मिशन कर्मयोगी योजना (Mission Karmayogi Yojana) – देश में बदलाव की नई पहल

2004
Mission Karmayogi

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देश में बदलाव लाने के लिए सरकार हर वक़्त कोई न कोई कदम उठाती ही है लेकिन सितंबर के महीने में तो जैसे योजनाओं की बौछार ही होने लगी है। हर क्षेत्र में कुछ न कुछ नया और क्रान्तिकारी कदम उठाया ही जा रहा है। आज हम आपको इसी सिलसिले में बताएँगे 2 सितंबर को शुरू हुई “मिशन कर्मयोगी योजना” के बारे में। केंद्रीय सरकार की तरफ से सिविल सेवा के क्षेत्र में बेहतरी के लिए ये पहल शुरू की गई है। इसका संचालन मानव संसाधन परिषद द्वारा किया जाएगा। इतना ही नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी बैठक करेंगे। इस योजना से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। आइये हम और आप मिलकर अधिक जानते हैं इस योजना के बारे में –

क्या है मिशन कर्मयोगी? | What is Mission Karmayogi Yojana ?

मिशन कर्मयोगी एक ऐसा कार्यक्रम या योजना है जिसके तहत देश के सभी प्रशिक्षण संस्थानों में साझा क्षमता और संसाधन बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत सारकरी कर्मचारियों को सकिल डेव्लपमेंट के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का लाभ सिविल सेवकों जैसे कि IAS, IPS, IFS, IRS अधिकारियों को विशेष तौर पर मिलेगा। यह योजना सिविल सेवकों को व्यक्तिगत रूप से कुशल बनाएगी तो साथ ही दूसरी ओर संस्थाओं के सामर्थ्य को भी बढ़ाएगी।

मिशन कर्मोयोगी की विशेषताएँ। Main Features and Attractions of Mission Karmayogi Yojana 

आपको ये भी जानना चाहिए कि इस योजना की विशेषताएँ क्या हैं, क्या चीज़ें इसका मुख्य आकर्षण रहेंगी। आइये आपको बताते हैं –

  1. टेक्नोलोजी फ्रेंडली – आज के समय को देखते हुए इस योजना को टेक्नोलोजी के साथ भी जोड़ा गया है। iGOT कर्मयोगी डिजिटल प्लैटफ़ार्म की सहायता से सिविल सेवकों को क्षमता निर्माण प्रशिक्षण दिया जाएगा। iGOT के माध्यम से ई-कंटैंट दिया जाएगा ताकि कर्मचारी अच्छे से सीख पाएँ और ट्रेनिंग सुचरू रूप से चलती रहे। इसमें जो सामग्री होगी वो विश्व स्तर की होगी।
  2. बहुत बड़ी कवरेज – साल 2020 से लेकर साल 2025 तक यानि पूरे पाँच साल की अवधि में 46 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को शामिल करने की योजना है। ध्यान से सोचा जाये तो ये एक बहुत बड़ी कवरेज होने वाली है। इतने सारे कर्मचारियों को शामिल करने के लिए इन पाँच वर्षों में 510.86 करोड़ रुपए की लागत लगेगी।
  3. नियमों का भूमिकाओं में बदलना – हमारे यहाँ नियम तो बन जाते हैं पर निभाए बहुत कम जाते हैं। इसलिए इस बार विशेष ध्यान रखा गया है कि ये योजना नियम आधारित से भूमिका आधारित बने यानि रूल बेस्ड से रोल बेस्ड बने। इसी नीति को अपनाते हुए ये मानव संसाधन प्रबंधन को भी समर्थन प्रदान करेगा। इससे पदों की ज़रूरत को देखते हुए एक अधिकारी की कुशलता को मिलाया जाता है और फिर कार्यों को बांटा जाएगा।
  4. एकरूपता से सब होगा आसान – सिविल सेवा से जुड़े जो भी मामले होंगे परीक्षा समबनधि कार्य, तैनाती, वेकेन्सी के नोटिस, कार्य असाइनमेंट आदि को एक साथ एक ढांचे में ढालकर एकीकृत करने की योजना है।

क्या है मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य। What is the Aim of Mission Karmayogi Yojana 

  1. इसका उद्देश्य सिविल सेवाओं में नवीनता लाना और एक नए भारत का निर्माण करना है। मिशन कर्मयोगी के द्वारा भविष्य में सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान से सिविल सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
  2. मिशन कर्मोयोगी योजना भारतीय सिविल सेवकों को और अधिक रचनात्मक और सृजनात्मक बनाएगी। ये हमारे देश के प्रथम श्रेणी सेवकों को क्रियाशील, प्रगतिशील, विचारशील, नवाचारी, ऊर्जावान, सक्षम और पारदर्शी बनने की राह दिखाएगी।

किन कारणों से शुरू की गई कर्मयोगी योजना। Reasons behind Karmayogi Yojana

  1. आज के समय में नौकरशाही या बीयूरोक्रेसी में नियमों में बार-बार फेर-बदल होता है, नए दिशा-निर्देश मिलते हैं या राजनीतिक हस्तक्षेपों को झेलना पड़ता है। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई।
  2. सिविल सेवा के क्षेत्र में जो सुधार अटके पड़े हैं उनको सही तरीके से लागू करने और इन सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए ये एक महत्वपूर्ण योजना है।

कैसे काम करेगी मिशन कर्मयोगी योजना। How will Mission Karmayogi Scheme work?

सबसे पहले तो कर्मयोगी भारत को प्रभावी तरीके से चलाने के लिए एक एक स्पेशल पर्पज़ व्हील को गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित करने का विचार है जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत सरकारी स्वामित्व वाली इकाई के रूप में स्थापित किया जाएगा। स्पेशल पर्पज़ व्हील से मेड इन इंडिया प्लैटफ़ार्म को बढ़ावा मिलेगा, डिजिटल प्लैटफ़ार्म को भिनए तरीके से डिज़ाइन और इम्प्लीमेंट किया जा सकेगा और फीडबैक एसेसमेंट भी होगा। एक 3 सदस्यी टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा जो निरीक्षण करेगी कि करी सही तरीके से हो रहा है या नहीं, जिस उद्देश्य और मिशन के साथ ये योजना शुरू हुई है उसी के साथ चल रही है या नहीं। इसके अलावा कर्मयोगी योजना के निम्नलिखित कार्य होंगे –

  1. वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का निर्धारण करना सभी विभागों आर सभी सेवाओं के लिए।
  2. फिर इस बात की ङ्ग्रानी रखना कि क्षमता निर्माण योजना का कार्यान्वयन सही से हो रहा है या नहीं।
  3. कुशल सेवा वितरण को लेकर सुनिश्चितता प्रदान करना।
  4. कॉमन फाउंडेशनकी मजबूती पर लगन से काम करना।
  5. टेक्नोलोजी रिलेटेड शिक्षा को बढ़ावा देना, सभी को प्रद्योगिकी का इस्तेमाल अधिक से अधिक सिखाना।
  6. लोक सेवक बेहतर से बेहतर सीख पाएँ, इसलिए बेंचमार्क सेट करना।
  7. जो सीखा है उसे सही तरीके से और सभी के सामने प्रदर्शित करना ताकि ज़्यादा से ज़्यादा श्रेणियों को कवर किया जा सके।

मिशन कर्मयोगी और आम आदमी। Mission Karmayogi and the common man

इस योजना से भारत के आम नागरिकों को भी काफी लाभ होगा। इसका सबसे अहम कारण है की यह योजना सिविल सेवकों की स्थिति के साथ उनकी योगिता की भी जांच करेगी। जब कुशल और ज़िम्मेदार सिविल सेवक होंगे तो निश्चित रूप से ही वो जनता के लिए अधिक जवाबदेह होंगे। ये समझ लीजिये कि अगर ये सही तरीके से काम करती है तो सिविल सेवा का तो जैसे नया ही जन्म होगा। इसलिए एक तरह से यह बी कहा जा सकता है कि सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ यह योजना आम नागरिकों के लिए भी है।

बस इस योजना के बिन्दु केवल बातों और कागज़ों पर नहीं रहने चाहिए, प्रैक्टिकल तरीके से सब सही हो तभी इसका असली लाभ मिल पाएगा। हमने पूरी कोशिश की है कि अपने लेख के माध्यम से आपको “मिशन कर्मयोगी योजना” के बारे में हर चीज़ विस्तार से समझा सकें। परंतु यदि अभी भी आपके मन म कि जिज्ञासा हो जो शांत नहीं हुई है, तो भिझक हमसे पूछ सकते हैं। किसी और योजना से संबंधित जानकारी के लिए भी आप हमें लिख सकते हैं।

धन्यवाद!

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