दुनिया के सात अजूबे जितने सुन्दर है और लोकप्रिय हैं इससे भी कहीं गुणा अधिक सुन्दर रहा होगा इन अजूबो की खोज का विचार। दुनिया के सात अजूबो के संबंध में, आपकी जानकारी को विकसित करने के लिए और आपके ज्ञान में, वृद्धि करने के लिए हम, आपको अपने इस लेख में, ’’ दुनिया के सात अजूबे “New Seven Wonder’s of the World ’’ की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे ताकि हमारे सभी पाठक व रोमांचक व्यक्तिव वाले लोग इस लेख का पूरा रसास्वादन कर सकें और दुनिया के इन सात अजूबो को करीब से पढने का लाभ प्राप्त कर सकें।
किन मौलिक बिंदुओ पर होगी चर्चा
- दुनिया के नये सात अजूबो की आधिकारीक खोज कब शुरु हुई?
- New Seven Wonder’s of the World
- दुनिया के 7 नये शान्ति के प्रतीक ।। 7 New Symbols of Peace
- दुनिया के सात अजूबे (New Seven Wonder’s of the World)
- दुनिया के सात अजूबे (New Seven Wonder’s of the World) – प्रश्नावली
दुनिया के नये सात अजूबो की आधिकारीक खोज कब शुरु हुई?
साल 1999 को हम, उस ऐतिहासिक साल के तौर पर याद करते हैं या फिर जिक्र करते हैं जिसमें, दुनिया के किसी एक या दो नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मौजूद अलग-अलग सात अजूबो की आधिकारीक खोज शरु हुई थी और इसका प्रारम्भ करने का पूरा श्रेय स्वीट्जरलैंड को जाता है। स्वीट्जरलैंड में, इसके लिए एक विशेष तौर पर आधिकारीक संस्था अर्थात् Foundation की शुरुआत की गई जिसके लिए एक वेबसाइट भी बनाया गया जिसमें विश्व के कुल 200 विश्व-धरोहरो को शामिल किया गया।
वेबसाइट में, 200 विश्व धरोहरो को शामिल करने के बाद इनके लिए पूरी दुनिया में, इन्टरनेट व मोबाइल फोन की मदद से मतदान अर्थात् वोटिंग की प्रक्रिया को शुरु किया गया था जिसके फलस्वरुप 7 जुलाई, 2007 में, पुर्तगाल के लिस्बन में ’’ कैनेडियन स्विस बर्नेड वेबर ’’ की अगुवाई में, एक सर्वेक्षण के तहत किया गया था जिसे न्यू सेवन वडंर्स संस्था द्धारा स्वीट्जरलैंड मे, किया आधिकारीक तौर लांच किया गया था।
इस संस्था द्धारा दुनिया भर में, दुनिया के सात अजूबो पर मतदान करने के लिए हमारे विश्व-नागरिको को आमंत्रित किया गया जिन्होंने मोबाइल फोन व इन्टरनेट के द्धारा कुल 100 मिलियन वोट डाले थे।
New Seven Wonder’s of the World
हम, अपने सभी पाठको को बताना चाहते हैं कि, स्विस संस्था अर्थात् Swiss Foundation ने, दुनिया के कुल नये 7 अजूबो को चुनने के लिए ’’ New 7 Wonder’s Campaign ’’ की शुरुआत की गई थी जिसमें विश्व-व्यापी मतदान प्रक्रिया द्धारा अन्तिम परिणाम के तौर पर 7 अजूबो को ही इस कैम्पेन के विजेता के तौर पर घोषित किया गया।
दुनिया के 7 नये शान्ति के प्रतीक (7 New Symbols of Peace)
जिस प्रकार Swiss Foundation ने, दुनिया के सात अजूबो के लिए New 7 Wonder’s Campaign को शुरु किया था ठीक उसी प्रकार इसी संस्था द्धारा विश्व में, फैली अराजकता के माहौल को समाप्त कर सर्वत्र शान्ति का प्रचार-प्रसार करने के लिए नई मुहिम शुरु कर दी गई हैं जिसे 7 New Symbols of Peace का नाम दिया गया हैं जिस पर मतदान प्रक्रिया शुरु हैं जिसके बाद हमें, दुनिया के 7 अजूबो के साथ-साथ विश्व-शान्ति के कुल 7 प्रतीको की सौगात भी प्राप्त होगी।
दुनिया के सात अजूबे (New Seven Wonder’s of the World)
दुनिया के कुल सभी 7 अजूबो की जानकारी हम आपको बिंदुबद्ध तरीके से प्रदान करना चाहते हैं जिसके सभी 7 बिंदु इस प्रकार से हैं –
ताजमहल से सुशोभित हैं दुनिया के सात अजूबो की सूची
दुनिया के सात अजूबो के किसी अन्य अजूबे का जानकारी हमें हो या ना हो लेकिन हम, सभी भारतवासियो को अच्छे से पता हैं कि, भारत का ताजमहल दुनिया के सात अजूबो मे, शामिल है जो कि, सम्पूर्ण भारतवासियो के लिए व भारतवर्ष के लिए गौरव का प्रतीक हैं।
दुनिया के सात अजूबो की सूची में शामिल इस ताजमहल की कुछ मौलिक विशेषताये हम, आपके सामने रखना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
- ताजमहल, भारत के सबसे बडे राज्य अर्थात् उत्तर प्रदेश के आगरा में, अस्तित्वमान हैं,
- ताजमहल को ’’ प्रेम-महल ’’ के तौर पर जाना जाता हैं क्योंकि इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने, 1632 में शुरु किया था जो कि, कुल 15 सालो तक चला जिसे बादशाह शाहजहां ने, अपनी बेगम मुमताज की याद में, बनवाया था जहां पर आकर लाखो प्रेमी जोडे अपने नये प्रेम की शुरुआत करते हैं या फिर पहले से शुरु प्रेम को नई पहचान देते हैं,
- ताजमहल की सुन्दरतो को श्वेत बनाने के लिए शाहजहां द्धारा दुनिया भर से सफेंद संगमरमर का आयात किया गया था,
- ताजमहल किसी एक वास्तुकला का नमूना नहीं बल्कि ताजमहल अनेको वास्तुकलाओ का मिश्रण हैं जैसे कि – फारसी, इस्लामी, तुर्की व भारती आदि वास्तुकलात्मक शैलियों का मिश्रण हैं जिसकी वजह से ताजमहल को भारत की इस्लामी वास्तुकला के रत्न की उपाधि भी दी गई हैं
- ताजमहल की सुन्दरता ना केवल घरेलू पर्यटको को ही आकर्षित करती हैं बल्कि इसकी सुन्दरता की चमक से विदेशी नागरिक भी अभिभूत होकर आगरा में स्थिति इस ताजमहल के सुन्दरता को अपनी आंखो में, कैद करने आते हैं आदि।
उपरोक्त बिंदुओ की मदद से हम, समझ सकते हैं कि, आखिर ताजमहल ने, दुनिया के सात अजूबो में, अपनी जगह कैसे बनाई होगी।
चीन की दीवार (The Great Wall of China)
चीन की दीवार अर्थात् The Great Wall of China दुनिया के सात अजूबो के सूची में, शामिल सबसे अधिक आकर्षक हैं जो कि, चीन में, स्थित हैं जिसके सभी प्रमुख पहलूओ को आपके सामने बिंदुबद्ध करने के लिए हमें, कुछ बिंदुओ का सहारा लेना होगा जो कि, इस प्रकार से हैं-
- चीन की दीवार अर्थात् The Great Wall of China चीनी राज्य के किसी एक शासक द्धारा नहीं बल्कि अलग-अलग राज्य के राजाओ द्धारा चीन को उत्तर दिशा के विरोधियों से सुरक्षित करने के लिए अलग-अलग भागो में, बनवाया गया और जब इन अलग-अलग भागो को जोडा गया तो चीन की ये दीवार इतनी बडी हो गई कि, इस अंतरिक्ष से देखना भी संभव हो गया,
- चीन की ये दीवार पूर्वी चीन से लेकर पश्चिमी चीन तक फैली हुई है जिसका निर्माण 7वीं शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी के बीच हुआ था,
- इस दीवार की विशेषता और विशालता को हम, इसी तथ्य से आंक सकते हैं कि, इस दीवार अर्थात् The Great Wall of China की ऊंचाई 35 फीट और कुल लम्बाई 6,400 किलोमीटर है और जहां तक सवाल हैं इस दीवार की चौडाई की तो हम, आपको बताना चाहते हैं कि, इस दीवार की चौडाई इतनी हैं कि, इस पर आसानी से 10 लोग चल सकते हैं और
- सबसे महत्वपूर्ण तथ्य ये हैं कि, इस विशाल दीवार के निर्माण में, उपलब्ध आंकडो के मुताबिक कुल 20 से लेकर 30 लाख लोगो ने, अपने जीवन को समर्पित किया था जिसे बनाने के लिए मिट्टी, पत्थर, लकडी व ईंट आदि का प्रयोग किया गया था आदि।
उपरोक्त बिंदुओ की मदद से हम, चीन की इस विशाल दीवार की गौरवमयी विशालता को शाब्दिक दर्शन कर सकते हैं।
स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर भी शामिल हैं दुनिया के सात अजूबो
ब्राजील के रियो डी जनेरियो राज्य के दक्षिणी हिस्से में, मौजूद ’’ स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर ’’ को भी विशेषता और सम्मानजनक तरीके से दुनिया के सात अजूबो की सूची में, शामिल किया गया हैं जो कि, ब्राजील के शासक पेड्रो की बेटी इसाबेल की याद में, बनाया गया था जिसकी सभी प्रमुख विशेषतायें इस प्रकार से हैं –
- स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर का डिजाइन कार्लौस ओसवाल व सिल्वा कोस्टामिस्टेक द्धारा किया गया था,
- स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर की कुल ऊंचाई 98 फीट हैं,
- स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर का निर्माण 21 अक्टूबर, 1931 में, पूरा हुआ जिसका कुल वजन 635 टन हैं,
- स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर 26 फीट की गहराई में, बना हैं,
- स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर के निर्माण में, प्रमुख कंक्रीट का प्रयोग किया गया था आदि।
उपरोक्त सभी विशेषताओ के आधार पर वास्तव में, इस स्टेच्यू ऑफ क्राइस्ट रिडीमर को दुनिया के सात अजूबो की सूची में प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
माचू पिच्चु से बढती हैं इस सात अजूबो की रौनक
माचू पिच्चु, ऐतिहासक स्थल हैं जो कि, दक्षिणी अमेरिकी देश के पेरु राज्य में, स्थित हैं जहां पर ऐतिहासक कोलम्बस पूर्व का अर्थात् इंका सभ्यता का मूल वास था। माचू पिच्चु की कुछ विशेषताओ को हम, आपके साममे प्रस्तुत करना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
- माचु पिच्चु जो कि, एक ऐतिहासक स्थल हैं समुंद्र तल से इसकी कुल ऊचांई 2,430 मीटर हैं,
- अनुसंधानकर्ताओ व इतिहासकारओ के अनुसार इस ऐतिहासक माचू पिच्चु का निर्माण 1400 के आस-पास राजा पचाकुती द्धारा करवाया गया था,
- स्पेन द्धारा इस ऐतिहासिक स्थल को युद्ध में, जीत लिया गया था जिसके बाद इसे निर्जीव छोड दिया गया जिसकी वजह से इसकी मौलिक सभ्यता का धीरे-धीरे पतन होता गया और
- हम, प्रमुखता से अपने पाठको व विद्यार्थियो को बताना चाहते हैं कि, गुमनामी में, खो चुके इस ऐतिहासिक स्थल अर्थात् माचु पिच्चु की खोज अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम द्धारा साल 1911 में की गई थी जिसके बाद इसे दुनिया से सात अजूबो की सूची में, शामिल किया गया था आदि।
उपरोक्त बिंदुओ के आधार पर हम, माचु पिच्चु की ऐतिहासिक विरासत की झलक देख सकते हैं।
रोमन कोलोजीयम की विशालता शामिल करती हैं इस दुनिया के सात अजूबो की सूची में
हम, आपको बताना चाहते है कि, कोलोजीयम रोमन नगर के मध्य एक विशाल स्टेडियम हैं जो कि, इटली की मुख्य पहचान हैं जिसे आपके सामने रखने के लिए हम, कुछ बिंदुओ की मदद ले रहे हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –
- कोलोजीयम स्टेडियम का निर्माण इसके मौजूदा शासक वेस्पियन के द्धारा 70वीं सदी से लेकर 72वीं सदी के मध्य किया गया था जिसे आधिकारीक तौर पर पूरा किया था 80वीं सदी से सम्राट टाइट्स ने,
- इस विशाल कोलोजीयम स्टेडियम में, प्राचीन कालो में, जानवरो की रोमांचक लडाईयां, खेल-कूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता था,
- कोलोजीयम एक विश्व-विरासत वास्तुकला हैं जो कि, प्राकृतिक आपदाओ के कारण क्षतिग्रस्त भी हुआ हैं और
- इस कोलोजीयम में, प्राचीन काल से ही 50 हजार से लेकर 80 हजार लोगो के बैठने की व्यवस्था हैं आदि।
इस प्रकार हम, कह सकते हैं कि, कोलोजीयम का एक पुराना रोमन ऐतिहासक अतीत हैं जिसकी वजह से इसे दुनिया के सात अजूबो में, शामिल किया गया हैं।
मैक्सिको की प्राचीन चीचेन इट्जा हैं दुनिया के सात अजूबो में, से एक
चीचेन इट्जा मूलत मैक्सिको का एक प्रसिद्ध मायन मंदिर हैं जिसे आज से कुल 600 ईसा पूर्व में, किया गया था जिसकी विशेषतायें इस प्रकार से हैं –
- मैक्सिको का यह विश्व-प्रसिद्ध मंदिर 600 ईसा पूर्व में, बनाया गया था जो कि, कुल 5 किलोमीटर के दायरे में, फैला हुआ हैं,
- चीचेन इट्जा मंदिर की कुल ऊंचाई 79 फीट हैं,
- चीचेन इट्जा में, कुल 365 सीढियां हैं क्योंकि इसकी हर दिशा में, 91 सीढियां हैं,
- चीचेन इट्जा शहर को माया का सबसे बडा शहर माना जाता हैं आदि।
उपरोक्त बिंदुओ की मदद से हमने चीचेन इट्जा की विरासतमयी सुन्दरता को करीबी से देखा।
पेट्रा की ऐतिहासिक इमारतो में, शामिल किया इसे दुनिया के सात अजूबो की सूची में
पेट्रा, एक ऐतिहासिक नगरी हैं जो कि, जॉर्डन के मआन प्रान्त में, स्थित हैं जिसकी तमाम विशेषतायें इस प्रकार से हैं-
- बडी-बडी चट्टानो व पत्थरो से तराशी गई ऐतिहासिक नगरी हैं पेट्रा,
- पत्थर पर की गई सबसे अनूठी नक्काशी का काम आपको इस नगरी में, देखने को मिलेगा जो कि, शायद कहीं और ना मिले,
- पेट्रा का निर्माण काल अनुमानत तौर पर 1200 के आस पास माना जाता हैं जो कि, आज के समय में, एक विश्व पर्यटन स्थल के साथ-साथ विश्व- धरोहर स्थल भी हैं आदि।
उपरोक्त सभी विशेषताओ को पढने के बाद हम, पेट्रा की ऐतिहासिक विरासत की जानकारी प्राप्त की।
अंत, हमने आपके सामने दुनिया से सभी सात अजूबो की सभी उपलब्ध जानकारी प्रस्तुत की हैं ताकि आप इन अजूबो की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें और साथ ही साथ इनके संबंध में, अपनी सोच व समझ को विकसित कर सकें।
दुनिया के सात अजूबे । New Seven Wonder’s of the World – प्रश्नावली
सवाल 1 – दुनिया के सात अजूबे किसे कहा जाता हैं?
जबाव 1– दुनिया के चमत्कारी व विश्व-विरासत स्थलो को ही दुनिया के सात अजूबो को श्रेणी में, शामिल किया जाता हैं।
सवाल 2- दुनिया के नये सात अजूबो की आधिकारीक खोज कब शुरु हुई?
जबाव 2– 1999 में।
सवाल 3- दुनिया के नये सात अजूबो की आधिकारीक खोज किस देश से शुरु हुई?
जबाव 3– स्वीट्जरलैंड से।
सवाल 4– दुनिया के नये सात अजूबो पर मतदान की प्रक्रिया का शुभारम्भ किस संस्था के द्धारा किया गया था?
जबाव 4– स्विस फाउंडेशन संस्था द्धारा।