Vocal for Local: मौका आत्मनिर्भर बनने का

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what does local for vocal mean


कोरोना संकट की वजह से देशभर में चौथे चरण के लॉकडाउन की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब राष्ट्र के नाम अपने संदेश दिया तो उन्होंने Vocal for Local की वकालत की। वोकल फॉर लोकल का मंत्र देशवासियों को देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को यदि कोरोना संकट से लड़ते हुए भी मजबूत और आत्मनिर्भर बनाए रखना है तो इसका संकल्प हर एक देशवासी को वोकल फॉर लोकल को अपनाने के रूप में ही लेना पड़ेगा। इस लेख में हम आपको Vocal for Local के बारे में बता रहे हैं कि किस तरीके से देश की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ यह भविष्य के लिए भारत के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

क्या कहा प्रधानमंत्री ने?

Promote local का संदेश देते हुए पीएम मोदी ने लोकल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें केवल लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने ही नहीं हैं, बल्कि हमें उन पर गर्व भी महसूस करना है और इन पर नाज करते हुए इनका प्रचार-प्रसार भी करना है। पीएम ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि हमारा देश ऐसा बिल्कुल कर सकता है। यह एक बहुत सुनहरा अवसर है लोकल से ग्लोबल बनाने का। इसलिए लोकल के लिए वोकल बनने का वक्त आ गया है। यानी कि स्थानीय उत्पादों के लिए अब हमें आवाज बुलंद करना पड़ेगा।

ताकि देश में ही रहे देश का पैसा

India promotes local का मतलब एक तरीके से यह है कि भारतवासी लोकल यानी कि स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करें। कोरोना संकट की वजह से इस वक्त दुनिया की बड़ी-से-बड़ी व्यवस्थाएं भी बुरी तरह से हिल गई हैं। ऐसे में भारत के साथ दुनियाभर के कई देशों की आर्थिक स्थिति के चरमराने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसे देखते हुए ही प्रधानमंत्री मोदी की ओर से Vocal for Local की अपील इसलिए की गई है, ताकि लोग स्वदेशी उत्पादों को खरीदें और अपने देश का पैसा अपने ही देश में रह जाए, जिससे कि कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर इसका ज्यादा प्रतिकूल असर न पड़े।

लोकल से ही तो बचे हुए हैं

पीएम मोदी ने ‘Buy local products’ इसलिए कहा है, क्योंकि उनका मानना है कि डिमांड तो हमारी लोकल ही पूरी कर रहा है। कोरोना संकट की वजह से हमें इस बात का मतलब समझ में आ गया है कि लोकल मैन्युफैक्चरिंग कितना महत्वपूर्ण है। यही नहीं, लोकल सप्लाई चैन के साथ लोकल मार्केटिंग के भी महत्व का कोरोना वायरस ने हमें एहसास करा दिया है। इस वक्त हमारी अर्थव्यवस्था यदि बची हुई है तो वह लोकल की वजह से ही। ऐसे में हम सभी की जिम्मेवारी लोकल को बचाकर इसे प्रोत्साहित करने की है।

लोकल पर क्यों करें गर्व?

Vocal for Local की आवश्यकता इस वक्त इसलिए है, क्योंकि लोकल से ही आगे ग्लोबल बनाना मुमकिन है। लोकल को ही जीवन मंत्र बनाने का समय आ गया है। जो भी ग्लोबल ब्रांड आज हमें नजर आ रहे हैं, कभी वे भी तो लोकल ही हुआ करते थे। वहां के लोगों की ओर से जब इन्हें इस्तेमाल में लाया जाने लगा, जब उन्होंने इनका प्रचार-प्रसार शुरू किया, जब इनकी उन्होंने ब्रांडिंग की और इन पर गर्व करना भी शुरू किया तो धीरे-धीरे यही लोकल प्रोडक्ट्स ग्लोबल बन गए। इसलिए आज के दौर में लोकल के लिए वोकल बनना हर देशवासी के लिए जरूरी हो गया है। लोकल प्रोडक्ट्स तो खरीदने ही हैं, साथ में उन पर गर्व महसूस करके उनका इस तरह से प्रचार करना है कि हर देशवासी लोकल उत्पादों को ही खरीदना शुरू कर दे।

क्यों न इससे लें प्रेरणा?

India promotes local के बारे में जब प्रधानमंत्री मोदी बात कर रहे थे तो उन्होंने एक बड़ी ही महत्वपूर्ण चीज खादी को लेकर बताई थी। उन्होंने कहा था कि खादी और हैंडलूम की बिक्री यदि आज रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, तो यह भारत की जनता की ही तो देन है, क्योंकि उन्होंने जनता से खादी खरीदने का आग्रह किया था जो कि स्वदेशी है और इसका इतना बड़ा लाभ मिला कि अब खादी एक बड़े ब्रांड के रूप में तब्दील हो गया है।

वक्त भी तो यही कह रहा

वर्तमान परिस्थितियां भी ‘Buy local products’ का ही संदेश दे रही हैं। कोरोना महामारी के वक्त PPE किट की बड़ी आवश्यकता है। देश में जब इस महामारी में अपने कदम रखे, तब नाम मात्र के ही N-95 मास्क का उत्पादन भारत में हो रहा था, मगर आज भारत रोजाना दो लाख PPE और दो लाख N-95 मास्क का उत्पादन किए जाने की स्थिति में पहुंच गया है। यह local को promote करने की वजह से ही संभव हो पाया है।

Vocal for Local पर इतना जोर क्यों?

रोना वायरस के खिलाफ जब इस वक्त पूरी दुनिया जंग लड़ रही है तो वहीं चीन इस वक्त निर्यात से जो पैसे कमा रहा है, उससे वह न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रहा है, बल्कि कई सीक्रेट मिशन को भी अंजाम देने में वह लगा हुआ है। बड़े पैमाने पर चीन से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, साज-सज्जा, लाइटिंग और कंप्यूटर समेत कई घरेलू उत्पाद बनकर भारत आते हैं। भारत में अपना माल बेचकर चीन मोटा पैसा कमा रहा है। ऐसे में भारत यदि लोकल पर जोर देकर इन सभी चीजों को अपने देश में ही बना लेता है तो इससे एशिया के साथ पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व बनाए रखने का चीन का सपना भी टूट जायेगा।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

Local को promote करने से जब देश में उद्योग-धंधे में बढ़ोतरी होगी, तो इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे और देश की प्रतिभा व कौशल का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह भी देश को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होगा।

चलते- चलते

कोरोना संकट के बाद देश को यदि फिर से अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा होना है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करनी है, तो इसके लिए Vocal for local बनना ही पड़ेगा। लोकल पर यदि हमने गर्व करना सीख लिया तो निश्चित तौर पर आने वाला कल भारत का ही होगा।

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