Kishore Kumar कौन थे? यह सवाल यदि सामने आए तो इसके जवाब बहुत से हैं। जी हां, किशोर कुमार अभिनेता थे। किशोर कुमार गीतकार थे। किशोर कुमार संगीतकार थे। किशोर कुमार निर्माता थे। किशोर कुमार निर्देशक थे। किशोर कुमार पटकथा लेखक भी थे। किशोर कुमार एक ही थे, मगर व्यक्तित्व अनेक थे।
इस लेख में आप पढ़ेंगे:
- Kishore Kumar का प्रारंभिक जीवन
- कॉलेज के दिनों में छुपा एक गाने का राज
- किशोर कुमार का परिवार
- किशोर कुमार का वैवाहिक जीवन
- करियर की पहली सीढ़ी पर किशोर कुमार
- फिल्मों में किशोर कुमार
- बतौर निर्देशक Kishore Kumar की फिल्में
- किशोर कुमार के गीत
- राजनीति एवं उपलब्धियां
Kishore Kumar का प्रारंभिक जीवन
मध्यप्रदेश में खंडवा में जाने-माने वकील कुंजीलाल के घर में 4 अगस्त, 1929 को किशोर कुमार का जन्म हुआ था। वास्तविक नाम किशोर कुमार का आभास कुमार गांगुली था। अपनी जन्मभूमि खंडवा से उन्हें अथाह प्रेम था। यही वजह थी कि जब भी किसी समारोह में वे प्रस्तुति देते थे तो शान से खुद को किशोर कुमार खंडवा वाले बताते थे।
कॉलेज के दिनों में छुपा एक गाने का राज
इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से किशोर कुमार ने पढ़ाई की थी। यहां कैंटीन में वे उधार लेकर खुद भी खाते थे और दोस्तों को भी खिलाते थे। इस तरह से उनका पांच रुपया बारह आना का उधार हो गया था। कैंटीन वाले जब इसकी याद दिलाते थे तो टेबल पर रखे गिलास और चम्मच को बजाकर किशोर कुमार पांच रुपया बारह आना गाते हुए कई तरह के धुन निकाल देते थे और कैंटीन वाले की बात आई-गई कर देते थे।
बाद में किशोर कुमार ने बहुत ही खूबसूरती से इस पांच रुपया बारह आना को अपनी गीत में जगह दी थी।
किशोर कुमार का परिवार
पिता कुंजीलाल गंगोपाध्याय और माता गौरी देवी के अलावा किशोर कुमार के परिवार में उनके दो भाई अशोक कुमार व अनूप कुमार एवं एक बहन सती देवी शामिल थीं।
अशोक कुमार तो कई हिंदी फिल्मों में दिखे ही, साथ में भाई अनूप कुमार ने भी उनकी सहायता से कई बॉलीवुड फिल्मों में काम कर लिया। किशोर कुमार ने एलएल सहगल को अपना गुरु माना और उन्हीं की गायन शैली को उन्होंने अपनाने की कोशिश भी की।
किशोर कुमार का वैवाहिक जीवन
किशोर कुमार ने चार शादियां की थीं। इनकी चारों पत्नियों का संबंध किसी-न-किसी तरह से फिल्मी जगत से रहा था।
- वर्ष 1951 में किशोर कुमार ने बंगाली फिल्म अभिनेत्री और गायिका रूमा घोष से शादी की थी, जिनसे उनका अमित कुमार नाम का एक बेटा है। वर्ष 1958 में उनका तलाक हो गया था।
- किशोर कुमार ने फिल्म अभिनेत्री मधुबाला से दूसरी शादी 1960 में की थी। फिल्म चलती का नाम गाड़ी और झुमरू में उन्होंने मधुबाला के साथ काम किया था। हालांकि, 23 फरवरी, 1969 को दिल की बीमारी के कारण मधुबाला का निधन हो गया था।
- Kishore Kumar religion बदलने से भी मधुबाला से शादी करने के लिए नहीं चूके थे और अपना नाम बदल कर उन्होंने करीम अब्दुल कर लिया था, ऐसा कहा जाता है। पत्रिका आउटलुक में भी इसका उल्लेख है।
- किशोर कुमार की तीसरी शादी फिल्म अभिनेत्री योगिता बाली से 1976 में हुई थी, लेकिन यह शादी उनकी 2 वर्षों की ही मेहमान रही।
- फिल्म अभिनेत्री लीना चंदावरकर से किशोर कुमार ने 1980 में चौथी शादी की थी, जिनसे उनका सुमित कुमार नाम का एक बेटा है।
करियर की पहली सीढ़ी पर किशोर कुमार
- अपने करियर में 90 से भी अधिक फिल्मों में गाने गानेवाले किशोर कुमार ने 1946 में फिल्म शिकारी में पहली बार सिर्फ 17 साल की उम्र में अभिनय किया।
- Kishore Kumar ने पहली बार गाना फिल्म जिद्दी के लिए 1948 में गया था और इस गाने के बोल थे मरने की दुआएं क्यों मांगू…
- Kishore Kumar and Raj Kapoor की बात करें तो किशोर कुमार ने राज कपूर के लिए केवल एक फिल्म ‘प्यार’ के लिए गाना गाया था जो कि 1950 में आई थी और जिसके बोल थे ‘कच्ची पक्की सड़कों पे मेरी टमटम चली जाए…।’
फिल्मों में किशोर कुमार
- किशोर कुमार जिन फिल्मों में अभिनय के लिए याद किये जाते हैं, उनमें 1951 में आई फिल्म आंदोलन, 1954 की फिल्म नौकरी और 1957 की फिल्म मुसाफिर हैं।
- यही नहीं, किशोर कुमार को कई कॉमेडी फिल्मों जैसे कि 1958 में चलती का नाम गाड़ी, 1968 में पड़ोसन, 1962 में हाफ टिकट और 1957 में नई दिल्ली एवं आशा में उनकी जबरदस्त हास्य भूमिकाओं के लिए भी याद किया जाता है।
बतौर निर्देशक Kishore Kumar की फिल्में
- झुमरू (1961)
- दूर का राही (1971)
- दूर वादियों में कहीं (1980)
किशोर कुमार के गीत
Kishore Kumar ke geet हिंदी में हैं। बंगाली में हैं। मराठी में हैं। असमिया में हैं। गुजराती में हैं तो कन्नड़ में भी हैं। भोजपुरी में हैं। मलयालम में हैं। उड़िया में हैं और उर्दू में भी हैं।
Kishore Kumar ke geet जो अमर हो गए हैं और जिन्हें सुनना आज भी लोग बहुत पसंद करते हैं उनमें
- फिल्म पड़ोसन का गाना मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है…
- फिल्म आप की कसम का गाना जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मुकाम…
- फिल्म आराधना का गाना मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू…
- फिल्म आंधी का गाना तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं…
- फिल्म अमर प्रेम का गाना चिंगारी कोई भड़के…
- फिल्म पड़ोसन का गाना एक चतुर नार बड़ा होशियार
- फिल्म आराधना का गाना रूप तेरा मस्ताना…
- फिल्म महबूबा का गाना मेरे नैना सावन भादो…
- फिल्म अभिमान का गाना तेरे मेरे मिलन की ये रैना.. और
- फिल्म कुदरत का गाना हमें तुमसे प्यार कितना… आदि शामिल हैं।
राजनीति एवं उपलब्धियां
- Kishore Kumar religion बदलने में जैसे बिल्कुल भी नहीं हिचके, वैसे ही राजनीति में भी अपनी आवाज मुखर करते हुए आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के वे प्रमुख आलोचकों में से एक रहे।
- आठ फिल्मफेयर पुरस्कार किशोर कुमार ने सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन के लिए जीते थे और सबसे अधिक फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड भी उन्होंने बनाया था।
चलते-चलते
Kishore Kumar के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि किशोर कुमार एक मस्तमौला इंसान थे। उन्हें जो सही लगा उन्होंने अपने जीवन में किया। किशोर कुमार के लिए इसलिए यह कहना पूरी तरह से उचित होगा कि किशोर कुमार व्यक्ति एक थे, मगर व्यक्तित्व अनेक।
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