मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ (Maharashtra Mission Oxygen)

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Maharashtra Mission Oxygen
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कोरोना की दूसरी लहर से राज्यों की स्वास्थ्य सुविधायें बुरी तरह से चरमरा गयी हैं। अभी राज्य इससे उबरे भी नहीं थे कि अब कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं में असफलता से सबक लेते हुए , महाराष्ट्र सरकार ने 12 मई 2021 को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। महाराष्ट्र ने अभी 18-44 आयु वर्ग के लिए वेक्सिनेशन प्रोग्राम बंद करने का फैसला लिया है , राज्य अभी 45+ आयु वर्ग का टीकाकरण पूर्ण करने पर ध्यान दे रहा है । दूसरा फैसले के तहत Covid लॉकडाउन को 15 मई से बढाकर 31 मई तक कर दिया गया है। राज्य द्वारा तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण फैसला राज्य की ऑक्सीजन उत्पादकता बढ़ाने के लिए ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’(Maharashtra Mission oxygen) प्रारम्भ करना है। आज के इस लेख में हम आपके साथ ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने जा रहें हैं।

इस लेख में आपके लिए है.

• ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’(Maharashtra Mission oxygen) क्या है?

• ऑक्सीजन निर्माण हेतु प्रोत्साहन योजना

• महाराष्ट्र में वेक्सिनेशन प्रोग्राम

• महाराष्ट्र राज्य -एक परिचय

‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’(Maharashtra Mission oxygen) क्या है?

• महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ तहत, राज्य के दैनिक ऑक्सीजन उत्पादन को 3,000 मेट्रिक टन तक बढ़ाने का फैसला किया है।

• महाराष्ट्र में वर्तमान में दैनिक ऑक्सीजन मांग 1800 मेट्रिक टन है। जबकि राज्य की वर्तमान दैनिक ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 1300 मेट्रिक टन है।

• विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना कि तीसरी लहर में राज्य को 2300 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता प्रतिदिन पड़ेगी। इसी जरुरत को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’(Maharashtra Mission oxygen) प्रारम्भ करने का फैसला लिया है।

• सूत्रों से एक बात यह भी सामने आयी है, केंद्र सरकार ने कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में केवल 42 प्रतिशत लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई करने का फैसला किया है। इस बात हो ध्यान में रखते हुए , महाराष्ट्र राज्य का ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’(Maharashtra Mission oxygen) प्रारम्भ करना एक महत्वपूर्ण फैसला साबित हो सकता है।

• ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ के तहत महाराष्ट्र सरकार निजी कंपनियों की मदद से 290 से अधिक Pressure Swing Absorption plants और Liquid Medical Oxygen plants की भी स्थापना करेगी ।

• ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ के तहत राज्य के प्रत्येक जिले में एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की योजना है। राज्य सरकार इस योजना के तहत 1100 करोड़ का निवेश करेगी।

• इस योजना के तहत स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने के लिए ऑक्सीजन के स्टोरेज, क्रिटिकल गैप खोज कर कार्रवाई करने, ट्रांसपोर्ट की योजना बनाने समेत कई पहलुओं पर काम करने का फैसला लिया गया है।

• महाराष्ट्र सरकार निजी कम्पनियों को ऑक्सीजन उत्पादन के लिए विशेष प्रोत्साहन एवं सुविधायें प्रदान करेगी।

ऑक्सीजन उत्पादन हेतु प्रोत्साहन एवं सुविधायें

• महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार राज्य के प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन उत्पादन हेतु पीएसए प्लांट या एएसयू (एयर सप्रेशन यूनिट)प्लांट लगाया जायेगा और ऑक्सीजन पैदा करने वाले उद्योगों को राज्य सरकार प्रोत्साहन देगी।

• ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ के तहत ऑक्सीजन निर्माण करने वाली कंपनियों को रजिस्ट्रेशन करवाने के झंझट से मुक्त रहेंगी यानी रजिस्ट्रेशन करवाने की ज़रूरत ख़त्म कर दी जाएगी।

• ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ के तहत ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों को विद्युत करो में छूट, टैरिफ दरों में कमी, स्टैंप ड्यूटी से माफी आदि सुविधायें दी जायेंगी।

• ‘मिशन ऑक्सीजन स्वावलंबन’ के तहत विदर्भ और मराठवाडा, सोलापुर , भंडारा जैसे क्षेत्रों में 150 प्रतिशत SGST माफ़ किया जायेगा , ऐसे ही 14 अन्य जिलों में जहां एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं है वहां भी यह सुविधा दी जाएगी। बाकी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत जीएसटी रिटर्न की सुविधा दी जाएगी।

महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन प्रोग्राम

• महाराष्ट्र में हेल्थ कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों और 18 साल से 44 वर्ष के लोगों को मिलाकर कुल 1.88 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है।

• महाराष्ट्र में 36.55 लाख ऐसे लोग हैं जिन्होंने वैक्सीन दूसरा डोज ले लिया है।

• इतने बड़े पैमाने पर वेक्सिनेशन करने वाला भारत का पहला राज्य महाराष्ट्र ही है। इसके बाद 1.45 करोड़ राजस्थान, 1.44 करोड़ गुजरात और 1.39 करोड़ लोगों को वैक्सीन उत्तर प्रदेश में लगी है।

• जहां एक ओर कोरोना से मरने वालो की वैश्विक दर 2.08 फीसदी है , वहीँ महाराष्ट्र में कोरोना से मृत्यु दर 1.49 फीसदी है। भारत में कोरोना से मृत्युदर 1.09 फीसदी है।

• महाराष्ट्र राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के बाद मई माह में सक्रीय केसो की संख्या 5.46 लाख है , राज्य के 10 जिलों में अकेले 64.58 फीसदी सक्रीय केस हैं।

• महाराष्ट्र राज्य में पहले कोरोना का रिकवरी रेट 80 प्रतिशत था, जो अब 88 प्रतिशत हो गया है। यह एक सुखद एवं अच्छी बात है।

• महाराष्ट्र राज्य के कई जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी देखी गयी है, लेकिन पश्चिम महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बढ़ गया है।

• महाराष्ट्र राज्य ने वैक्सीन की किल्लत की वजह से और 45 + के सम्पूर्ण टीकाकरण के लिए 18-44आयु वर्ग के लोगो का टीकाकरण प्रोग्राम बंद कर दिया है।

• महाराष्ट्र राज्य में स्वास्थ्य को और सुधारने हेतु जिन जिलों में टर्षरी यूनिट (मेडिकल कॉलेज) नहीं है उन जिलों में टेली ICU की शुरुवात जल्द करने का लक्ष्य रखा गया है।

महाराष्ट्र राज्य -एक परिचय

• महाराष्ट्र राज्य का गठन 1 मई 1960 को किया गया था। राज्य में कुल 36 जिले हैं तथा राज्य में 288 विधानसभा तथा 48 लोकसभा सीट हैं।

• महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई है , जिसे भारत की आर्थिक राजधानी का दर्जा प्राप्त है। साल 1995 से पहले मुंबई को बम्बई नाम से जाना जाता था।

• महाराष्ट्र का क्षेत्रफल 307713 किमी२ है, क्षेत्रफल की दृष्टि से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य का जनसँख्या धनत्व 370 किमी२ प्रति व्यक्ति है।

• क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जिला अहमदनगर तथा सबसे छोटा जिला मुंबई नगर है।

• महाराष्ट्र के मुंबई में देश के फ़िल्मी उद्योग का गढ़ बॉलीवुड स्थित है , यहाँ से प्रतिवर्ष 2000 फिल्मो का निर्माण किया जाता है।

• महाराष्ट्र में विश्व प्रसिद्ध अजंता, एलोरा ,एलिफेंटा तथा कन्हेरी की गुफायें स्थित हैं। इसके अलावा शिरडी साई , सिंगड़ापुर शनिधाम , पालघाट, नासिक, तनसा अभ्यारण्य , राष्ट्रीय उद्यान मुंबई आदि पर्यटन स्थल मौजूद हैं।

• राज्य का मुंबई नगर भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले नगरों में आता है। मुंबई को 7 टापुओं का शहर भी कहा जाता है।

• मुंबई में प्रसिद्ध ‘गेट वे इंडिया’ स्थित है , इसका निर्माण साल 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम के भारत आगमन पर कराया गया था।

• वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे , उपमुख्यमंत्री श्री अजित पवार तथा राजयपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी जी हैं।

दो शब्द

मैं आशा करता हूँ, महाराष्ट्र सरकार की कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दिखाई गयी दूरदर्शिता और उठाये गए कदमो से अन्य राज्य भी सीख़ लेंगे तथा ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेंगे। जिससे की केंद्र सरकार पर ऑक्सीजन सप्लाई का अतिरिक्त दबाव कम होगा और केंद्र सरकार कोरोना की अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं और वैक्सीन को लेकर राज्यों की चिंता पर ध्यान केंद्रित कर पायेगी।

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