भारत की मशहूर गायिका- आशा भोंसले का जीवन परिचय

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Asha Bhosle


वैसे तो भारत देश में बहुत सी महिलाएं प्लेबैक सिंगर हुई हैं लेकिन कुछ ही ऐसी महिलाएं प्लेबैक सिंगर हुई हैं जिन्होंने देश और विदेश में खूब नाम कमाया है। जो कई दशक तक अपने टैलेंट का लोहा मनवा पाई हों। उन्ही में से एक महिला सिंगर हैं श्रीमति आशा भोंसले जी। इन्होने बहुत-सी भाषाओँ में काफी लोकप्रिय गाने, गजलें, भजन, पॉप, शास्त्रीय और कुछ लोक गीत गाए हैं। इन्होने अपने गानों से सिंगिंग इंडस्ट्री पर करीबन 6 दशक तक राज किया हैं और करोड़ो लोगो के दिल जीते हैं। जिसकी वजह से कई उपलब्धियां भी आशा जी अपने नाम की हैं। इसी के साथ-साथ इस मशहूर गायिका के बारे में बहुत-सी दिलचस्प बाते हैं जो आप लोगो को बेहद पसंद आएँगी। यही जानकारी आज हम अपने इस लेख के माध्यम से आपके साथ साझा कर रहे हैं।

तो आइए जानते है इस लेख में आप क्या-क्या जानेंगे :

  • आशा भोसले जी का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Asha Bhosle)
  • आशा भोसले का संगीत में करियर
  • आशा भोसले को मिले अवार्ड्स एवं उपलब्धियां
  • आशा भोसले के बारे में कुछ रोचक जानकारी

आशा भोसले जी का प्रारंभिक जीवन (Early Life of Asha Bhosle)

आशा भोंसले जी का जन्म 8 सितंबर 1933 को  महाराष्ट्र के ‘सांगली’ में हुआ। इनके पिता दीनानाथ मंगेसकर प्रसिद्ध गायक एवं नायक थे। इनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर जी हैं जिन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं हैं। यह हिंदी सिनेमा में स्वर कोकिला के नाम से जानी जातीं हैं। लेकिन जब आशा भोंसले महज़ 9 वर्ष की थी तभी इनके पिता की मृत्यु होने के कारण घर की जिम्मेदारी इन बहनों पर आ गयी। जिसकी वजह से इनके परिवार में मुम्बई जाकर रहना शुरू किया।

आशा भोंसले जी की शादी

आशा भोंसले की पहली शादी महज़ 16 साल की उम्र में हो गई थी जो इन्होने अपने परिवार के विरुद्ध जाकर की थी। जिसकी वजह से लता मंगेशकर और आशा भोंसले के रिश्ते भी खराब हुए थे। लेकिन यह शादी केवल 1 साल में टूट गयी थी। उसके बाद आशा भोंसले जी ने अपने से 4 साल छोटे ‘आरडी बर्मन’ से शादी की। जो इन्होने आरडी बर्मन की अंतिम सांस तक निभाई भी। आशा भोंसले के पति का नाम राहुल देव बर्मन भी हैं। पहली शादी से इनके 3 बच्चे हैं। आशा भोंसले की बेटी का नाम वर्षा भोसले है और बेटो के नाम हेमंत भोसले एवं आनंद भोसले हैं।

आशा भोसले का संगीत में करियर

  • आशा भोंसले जी ने अपने गायन करियर की शुरुआत फिल्म ‘चुनरिया’ के गाने “‘सावन आया” के साथ वर्ष 1948 में की। इस गाने के बाद उनकी आवाज़ एक चंचल आवाज़ के लिए जानी जाने लगी।
  • आशा जी ने अपने करियर के शुरूआती दौर में काफी संघर्ष किया है। उन्हें शुरुआत में ग्रेड बी और सी फिल्म के लिए गाने गाए हैं। इसी के साथ-साथ उन्होंने मूल रूप से वैम्प्स, केबरेट नंबर्स जैसी भूमिकाओं के लिए गाने गाए हैं।
  • लेकिन कुछ समय बाद उनका करियर चमकने लगा और अपनी मधुर और सुरीली आवाज़ का लोहा ज़माने ने माना। उन्होंने सन 1953 में फिल्म ‘परिणीता’, सन 1954 में फिल्म ‘बूट पॉलिश’, सी.आई.डी सन 1956 में और सन 1958 फिल्म ‘नया दौर’ आदि फिल्म के लिए गाने गाए जो काफी लोकप्रिय हुए। यह गाने आज भी सुने और गाए जाते हैं।
  • फिर आशा जी ने अपने करियर के सुपरहिट गाने गाए। जैसे- ‘मांग के साथ तुम्हारा’, ‘उड़े जब जब जुल्फें तेरी, ‘आओ हुजूर तुमको’, ‘ये दिल मेहरबान’, ‘दीवाना हुआ बादल’ । इन गानों को गाने के बाद आशा जी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
  • फिर सन 1974 में आशा जी ने ‘चैन से’ गाना फिल्म ‘प्राण जाये पर वचन न जाये’ के लिए गाया। जिसको गाकर इन्होने रिकॉर्ड बनाया और इसके बाद एस.डी. बर्मन जैसे संगीत निर्देशकों ने उन्हें सराहा ।
  • सन 1966 में आशा जी ने R.D. Burman के बनाए गए गाने गाए। जिसमे से ‘तीसरी मंजिल’ फिल्म के लिए भी था। इनसे आशा जी को बहुत प्रसिद्धी मिली। और साथ में ही R.D Burman और Asha Bhosle की जोड़ी भी बन गई।
  • इसी के साथ-साथ आशा जी ने प्रसिद्ध गायकों द्वारा मना किया हुआ गीत ‘आजा आजा’, 10 दिन के अभ्यास के साथ गाया जो बाद में इतना प्रसिद्ध हुआ की लोग आज भी उससे सुन्ना पसंद करते है।
  • इसके साथ आशा जी ने उमराव जान (1981) फिल्म के लिए गज़ल गयी थी – दिल चीज क्या है…, इन आँखों की मस्ती के…, ये क्या जगह है दोस्तों…. और जुस्त जु जिसकी थी….
  • इन गजलो ने आशा जी को राष्ट्रिय पुरुस्कार भी दिलवाया। और उनकी बहुमुखी प्रतिभा साबित हुई।
  • बाद मे कई अन्य गीतों को ए.आर रहमान के निर्देशन में उन्होंने गया, तन्हा तन्हा… गीत काफी प्रसिद्ध हुआ और आज भी लोग गुनगुनाते है।

आशा भोसले को मिले अवार्ड्स एवं उपलब्धियां

आशा जी ने अनेक अवार्ड्स और उपलब्धियां अपने नाम की हैं:

  • सन 1962 में आशा जी को मराठी फिल्म ‘मानिनी’ के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ गायिका के पुरुस्कार से सम्मानित किया था।
  • बॉलीवुड में गाए हुए गाने जैसे- ‘गरीबों की सुनो’, ‘पर्दे मैं रहने दो’, ‘पिता तू अब तो आजा’, ‘दम मारो दम’, ‘होने लगी हैं रात’, ‘चैन से हमको कभी’, ‘ये मेरा दिल’ आदि के लिए वह सबसे पंसदीदा फीमेल प्लेबैक सिंगर के रूप में फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुकी हैं।
  • सन 1996 में आशा जी ने फिल्म “रंगीला” के लिए गाने गए थे जिनके लिए उन्हें स्पेशल अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका हैं।
  • दुबई में सन 2000 में आशा जी को ‘सिंगर ऑफ़ द मिलेनियम’ आवर्ड से नवाज़ा जा चूका हैं।
  • फिल्मफेयर ने आशा जी को सन 2001 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित कर इस पुरुष्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला बनाया।
  • इसी के साथ-साथ ‘दिल चीज़ क्या हैं’ और ‘मेरा कुछ सामान’ जैसे गानों के लिए आशा जी को सबसे पसंदीदा प्लेबैक सिंगर के लिए राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से नवाजा जा चूका है।
  • फिल्म “लगान” के गाने “राधा कैसे ना जले” के लिए सन 2001 में बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर के लिए वह आइफा अवार्ड भी जीत चुकी हैं।
  • इसी के साथ आशा जी ने दादा साहेब फाल्के अवार्ड भी जीता है।
  • साल 2008 में केंद्र सरकार ने आशा जी को इस देश की कला में अपना योगदान देने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पद्मा विभूषण से सम्मानित किया था।
  • इसके साथ ही आशा जी ने कुछ और अवार्ड जैसे मध्यप्रदेश एवं महारष्ट्र सरकार द्वारा ‘लता मंगेशकर पुरस्कार’ एवं अन्य अवार्ड भी अपने नाम किये हैं।

आशा भोसले के बारे में कुछ रोचक जानकारी

  • आशा भोंसले जी ने बहुत कम उम्र में ही संगीत की तालीम लेना शुरू कर दिया था। जो उनके पिता ने उनको दी। और महज़ 10 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था।
  • आशा जी गायिका होने के साथ-साथ बहुत अच्छी मिमिक्री आर्टिस्ट भी हैं।
  • वह बहुत अच्छा खाना भी बनाती हैं और इनके दुबई और कुवैत में रेस्तरां भी हैं।
  • आशा ताई पहले केवल क्लासिकल गाने ही गाती थी लेकिन “आजा आजा” गाने की प्रसिद्ध के बाद उन्होंने दुसरे गाने भी शुरू किये।
  • आशा जी हिंदी सिनेमा की अकेली ऐसी कलाकार हैं जिन्हे ग्रैमी पुरुस्कार के लिए नामंकन मिला।

निष्कर्ष

आशा भोंसले जी उन गायकों में से हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत बेहद संघर्ष से की। लेकिन वह फिर भी हताश ना होकर कड़ी मेहनत के साथ काम करती रही और उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। वैसे तो कहते हैं कि बरगद के पेड़ के निचे कोई भी पौधा प्रयाप्त पानी और धूप ना मिलने के कारण पनप नहीं पाता। लेकिन आशा भोंसले जी ने यह बात भी गलत साबित की है। लता मंगेशकर जैसी महान गायिका की छोटी बहन होने के बावजूद उन्होंने गायकी के क्षेत्र में अपना एक अलग नाम और पहचान बनाई। आशा जी का संघर्ष, म्हणत और मुकाम उन्हें महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनता है।

आशा जी के गाने किसी ने ना सुने हों ऐसा तो हो ही नहीं सकता, आशा जी का कोनसा गाना आपको पसंद है, हमे कमेंट बॉक्स में बताएं।

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