R.K. Narayan: कहानियां जिनकी कराती हैं अपने आप से रु-ब-रु

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R.K. Narayan life history


R.K. Narayan Malgudi Days पर आधारित अपनी रचनाओं के लिए विशेष तौर पर जाने जाते हैं। आरके नारायण जिनका पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी अय्यर नारायणस्वामी था, अंग्रेजी साहित्य के भारतीय लेखकों में उनकी गिनती मुल्क राज आनंद और राजा राव के साथ तीन सबसे महान उपन्यासकारों में होती है। आरके नारायण ने मुख्य रूप से कहानी और उपन्यास की विधा को अपनाया था एवं अपनी रचनाओं में उन्होंने वास्तविकता को हमेशा मूल में रखते हुए मानव जीवन के उत्थान और पतन को बड़े ही सटीक तरीके से दर्शाया है।

इस लेख में आपके लिए है:

  • R K Narayan Life History
  • R K Narayan की रचनात्मक जिंदगी
  • R K Narayan Books
  • R K Narayan की The Guide

R K Narayan Life History

  • संक्षेप में R K Narayan Life History पर प्रकाश डालते हुए हम आपको बता दें कि इनका जन्म 10 अक्टूबर, 1906 को मद्रास में हुआ था, जो कि आज चेन्नई के नाम से जाना जाता है।
  • R K Narayan 6 भाई और दो बहन थे। उनके छोटे भाई रामचंद्रन जैमिनी स्टूडियोज में एडिटर भी बने थे और उनके सबसे छोटे भाई लक्ष्मण कार्टूनिस्ट के रूप में प्रख्यात हुए।
  • R K Narayan के पिता हेडमास्टर थे। उनका हमेशा स्थानांतरण होता रहता था। इस वजह से नारायण का बचपन अपनी नानी पार्वती के दुलार में बीता।
  • बचपन में उनके सबसे अच्छे दोस्त एक मोर और एक नटखट बंदर हुआ करते थे। उनकी नानी उन्हें प्यार से कुंजप्पन बुलाती थीं। नानी ने उन्हें शास्त्रीय भारतीय संगीत और संस्कृत आदि की भी शिक्षा दी थी।
  • आरके नारायण के पिता ने अपना अधिकांश समय मैसूर में बिताया था। उसी तरीके से लगभग 20 साल आर के नारायण ने भी मैसूर में बिताए थे।
  • कुछ वक्त तक नारायण ने अध्यापक और पत्रकार के रूप में भी काम किया था। बाकी उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लेखन में ही बिता दी।
  • वर्ष 1990 में जब वे बीमार पड़ गए थे तो उसके बाद वे चेन्नई पहुंच गए थे।

R K Narayan की रचनात्मक जिंदगी

  • R.K. Narayan Malgudi Days के लिए प्रख्यात रहे हैं। दरअसल उन्होंने एक काल्पनिक शहर मालगुडी को अपनी रचनाओं का आधार बनाया था। दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा बहुत से लोगों ने मालगुडी को माना है, लेकिन आर के नारायण का कहना था कि मालगुडी को दक्षिण भारत का एक कस्बा कहना केवल अधूरी सच्चाई है, क्योंकि दुनिया में हर जगह मालगुडी के लक्षण देखने के लिए मिल जाते हैं।
  • R K Narayan के पहले उपन्यास का नाम स्वामी और उसके दोस्त (Swamy and Friends) था। इसका प्रकाशन वर्ष 1935 में हुआ था। अपने इस उपन्यास में आर के नारायण ने एक लड़के की मनोदशा का बखूबी चित्रण किया है। उपन्यास के शीर्षक से जो उम्मीद पाठक बांध कर चलते हैं, उसे आर के नारायण अपनी कहानी में आगे चलकर ध्वस्त कर देते हैं। बचपन की ताजगी को बड़े ही रचनात्मक तरीके से उन्होंने अपनी इस कहानी में उतार दिया है।
  • वर्ष 1935 में ही आर के नारायण का एक और उपन्यास ‘The Bachelor of Arts’ प्रकाशित हुआ था, जिसमें उन्होंने उस द्वंद्व को बड़े ही सजीव तरीके से पेश किया था जो कि एक शिक्षित और संवेदनशील युवक चंदन के मन में प्रेम, विवाह से संबंधित पश्चिमी विचारों व सामाजिक ढांचे को लेकर चलता है।
  • स्वावलंबन के जरिए निराशा को जिंदगी से कैसे दूर किया जा सकता है, इसे आर के नारायण ने वर्ष 1938 में प्रकाशित अपने उपन्यास ‘The Dark Room’ में दिखाया है। इसमें सावित्री नामक एक महिला की कहानी के जरिए उन्होंने सामाजिक ढांचे को उसके यथार्थ स्वरूप में पेश करते हुए यह दिखाया है कि यह महिला किस तरीके से वेश्या और शादीशुदा औरतों के बीच के फर्क को समझती है और स्वाभिमान से अपनी जिंदगी बिताने का निर्णय लेती है।
  • भारत को आजादी मिलने से ठीक पहले आर के नारायण का अंतिम उपन्यास The English Teacher वर्ष 1946 में प्रकाशित हुआ था। अमेरिका में भी उनका यह उपन्यास Grateful to Life and Death के नाम से प्रकाशित हुआ था, जिसमें की घर को चलाने वाली लक्ष्मी यानी की पत्नी के प्रेम से परिपूर्ण व्यवहार को दिखाया गया है। इसी कहानी में बाद में पत्नी का निधन हो जाता है और उसकी आत्मा से संपर्क किया जाता है, जिसे कि बहुत से लोग रचनात्मक स्थल पर अविश्वसनीय करार देते हैं।

R K Narayan Books

R K Narayan Books लिखने के लिए ही बने थे। एक नजर डालते हैं उनके उपन्यास, संकलन, निबंध व अन्य कृतियों पर।

  • R K Narayan के प्रमुख उपन्यासों में वर्ष 1958 में द गाइड, 1955 में महात्मा का इंतजार, 1977 में द पेंटर ऑफ साइंज, 1983 में ए टाइगर फॉर मालगुडी, 1986 में टोकेटिव मैन, 1990 में द वर्ल्ड ऑफ नागराज, 1961 में मालगुडी का आदमखोर, 1967 में द वंडर ऑफ स्वीट्स और 1992 में ग्रैंड मदर्स टेल आदि शामिल हैं।
  • मालगुडी डेज, अंडर द बनयान ट्री एंड अदर स्टोरीज, ए हॉर्स एंड टू गोट्स, एन एस्ट्रोलॉजी एंड अदर स्टोरीज, लॉली रोड एंड अदर स्टोरीज आदि आरके नारायण के प्रमुख संकलन रहे हैं।
  • R K Narayan के निबंध में द वर्ल्ड ऑफ स्टोरी टेलर, रिलेक्टेन्ट गुरु, नेक्स्ट संडे और राइटर्स नाइटमेयर है आदि प्रमुख हैं।
  • R K Narayan की अन्य लोकप्रिय रचनाओं में माई डेटलेस डायरी, द रामायण, द एमरल्ड रुट, द महाभारत, माई डेज और गॉड्स, डेमोंस एंड अदर्स आदि शामिल हैं।

R K Narayan की The Guide

The Guide को R K Narayan का सबसे श्रेष्ठ उपन्यास माना गया है, जिसमें कि व्यंग्यात्मक दृष्टि से और बड़ी ही सूक्ष्मता से नैतिक सरोकारों को दर्शाया गया है। वर्ष 1960 में इसके लिए आर के नारायण को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

निष्कर्ष

R K Narayan को एक कमाल का लेखक कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा, क्योंकि उनकी कहानियों को जब हम पढ़ते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि ये ऊपर से एकदम सपाट हैं, मगर व्यंग्य इनकी रचनाओं में इस तरह से छुपा हुआ है कि यह जीवन के सच को निकालकर यूं सबके सामने रख देता है कि कहानी के अंत तक पहुंचते-पहुंचते पाठक हैरान और विस्मित रह जाते हैं। उनकी इसी खूबी ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानीकार बनाया है।

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