क्या है National Biopharma Mission? जानें इसकी विशेषताओं के बारे में

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National Biopharma Mission


देश में अलग-अलग तरह के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई कदम लगातार उठाए जा रहे हैं। बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी देश की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक और पहल की गई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा लोकसभा में बीते दिनों National Biopharma Mission (NBM) यानी कि राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन से संबंधित सूचना दी गई है। इस लेख में हम आपको विस्तार से इसके बारे में बता रहे हैं कि आखिर इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी और इसका क्रियान्वयन किन तरीकों से होगा।

इस लेख में आप पढ़ेंगे:

  • National Biopharma Mission के बारे में
  • Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC) के बारे में
  • National Biopharma Mission की जिम्मेवारियां

National Biopharma Mission के बारे में

लंबे अरसे से देश में बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र के विकास की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें दुनिया के कई देशों ने खासी प्रगति कर ली है और इसकी वजह से इन देशों को बड़े पैमाने पर लाभ मिला है। भारत में भी इस विकास को गति देने के लिए National Biopharma Mission की शुरुआत की गई है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र के पारस्परिक सहयोग को आधार बनाया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करने वाले हैं।

बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देना सरकार का लक्ष्य तो है ही, साथ में सरकार की यह कोशिश भी है कि स्वदेशी विनिर्माण को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। यही वजह है कि सरकार एक सक्षम तंत्र इसके लिए विकसित करना चाहती है सरकार की तरफ से इसके लिए नवाचार-3 (i3) कार्यक्रम को शुरू किया गया है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस मिशन का कार्यान्वयन किस तरीके से हो रहा है, तो आपको बता दें कि जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद को इसके कार्यान्वयन की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसे ही Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC) के नाम से भी जाना जाता है। इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए BIRAC में एक प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट भी बना हुआ है। इसी के जरिए इस मिशन का संचालन इसके द्वारा किया जा रहा है। इतना ही नहीं, मिशन की गतिविधियों के निरीक्षण की भी व्यवस्था की गई है, ताकि पूरी गंभीरता से इस मिशन को अंजाम दिया जा सके। तभी तो जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली एक अंतर मंत्रालय संचालन समिति इसके द्वारा गठित कर दी गई है, जो इसकी गतिविधियों का लगातार निरीक्षण करती रहती है। इसके अलावा मिशन की वैज्ञानिक प्रगति की स्वीकृति और इसकी समीक्षा भी बहुत ही जरूरी है। ऐसे में यह जिम्मेवारी सरकार की ओर से तकनीकी सलाहकार समूह को सौंपी गई है।

Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC) के बारे में

जैव प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से स्थापित किया गया BIRAC एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। नवाचार और रणनीतिक अनुसंधान के माध्यम से उभरते बायोटेक उद्यम को विकसित करना एवं अधिक सशक्त बनाना ही इसका प्रमुख उद्देश्य है।

National Biopharma Mission की जिम्मेवारियां

National Biopharma Mission (NBM) की जिम्मेवारियों को हम मुख्य रूप से चार प्रकार में वर्गीकृत करके यहां आपको समझा रहे हैं। ये निम्नवत हैं:-

  • जानकारी और प्रबंधन कौशल को प्रभावी बनाना

हमारी आने वाली पीढ़ी और साथ में वर्तमान पीढ़ी भी अनुशासनात्मक कौशल को समझ सके और अपने काम करने के तौर-तरीकों में इसे शामिल करे, यह सुनिश्चित करना इस मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य है। जो नई जैव प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं, उन्हें कई तरह के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कौशल प्रदान करने के लिए खास तरह का प्रशिक्षण प्रदान करना भी इस मिशन की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है। इन क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ उत्पादों का विकास और बौद्धिक संपदा पंजीकरण भी शामिल हैं। साथ ही नियामक मानकों को भी इसमें शामिल किया गया है।

  • पारस्परिक सहयोग वाली बुनियादी ढांचे की स्थापना करना

सहभागिता को बढ़ावा देकर तकनीकी विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करना इस मिशन की एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। यही नहीं, बुनियादी ढांचे को भी पारस्परिक सहयोग के साथ मजबूत करने के लिए यह काम कर रहा है। साझा बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने की दिशा में तो यह काम कर ही रहा है, साथ में उत्पादों की खोज में भी यह जुटा हुआ है। इसके अलावा विनिर्माण केंद्र के रूप में बुनियादी ढांचे को स्थापित करना भी इसका उद्देश्य है। इसके द्वारा अब तक जितने साझा बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण किया गया है, उनकी संख्या 15 है। इनमें से 6 मेडटेक उपकरण, 7 बायोफार्मास्यूटिकल विकास और 2 टीकाकरण वाले साझा बुनियादी ढांचे शामिल हैं।

  • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रगति

मिशन के तहत टेक्नोलॉजी के अधिग्रहण के लिए मदद प्रदान की जा रही है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के लिए तो प्रशिक्षण प्रदान किया ही जा रहा है, साथ में इसके लिए भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि बौद्धिक संपदा का प्रबंधन किस तरीके से किया जाए। इसके द्वारा कार्यालयों की स्थापना भी टेक्नोलॉजी हस्तांतरण के लिए की जा रही है। शैक्षणिक क्षेत्र से संबंधित जो उद्योग हैं, उनकी संख्या बढ़ाने में भी इसके द्वारा सहायता की जा रही है। शिक्षाविदों के साथ उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को टेक्नोलॉजी के जरिए उत्पादों के विकास के लिए इसके माध्यम से अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं।

  • किफायती उत्पादों को विकसित करना

चिकनगुनिया, डेंगू, न्यूमोकोकल, हैजा और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के लिए टीके का विकास करना तो इस मिशन की जिम्मेवारी है ही, साथ में आपातकालीन स्थिति, सोरायसिस, ऑन्कोलॉजी और मधुमेह के लिए बायोसिमिलर्स उत्पादों का भी विकास करना इसका उद्देश्य है। देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुलभ एवं सस्ते बायोफार्मास्यूटिकल की प्रगति को सार्वजनिक एवं निजी संस्थानों, स्टार्टअप कंपनियों, उद्यमियों एवं शोधकर्ताओं की सहायता से प्रोत्साहित करना भी इसकी जिम्मेवारी है। मिशन का एक और प्रमुख काम आण्विक जीव विज्ञान, एमआरआई और डायलिसिस उपकरणों के लिए मेडटेक उपकरणों को विकसित करना भी है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर इस लेख को पढ़ने के बाद दोस्तों आप यह समझ चुके होंगे कि National Biopharma Mission (NBM) बायोफार्मास्यूटिकल क्षेत्र में देश में क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण कदम साबित होने वाला है। जितनी गंभीरता और तत्परता के साथ कार्यान्वयन एजेंसी इसके संचालन में जुटी हुई है, उसे देखते हुए इसकी सफलता को लेकर किसी भी तरह की शंका किसी के भी मन में पैदा नहीं हो सकती। वर्तमान परिदृश्य में इस मिशन की कामयाबी देश को दुनिया में और सम्मान दिलाने वाली ही साबित होगी।

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