भारत की बेटी और ब्रह्माण्ड सुंदरी हरनाज़ ने एक बार फिर से भारतीय लोगों को गौरव के पल दिये हैं। हम एक बार फिर से कह सकते हैं- सुनो गौर से दुनिया वालों, बुरी नजर न हम पर डालों, चाहे कितना जोर लगा लो, सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी। जी हाँ आपने सही सुना हम बात कर रहे हैं , मिस यूनिवर्स 2021 की विजेता भारत की हरनाज संधू की, इन्होने 12 दिसम्बर को एलाट, इजराइल में आयोजित मिस यूनिवर्स 2021 प्रतियोगिता को जीत लिया है। यह मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता का 70वाँ आयोजन था तथा 79 देशों की प्रतियोगियों को हराकर हरनाज संधू ने यह ख़िताब अपने नाम किया है। आज के इस लेख में हम हरनाज संधू और मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता से जुडी बहुत सी बातें आपके साथ साझा करने वाले हैं , तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख।
हम बात करेंगे :
- हरनाज़ संधू का जीवन परिचय
- मॉडलिंग सफर की कैसे हुई शुरुआत?
- हरनाज़ संधू का मिस यूनिवर्स बनने का सफर
- आसान नहीं था मिस यूनिवर्स बनने का सफर
- मिस यूनिवर्स बनने के बाद ट्रोलिंग का शिकार हुई हरनाज़ संधू
- मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता क्या होती है?
- भारत की पूर्व मिस यूनिवर्स
- मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स में क्या अंतर होता है?
हरनाज़ संधू का जीवन परिचय
- हरनाज़ का जन्म 3 मार्च 2000 को चंडीगढ़,पंजाब में सिख परिवार में हुआ। उनका परिवार पंजाब के कोहली, गुरदासपुर जिले से सम्बन्ध रखता है।
- हरनाज़ का पूरा नाम हरनाज़ कौर संधू है, इनके पिता का नाम प्रीतम सिंह संधू और माता का नाम रविंदर कौर है, इनकी माता पेशे से एक डॉक्टर है।
- हरनाज़ की 10 +2 तक की पढ़ायी शिवालिक पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़ से पूरी हुई तथा आगे की पढ़ायी उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर -42 के सरकारी डिग्री कॉलेज से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर करके पूरी की है।
मॉडलिंग सफर की कैसे हुई शुरुआत?
हरनाज़ ने अपनी स्कूली पढ़ायी पूरी करने के बाद साल 2017 में कॉलेज की पढ़ायी की शुरुआत की। कॉलेज की फ्रेशर पार्टी के दौरान हरनाज़ को मिस फ्रेशर सैकेंड रनरअप चुना गया। उनकी माता जी के अनुसार यही उनकी मॉडलिंग जीवन की प्रारंभिक शुरुआत थी। इसके बाद हरनाज़ एक के बाद एक कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करती चली गयी, हरनाज ने अपनी प्रत्येक जीत और हार को मिस यूनिवर्स बनने की सीढ़ी बनाया और फिर उसमे चढ़ती चली गयी।
हरनाज़ संधू का मिस यूनिवर्स बनने का सफर
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सौंदर्य प्रतियोगिता होती है। यहाँ तक पहुंचने से पहले एक प्रतियोगी को अपने राष्ट्र स्तर पर कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं से गुजरना पड़ता है। आगे हम आपको हरनाज़ संधू के मिस यूनिवर्स बनने तक के सभी पड़ावों की जानकारी देंगे।
- साल 2017 में कॉलेज स्तर पर मिस फ्रेशर रनर-अप बनने के बाद हरनाज़ ने मिस चंडीगढ़ का ख़िताब अपने नाम किया।
- अगले साल 2018 में हरनाज़ ने मिस मैक्स इमर्जिंग स्टार इंडिया का ख़िताब अपने नाम करके राष्ट्रीय स्तर पर मॉडलिंग करियर में अपनी दमदार एंट्री मारी।
- साल 2019 में हरनाज़ ने मिस इंडिया पंजाब जीतकर मिस इंडिया ख़िताब के दरवाजे पर दस्तक दी। इस प्रतियोगिता में हरनाज़ टॉप-12 में चुनी गयी।
- साल 2020 में Covid लॉकडाउन के कारण राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी प्रकार की कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं हो पायी थी।
- साल 2021 में हरनाज़ ने मिस दिवा 2021 का ख़िताब जीतकर अपने सौंदर्य और प्रतिभा का परिचय पूरे देश को कराया। इसी प्रतियोगिता के आधार पर उन्हें मिस यूनिवर्स के लिए प्रतिभाग करने का मौका मिला।
- मिस यूनिवर्स 2021 प्रतियोगिता में हरनाज़ ने शीर्ष तीन में पहुंचकर अपने दोनों प्रतियोगियों पराग्वे की नादिया फ़रेरा और दक्षिण अफ़्रीका की ललेला मसवाने को हराकर मिस यूनिवर्स 2021 का ख़िताब अपने नाम किया।
आसान नहीं था मिस यूनिवर्स बनने का सफर
हमे अक्सर अपना संघर्ष दूसरों के संघर्ष से ज्यादा लगता है, किन्तु सच यह है कि हर कोई व्यक्ति अपने -अपने स्तर पर संघर्ष करके ही कोई भी बड़ी उपलब्धि हासिल करता है, एक बड़ी कामयाबी एक बहुत बड़ा संघर्ष मांगती है। यही बात हरनाज़ के ऊपर भी लागू होती है, जब वो छोटी थी तो काफी मोटी हुआ करती थी, जिस वजह से उन्हें कद्दू कहकर बुलाया जाता था। हरनाज़ ने इसे एक चुनौती के रूप में देखा और शरीर को ही ढाल बनाकर छा जाने का सपना देखा और परिणाम आज हमारे सामने हैं।
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, यही समाज की सच्चाई। जब हरनाज़ ने मॉडलिंग के हिसाब से अपने शरीर को मेंटेन किया तो लोगों ने उनके पतले फिगर को लेकर बातें करना शुरू कर दिया था। हरनाज़ को कामयाब होने से पहले कई स्तर पर बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ा था।
इसके अलावा उनका परिवार एक माध्यम वर्गीय सिख परिवार है, परिवार में किसी ने भी मॉडलिंग से जुड़े करियर में जाने के बारे में सोचा भी नहीं था। हरनाज़ के परिवार में उनके पिता से इस सम्बन्ध में अनुमति मिलने में काफी समय लग गया था, अनुमति मिलने के बाद पूरे परिवार ने साथ मिलकर भांगड़ा करके ख़ुशी जाहिर की थी।
मिस यूनिवर्स बनने के बाद ट्रोलिंग का शिकार हुई हरनाज़ संधू
वो आप लोगों ने एक कहावत सुनी होगी, खिसियाई बिल्ली खम्भा नोचे। ठीक यही स्थिति मिस यूनिवर्स 2021 रनर-अप रही पराग्वे की नादिया फ़रेरा के समर्थकों की थी। जब हरनाज़ संधू मिस यूनिवर्स बनी तो नादिया फ़रेरा के समर्थकों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। नादिया फ़रेरा के प्रशंसकों की तरह-तरह की प्रतिक्रियायें ट्विटर पर आ रही है , कोई हरनाज़ की बिल्ली की मिमिक्री करने पर ट्रोल कर रहा है, कोई उन्हें इस ख़िताब का दावेदार ही नहीं बता रहा है। फ़िलहाल तो ये सब नादिया फ़रेरा के समर्थकों की तात्क्षणिक प्रतिक्रिया है, वो अपने फेवरेट की असफलता पचा नहीं पा रहें हैं। किन्तु उन्हें जल्द ही अपनी गलती का अहसास हो जायेगा, हम केवल अपनी व्यक्तिगत पसंद के लिए , सार्वजनिक पसंद को नकार नहीं सकते हैं या अपनी निजी पसंद को किसी के ऊपर थोप नहीं सकते हैं।
असल में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के दौरान शो के होस्ट ने हरनाज़ की एनिमल लवर वाली बात को लोगों के सामने रखते हुए , किसी भी एनिमल की आवाज निकालने के लिए हरनाज़ से निवेदन किया था। इसके जवाब में हरनाज़ द्वारा बिल्ली की आवाज निकाली गयी थी। बस इसी बात पर, एक आलोचक ने लिखा था “अब बहुभाषी होने के बजाय जानवरों की नकल करने से ज्यादा फायदा मिलता है”।
मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता क्या होती है?
- मिस यूनिवर्स का शाब्दिक अर्थ ब्रह्माण्ड सुंदरी होता है , लेकिन यह प्रतियोगिता दुनिया में मौजूद सबसे सुन्दर युवती को संदर्भित करती है।
- मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता एक वैश्विक स्तर की प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन प्रतिवर्ष ‘दि मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइज़ेशन” द्वारा किया जाता है। इस आर्गेनाइजेशन की स्थापना साल 1952 में कैलिफोर्निया, अमेरिका में एक कपड़ा निर्माण कंपनी पैसिफिक द्वारा की गयी थी।
- मिस यूनिवर्स का चुनाव निम्न पैमानों के आधार पर होता है: गुड लुकिंग, बॉडी लैंग्वेज, कॉन्फिडेंस, कैमरा फेसिंग स्किल, बॉडी स्ट्रक्चर, पर्सनालिटी , हाइट, इंटेलिजेंसी, सामाजिक जागरूकता, मल्टी लैंग्वेज स्किल्स और सेंस ऑफ़ हूयमर आदि।
- इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए कैंडिडेट की उम्र 18 से 28 साल होनी चाहिए। इसके साथ ही कैंडिडेट नेशनल लेवल के ब्यूटी पेजेंट का विनर होना चाहिए।
- मिस यूनिवर्स जीतने वाले प्रतियोगी के सिर पर हीरे जड़े ताज की पोशी की जाती है। इस ताज की कीमत 37 करोड़ के आसपास होती है।इस ताज को केवल प्रतीकात्मक रूप में विजेता के सिर में सजाया जाता है, इस ताज का वास्तविक स्वामित्व ‘दि मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइज़ेशन” के पास में रहता है।
- मिस यूनिवर्स ख़िताब जीतने पर प्रतियोगी को बहुत सी जिम्मेदारी एवं अच्छी-खासी सैलरी दी जाती है। मिस यूनिवर्स आर्गेनाइजेशन की चीफ ब्रैंड ऐम्बैसडर बनाया जाता है।
- एक चीफ के ब्रैंड ऐम्बैसडर के रूप में ये पूरी दुनिया घूम सकती हैं संस्था से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा ले सकती हैं। इस दौरान इनकी सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है तथा इन सबका खर्च संगठन द्वारा उठाया जाता है।
- मिस यूनिवर्स को एक साल तक न्यू यॉर्क स्थित बेहद लग्जरी पैंट हाउस में रहने का मौका मिलता है, वहां मौजूद सभी सुविधाएँ उन्हें फ्री में मिलती हैं।
- मिस यूनिवर्स बनने के बाद प्रतियोगी की लाइफ स्टाइल बिलकुल बदल जाती है , वो एक रॉयल लाइफ का आनंद उठाते हैं। संगठन द्वारा उन्हें एक ब्रह्माण्ड सुंदरी होने का अनुभव कराया जाता है।
भारत की पूर्व मिस यूनिवर्स
सुष्मिता सेन: भारत की तरफ से सबसे पहला मिस यूनिवर्स का ख़िताब सुष्मिता सेन द्वारा साल 1994 में जीता गया था। इस प्रतियोगिता का आयोजन फिलीपीन्स की राजधानी मनिला में किया गया था। आपको जानकर बहुत अच्छा लगेगा की इसी साल ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता था। कहने का आशय ये है की एक ही वर्ष में दोनों टाइटल पर भारत का कब्ज़ा हुआ था।
लारा दत्ता: भारत के लिए मिस यूनिवर्स का दूसरा ख़िताब लारा दत्ता द्वारा साल 2000 में जीता गया था। इस प्रतियोगिता का आयोजन साइप्रस में किया गया था। इस वर्ष भी मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स दोनों का ख़िताब भारत के नाम रहा था। प्रियंका चोपड़ा ने इस वर्ष मिस वर्ल्ड का ताज़ पहना था।
मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स में क्या अंतर होता है?
- मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स दोनों ही प्रतियोगिताओं का उद्देश्य दुनिया की सबसे सुन्दर, बुद्दिमान और आत्मविश्वासी लड़की की प्रतिभा को चिन्हित करना है।
- मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजक मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइज़ेशन, यूनाइटेड किंगडम है तथा मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता को ‘मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइज़ेशन’ द्वारा आयोजित किया जाता है।
- मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की शुरुआत साल 1951 में की गयी थी तथा मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता का पहला आयोजन साल 1956 में किया गया था।
- पहली मिस वर्ल्ड किकी हाकान्सन, स्वीडेन थी। पहली मिस यूनिवर्स फ़िनलैंड की अर्मि कूसेला थी।
- भारत ने अभी तक 6 मिस वर्ल्ड तथा 3 मिस यूनिवर्स ख़िताब पने नाम किये हैं। भारत के लिए पहली मिस वर्ल्ड रीता फारिया तथा पहली मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन रही हैं।
समालोचना
कुछ लोगों का मत है कि वैश्विक स्तर पर आयोजित होने वाली सौंदर्य प्रतियोगितायें सौंदर्य प्रसाधन व्यवसाय से प्रेरित होती हैं, ये प्रतियोगितायें सौंदर्य प्रसाधन व्यापार के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती हैं। इन प्रतियोगिताओं का परिणाम भी सौंदर्य प्रसाधन के मार्किट की संभावनाओं से प्रभावित रहता है। ऐसा माना जाता है कि 90s के दशक में भारत में उदारीकरण के दौर में यहाँ सौंदर्य मार्किट की प्रबल संभावनाओं के चलते इस दशक में भारत से कई प्रतियोगी इन खिताबों के विजेता बने। साल 2016 के बाद से देश में व्यापार की संभावनाओं में बढ़ोतरी हुई है जिसके चलते इस समय भी भारत की झोली में फिर से ये ख़िताब आये हैं।
हम अपने पाठकों को बता दे, एक अनुमान या अंदाजा अपनी जगह है, अतः हम इन अनुमानों का समर्थन नहीं करते हैं। व्यक्तिगत प्रतिभा से किसी उपलब्धि को पाना एक प्रशंसनीय और सराहनीय कार्य है। अतः हम देश की सभी मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स विजेताओं की व्यक्तिगत उपलब्धि के लिए उनकी सराहना और प्रशंसा करते हैं। धन्यवाद।