दोस्तों आज हम कंप्यूटर के एक ऐसे पार्ट्स के बारे में बात करने वाले हैं , जिसे ‘कंप्यूटर की रीढ़ (Backbone) माना जाता है। यदि कभी आपने कंप्यूटर का कैबिनेट खोलकर देखा होगा , तो आपने एक हरे रंग की प्लेट जरूर देखी होगी , जिसमे सभी इंटरनल कंप्यूटर पार्ट्स लगे हुए होते हैं या माउंट होते हैं। इस हरे रंग की PCB(Printed Circuit Board) को मदरबोर्ड (Motherboard) कहते हैं। मदरबोर्ड कंप्यूटर के सभी इंटरनल पार्ट्स को बेस प्रदान करने का कार्य करता है। इसके अभाव में विभिन्न इंटरनल पार्ट्स को एक स्थान पर एडजस्ट करने में असुविधा होगी जिससे कंप्यूटर कैबिनेट का आकर भी बढ़ जायेगा। वास्तव में मदरबोर्ड कंप्यूटर को एक कॉम्पैक्ट शेप देने में भी मददगार होता है। तो चलिए दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से कंप्यूटर के’ मदरबोर्ड’(Motherboard) और “मदरबोर्ड के कार्य (working of Motherboard)” पर विस्तार से बात करेंगे।
इस लेख में हम बात करेंगे÷
- कंप्यूटर का मदरबोर्ड – एक परिचय
- मदरबोर्ड के कार्य?
- मदरबोर्ड का सफ़र
- मदरबोर्ड के प्रकार
कंप्यूटर का मदरबोर्ड – एक परिचय
● कंप्यूटर के मदरबोर्ड “Planar” को सबसे पहले IBM कंपनी द्वारा साल 1981 में बनाया था।
● मदरबोर्ड एक नॉन-कंडक्टर मटेरियल की प्लेट में कॉपर स्ट्रिप्स की बहुत सी पत्तियों के योजनाबद्ध जाल तथा इसमें लगे बहुत से स्लॉट्स / पोर्ट्स का सम्मिलित रूप होता है। जिसे विशेष रूप से डिज़ाइन करके बनाया जाता है।
● मदरबोर्ड एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड होता है जिसमे कंप्यूटर के सभी इंटरनल पार्ट्स जैसे – RAM, Hardisk /SSD, BIOS, CMOS battery, CPU, Graphic Cards लगे रहते हैं तथा बाहर से डिवाइस कनेक्ट करने के लिए USB, HDMI, VGA , Audio/Vedio ports , RJ45 port आदि बने होते हैं।
● कम्प्यूटर मदरबोर्ड को PCB बोर्ड , Logical Board, System Board, Printed Wired Board , और Mainboard (Mobo) आदि नामों से भी जाना जाता है।
● मदरबोर्ड की संरचना के आधार पर इसे मुख्य रूप से दो पार्ट्स में विभाजित किया गया है , Northbridge और southbridge। ये दोनों ही भाग आपस में इण्टर- कनेक्ट रहते हैं तथा आपसी कम्युनिकेशन तथा डाटा ट्रांसफर का कार्य करते हैं।
● Southbridge को IC chip भी कहते है, ये North-bridge से जुड़ा रहता है। सभी input/output functions इसे के द्वारा नियंत्रित होते हैं।
● मदरबोर्ड के PCI (Peripheral Component Interconnect) तथा PCI (Peripheral Component Interconnect), Northbridge का हिस्सा होते हैं। Northbridge एक IC है जो CPU इंटरफ़ेस, AGP, और मेमोरी के बीच कम्युनिकेशन्स का कार्य करती है।
● MSI Z97 , AMD 785G, Gigabyte H-61 Chipset S2P, Intel Galileo Gen 2 मदरबोर्ड के उदाहरण हैं। मदरबोर्ड बनाने वाली प्रमुख कम्पनीज AMD , Intel , Asus , Gigabyte, Acer , MSI आदि हैं।
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मदरबोर्ड के कार्य?
● मदरबोर्ड कंप्यूटर की बैकबोन होती है यह बात तो हमे पता ही है, साथ में मदरबोर्ड एक प्लैटफ़ॉर्म का कार्य भी करता है।
● मदरबोर्ड RAM, ROM, CPU, GPU जैसे अनेक कंप्यूटर के इंटरनल पार्ट्स के लिए बेस तैयार करता है। मदरबोर्ड एक इलेक्ट्रॉनिक जमीन है जिसमे सारे इंटरनल पार्ट्स खड़े रहकर अपना कार्य सुचारु रूप से करते हैं।
● मदरबोर्ड, कंप्यूटर को किसी बाहरी डिवाइस से जोड़ने के लिए पोर्ट्स उपलब्ध कराता है। माउस, कीबोर्ड, प्रिंटर, स्कैनर , मॉनिटर आदि ये सब बाहरी कम्युनिकेशन डिवाइस है , ये सब कंप्यूटर से USB/HDMI/VGA पोर्ट्स के द्वारा जुडी रहती हैं। USB/HDMI/VGA पोर्ट्स मदरबोर्ड में ही माउंट होते हैं।
● मदरबोर्ड उसमे लगे सभी कंपोनेंट्स के लिए Main Power Source का कार्य करता है। सरल शब्दों में कहें तो मदर-बोर्ड में लगे सभी भागो को आवश्यक पावर सप्लाई मदर-बोर्ड द्वारा ही प्रदान की जाती है।
● मदरबोर्ड में लगे सभी कंपोनेंट्स में डाटा फ्लो और कम्युनिकेशन प्रबंधन के लिए मदरबोर्ड प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है। सभी कंपोनेंट्स इसकी मदद से ही डाटा को प्राप्त तथा भेजने का कार्य करते हैं।
● मदरबोर्ड के सबसे महत्वपूर्ण कार्यो में से एक कार्य है BIOS की सेटिंग्स और सूचना को सेव करके रखना। BIOS ही हमारे सिस्टम को बूट कराता है तथा स्विच ON -OFF करने में मदद करता है।
● मदरबोर्ड, प्रोसेसर को ठंडा रखने के लिए कूलिंग फैन को पावर सप्लाई देता है तथा उसे नियंत्रित भी करता है।
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मदरबोर्ड का सफ़र
● सबसे पहले IBM कंपनी ने पर्सनल कम्प्यूटर्स में उपयोग हेतु साल 1981 में मदरबोर्ड “Planer” बनाया था।
● साल 1984 में IBM द्वारा AT (एडवांस्ड टेक्नोलॉजी), तथा Full AT मदरबोर्ड बनाया गया था।
● साल 1985 में IBM ने Baby AT मदरबोर्ड को मार्किट में उतारा था।
● साल 1986 में मशहूर मदरबोर्ड कंपनी Gigabyte का उदय हुआ, इसे ताइवान के Pei Cheng ने बनाया था।
● साल 1987 में Western Digital कंपनी द्वारा LPX मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर विकसित किया गया था।
● साल 1995 में इंटेल ने मदरबोर्ड के लिए ATX इंटिग्रेडेड का फर्स्ट एडिशन पेश किया था। इसे AT मदरबोर्ड में रही ख़ामियों में सुधार करके बनाया गया था।
● साल 1995 में इंटेल मदरबोर्ड के बाजार में खुद की बनायीं मदरबोर्ड मार्किट करने लगा था।
● दिसंबर 1997 में इंटेल द्वारा MicroATX मदरबोर्ड और स्पेसिफिकेशन पेश किये गए थे।
● साल 2001 में वीआईए टेक्नोलॉजीज द्वारा Mini ITX मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर बाजार में उतारा गया था।
● साल 2001 में TQ Components द्वारा UTX मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर प्रस्तुत किया गया था।
● मार्च 2003 में Nano ITX मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर को बाजार में उतारा गया था।
● मार्च 2004 में मदरबोर्ड के लिए मोबाइल-आईटीएक्स फॉर्म फैक्टर पेश किया गया था।
● जनवरी 2007 AMD ने DTX फॉर्म फैक्टर विकसित किया। एएमडी ने 2007 में मिनी-डीटीएक्स फॉर्म फैक्टर भी विकसित था।
● साल 2010 में EVGA ने HPTX मदरबोर्ड फॉर्म फैक्टर पेश किया गया था।
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मदरबोर्ड के पार्ट्स?
● BIOS – Basic Input Output System (BIOS), मदरबोर्ड से सम्बंधित हर छोटी से बड़ी जानकारी इसमें संगृहीत रहती है। सिस्टम की हर सेटिंग्स का configuration भी BIOS के द्वारा ही होता है।
● CMOS – Complementary Metal Oxide Semi-Conductor, यह 3V की lithium बैटरी होती है , कंप्यूटर के Date ,Time और हार्डवेयर सेटिंग्स को सेव रखने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है।
● RAM Slots – Random access memory, किसी भी कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भागो में से एक है RAM। RAM एक हाई स्पीड voletile मेमोरी होती है। किसी भी प्रोग्राम को रन करते समय यह सहायक होती है। मदरबोर्ड की अपनी configuration के अनुसार इसके 2 -4 स्लॉट्स हो सकते हैं।
● Input/Output Ports – मदरबोर्ड में बहुत सारी Input/Output इकाइयां होती है जैसे – PS2 Ports, VGA/Display Ports, Ethernet/LAN Port, USB Ports, Audio Ports आदि।
● Power Connectors – मदरबोर्ड को SMPS (Switch Mode Power Supply) से जोड़ने के लिए पावर कनेक्टर्स की जरुरत पड़ती है। पुराने मदरबोर्ड में AT connector उपयोग किये जाते थे। अब ATX कनेक्टर का उपयोग किया जा रहा है , ये 20 या 24 पिन Female कनेक्टर्स होते है , जो SMPS से कनेक्ट होते हैं।
● IDE और SATA Connectors – पुराने कम्प्यूटर्स में IDE का उपयोग किया जाता था। वर्तमान में SATA कनेक्टर्स का उपयोग होने लगा है। ये कनेक्टर्स मदरबोर्ड से किसी मेमोरी डिवाइस जैसे Hardisk या SSD को जोड़ने का कार्य करते हैं।
● CPU Socket – CPU या प्रोसेसर को मदरबोर्ड में install करने वाले सॉकेट को CPU सॉकेट कहा जाता है। CPU सॉकेट तथा प्रोसेसर का एक जोड़ा होता है , यदि प्रोसेसर को अपग्रेड करना हो तो उसका सॉकेट भी चेंज करना पड़ता है। उदाहरण के लिए , Socket 478 – पुराने पेंटियम और सेलेरॉन प्रोसेसर के लिए प्रयोग होता है , अब यदि हमे अपना CPU ड्यूल कोर में अपग्रेड करना है तो हमे Socket 1156 की जरुरत पड़ेगी। मदरबोर्ड कंपनी अपने CPU के अनुसार CPU सॉकेट का चयन करती है।
● Expansion Card Slot – ये स्लॉट्स तब उपयोग में आते हैं , जब हम अपने PC को अपग्रेड करना चाहते हो , मदरबोर्ड में लगे इन स्लॉट्स में अतिरिक्त कार्ड को स्थापित कर सकते है। इन स्लॉट्स की मदद से हम अपने सिस्टम में अतिरिक्त SSD ,Graphic card, Audio कार्ड आदि लगा सकते हैं। इन स्लॉट्स को AGP slots (Accelerated Graphics Port) और PCI slots के नाम से भी जाना जाता है।
● North Bridge Chipset:/South-Bridge Chipset – मदरबोर्ड में डाटा के flow को मैनेज करने के लिए चिपसेट लगी रहती है, ये प्रकार की होती है। North Bridge chipset और South-Bridge chipset दोनों आपस में कनेक्ट रहती हैं।
● Heat Sink – कंप्यूटर में तापमान को संतुलित रखने के लिए Heat Sink लगाया जाता है। सिस्टम के ऐसे पार्ट्स जो तापमान से प्रभावित होते हैं , उन्हें Heat sink पर लगाया जाता है। मदरबोर्ड में Heat sink को North Bridge के ऊपर लगाया जाता है।
मदरबोर्ड के प्रकार
● Integrated Motherboard – इस प्रकार के मदरबोर्ड के सारे कॉम्पोनेन्ट बोर्ड के साथ माउंट रहते हैं(RAM और HDD को छोड़कर)। इस बोर्ड का साइज कॉम्पैक्ट होता है , इनको अपग्रेड नहीं किया जा सकता है। लैपटॉप तथा स्मार्टफोन में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
● Non Integrated Motherboard – इस प्रकार के बोर्ड में कॉम्पोनेन्ट मदरबोर्ड के साथ पोर्ट की मदद से जुड़े रहते हैं, इन्हे आसानी से बदला जा सकता है। इन मदरबोर्ड को आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है। डेस्कटॉप PCs में इनका उपयोग किया जाता है।
चलते चलते
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