भारत में अस्सी के दशक में जो छात्र विज्ञान पढ़ने की सामर्थ्य नहीं रखते थे और कला में रुचि नहीं थी, उनके लिए वाणिज्य या कॉमर्स की पढ़ाई एक अच्छा विकल्प था। उस समय कॉमर्स पढ़ने वाला बैंक में जाकर बाबू बनेगा, की सोच तक समाज की सीमा थी। लेकिन समय के साथ रोजगार के नए अवसर सामने आने लगे और कॉमर्स ग्रेजुएट भी विभिन्न प्रकार के कैरियर चुनने लगे। आइये देखते हैं बी कॉम करने के बाद क्या कैरियर विकल्प हैं :
एकाउंटेंसी और फाइनेंस:
कॉमर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद आप बहुत सरलता से वित्त और लेखांकन से संबन्धित व्यवसाय को चुन सकते हैं। इसमें किसी भी विकल्प को चुनने के लिए आपको संबन्धित क्षेत्र की प्रवेश परीक्षा देनी होती है जिसके बाद आप प्रशिक्षित पेशेवर कर्मचारी बन सकते हैं। यह विकल्प हैं:
चार्टेड एकाउंटेंट:
कॉमर्स के क्षेत्र में सीए की अत्यधिक मांग भी है और इसको करने के बाद अच्छी आय का अर्जन भी संभव है। एक प्रशिक्षित सीए को एकाउंटिंग, औडिटिंग और टेक्सेशन का पूर्ण ज्ञान होता है।
सर्टिफाइड फाइनेंशियल एनेलिस्ट:
जो छात्र निवेश से संबन्धित क्षेत्र में रुचि रखते हैं, यह विकल्प उनके लिए सर्व श्रेष्ठ है।
कोस्ट एकाउंटेंट :
किसी कंपनी में कोस्ट एकाउंटेंट बिजनेस के लाभों को न केवल बरकरार रखने का प्रयास करते हैं बल्कि लागतों पर नियंत्रण रखने का भी कार्य करते हैं।
कंपनी सेक्रेटरी:
कंपनी प्रबंधन और शेयरधारकों के बीच मध्यस्थ का कार्य कंपनी सेक्रेटेरी के द्वारा होता है।
स्टॉक ब्रोकर:
स्टॉक ट्रेडिंग वर्तमान समय का सबसे आकर्षक और सरल रोजगार है जिसे अब घर पर रहकर भी किया जा सकता है।
एमबीए फाइनेंस
एमबीए करते समय यदि फाइनेंस में विशेष योग्यता प्राप्त कर लेते हैं तो किसी भी कंपनी के उच्च अधिकारी का पद बहुत सरलता से प्राप्त कर सकते हैं।
बैंकिंग और बीमा:
बीकॉम करने के बाद आप बैंकिंग और बीमा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न कोर्स करने का विकल्प भी अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। विभिन्न शैक्षिक संस्थान इन क्षेत्रों से जुड़े विशेष कोर्स करवाते हैं।
सेल्स और मार्किटिंग:
सेल्स और वितरण संबंधी कार्यों के लिए आंकड़ों को समझ कर उन्हें विश्लेषित करने की योग्यता अनिवार्य होती है। बीकॉम ग्रेजुएट इस कार्य को सरलता से कर सकते हैं।
विधि और कानून:
सामान्य रूप से कानून और विधि की पढ़ाई किसी भी क्षेत्र और पृष्ठभूमि का छात्र कर सकता है। बीकॉम ग्रेजुएट कानून का अध्ययन करके बिजनेस लीगल एड्वाइजर का पद सम्हाल सकते हैं।
इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मेनेजर :
भूमंडलीकरण के दौर में अधिकतर कंपनियाँ आयात-निर्यात के क्षेत्र में कार्य कर रहीं हैं। इस स्थिति में इस पद की रोजगार के क्षेत्र में बहुत अधिक मांग हैं।
कर सलाहकार :
बीकॉम की शिक्षा में कराधान एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। यदि आप इस विषय में विशेष योग्यता प्राप्त कर लेते हैं तो एक अच्छे कर सलाहकार के रूप में नौकरी या स्वतंत्र कार्य भी कर सकते हैं।
एकाउंटेंट :
लेखाकार के रूप में माध्यम स्तरीय पद कोई भी साधारण बीकॉम छात्र ग्रेजुएशन करते ही प्राप्त कर सकता है।