आपकी सफलता की कुंजी क्या है?

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how to be successful
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जीवन में सभी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। सफलता के लिए ही हम और आप अलग-अलग तरीकों का प्रयोग करते हैं ताकि जीवन में या जीवन के किसी भी मोड़ पर सफलता प्राप्त कर सकें और अपने जीवन को उज्जवल बना सकें। लेकिन कई लोग सफलता कैसे प्राप्त की जाये (how to be Successful), क्या रणनीति अपनाई जाये, कैसे तैयारी की जाये, किन विचारो को ग्रहण किया जाये और क्या मानसिकता अपनाई जाये इनके जवाब खोजने में ही वक़्त गवाह देते हैं। इन्हीं सब चीज़ों को हम, समग्र रुप से ’’ सफलता की कुंजी ’’ कहते हैं अर्थात् वो कुंजी जिससे हम, सफलता के ताले को खोल सकें और Success in Career अर्थात् जीवन में, सफलता प्राप्त कर सकें।

हम, इस लेख में, आपको आज कुछ मूलबिंदुओ पर चर्चा करेंगे, जिसे आप सफलता की कुंजी के रुप में स्वीकार करके अपने जीवन में, लगे सफलता के ताले को खोल सकें और जीवन को उज्जवल बना सकें।

सफलता समर्पित लेख के प्रमुख बिंदुओ की झलकी

  • जीवन में, सफलता की कुंजी का महत्व क्या है?
  • सफलता की कुंजी के अलग-अलग रुप?
  • निष्कर्ष
  • प्रश्नावली

जीवन में, सफलता की कुंजी का महत्व क्या है?

जीवन के मूल तौर पर दो ही बिंदु होते हैं एक सफलता और दूसरा असफलता और जीवन के सभी अन्य बिंदु इन्ही मूलबिंदुओ के अगल-अलग रूपों को प्रदर्शित करते है इसलिए ’’ जीवन में, सफलता की कुंजी का क्या महत्व है? ’’ एक प्रश्न नहीं बल्कि कई प्रश्नों का समूह है जिसका मूल संबंध जीवन की सफलता व असफलता से है।

जीवन में, सफलता प्राप्त करने के लिए (how to be Successful) के लिए हम, अनेको उपायो व तरीको का प्रयोग करते हैं ताकि जीवन में, सफलता प्राप्त की जा सकें, नई विचारधारा को अपनाया जा सकें और जीवन के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण को अपना सकें। इसलिए जीवन में, सफलता की कुंजी का वही महत्व है जो कि, जीवन मे, सांसो का महत्व है।

सफलता की कुंजी के अलग-अलग रुप?

career में success पाने के लिए हम और सफलता के शिखर तक पहुचंने के लिए हम कई तरीकों का प्रयोग करते हैं जिनमे से कुछ हैं:

1. योजनाबद्ध ढंग से काम करें

सफलता की पहली और प्रभावी कुंजी ’’ योजनाबद्ध ढंग ’’ से काम करने की नीति को ही माना जाता है क्योंकि योजनाबद्ध ढंग से काम करने से ना केवल हमारे काम में, सम्पूर्णता आती है बल्कि हमारे व्यक्तित्व के भीतर भी जिम्मेदारीपूर्ण परिपक्वता आती जाती है जो कि, हमारा स्वभाव बन जाती ह। इसके साथ ही हम जीवन में योजनाबद्ध ढंग से काम करने को अपना लेते हैं इससे हमें ना केवल इच्छित परिणामों की प्राप्ति होती है बल्कि हमारा व्यक्तित्व निर्माण भी होता है।

2. होने वाली या आने वाली समस्यों की सूची तैयार करें

योजना कोई भी बना सकता है लेकिन एक सफल विचारधारा व मानसिकता रखने वाला व्यक्ति अपनी बनाई योजना में, अन्य बिंदुओ के साथ-साथ उन बिंदुओ की सूची को भी शामिल करता है जो आगे चलकर दूसरी समस्याओ को जन्म दे सकती है या फिर खुद एक समस्या बन सकती है। इस प्रकार हम, पहले ही खुद को आने वाली समस्या के लिए तैयार कर पाते है और जब वास्तविक समय में, समस्या आती है तो हम, बेहतर ढंग से उसका सामना करके अपनी योजना को जारी रख पाते हैं। साथ साथ हम जरुरी सुधार व बदलाब करते हुए अपनी योजना को सफल बनाकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए अपनी योजना के मजबूत बिंदुओ के साथ-साथ कमजोर बिंदुओ की सूची भी बनाएं ताकि पूरी तरह से योजना पर पकड़ बनाकर अपनी सफलता तय कर सकें।

3. दैनिक क्रियाकलापो को निर्धारित करें

जीवन में, सफलता प्राप्त करने के लिए हमें, दैनिक तौर पर कड़ी मेहनत करनी चाहिए लेकिन दैनिक तौर पर अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित करना सरल भी नहीं होता है और ना ही सफलता प्राप्ति में, सहायक होता है इसलिए हमे, चाहिए कि, हम, अपने दैनिक क्रियाकलापो को निर्धारित करें ताकि उनका समयबद्ध ढंग से क्रियान्वयन हो सकें। और ये क्रियायें हम पर बोझ ना बने। अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित ना कर अपने दैनिक क्रियाकल्पों को ही निर्धारित करना चाहिए जिससे लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग सहज और सुखद बन सके।

4. अच्छी आदतों को स्वाभाविक आदतें बनाये

स्वभाविक क्रियायें वे क्रियायें होती है जो कि, स्‍वत: क्रियान्वित होती हैं अर्थात् जिसके लिए हमें, अगल से सोचना या समझना नहीं पड़ता है बल्कि हमें, चाहिए कि, हम, अपने जीवन में, अच्छी आदतों को ना केवल अपनायें बल्कि उन्हें स्वाभाविक बनाकर उन्हें लक्ष्य प्राप्ति का जरिया बनायें, तभी हम, अपने लक्ष्य की प्राप्ति करके सफलता अर्जित कर सकते हैं।

5. अपनी गलतियों पर पछतावा नहीं बल्कि सबक सीखें

हम, सभी गलतियां करते हैं और गलतियां करना हमारी स्वाभाविक क्रिया है। हमारी गलती ये होती हैं की हम अपनी गलतियों से ना कुछ सीकते हैं ना कोई सबक लेते हैं, और यही हमारी सबसे बड़ी गलती होती है इसलिए लक्ष्य प्राप्ति या सफलता प्राप्ति के अन्य सभी साधन जितने अह्म व महत्वपूर्ण होते हैं उतना ही अह्म व महत्वपूर्ण होता है अपनी गलतियों से सबक सीखना क्योंकि यही गलतियां हमारे जीवन की व सफलता की सबसे बड़ी व मौलिक कुंजी कहलाती है।

6. लक्ष्य एक व नीति अनेक की पद्धति अपनायें

जीवन में, सफलता प्राप्ति के लिए बहुत जरुरी है कि, हम, अपने जीवन का एक लक्ष्य तय करें लेकिन उसकी प्राप्ति के लिए अनेक तरीके अपनाये अर्थात् अनेक विकल्प रखें ताकि एक तरीका असफल होने पर दूसरे तरीके को अपनाया जा सकें। लक्ष्य की तरफ अनवरत गति से बढ़ा जा सकें ताकि लक्ष्य को निर्धारित व योजनाबद्ध ढंग से प्राप्त किया जा सकें।

7. समय-समय पर विचार-विमर्श करें

लक्ष्य तय करने के बाद उस पर काम तो करना ही चाहिए लेकिन बीच-बीच मे, ठहर कर विचार-विमर्श भी करना चाहिए ताकि समय के साथ बदलते पहलुओं को समेटा जा सकें या किसी अनछुए पहलू या समस्या को योजना में, शामिल करके उसका समाधान करते हुए लक्ष्य की तरफ मजबूती से बढ़ा जा सकें।

8. अपनी क्षमता व स्वभाव को पहचाने

लक्ष्य प्राप्ति के लिए लक्ष्य सदा हमारे स्वभाव व क्षमता के अनुरुप होना चाहिए क्योंकि तभी हम, अपने लक्ष्य की भली-भांति प्राप्ति कर सकते है। हमें, चाहिए कि, हम, अपनी क्षमताओ व स्वभाव को पहचानें, अपने मजबूत बिंदुओ के साथ-साथ अपने कमजोर बिंदुओ को भी सूची मे, शामिल करें ताकि उस पर काम करके उसमें सुधार किया जा सकें और लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें।

यहां एक बात और ज़रूरी है – जिस प्रकार लक्ष्य हमारी क्षमता व स्वभाव के अनुसार होना चाहिए ठीक उसी प्रकार हमारी क्षमता व स्वभाव भी लक्ष्य के अनुरुप होना चाहिए क्योंकि ऐसा ना हो कि, एक या दो दिन की कड़ी मेहनत को हम, अपनी क्षमता समझ लें और बड़े-बड़े लक्ष्य तय कर लें जो हमारी क्षमता से बाहर की बात हो। इसलिए हमें दोनो पक्षों पर विस्तार से विचार-विमर्श करके ही आगे बढ़ना चाहिए।

9. असमान्य परिस्थितियो मे, घबराये नहीं

सफलता प्राप्ति के लिए जरुरी है कि, हम, लक्ष्य निर्धारण से लेकर लक्ष्य प्राप्ति तक सतत तौर पर काम करते रहे लेकिन कई बार कुछ परिस्थितियां असमान्य हो जाती है और हम, हिम्मत हारने लगते है लिए हमें, अपने लक्ष्य प्राप्ति की राह में, आने वाली असमान्य परिस्थितियो से घबराना नहीं चाहिए बल्कि धीरज और संतोष / विवेक से काम लेते हुए अनवरत ढंग से लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ते रहे तभी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

10. जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाये

सफलता के प्राप्ति के लिए हम, जो भी संघर्ष करते है या फिर कुछ भी करते है सिर्फ अपने मौजूदा जीवन को अच्छा बनाने के लिए लेकिन यदि हम, अपने मौजूदा जीवन के प्रति एक सकारात्मक नजरिया अपनाये तो ना केवल हमारा जीवन आनंददायक और ऊर्जावान बनेगा बल्कि हम, जीवन की वास्तविक सफलता हो प्राप्त कर लेंगे जिसके बाद हमें, कोई और लक्ष्य प्राप्त करने की जरुरत हीं होगी। इसलिए हमें, चाहिए कि, हम सदा अपने जीवन के प्रति एक सकारात्मक नजरिया अपनाये।

उपरोक्त सभी बिंदुओ को हम, समग्र तौर पर ’’ सफलता की कुंजी ’’ कह सकते है क्योंकि बिंदुओ को अपने असल जीवन में, उतारने से ना केवल हम, अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते है बल्कि अपने जीवन को आनन्दमयी और सुखद भी बना सकते है।

निष्कर्ष

सफलता की, सफलता को प्राप्त करना भी एक सफलता होती है और यही जीवन की मूल सफलता होती है जिसे हमें, अपने अलग-अलग लक्ष्यो के अन्तिम बिंदु के रुप में, निर्धारित करना चाहिए और जीवन के प्रति आशामयी व ऊर्जापूर्ण व सरकारात्मक नजरिया अपनाना चाहिए ताकि हम, अपने जीवन को केवल लक्ष्य प्राप्ति तक सीमित ना रखें बल्कि सफलता को प्राप्त करने से पहले ही जिये और सफल बनकर सफलता की प्राप्ति करें, आप देखियेगा कि, सफलता आपके कदमो में ही यहीं कही होगी।

प्रश्नावली

सवाल 1– सफलता क्या होती है?

जबाव – सफलता एक मानसिक अनुभूति होती है जो कि, हमें, छोटी-छोटी या फिर बड़े-बड़े लक्ष्य प्राप्ति के बाद मिलती है।

सवाल 2– मनुष्य के लिए सफलता का क्या महत्व है?

जबाव – मनुष्य के लिए सफलता केवल लक्ष्य प्राप्ति ही नहीं है बल्कि जीवन के सभी रंगो का रसास्वादन है अर्थात् जीवन के सभी रंगो को खुले दिल से जीने वाला व्यक्ति ही सफल कहलाता है।

सवाल 3– सफलता की कुंजी किसे कहते है?

जबाव – जिस प्रकार प्रत्येक ताले को खोलने के लिए चाबी अर्थात् कुंजी होती है ठीक उसी प्रकार अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम, जिन-जिन साधनो व उपायो को अपनाते है उन्हें ही समग्र रुप से सफलता की कुंजी कहते है।

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