National Portal for Transgender Persons को हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा लांच किया गया है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए यह राष्ट्रीय पोर्टल पूरी तरीके से समर्पित है। जेंडर आईडेंटिटी सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग आवेदन कर पाएंगे। ऑनलाइन आवेदन करने से उनके लिए अब सर्टिफिकेट पाना पहले से आसान हो जाएगा।
इस लेख में आप जानेंगेः
- National Portal for Transgender Persons की मुख्य बातें
- National Portal for Transgender Persons एक नजर में
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को जानें
मुख्य बातें
- नेशनल पोर्टल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स का सबसे प्रमुख उद्देश्य यही है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग आगे आएं और अपनी आत्म पहचान के मुताबिक वे ट्रांसजेंडर सर्टिफिकेट और पहचान पत्र हासिल करने के लिए बड़ी से बड़ी संख्या में आवेदन करें। ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रावधान भी है।
- जिस दौरान यह पोर्टल शुरू किया गया, उसी दौरान गुजरात के वडोदरा के एक गरिमा गृह: ए शेल्टर होम फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स का भी आभासी उद्घाटन किया गया। लक्ष्य ट्रस्ट की मदद से इस आश्रय स्थल का संचालन होने वाला है।
- ट्रांसजेंडर लोगों के लिए जो आश्रय गृह योजना शुरू की गई है, इसमें उनके आश्रय की सुविधा के साथ-साथ भोजन कपड़े और मनोरंजन जैसी सुविधाएं भी उन्हें उपलब्ध कराई गई हैं।
- इसके अलावा कौशल विकास के अवसरों के साथ योग, ध्यान व प्रार्थना, शारीरिक फिटनेस, कानूनी सहायता और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं भी उन्हें दी गई हैं। लिंग परिवर्तन और सर्जरी के लिए तकनीकी सलाह उन्हें यहां उपलब्ध कराई जा रही है। साथ में रोजगार और कौशल निर्माण से संबंधित मदद भी इसमें शामिल हैं।
- इस तरह के 13 आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं। इसके लिए 10 शहरों की पहचान की गई है। इन शहरों में जयपुर, पटना, वडोदरा, मणिपुर, नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता और रायपुर शामिल हैं।
- जितने भी आश्रय स्थल पुनर्वास योजना के अंतर्गत मंत्रालय की तरफ से बनाए जा रहे हैं, इनमें न्यूनतम 25 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था होगी। यदि यह परियोजना कामयाब रहती है, तो देश के अलग-अलग हिस्सों में भी इसे शुरू किया जाएगा।
National Portal for Transgender Persons एक नजर में
- नेशनल पोर्टल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स को ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की अधिसूचना के अंतर्गत तैयार किया गया है।
- इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति प्रमाण पत्र के लिए और पहचान पत्र के लिए ऑनलाइन बहुत ही आसानी से डिजिटल तरीके से आवेदन कर पाएगा।
- इसके लिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति को किसी भी तरह के भौतिक इंटरफ़ेस की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उसे किसी कार्यालय में भी इसके लिए नहीं जाना पड़ेगा। आई कार्ड उसे बिना किसी बाधा के प्राप्त हो जाएगा।
- National Portal for Transgender Persons के जरिए जिन ट्रांसजेंडर लोगों ने पहचान पत्र के लिए आवेदन दिया है, वे ऑनलाइन ही अपने आवेदन की स्थिति पर नजर रख पाएंगे। इस तरह से इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।
- ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्ति इस पोर्टल के माध्यम से अपने जेंडर की घोषणा करते हुए यहां एफिडेविट अपलोड कर सकते हैं। जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से इसके बाद उन्हें पहचान पत्र निर्गत कर दिया जाएगा।
- एक बार जब प्रमाण पत्र या फिर आईडी कार्ड जारी कर दिया जाता है, तो इसके बाद इसी पोर्टल से आवेदकों के लिए इन्हें डाउनलोड करने की व्यवस्था भी की गई है। यदि इसमें किसी तरह का विलंब होता है, तो इसी पोर्टल के माध्यम से आवेदकों के पास शिकायत दर्ज कराने का भी विकल्प मौजूद है।
- किसी वजह से यदि आवेदनकर्ता के आवेदन को खारिज कर दिया जाता है, तो वैसे में आवेदनकर्ता इसी पोर्टल के माध्यम से इसे लेकर अपनी शिकायत दर्ज करा पाएगा।
- इन आवेदनों को जारी करने के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें बिना किसी देरी के ये प्रमाण पत्र और पहचान पत्र जारी करने पड़ेंगे। समय सीमा के भीतर वे इन्हें जारी कर दें, इसके लिए सख्त नियम भी निर्धारित किए गए हैं।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को जानें
- देश की संसद ने पिछले साल यानी कि 2019 में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को पारित कर दिया था। इसे Transgender Persons (Protection of Rights) Act, 2019 के नाम से भी जानते हैं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अधिनियम केंद्र सरकार की तरफ से लाया गया, जिसमें ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए न केवल सामाजिक, बल्कि उनके आर्थिक और शैक्षिक सशक्तीकरण की दिशा एक बड़ी पहल उनके कल्याण के लिए की गई है।
- इसमें ऐसे प्रावधानों को शामिल किया गया है, जिनसे कि ट्रांसजेंडर समुदाय के सशक्तीकरण के लिए एक मजबूत कार्यप्रणाली का विकास किया जा सके।
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के मुताबिक एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है, जिसका लिंग जन्म के वक्त निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है। ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
- किसी भी शैक्षणिक संस्थानज़ स्वास्थ्य सेवाओं एवं रोजगार आदि में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है। इनके अपने माता-पिता या परिवार के करीबी जनों के साथ रहने का भी प्रावधान है।
- यह अधिनियम ट्रांसजेंडर लोगों की पहचान को मान्यता प्रदान करता है। साथ ही खुद के कथित लिंग की पहचान का अधिकार भी उन्हें प्रदान करता है। ट्रांसजेंडर लोगों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जाए। उनके सामाजिक सुरक्षा का प्रबंध हो। साथ ही उनके स्वास्थ्य के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम तैयार किए जाएं, ऐसा प्रावधान अधिनियम में किया गया है।
- साथ ही ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें सलाह देने की व्यवस्था की जानी है। उनकी देखरेख की जानी है। इन सब के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय परिषद का भी प्रावधान इस अधिनियम में है।
निष्कर्ष
National Portal for Transgender Persons ट्रांसजेंडर लोगों को उनका पहचान पत्र दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की केंद्र सरकार की निश्चित तौर पर एक निर्णायक पहल है। आने वाले समय में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों के बीच इसके लाभ परिलक्षित भी होने लगेगा। दरकार बस इस बात की है कि इस पोर्टल का संचालन पूरी गंभीरता से हो और इसका वास्तविक लाभ लक्षित समुदाय तक पहुंचाया जा सके।