Graded Response Action Plan: Air Pollution के खिलाफ बड़ा कदम

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Graded Response Action Plan


Graded Response Action Plan (GRAP) को दिल्ली की सरकार ने दो साल पहले लागू किया था, ताकि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पिछले दो वर्षों से GRAP चला आ रहा है, मगर 15 अक्टूबर से इसमें कुछ और भी नियम जोड़ दिए जाएंगे। इस लेख में हम आपको GRAP के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

इस लेख में आप जानेंगे:

  • Graded Response Action Plan Explained in Hindi
  • Graded Response Action Plan कितना मददगार?
  • बाकी राज्यों की स्थिति
  • कब कौन-से कदम

Graded Response Action Plan Explained in Hindi

  • Graded Response Action Plan agains Air Pollution तैयार किया गया था। वर्ष 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने इसका अनुमोदन किया था। कई स्तर की बैठकों के बाद यह योजना तैयार की गई थी। राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने मिलकर पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए यह योजना बनाई थी।
  • हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए संस्थागत उपाय करने पर तब बल दिया गया था। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में GRAP को लागू किया गया।
  • औद्योगिक इकाइयों और वाहनों आदि से जो प्रदूषक तत्व उत्सर्जन के रूप में बाहर निकल रहे हैं, उनसे से निपटने के लिए जो अलग-अलग राज्य सरकारें काम कर रही हैं, वे GRAP का हिस्सा नहीं हैं।
  • हवा की गुणवत्ता जब अत्यंत खराब हो जाती है तो ऐसे में तत्काल इस पर किसी भी तरीके से अंकुश लगाने के लिए कुछ सूचीबद्ध उपाय किए जाते हैं और इनका पालन करना अनिवार्य कर दिया जाता है। यही GRAP है।
  • वायु की गुणवत्ता यदि एकदम खराब और चिंतनीय स्थिति में पहुंच जाती है तो ऐसे में GRAP स्कूलों को बंद करने की बात कहता है। यही नहीं, वाहनों के लिए ऑड-इवन योजना को भी लागू करने के लिए यह कहता है।
  • GRAP को दो चीजों में विशेष रूप से कामयाबी हाथ लगी है। पहले ये चीजें नहीं हुई थीं। एक तो दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रदूषण की रोकथाम के लिए योजनाएं बनाने में कामयाबी मिली है। दूसरी, एक साथ कई एजेंसियों जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकरण, नगर निगम और भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को एक साथ लाकर योजना बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसके तहत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा की अलग-अलग एजेंसियां मिलकर समन्वय बैठा रही हैं और इस दिशा में काम कर रही हैं।
  • केंद्र सरकार ने सर्वप्रथम वर्ष 2017 में GRAP को अधिसूचित किया था। इस तरह से इस अधिसूचना पर उसका अधिकार बनता है। जो भी उपाय लागू करने होते हैं, उससे पहले सभी एनसीआर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक होती है। इसमें यह निर्णय लिया जाता है कि किस शहर में कौन से काम किए जाएंगे।
  • डीजल जनरेटर सेटों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय दिल्ली के लिए पिछले वर्ष लिया गया था। इस वर्ष कई शहरों में इसका विस्तार किया जा रहा है।

Graded Response Action Plan कितना मददगार?

  • GRAP की यदि सबसे बड़ी कामयाबी की बात करें तो वह यह है कि इसने जवाबदेही और समय सीमा तय कर दी है। विशेष तरह की वायु गुणवत्ता श्रेणी के अंतर्गत किस तरह की कार्रवाई की जानी है, इसके लिए इसने एजेंसी को स्पष्ट रूप से चिन्हित कर दिया है।
  • दिल्ली जैसे इलाके को यदि लें तो अधिकारी यहां बड़ी संख्या में है। ऐसे में प्रभावी शासन सामूहिक रूप से चलाना बहुत ही मुश्किल हो गया है। GRAP के आ जाने से अब चार राज्यों की एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय देखने को मिल रहा है, जिससे कि प्रदूषण के खिलाफ जंग पहले से आसान हो गई है।
  • कई नीतिगत फैसले इसके तहत लिए गए। दिल्ली में बदरपुर में स्थित थर्मल पावर प्लांट को बंद कर दिया गया। निर्धारित समय सीमा से पहले ही BS-VI ईंधन दिल्ली में आ गया। इंधन के रूप में पेट कोक को दिल्ली और एनसीआर में प्रतिबंधित कर दिया गया।

बाकी राज्यों की स्थिति

  • इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली में Graded Response Action Plan को बहुत ही गंभीरता से लागू किया गया है, लेकिन अन्य राज्यों ने संसाधनों की कमी का हवाला दिया और इसके तहत जो उपाय किए जाने थे, उनमें उन्होंने देरी की। दिल्ली इन उपायों को लागू करने में सबसे आगे रही।
  • वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से एक अध्ययन किया गया था, जिसमें दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद केंद्र और राज्य सरकार में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई थी। यही वजह रही कि इसके बाद गंभीरता से GRAP पर विचार किया गया।

कब कौन-से कदम

गंभीर स्थिति और आपातकाल में

जरूरी चीजों को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोकना एवं निर्माण कार्य को बंद कर देना। निजी वाहनों के लिए ऑड/इवन योजना शुरू कर देना एवं स्कूलों को बंद करने के साथ कुछ अतिरिक्त काम के लिए टास्क फोर्स गठित करना।

गंभीर स्थिति में

ईट-भट्टों के साथ स्टोन क्रशर और गर्म मिक्स प्लांट आदि को बंद कर देना और प्राकृतिक गैस से बिजली का उत्पादन अधिक मात्रा में करना, ताकि कोयले का इस्तेमाल कम-से-कम हो। सर्वजनिक परिवहन को भी प्रोत्साहित करना। सड़क की ज्यादा सफाई करवाना एवं पानी का छिड़काव करना।

बहुत खराब स्थिति में

पार्किंग शुल्क को 3 से 4 गुना तक बढ़ा देना। डीजल जनरेटर सेट का प्रयोग कम करना। बसों और मेट्रो की सेवाओं को बढ़ा देना। जिन लोगों को सांस लेने और दिल की बीमारी की शिकायत है, उन्हें बाहर जाने से रोकना।

मध्यम से खराब स्थिति में

भारी यातायात पर रोक लगाने के साथ पानी का छिड़काव करना। कचरा जलाने वालों पर जबरदस्त जुर्माना लगाना और पटाखे पर प्रतिबंध गंभीरता से लगाना।

निष्कर्ष

Graded Response Action Plan पढ़ने के बाद आपको यह समझ में आ गया होगा कि वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने के दौरान इसे लागू करके किस तरीके से तत्काल वायु प्रदूषण पर नियंत्रण कसने का प्रयास सरकार की ओर से किया जाता है। यह अब तक प्रभावकारी साबित हुआ है और इसे सभी राज्यों को अपनाने की भी जरूरत है।

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