Char Dham की यात्रा का उत्तराखंड में बड़ा ही महत्व है। इनमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम शामिल हैं। इन चारों धामों को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक महत्वकांक्षी चारधाम हाईवे परियोजना की शुरुआत की गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की ओर से भी इसे मंजूरी मिलने के बाद इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसके जरिए 900 किलोमीटर लंबे राजमार्ग से चारों तीर्थस्थलों को जोड़ा जा रहा है।
इस लेख के पठनीय बिंदु:
- उत्तराखंड के चार धाम को जानें
- Chardham Pariyojana क्या है?
- क्या कहना है केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का?
- चंबा की भीड़भाड़ से मिलेगी निजात
- विकसित हो रहीं सभी सुविधाएं
- चार धाम सड़क परियोजना से जुड़ीं अन्य महत्वपूर्ण बातें
उत्तराखंड के चार धामों को जानें
- इसे छोटा चारधाम या फिर चारधाम कहा जाता है, जो कि हिमालय पर्वतों में बसे सबसे पवित्रतम हिन्दू तीर्थ परिपथों में से एक है।
- उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल में यह उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग एवं चमोली जिलों में अवस्थित है और इस परिपथ के चार धाम हैं, जिनके नाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हैं।
- हिंदू धर्म में इन चारों धाम का अपना अलग और महत्वपूर्ण स्थान है। हिमालय की गोद में बसे इन चारों तीर्थस्थलों को 20वीं सदी के मध्य में ‘छोटा’ उपनाम दे दिया गया।
- जो श्रद्धालु छोटा चार धाम के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, उन्हें 4000 मीटर से भी अधिक की चढ़ाई करनी पड़ती है। कहीं यह चढ़ाई आसान है तो कहीं बहुत ही मुश्किल।
Chardham Pariyojana क्या है?
- अभी जो श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर जा रहे हैं, उन्हें कई बार सड़क हादसों का शिकार होना पड़ता है। प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में भी वे आ जाते हैं।
- यदि इस चारधाम महामार्ग विकास परियोजना को सफलता मिल जाती है तो इसकी पूरी तरह से बन जाने के बाद न केवल चार धाम की यात्रा करना आसान हो जाएगा, बल्कि इससे पहाड़ी क्षेत्रों का तेजी से विकास भी सुनिश्चित हो पाएगा।
- चारधाम महामार्ग परियोजना की शुरूआत ऋषिकेश से होने जा रही है। यह केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक पहुंचेगी।
- चार धाम सड़क परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण उत्तराखंड में किया जाएगा।
- अनुमान है कि इस पर 12 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। रास्ते में कई पुलों, बाईपास और खास तरह के सुरंगों का निर्माण भी प्रस्तावित है।
- चार धाम परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर, 2016 में ही कर दिया था।
- Chaar Dhaam Pariyojana के अंतर्गत हर दिशा में 2 लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाएं जाएंगे, जिनकी चौड़ाई कम-से-कम 10 से 15 मीटर की होगी।
क्या कहना है केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का?
नितिन गडकरी ने बीते 26 मई को चारधाम संपर्क परियोजना के अंतर्गत चंबा में निर्मित 440 मीटर लंबी सुरंग का उद्घाटन किया था। उन्होंने ऋषिकेश-धरासू रोड पर बेहद व्यस्त रहने वाले चंबा कस्बे के नीचे 440 मीटर लंबी सुरंग तैयार करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की सराहना भी की थी। साथ ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में महामारी के दौरान उन्होंने इसे एक असाधारण उपलब्धि भी बताया था।
चंबा की भीड़भाड़ से मिलेगी निजात
- चंबा में जो भारी भीड़ होती है, इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद इससे राहत मिलने के पूरे आसार हैं। यही नहीं, इसके विकसित हो जाने से इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- नवीनतम ऑस्ट्रियाई तकनीकों का प्रयोग चंबा सुरंग के निर्माण के लिए किया गया है।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही अक्टूबर में यह परियोजना पूरी हो जाएगी।
- चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 889 किलोमीटर है। सीमा सड़क संगठन इस वक्त गंगोत्री और बद्रीनाथ से सटे हुए ढाई सौ किलोमीटर लंबी सड़क मार्ग के निर्माण का कार्य पूरे जोर-शोर से कर रहा है।
विकसित हो रहीं सभी सुविधाएं
- Char Dham रूट के साथ अलग-अलग तरह की सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। पार्किंग के लिए खाली जगह भी बनाए जा रहे हैं, तो वहीं आपातकालीन निकास के लिए हेलीपैड का भी निर्माण हो रहा है।
- चार धाम की यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा मानकों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है और सड़कों का निर्माण इस तरीके से किया जा रहा है कि दुर्घटना की संभावनाओं को टाला जा सके।
- Char Dham Pariyojana में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किए जाने की वजह से यह हर मौसम में चालू रहेगा। इतना ही नहीं किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदाओं या फिर भूस्खलन का इस हाईवे पर कोई असर नहीं होने वाला है।
- सुरक्षा को लेकर एक टीम का गठन पहले ही कर दिया गया था, जिसने भूस्खलन वाले संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करके अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षित यातायात के डिजाइन तैयार करके उसके मुताबिक ही काम चल रहा है।
चार धाम सड़क परियोजना से जुड़ीं अन्य महत्वपूर्ण बातें
- चार धाम परियोजना को वन एवं पर्यावरण से जुड़ी मंजूरी भी प्राप्त हो गई है। मोदी सरकार ने चार धाम के श्रद्धालुओं को एक तरह से यह तोहफे में दिया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पिछले साल देहरादून का दौरा किया था, तभी उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय की इस परियोजना को आगे बढ़ाने की घोषणा की थी।
- इसकी घोषणा होने के बाद नितिन गडकरी ने यह दावा भी किया था कि नदियों को आपस में जोड़ने की योजना के बाद यह एक बृहद और बेहद महत्वपूर्ण योजना साबित होने वाली है।
- नितिन गडकरी के मुताबिक तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक के 17 प्रस्तावों के काम को मंजूरी मिल गई तो उसके बाद निविदा प्रक्रिया को पहले ही पूरा कर लिया गया था। अब तक इस परियोजना के अंतर्गत जो निर्माण हुए हैं, उस पर दो हजार करोड़ से भी अधिक का व्यय हो चुका है। इसके जरिए शुरुआत में आने वाली दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की गई है।
निष्कर्ष
Chardham Pariyojana की दरकार निश्चित रूप से है, क्योंकि न केवल हर मौसम में चारों धाम की यात्रा करने के लिए यह सुविधाजनक और सुरक्षित सड़क मुहैया करा रही है, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। परियोजना के दौरान चल रहे निर्माण कार्य के दौरान बस यह ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है कि पर्यावरणीय मानकों को पूरा किया जाए और पहाड़ों की मरम्मत भी की जाए, ताकि उसकी मजबूती बनी रहे। कम-से-कम केदारनाथ आपदा से तो हमें यही सबक मिला है।