क्या है UDID Project?

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दोस्तों आज हम बात करेंगे “UDID Project” के सम्बन्ध में , हाल ही में केंद्र सरकार ने UDID Project को जून, 2021 से देश के सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशो में लागू करने की बात कही है। तो चलिए जानते है , क्या है UDID Project? और इससे सम्बंधित तथ्यों के बारे में।

इस लेख में आपके लिए है-

  • क्या है UDID project?
  • कैसे UDID कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है?
  • UDID कार्ड के फायदे?
  • “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” क्या है?
  • अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

क्या है UDID Project?

• यह प्रोजेक्ट “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” (Department of Empowerment of Persons with Disabilities, Ministry of social justice and Empowerment, Govt. Of India) के द्वारा शुरू किया गया है।

• UDID project में UDID वर्ड का मतलब है – Unique Disability ID यानि दिव्यांग जनो को एक यूनिक ID नंबर प्रदान किया जायेगा। जिसकी सम्पूर्ण देश में प्रासंगिकता रहेगी।

• UDID project एक ऑनलाइन माध्यम है, जिसके द्वारा हम दिव्यांगता सम्बन्धी सभी प्रश्नो के उत्तर, दिव्यांगता प्रमाण पत्र पंजीकरण आदि सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

• इस प्रोजेक्ट का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर देश में मौजूद दिव्यांग लोगों का रिकॉर्ड डाटा तैयार करना, ट्रैक करना तथा सरकार द्वारा चलायी गयी योजनाओं का उन्हें लाभ पहुंचना है।

• UDID कार्ड एक राष्ट्रीय पहचान पत्र की तरह कार्य करेगा जैसे -आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर ID कार्ड हैं।

• UDID कार्ड सम्पूर्ण देश में वैद्य है , जिसका इस्तेमाल देश में कहीं भी किया जा सकता है।

• यह परियोजना केवल पारदर्शिता, कार्यकुशलता तथा दिव्‍यांग जनों को सरकारी लाभ प्रदान सुगम करना ही नहीं बनाती है, बल्कि यह सार्वभौमिकता भी सुनिश्चित करती है।

• “Right of person with Disability Act, 2016” के तहत कुल 21 प्रकार की डिसैबिलिटीज को इसमें शामिल किया गया है। 1995 वाले कानून में केवल 7 प्रकार की डिसैबिलिटीज को मान्यता दी गयी थी।

• विसुअल इम्पेयरमेंट, लोविज़न , लेप्रेसी , हियरिंग इम्पेयरमेंट, लोकोमोटिव डिसैबिलिटीज , बौनापन , इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी , मेन्टल हेल्थ , आटिज्म , नुएरोलॉजिकल डिसेबिलिटी ,पार्किसंस रोग , लर्निंग डिसेबिलिटी , एसिड अटैक , थेलेसिमिया, हेमोफिलिया , सिकल सेल एनीमिया , शारीरिक विकलांगता , स्पीच एंड लैंग्वेज डिसऑर्डर , मल्टीपल डिसैबिलिटीज , वर्णान्धता आदि प्रमुख हैं।

कैसे UDID कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है?

• UDID कार्ड के ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको http://www.swavlambancard.gov.in/ में लॉगिन करने की आवश्यकता होगी।

• UDID कार्ड के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरते समय आपके पास आधार कार्ड , पासपोर्ट साइज कलर फोटो, हस्ताक्षर या दोनों हाथो के अंगूठे के निशान की पिक्चर होनी आवश्यक है। यदि आपके पास पुराना डिसेबिलिटी प्रमाण पत्र है तो उसे भी अपलोड करने की जरूरत रहेगी।

• एक बार ऑनलाइन फॉर्म भरने करने के बाद आपको इस फॉर्म का प्रिंट आउट लेना होगा, इस प्रिंटआउट में आपके एरिया के अस्पतालों की सूची होगी , किसी भी एक अस्पताल में आपको डॉक्टर असेसमेंट के लिए जाना होग।

• UDID कार्ड के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद असेसमेंट के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। इन 15 दिनों में हमे अपना असेसमेंट करा लेना चाहिए।

• आपके UDID कार्ड की प्रकिया पूर्ण होने के 2 महीने बाद आपके अस्पताल से आपको UDID सर्टिफिकेट जारी हो जायेगा। UDID कार्ड की प्रिंटेबल हार्ड कॉपी आने में 6 महीने का वक्त लग जाता है। आप UDID कार्ड की सॉफ्टकॉपी इसकी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।

UDID कार्ड के फायदे?

• UDID Project प्रमाण पत्र को हमेशा साथ में लेकर चलने की आवश्यकता को ख़त्म देगा।

• UDID कार्ड सभी आवश्यक विवरणों को कैप्चर करेगा।

• सरकार के पास UDID कार्ड धारको का रिकॉर्ड रहेगा , जिसकी मदद से सरकार द्वारा चलायी जा रहीं विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रयक्ष रूप से कार्ड धारको को मिल पायेगा।

• यह गांव, ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर से शुरू होने वाले सभी स्तरों पर लाभार्थियों की वित्तीय प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगा।

“विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” क्या है?

• 12 मार्च, 2012 को भारतीय संसद द्वारा एक कानून बनाया गया, जिसके तहत “सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय”( Ministry of Social Justice & Empowerment) को दो भागो में विभक्त किया गया।

• 1- सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (Department of Social Justice and Empowerment) 2- निशक्तता कार्य विभाग (Department of Disability Affairs)

• 9 दिसम्बर 2014 को “निशक्तता कार्य विभाग” को “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) में बदल दिया गया।

• “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” का वर्तमान कार्यालय अंत्योदय भवन, सीजीओ कॉप्लेक्स, लोधी रोड , नई दिल्ली में है।

• वर्तमान में श्री थावरचन्द गेहलोत “सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री” हैं। उन्ही के अधीन “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” की कार्यवाही आती है।

• “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” की वर्तमान सचिव आईएएस सुश्री अंजली भावड़ा जी हैं।

• “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” का उद्देश्य दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और समावेशन की सुविधा और सभी विकास एजेंडा की देखभाल के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना है।

• “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” की परिकल्पना- एक समावेशी समाज का निर्माण करना जिसमें दिव्यांगों के विकास और विकास के लिए समान अवसर प्रदान किए जाते हैं ताकि वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

• “विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग” का लक्ष्य “दिव्यांगजनों को विभिन्न अधिनियमों / संस्थानों / संगठनों और योजनाओं के माध्यम से सशक्त बनाने, उनके पुनर्वास के लिए और एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए जो ऐसे व्यक्तियों को समान अवसर, उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें समाज में स्वतंत्र और उत्पादक सदस्यों के रूप में भाग लेने में सक्षम बनाता है”।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

• जनगणना 2011 के अनुसार भारत में 2.68 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में विकलांगता के अंतरगर्त आते हैं। जोकि सम्पूर्ण जनसँख्या का 2.21 प्रतिशत हैं।

• देश के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में से 10 विश्वविद्यालय अपने यहां विकलांग अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देते हैं।

• देश की टॉप कंपनियों की नौकरियों में विकलांग व्यक्तियों की भागीदारी नगण्य है – शून्य दशमलव पांच प्रतिशत

• अमेरिका की जनगणना 2010 के अनुसार वहां पर कुल आबादी का 19% लोग दिव्यांग श्रेणी में आते हैं।

• ऑस्ट्रेलिया में 2009 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी का 18.5% विकलांग जन हैं

• श्रीलंका में कुल आबादी का 7% विकलांग जन है और नेपाल में कुल आबादी 18% दिव्यांग लोग हैं।

• UNO की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की कुल आबादी में 15% विकलांग जन हैं।

• दिसंबर, 2015 में विकलांगों के लिए ‘एक्सेसिबल इंडिया’ अभियान शुरू करने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगों के लिए ‘दिव्यांग’ शब्द प्रयोग करने की अपील की थी।

• जनगणना-2011 के अनुसार, देश की 45 फीसदी विकलांग आबादी अशिक्षित है, जो शिक्षित दिव्यांग हैं उनमे से 59 % 10वीं पास हैं।

• देश में 5 प्रकार की दिव्यांगता है। इसमें दृष्टि से संबंधित असमर्थता से पीड़ितों की संख्या सर्वाधिक यानी 48.5 फीसदी के आसपास है, जबकि पैरों से संबंधित विकलांगता 27.9, मानसिक विक्षिप्तता 10.3 फीसदी, बोलने से लाचार की 7.5, श्रवणबाधित 5.8 फीसदी है।

• संयुक्त राष्ट्र संघ ने विकलांग और नि:शक्तजन की समस्याओं पर विशेष ध्यान देने के लिए 1982 से दस साल विकलांगों के लिए मनाए।

• भारत में 1995 में विकलांग व्यक्ति अधिनियम पारित हुआ। इसके तहत विकलांग और नि:शक्तजनों के लिए समान अवसर, अधिकार, सुरक्षा तथा पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिली।

• विकलांग व्यक्ति अधिनियम के अनुच्छेद 26 के अनुसार विकलांग बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक अनिवार्य शिक्षा तथा मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया है।

• विभिन्न मंत्रायलों व विभागों में विकलांग लोगों के लिए आरक्षण की स्थिति इस प्रकार है- समूह ए, बी, सी, डी के लिए सरकार ने क्रमश: 3.07, 4.41, 3.76 फीसदी तथा 3.18 फीसदी आरक्षण दिया है।

• सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में आरक्षण – ग्रुप A -2.78 फीसदी, B-8.54, C- 5.04 और D- 6.75 फीसदी है।

चलते चलते

दोस्तों यदि देश में वास्तविक दिव्यांगता आंकड़ों की बात की जाये तो वो वर्तमान आंकड़ों से कई ज्यादा मात्रा में होंगे। इसका कारण है , इन आंकड़ों का जनगणना 2011 पर आधारित होना जिसमे लगभग 10 साल का अंतर है। इसके अलावा विकलांग कानून 2016 में विकलांगता की केटेगरी को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। इसी कारण से UDID Project को लांच करने की आवश्यकता पड़ी है , इसके माध्यम से देश से दिव्यांग जनो के वास्तविक आंकड़े सामने आ पाएंगे तथा उन्हें सभी से ट्रेस भी किया जा सकेगा। दोस्तों आपको हमारा यह अंक कैसा लगा हमे जरूर लिखें , अगर जानकारी ज्ञानपूर्ण लगे तो अपने दोस्तों को अवश्य शेयर करे , धन्यवाद।

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