4 जून 2021 को देश के सबसे युवा केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख द्वारा YounTab नामक एक छात्र कल्याणकारी योजना की शुरुआत की है। YounTab योजना के तहत छात्रों को टेबलेट्स वितरित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इस योजना की शुरुआत राज्य के उपराजयपाल राधा कृष्ण माथुर के द्वारा वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से 12300 टैबलट्स वितरित करके की गयी है। आज के परिदृश्य मे योजना का शुरू किया जाना एक सकारात्मक पहल है। आइये इस योजना से जुड़े अन्य पहलुओं को जानते हैं।
इस लेख में आपके लिए है-
- YounTab योजना का स्वरुप
- बढ़ाया जायेगा इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर
- प्रदेश की अन्य छात्र कल्याणकारी योजनायें
- लद्दाख -एक परिचय
YounTab योजना का स्वरुप
- YounTab योजना एक छात्र कल्याणकारी योजना है, जिसके तहत अगले दो महीनो के अंदर लद्दाख प्रदेश में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के स्कूली छात्रों को टेबलेट्स बाँटे जायेंगे।
- यह योजना राज्य के शिक्षा विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की तकनीकी सहायता से प्रारम्भ की है।
- उपराज्यपाल के अनुसार, “ये योजना न केवल कोरोना महामारी से जुड़ी है, बल्कि ये एजुकेशन सिस्टम मे टेक्नोलॉजी को जोड़ने का एक प्रयास भी है।
- YounTab योजना वर्तमान मे ऑनलाइन पढ़ाई को ध्यान में रखकर प्रारम्भ की गयी है। प्रदेश सरकार राज्य के स्कूली बच्चो की पढ़ाई को लेकर बेहद चिंतित है।
- YounTab योजना के तहत बाँटे जा रहे टेबलेट्स में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड्स में पढ़ाई के लिए सामग्री उपलब्ध है। टेबलेट्स में 40 अलग-अलग शिक्षण ऐप , NCERT और J&K BOSE ई-टेक्स्ट बुक्स, वीडियो लेक्चर और ऑनलाइन क्लास एप्लीकेशन आदि पहले से ही इनस्टॉल रहेंगी।
- YounTab योजना का सबसे ज्यादा लाभ उन परिवारों को होने वाला है , जहाँ केवल एक ही स्मार्ट फ़ोन है और पढ़ने वाले बच्चे एक से ज्यादा हैं। अब ऐसे परिवार में प्रत्येक छात्र के पास पढ़ाई के लिए टेबलेट्स उपलब्ध रहेगा।
बढ़ाया जायेगा इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर
- YounTab योजना का उद्देश्य लद्दाख के उन दूरदराज इलाकों तक पढ़ाई के उन्नत इंतजाम करना है, जहां पर अब तक इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंच पाई है।
- योजना के लिए केंद्र सरकार ने पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी है , जिसके तहत प्रदेश में नये 115 मोबाइल इंटरनेट टावरों का निर्माण सुनिश्चित हुआ है , जिसके लिए सम्बंधित टेलीकॉम कंपनियों से बात कर ली गयी है।
- YounTab योजना के तहत इंटरनेट सुविधा को दुरस्त करने के लिए 1,760 किलोमीटर लंबी ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) बिछाने का कार्य भी किया जाना है।
- उपराज्यपाल आरके माथुर के अनुसार, 91 नई ICT प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जबकि लद्दाख के छात्रों में वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने के लिए 2 खगोल विज्ञान प्रयोगशालाएं पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं।
- प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शत-प्रतिशत नामांकन और स्कूलों में ड्रापआउट को समाप्त करने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रदेश की अन्य छात्र कल्याणकारी योजनायें
- रीवा योजना के तहत NEET, JEE, NDA और UG CLAT जैसी परीक्षाओं के लिए 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को कोचिंग की फीस के लिए एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- सिविल सेवा, IES और IFS की प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam) पास करने वाले छात्रों के लिए, एलजी माथुर ने 1.54 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
लद्दाख –एक परिचय
- लद्दाख पहले जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत 31 अक्टूबर 2020 लद्दाख पृथक केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।
- लद्दाख के इतिहास में नजर डाले तो साल 1842 में इस पर डोगरा राजाओं का कब्ज़ा हो गया था। इसके बाद आजादी के समय यह क्षेत्र कश्मीर के राजा हरिसिंह के नियंत्रण में था। आजादी के बाद यह क्षेत्र कश्मीर के साथ भारत का हिस्सा बन गया था।
- लद्दाख का क्षेत्रफल 59146 वर्ग किमी है , यहाँ की राजधानी लेह है। सिंधु नदी लद्दाख की प्रमुख नहीं है तथा यहाँ की अधिकांश जनसँख्या बौद्ध है।
- वर्तमान में लद्दाख में केवल 2 जिले हैं -लेह और कारगिल। प्रदेश की मुख्यभाषा लद्दाखी है तथा यहाँ की जनसँख्या लगभग 3 लाख है।
- लद्दाख देश का नवां केंद्रशासित प्रदेश तथा दूसरा सबसे कम जनसँख्या वाला केंद्रशासित प्रदेश है।
- लद्दाख में दुनिया का सबसे ऊँचा युद्द स्थल सियाचिन स्थित है , साल 2020 मे गलवान विवाद तथा साल 1999 में कारगिल युद्ध की घटना लद्दाख क्षेत्र में ही घटित हुई थी।
- सिन्धु नदी लद्दाख की जीवनरेखा है। ज्यादातर ऐतिहासिक और वर्तमान स्थान जैसे कि लेह, शे, बासगो, तिंगमोसगंग सिन्धु किनारे ही बसे हैं।
- लद्दाख में स्थित कराकोरम ग्लेशियर भारतीय महाद्वीप और चीन के मध्य एक विभाजक का कार्य करता है। इसे तीसरा ध्रुव भी कहा जाता है, इसकी लम्बाई 70 किलोमीटर है।
चलते चलते
लद्दाख प्रदेश भगौलिक परिस्थिति के हिसाब से भी विषम परिस्थितियों वाला प्रदेश है। एक ‘विशेष राज्य’ का दर्जा प्राप्त प्रदेश का हिस्सा होते हुए भी जम्मू कश्मीर ने कभी इसे समानता की नजरो से नहीं देखा। जिस वजह से लद्दाख केवल साहसिक गतिविधियों का प्रदेश बनकर रह गया। अब पृथक केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद यहाँ पर लोगो के लिए कल्याणकारी योजनायें शुरू की गयी हैं। हम आशा करते हैं की ये योजनायें प्रदेश के विकास मे मील का पत्थर साबित होंगी।