Dev Anand ने Life में बतौर बॉलीवुड अभिनेता वो ऊंचाई हासिल की, जहां तक पहुंच पाना किसी के लिए भी आसान नहीं है। फिल्मों में अपने अभिनय के दौरान उन्होंने अंदाज की एक नई परिभाषा ही गढ़ दी। देव आनंद भारतीय सिनेमा में न केवल एक सफल कलाकार, बल्कि निर्देशक और फिल्म निर्माता के रूप में भी जाने जाते हैं।
इस लेख में आप जानेंगे:
- Dev Anand का व्यक्तिगत जीवन
- Dev Anand की फिल्मी यात्रा
- Dev Anand को सम्मान
- Dev Anand अपने अंतिम दिनों में
Dev Anand का व्यक्तिगत जीवन
- Dev Anand Family में अकेले नहीं थे जिन्होंने कि फिल्मी दुनिया का रुख किया। देव आनंद के भाई चेतन आनंद और विजय आनंद की भी गिनती भारतीय सिनेमा के सबसे सफल निर्देशकों में होती है।
- Dev Anand का मूल नाम धरमदेव पिशोरीमल आनंद था। इनका जन्म 26 सितंबर, 1923 को गुरदासपुर में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है।
- देव आनंद के पिता का नाम किशोरीमल आनंद था और वे वकालत करते थे।
- अंग्रेजी साहित्य में देव आनंद ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
- देव आनंद की बहन का नाम शील कांता कपूर था, जिन्होंने कि प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक शेखर कपूर को जन्म दिया था।
Dev Anand की फिल्मी यात्रा
- Dev Anand Filmography के लिए ही बने थे। यह इससे साबित होता है कि देव आनंद ने प्रभात टॉकीज की अपनी पहली फिल्म ‘हम एक हैं’ और फिर बॉम्बे टॉकीज प्रोडक्शन की फिल्म ‘जिद्दी’ में 1948 में काम करने के बाद वर्ष 1949 में उन्होंने अपनी खुद की एक फिल्म कंपनी नवकेतन के नाम से बना ली, जिससे कि वे फिल्म निर्माता भी बन गए।
- फिल्म निर्माता बनने के बाद गुरुदत्त को निर्देशक के रूप में लेकर उन्होंने बाजी नामक एक फिल्म बनाई थी, जो कि 1951 में रिलीज हुई थी और इसे बड़ी कामयाबी मिली थी।
- देव आनंद की फिल्म राही और आंधियां तभी रिलीज हुई थीं, जिस वक्त राज कपूर की फिल्म आवारा भी आई थी।
- देव आनंद की एक और फिल्म टैक्सी ड्राइवर भी बड़ी हिट हुई थी, जिसमें कि उन्हें कल्पना कार्तिक के साथ देखा गया था। इन्हीं से देव आनंद ने शादी भी रचाई थी, जिनसे कि उन्हें 1956 में सुनील आनंद नाम का एक बेटा हुआ था।
- देव आनंद ने इसके बाद मुनीम जी, पेइंग गेस्ट और सीआईडी जैसी फिल्मों में काम किया, जिसके बाद से तो उनकी स्टाइल का हर कोई दीवाना होता चला गया। हर कोई देव आनंद के अंदाज को अपनाने की तब कोशिश करता हुआ नजर आता था।
- उस जमाने के सुपरस्टार दिलीप कुमार के साथ भी वर्ष 1955 में देव आनंद ने फिल्म इंसानियत में काम किया था। वर्ष 1958 में उनकी फिल्म काला पानी रिलीज हुई थी, जिसमें बेहतरीन भूमिका निभाने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी हासिल हुआ था।
- देव आनंद ने मशहूर अभिनेत्री सुरैया के साथ 6 फिल्मों में काम किया था। एक बार शूटिंग के वक्त सुरैया को पानी में डूबने से बचाने के बाद सुरैया को देव आनंद से प्यार हो गया था, लेकिन सुरैया की दादी के इस रिश्ते के खिलाफ होने के कारण देव आनंद से सुरैया की शादी नहीं हो पाई और सुरैया ने आजीवन कुंवारी रहने का ही फैसला कर लिया।
- देव आनंद की वर्ष 1965 में पहली रंगीन फिल्म गाइड के नाम से रिलीज हुई थी, जो कि प्रख्यात लेखक आरके नारायण के उपन्यास पर बनी थी। देव आनंद के छोटे भाई विजय आनंद ने यह फिल्म बनाई थी। फिल्म में वहीदा रहमान देव आनंद के साथ नजर आई थीं। देव आनंद की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गाइड की गिनती होती है और इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि गाइड जैसी फिल्म तो केवल एक बार ही बनती है।
- फिल्म गाइड में जबरदस्त अभिनय के लिए देव आनंद को वर्ष 1967 में फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।
Dev Anand को सम्मान
- भारतीय सिनेमा में देव आनंद के योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2001 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 2002 में देवानंद को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
- देव आनंद को अभिनय के क्षेत्र में वर्ष 2010 का किशोर कुमार सम्मान भी प्राप्त हुआ था।
Dev Anand अपने अंतिम दिनों में
देवानंद की आत्मकथा रोमांसिंग विद लाइफ का विमोचन सितंबर, 2007 में उनके जन्मदिन के दिन हुआ था, जिस कार्यक्रम में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पहुंचे थे। 3 दिसंबर, 2011 को देव आनंद का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से लंदन में हो गया था।
अंत में
Dev Anand Life में केवल अपने आगे बढ़ना ही जानते थे। पूरी जिंदगी उन्होंने फिल्मों के नाम कर दी। तरह-तरह के प्रयोग भी उन्होंने किए और इनमें उन्हें कामयाबी भी मिली। इसी के दम पर उन्होंने फिल्म जगत में अपना एक ऐसा नाम बना लिया, जो कि फिल्मी दुनिया में अमर हो गया है।