके सीखने के स्तर में व्यापक सुधार लाना है।
- इस अभियान की यह खासियत है कि छात्र-छात्राओं के अंदर न केवल यह रचनात्मकता को खिलाने का काम करेगा, बल्कि उनके अंदर यह सोचने-विचारने की ताकत को भी मजबूत करेगा।
- इसके अलावा Padhe Bharat Campaign के अंतर्गत बच्चों की शब्दावली को भी मजबूत बनाने का काम किया जाएगा। पढ़े भारत अभियान के तहत बच्चों की न केवल लिखने की क्षमता में सुधार आएगा, बल्कि मौखिक रूप से खुद को अभिव्यक्त कर पाने में भी वे ज्यादा सक्षम हो पाएंगे।
- इन सबके अलावा इस अभियान से जुड़कर बच्चे अपने परिवेश से अच्छी तरह से परिचित हो पाएंगे। साथ ही जीवन की वास्तविकता से भी और बेहतर तरीके से उनका परिचय हो पाएगा।
- पढ़े भारत अभियान के तहत बाल वाटिका से आठवीं तक में पढ़ाई करने वाले बच्चे शामिल किए जा रहे हैं।
- बीते 1 जनवरी को जो यह अभियान शुरू हुआ है, यह 100 दिनों तक जारी रहने वाला है। इसका मतलब यह हुआ कि यह 14 सप्ताह तक चलने वाला अभियान है और 10 अप्रैल, 2022 को यह समाप्त होगा।
- पढ़े भारत अभियान को जो 100 दिन समर्पित किए गए हैं और इसमें जितने सप्ताह हैं, इन सभी सप्ताह को बांट कर समूह आधारित गतिविधियां उनके लिए निर्धारित कर दी गई हैं।
- इस अभियान का मकसद ही यही है कि बच्चों के लिए पठन अधिक सुगम और सुखद बन जाए। साथ ही न केवल उन्हें पढ़ने का आनंद मिल सके, अपितु जीवन भर पठन से उनका जुड़ाव बना रहे।
- शिक्षा मंत्रालय की ओर से पढ़े भारत अभियान को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारी भी की गई है। इस अभियान के अंतर्गत साप्ताहिक कैलेंडर तैयार किए गए हैं और व्यापक पैमाने पर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
- सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को ये दिशा-निर्देश उपलब्ध करा दिए गए हैं।
- पढ़े भारत अभियान की यह विशेषता है कि इसमें गतिविधियों का निर्धारण उम्र के आधार पर किया गया है और इनका सप्ताहिक कैलेंडर तैयार कर लिया गया है।
- गतिविधियों का गठन भी इस प्रकार से किया जा रहा है कि अपने घर में उपलब्ध संसाधनों की मदद से ही छात्र-छात्राएं उन्हें आसानी से कर सकें।
- जो दिशा-निर्देश इस अभियान के अंतर्गत जारी किए गए हैं, उनमें यह कहा गया है कि जब स्कूल बंद हो तो ऐसे में छात्र-छात्राएं अपने परिवार के सदस्यों या फिर दोस्तों की सहायता ले सकते हैं।
Padhe Bharat Campaign में ये हैं शामिल
- पढ़े भारत अभियान के अंतर्गत बच्चे तो जोड़े ही जा रहे हैं, मगर साथ में शिक्षकों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे प्रशासक भी इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।
- माता-पिता Padhe Bharat Campaign की महत्वपूर्ण कड़ी हैं और उन्हें भी मंत्रालय की ओर से इस अभियान में शामिल किया गया है।
- इन सबके अलावा अलग-अलग समुदायों को भी पढ़े भारत अभियान से जोड़ा गया है और न केवल राष्ट्रीय, बल्कि राज्य स्तर पर भी इन सभी की भागीदारी इस अभियान में बेहतर तरीके से सुनिश्चित किए जाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा
पढ़े भारत अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने ट्वीट में यह लिखा कि किताबें पढ़ना एक स्वस्थ आदत है और संज्ञानात्मक, भाषा एवं सामाजिक कौशल को बेहतर बनाने का यह एक बड़ा ही उत्तम तरीका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागरिकों से नियमित रूप से किताबें पढ़ने के आह्वान से प्रेरित होकर जीवन भर मैं किताब पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
अपने ट्वीट में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उन पांच पुस्तकों की सूची भी जारी की, जिन पुस्तकों को उन्होंने पढ़ने के लिए चुना है। ये पांच किताबें निम्नवत हैं:
- जेम्स क्लीन की एटोमिक हैबिट
- रस्किन बांड की ए लिटिल बुक ऑफ हैप्पीनेस
- स्वामी विवेकानंद की रिफ्लेक्शन्स
- के राधानाथ राय की चिल्का
- फकीर मोहन सेनापति की प्रायश्चित
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस से जुड़ाव
- Padhe Bharat Campaign को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस से भी जोड़ा गया है। यह दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है।
- हमारे समाज की स्थानीय भाषा एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के साथ पढ़े भारत अभियान को भी एकीकृत किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाए जाने की घोषणा 17 नवंबर, 1999 को यूनेस्को द्वारा की गई थी और पूरी दुनिया में वर्ष 2000 से यह दिवस मनाया जाने लगा था।
- बांग्लादेश ने जो अपनी मातृभाषा बांग्ला की रक्षा के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया था, यह दिन उसकी भी याद दिलाता है।
- रफीकुल इस्लाम, जो कि एक बांग्लादेशी थे और कनाडा में रह रहे थे, उनके ही मन में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाए जाने का विचार आया था।
- वर्ष 1952 में बांग्ला भाषा आंदोलन के दौरान जो हत्या हुई थी, उन्हीं को याद करने के लिए रफीकुल इस्लाम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के लिए 21 फरवरी की तिथि का प्रस्ताव रखा गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस वास्तव में एक पहल है, जिसका उद्देश्य दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद अलग-अलग संस्कृतियों एवं बौद्धिक विरासत की रक्षा करने के साथ अपनी मातृभाषाओं की रक्षा करना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना है।
- पढ़े भारत अभियान को बिल्कुल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप ही तैयार किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्थानीय या मातृभाषा या क्षेत्रीय या आदिवासी भाषा में बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। साथ ही बच्चों के बीच पठन की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पठनीय सामग्री को आनंदपूर्ण बनाया जाना भी इसका उद्देश्य है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का उद्देश्य ही भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के पश्चात भारत में शिक्षा के ढांचे में किया गया राष्ट्रीय शिक्षा नीति तीसरा बड़ा सुधार है।
- इससे पहले वर्ष 1968 में और 1986 में दो शिक्षा नीतियां पेश की गई थीं।
- फाउंडेशन इलिटरेसी एंड न्यूमैरेसी मिशन के संकल्पों एवं लक्ष्यों के साथ भी पढ़े भारत अभियान को जोड़ा गया है।
Padhe Bharat Campaign से मिलते-जुलते अन्य महत्वपूर्ण अभियान
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- NISHTHA (स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिये राष्ट्रीय पहल)
- निपुण भारत मिशन
- समग्र शिक्षा
- प्रज्ञाता दिशा-निर्देश
- शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिये योजना (SPARC)
- प्रधानमंत्री पोषण योजना
- ज्ञान साझा करने के लिये डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर (दीक्षा)
- स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (स्वयं)
और अंत में
Padhe Bharat Campaign को वास्तव में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक अनूठी पहल कहा जा सकता है, क्योंकि बच्चों के अंदर पठन की आदत विकसित करने की दिशा में यह बड़ा ही कारगर साबित होने वाला है। पढ़े भारत अभियान को सफल बनाने की लिए शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता एवं घर के सदस्यों को भी अपना योगदान इसमें देना पड़ेगा।