“जीत आपकी” की समीक्षा

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Jeet Aapki book review
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किताब का शीर्षक – “जीत आपकी”

किताब के लेखक – शिव खेड़ा

प्रकाशक का नाम – Bloomsbury Publishing India PVT. LTD.

प्रकाशित – 1998

ISBN नंबर – 978-93-82951-84-1

पेज की संख्या – 308

किताब की भाषा – हिंदी

और यह किताब English भाषा में भी उपलब्ध है, “You Can Win” by Shiv Khera

लेखक के बारे में….

शिव खेड़ा जी का जन्म धनबाद, झारखंड में हुआ था। शिव खेड़ा लेखक होने के साथ साथ एक Motivational Speaker, सफल Businessman और शिक्षक भी हैं। ये अमेरिका में “क्वालिफाइड लर्निंग सिस्टम इंक” के संस्थापक हैं।

शिव खेड़ा जी ने 12 किताबें लिखी हैं, जिसमें विश्व प्रसिद्ध किताब “जीत आपकी” (You Can Win) शामिल है। खेड़ा जी की  एक और किताब “You Can Sell”   सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में से एक है।

शिव खेड़ा जी मोटिवेशनल स्पीकर बनने से पहले जीवन बीमा सलाहकार, कार वॉशर और फ्रेंचाइजी ऑपरेटर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

किताब की समीक्षा…

“Jeet Aapki” एक अंतरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर बुक है। यह किताब इंसान को अपने जीवन में कामयाब होना और जीवन को अलग नज़रिए से देखना सिखाती है। “जीत आपकी” किताब की 35 लाख से ज्यादा कॉपी 16 भाषाओं में बिक चुकी है।

इस किताब में कुल 11 चैप्टर हैं… जिसके बारे में हम आप को संक्षिप्त रूप में बताएंगे… तो चलिए इन सभी अध्याय को समझते हुए आगे बढ़ते हैं…

अध्याय 1- नजरिए का महत्व…

“जीत आपकी” किताब का पहला चैप्टर है… नजरिए का महत्व। इसमें व्यक्ति को जीवन के हर पड़ाव पर सकारात्मक रुख अपनाने की सलाह दी गई है। शिव खेड़ा कहते हैं कि हमारा व्यक्तित्व हमारे नज़रिए का परिणाम होता है… इंसान अगर चाहे तो जीवन के नज़रिए को बदल कर अपनी पूरी ज़िदगी बदल सकता है। इस चैप्टर के पहले पन्ने पर ही हावर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा दिए गए एक स्टडी का ज़िक्र है… जिसमें बताया गया है कि 85% मौकों पर एक व्यक्ति को नौकरी या तरक्की उसके नज़रिये की वजह से ही मिलती है। किताब में हमारे नज़रिए को बनाने वाले 3 फैक्टर बताएं गए हैं…

  1. माहौल
  2. अनुभव
  3. शिक्षा

यह तीन बातें आपके दृष्टिकोण को बदलने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होती हैं। हम जिस माहौल में रहते हैं, जैसी शिक्षा ग्रहण करते हैं और जीवन में जिन अनुभवों को पाते हैं, वे सभी मिलकर हमारे व्यक्तित्व और नज़रिए को बनाती हैं। शिव खेड़ा कहते हैं कि ज्यादातर लोग अपनी नकारात्मकता से वाकिफ़ होने के बावजूद, उसे इसलिए नहीं बदलते हैं क्योंकि उन्हें वैसे ही रहने की आदत पड़ चुकी है।

अध्याय 2 : सकारात्मक नज़रिया कैसे विकसित करें…

“जीत आपकी” किताब का दूसरा अध्याय आपको सिखाता है कि आप कैसे अपने भीतर सकारात्मक नज़रिये को विकसित कर सकते हैं। इसमें पहला कदम अच्छा खोजने और अपनी सोच बदलने को बताया गया है। हममें से ज्यादातर लोग नकारात्मक पहलुओं पर ज्यादा ध्यान देते हैं और अपने मस्तिष्क को दूषित कर लेते हैं। हमे सिर्फ सकारात्मकता की तलाश करनी चाहिए। सकारात्मक नज़रिये के लिए कुछ ज़रूरी कदम…

  1. हम काम तुंरत करने की आदत डालें।
  2. एहसान मानने का नज़रिया बनाएं।
  3. लगातार ज्ञान हासिल करने की तलाश में रहे।
  4. अच्छे स्वाभिमान का निर्माण करें।
  5. नकारात्मक असर से बचें ।
  6. ज़रूरी कामों को पसंद करने की आदत डालें।
  7. अपने दिन की शुरुआत किसी अच्छे काम से करें।

अध्याय 3 : सफलता-जीत हासिल करने के तरीके…

अगले अध्याय में जीत हासिल करने के अचूक तरीके बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर एक इंसान सफल हो सकता है। अध्याय में, सफलता क्या है? हम सफलता को कैसे परिभाषित करना चाहते हैं? सफलता की राह में आने वाली बाधाएं? हम सफलता को कैसे मापते हैं? अगर आप इन सभी प्रश्नों के उत्तर पा लेते हैं तो आप सफलता के बहुत करीब पहुंच सकते हैं। उन्होंने इंसान को कामयाब बनाने वाली खूबियों का वर्णन किया है जो है…

  1. इच्छा
  2. वचनबद्धता
  3. ज़िम्मेदारी
  4. कड़ी मेहनत
  5. चरित्र
  6. सकारात्मक सोच
  7. जितना पाते हैं उससे अधिक दें
  8. दृढ़ता की शक्ति
  9. अपने काम में गर्व महसूस करें
  10. शिष्य बनने की इच्छा रखें और कोई सलाहकार ढ़ूंढ़े

शिव खेड़ा जी कहते हैं कि ऊपर बताई गई सभी खूबियां हर इंसान में मौजूद होती हैं बस जरूरत होती है उसे पहचानने की।

अध्याय 4 : हमें कौन सी चीज पीछे धकेल रही है

“जीत आपकी” किताब का अगला अध्याय है कि हमें कौन सी बातें पीछे धकेल रही हैं। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने 20 कारण बताए हैं। इसमें खतरे उठाने से बचना, लगातार कोशिश की कमी, प्राथमिकताएं तय न करना और शॉर्टकट की तलाश जैसी बिंदुओं को गिनाया है।

अध्याय 5 : प्रेरणा

इस अध्याय में शिव खेड़ा ने बताया है कि जीवन में सफल होने के लिए हमें प्रेरणा की जरूरत होती है। परंतु यह प्रेरणा बाहर से ही नहीं, बल्कि आंतरिक भी होनी चाहिए। मोटिवेशनल स्पीकर की मदद से या कोई अन्य घटना भी इंसान को मोटिवेट करती है। लेखक ने दो प्रकार की प्रेरणा का जिक्र किया है जो है … आंतरिक और बाहरी।

अध्याय 6 : आत्मसम्मान

शिव खेड़ा कहते हैं कि आत्मसम्मान अपने बारे में हमारी खुद की सोच है। अगर इंसान का अपने प्रति उच्च दर्जे का आत्मसम्मान है तो उसकी ज़िंदगी खुशहाल, संतुष्ट और मक़सद से भरी होगी। उच्च दर्जे का आत्मसम्मान हमारे मन में दृढ़ विश्वास पैदा करता है और हमारा नज़रिया आशावादी बनाता है। अगर इंसान अपने जीवन में उच्च आत्मसम्मान विकसित करना चाहता है तो उसे : अपनी कमियों को खूबियों में बदलना आना चाहिए, तारीफ़ लेना और देना सीखे, ज़िम्मेदारी क़ुबूल करना, अनुशासन का पालन करना आना चाहिए।

अध्याय 7 : आपसी मेलजोल का महत्व

“जीत आपकी” पुस्तक के इस अध्याय में आपसी मेलजोल का महत्व बताया गया है। सफल लोग अपनी शख़्सियत को खुशनुमा और आकर्षक बना लेते हैं जिसकी वजह से लोग उनसे दोस्ती करने के लिए आगे आते हैं। इसके साथ ही शिव खेड़ा जी ने अपने रिश्ते बनाने और कायम रखने के पीछे की वजह को उजागर किया है।

अध्याय 8 : अच्छी शख़्सियत बनाने के 25 तरीके

एक अच्छी शख़्सियत वाला इंसान जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है और खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। शिव खेड़ा जी ने एक अच्छी शख़्सियत बनाने पर ज़ोर दिया। उनके मुताबिक कुल 25 तरीके हैं जिनकी मदद से हम ऐसा कर सकते हैं । इसमें सबसे अहम उन्होंने ब्लेम गेम यानी दूसरों को दोष देना बंद करने की सलाह दी है।

अध्याय 9 : अवचेतन मन और आदतें

हमारा ज्यादातर व्यवहार आदतन होता है इसीलिए अगर हम अपनी आदतों को सुधारते हैं तो हमारा औरों के साथ व्यवहार अपने आप बेहतर हो जाएगा। इस अध्याय में The Gigo Principle की भी बात की गई है:

  1. गलत अंदर डालिए गलत बाहर आएगा
  2. सही डालिए सही बाहर आएगा
  3. अच्छा डालिए अच्छा बाहर आएगा।

अध्याय 10 : लक्ष्य बनाएं

लोग अपने जीवन में लक्ष्य इसीलिए नहीं बनाते क्योंकि वह निराशावादी, टालमटोल करने वाले इंसान, असफलता से डरने वाले व्यक्ति होते हैं। लक्ष्य को हमेशा स्मार्ट होना चाहिए। लक्ष्य वैसे ही हों जो नैतिक मूल्यों के साथ तालमेल बिठाते हों।

अध्याय 11 : नैतिक मूल्य और दूरंदेशी

शिव खेड़ा जी ने अपनी पुस्तक “जीत आपकी” के इस अध्याय में अंतिम बात ये कही है कि लोग श्रेष्ठता इसीलिए हासिल नहीं कर पाते हैं क्योंकि उनमें दूरंदेशी की कमी है। हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य बनाना चाहिए… नैतिक मूल्य को अपनाना चाहिए और सफल होने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाने चाहिए।

“जीत आपकी” किताब में सफल होने के सभी महत्वपूर्ण आयामों पर विस्तार से चर्चा की गई है। किताब की सबसे खास और खूबसूरत बात यह है कि इसमें खेड़ा जी ने अपनी बातों को समझाने के लिए कहानियां और उदाहरणों का बखूबी इस्तेमाल किया है। किताब पढ़ते वक्त बिल्कुल भी उबाऊ नहीं लगती। ये किताब बेहद ही सरल भाषा में है। एक शब्द में “जीत आपकी” पुस्तक को परिभाषित करें तो कह सकते है कि “जीत आपकी” सफलता की कुंजी है।

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