टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड लाने वाले नीरज चोपड़ा कौन हैं?

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Neeraj Chopra

“ दोनों ओर लिखा हो भारत
 सिक्का वही उछाला जाए ।
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए ।।“
वाहिद अली वाहिद

वाहिद अली वाहिद की धूमिल हो चुकी ये पक्तियोँ अचानक से जीवंत हो उठी और साथ में इन पक्तियोँ ने सम्पूर्ण राष्ट्र को टोक्यो ओलम्पिक 2020 के जैवलिन थ्रो फाइनल मे केंद्रित कर दिया। 7 अगस्त 2021 को सम्पूर्ण राष्ट्र गवाह बना उस ऐतिहासिक पल का जिसका इंतजार भारत 1 शताब्दी से कर रहा था। यह मौका था भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के शानदार फाइनल प्रदर्शन का और उन्होंने भारत का स्वर्णिम इतिहास लिखते हुए 121 साल बाद भारत को एथलीट का गोल्ड पदक दिला दिया। जी हाँ दोस्तों, कवि वाजिद अली ने यह पक्तियां किसी और मौके पर लिखी हों किन्तु यह पंक्तियाँ नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर बिलकुल फिट बैठती हैं। नीरज चोपड़ा ने देश को जिस गौरव का अनुभव कराया है उसे शब्दों में बांधना हमारे लिए गर्व की बात है। आज के इस लेख में हम आपको नीरज चोपड़ा के बारे मे सभी उपलब्ध जानकारी देने जा रहे हैं। तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख ” नीरज चोपड़ा कौन हैं?”

इस मे लेख हम आपके लिए लाये हैं।

  • नीरज चोपड़ा का प्रारंभिक परिचय
  • नीरज चोपड़ा का जैवलिन थ्रो का सफर
  • नीरज चोपड़ा के जैवलिन कोच
  • नीरज चोपड़ा के ओलंपिक रिकार्ड्स
  • नीरज चोपड़ा के व्यक्तिगत रिकार्ड्स
  • बहुत बड़े दिल वाले और बेहतरीन इंसान हैं नीरज चोपड़ा
  • AFI ने दिया नीरज को विशिष्ट सम्मान
  • जैवलिन थ्रो से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

नीरज चोपड़ा का प्रारंभिक परिचय

आज नीरज चोपड़ा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। नीरज भारत के किसी गांव, शहर या कस्बे का बेटा न होकर वर्तमान में सम्पूर्ण भारतवर्ष का लाल बन गया है। लेकिन व्यक्तिगत परिचय की औपचारिकताओं को पूरा करते हुए चलिए जानते हैं,नीरज नाम का यह हीरा भारत की किस खान से निकला है।

  • नीरज का जन्म 4 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के गाँव खांद्रा में श्री सतीश कुमार एवं  सरोज देवी के घर मे हुआ है।
  • नीरज के पिता एक किसान हैं तथा माता गृहणी हैं।
  • नीरज बचपन में काफी भारी-भरकम लगभग 80 kg के आसपास वजन के थे। तब शुभचिंतकों की सलाह पर शारीरिक फिटनेस के लिए पानीपात में स्टेडियम मे जाते थे।
  • नीरज जब 11 वर्ष के थे तब उन्होंने पानीपात स्टेडियम मे जय चौधरी को प्रैक्टिस करते देखा था .यही से नीरज के मन मे जैवलिन थ्रो मे कैरियर बनाने की बात घर कर गयी।
  • जैवलिन को नीरज ने अपना जूनून बना लिया। इसी का नतीजा है की आज नीरज अपने सर्वश्रेठ प्रदर्शन पर हैं।
  • नीरज की प्रारंभिक पढ़ायी पानीपत से ही हुई है उसके बाद उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन BBA मे पूर्ण की है।
  • नीरज के निज़ी शौक के बारे मे बात करें तो नीरज को बाइक चलाने का बड़ा शौक है। वे हरियाणवी और पंजाबी पसंद करते हैं। पंजाबी सिंगर बब्बू मान के गाने नीरज खूब सुनते हैं।
  • नीरज पहले शाकाहारी थे , किन्तु खेल के प्रति समर्पण और खेल फिटनेस के लिए उन्होंने मांसाहार खाना शुरू किया था। यदि उनके मनपसंद  फ़ास्ट फ़ूड की बात करें तो गोलगप्पों के नीरज बहुत शौक़ीन हैं।
  • नीरज के लम्बे बालों और फुर्तीलेपन के चलते सोशल -मीडिया मे उन्हें “मोगली” नाम से जाना जाता है।
  • ओलंपिक के कपिल देव के साथ हुए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने शादी को प्राथमिकता मे न रखकर अपने कैरियर पर फोकस करने की बात कही है।

नीरज चोपड़ा का जैवलिन थ्रो का सफर

  • लगभग 11 वर्ष की उम्र मे नीरज ने अपने जैवलिन थ्रो कैरियर की शुरुआत की थी। उनके पहले गुरु जयवीर सिंह थे , इनके मार्गनिर्देशन मे ही नीरज ने जैवलिन थ्रो का प्रारम्भिक सफर शुरू किया था।
  • साल 2011 मे नीरज पंचकुला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मे अपने अगले कोच नसीम अहमद से जुड़े। नसीम अहमद ने नीरज की ताकत और स्टैमिना पर काम किया साथ मे उन्होंने नीरज के जैवलिन थ्रो फिनिशिंग स्टेप को बेहतरीन बनाया।
  • इससे बाद नीरज ने साल 2016 मे विश्व U-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर थ्रो के साथ जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। 
  • नीरज की यह उपलब्धि उन्हें सीधे रियो ओलम्पिक 2016 के लिए क्वालीफाई करने के लिए योग्य बनाती थी। किन्तु इससे पहले ही रियो ओलम्पिक के क्वालीफाइंग राउंड खत्म हो चुके थे।
  • साल 2016 मे जूनियर विश्व चैंपियनशिप मे पदक जीतने के बाद , भारतीय सेना ने नीरज के प्रशिक्षण का जिम्मा उठा लिया तथा उन्हें सेना की स्पोर्ट्स विंग का हिस्सा बनाकर सूबेदार की रैंक प्रदान की।
  • भारतीय सेना ने मिशन ओलंपिक विंग के अंतगर्त आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट, पुणे मे उन्हें प्रशिक्षण दिया।
  • नीरज का सीनियर लेवल  सफर अब शुरू हो चुका था। इसके बाद उन्होंने दक्षिण एशियाई खेल(भारत), 2016 , एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप,2017 ,  एशियाई खेल जकार्ता 2018 तथा राष्ट्रमंडल खेल, ग्लास्गो -2018  मे स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय पहचान हासिल की थी।
  • इसके बाद साल 2019 मे कंधे की चोट के कारण नीरज विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप मे भाग नहीं ले सके थे। जिसका उन्हें बहुत अफ़सोस भी है।
  • साल 2020  मे कोरोना महामारी के चलते किसी भी विश्व स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हो पाया था।
  • जून , 2021 मे नीरज ने पुर्तगाल के लिस्बन शहर में आयोजित  मीटिंग सिडडे डी लिस्बोआ टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
  • इसके बाद नीरज का ओलम्पिक 2020 का सफर स्वर्णिम रहा जिसका जिक्र हम पूरे लेख मे ही कर रहे हैं। अब नीरज की निगाहें पेरिस ओलम्पिक 2024 पर केंद्रित हैं।

नीरज चोपड़ा के जैवलिन कोच

  • टोक्यो ओलम्पिक -2020 में नीरज के कोच विश्व रिकॉर्ड धारक जर्मनी के ऊवे हान थे।  उन्ही के प्रशिक्षण में नीरज ने ओलम्पिक में स्वर्ण पदक  जीतकर इतिहास रचा है।
  • नीरज के बचपन के प्रारंभिक कोच जयवीर सिंह थे। इसके बाद उन्होंने साल 2016 तक कोच नदीम अहमद से प्रशिक्षण लिया था।
  • साल 2016 के बाद मुख्य कोच  गैरी कैल्वर्ट और असिस्टेंट कोच काशीनाथ नाइक ने नीरज को प्रशिक्षित किया था।
  • साल 2018 मे नीरज ने जर्मन कोच वर्नर डेनियल से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसी साल उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों मे स्वर्ण पदक(86.47 मीटर) हसिल किया था।
  • नीरज चोपड़ा बायोमेकैनिक्स एक्सपर्ट डॉ. क्लॉज़ बर्टोनिट्ज़ की देखरेख में भी प्रशिक्षण ले चुके हैं। भविष्य में नीरज  क्लॉज़ बर्टोनिट्ज़ के साथ और अधिक काम करना चाहते हैं।

नीरज चोपड़ा के ओलंपिक रिकार्ड्स

  • नीरज चोपड़ा पहले एशियाई व्यक्ति हैं, जिन्होंने ओलंपिक जेवलिन थ्रोअर में स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले किसी भी एशियाई थ्रोअर द्वारा यह उपलब्धि हासिल नहीं की गयी थी। नीरज ने  87.58 M जैवलिन थ्रो करके यह उपलब्धि हासिल की है।
  • नीरज चोपड़ा, केशोर्न वालकॉट (त्रिनिदाद एंड टोबैगो) के बाद ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले दूसरे अश्वेत खिलाड़ी हैं। इन दोनों के अलावा  केवल गोरी चमड़ी वाले व्यक्ति ही जेवलिन थ्रोअर में स्वर्ण जीतते आये हैं।
  • नीरज चोपड़ा ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में जेवलिन थ्रोअर में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बन गये हैं।
  • यह पहला अवसर है जब ओलम्पिक के जेवलिन थ्रोअर का स्वर्ण एशिया में आया है , इससे पूर्व स्वीडन, डेनमार्क, आइसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड और मध्य यूरोप के खिलाड़ियों ने ही स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा किया है।
  • नीरज चोपड़ा, एशिया महाद्वीप के दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने ट्रैक एंड फील्ड इवेंट के जेवलिन थ्रोअर में स्वर्ण जीता है, इनके अलावा चीन की लियू शियिंग ने इसी ओलंपिक में महिला वर्ग में जेवलिन थ्रोअर में स्वर्ण पदक जीता है।
  • नीरज चोपड़ा ऐसे तीसरे पुरुष खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशिया के लिए ओलम्पिक के थ्रोइंग इवेंट में स्वर्ण जीता है। इससे पहले ताजिकिस्तान के दिलशोद नजारोव और जापान के कोजी मुरोफोशी एशिया के लिए ओलम्पिक में स्वर्ण जीत चुके हैं।
  • यदि हम ओलंपिक इतिहास के पिछले 50 वर्षों के आंकड़ों में गौर करें तो पाएंगे की नीरज चोपड़ा ऐसे तीसरे एथलिट बन गये हैं, जिन्होंने किसी प्रतियोगिता को अपने पहले ही प्रयास के दम पर जीता हो। इससे पहले यह कारनामा करने वाले खिलाड़ी मिक्लोस नेमेथ(हंगरी) तथा जैन जेलेजनी(चेक गणराज्य) हैं।

नीरज चोपड़ा के व्यक्तिगत रिकार्ड्स

  • नीरज का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर जैवलिन थ्रो है। जो उन्होंने इंडियन ग्रॉ प्री-3 ,मार्च 2021 में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ दर्ज किया  है।
  • नीरज ने U-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर जेवलिन थ्रो करके, सबसे लम्बा थ्रो का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
  • नीरज दक्षिण एशियाई खेल(भारत), 2016 तथा एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप,2017 में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
  • नीरज ग्लास्गो रष्ट्रमण्डल खेल, 2018 और एशियाई खेल(जकार्ता), 2018 मे जेवेलिन थ्रो इवेंट मे स्वर्ण जीत चुके हैं।
  • नीरज के नाम अब केवल विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप मे ही कोई पदक नहीं है। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप,2019 मे नीरज चोट के चलते प्रतिभाग नहीं कर पाए थे। 
  • नीरज अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व स्तरीय चैम्पियनशिप मे एथलेटिक्स में पदक को जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज ने पेरिस मे आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप मे लम्बी कूद मे कांस्य जीता था।

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बहुत बड़े दिल वाले और बेहतरीन इंसान हैं नीरज चोपड़ा

  • ओलंपिक शुरू होने से पहले सर्वश्रेष्ठ जैवलिन थ्रोअर जर्मन खिलाड़ी जोहानेस वेटर ने नीरज को लेकर टिप्पणी करते हुए अपना कड़ा प्रतिद्वंदी बताया था। ओलंपिक के बाद मे भारतीय प्रशंसकों ने जोहानेस वेटर का मजाक बनाया था। इस पर नीरज ने भारतीय प्रशंसकों से जोहानेस वेटर का सम्मान करने की अपील की थी। क्योकि जैवलिन थ्रोअर एक बहुत अच्छे एथलिट हैं उनका जैवलिन थ्रो मे व्यक्तिगत बेस्ट 97.76 m है और ये एक महान खिलाड़ी हैं उनका  जैवलिन थ्रो औसत 90 प्लस है। यह उनका दुर्भाग्य है की वे ओलम्पिक मे टॉप 8 मे जगह नहीं बना पाये और 9th स्थान के साथ ओलंपिक समाप्त किया। एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिद्वंदी खिलाड़ी के लिए नीरज का यह व्यवहार निश्चित ही उन्हें एक बड़ा दिल वाला महान व्यक्तित्व बनता है।
  • नीरज ने अपने पाकिस्तानी प्रतिद्वंदी तथा साथी खिलाड़ी अरशद नदीम के प्रति भी सहानुभूति व्यक्त की। नीरज ने कहा की अच्छा लगता यदि अरशद नदीम भी उनके साथ पदक पोडियम मे होते। नीरज और नदीम ने अपनी पिछली बहुत से प्रतियोगितायें साथ मे खेली हैं , दोनों ही बेहतरीन खिलाड़ी हैं और अच्छे दोस्त भी हैं। नदीम के प्रति नीरज की सहानुभूति को पाकिस्तानी मीडिया ने भी तबज्जो दी है तथा नीरज को एक बेहतरीन इंसान मानते हुए गोल्ड मेडल की बधाई दी है। ये छोटी-छोटी मगर दिल छू जाने वाली बातें नीरज को एक बेहतरीन और व्यवहार कुशल खिलाड़ी बनाती हैं।

AFI ने दिया नीरज को विशिष्ट सम्मान

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) ने टोक्यो ओलिंपिक-2020 में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा को सम्मानित करते हुए ,  07 अगस्त को  “भाला फेंक दिवस (Javelin Throw Day)” के रूप मे मनाने की पहल की है। क्योकि नीरज ने  07 अगस्त को ओलम्पिक मे स्वर्ण जीता था। अतः अब से प्रतिवर्ष पूरे भारत में 07 अगस्त  को “भाला फेंक दिवस (Javelin Throw Day)” के रूप मे  मनाया जायेगा।

जैवलिन थ्रो से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • आधुनिक ओलम्पिक में पुरुष वर्ग में जैवलिन थ्रो की शुरुआत लंदन ओलम्पिक,1908 तथा महिला वर्ग के लिए जैवलिन थ्रो की शुरुआत लॉस एंजिल्स ओलम्पिक,1932 से की गयी थी।
  • पुरुषों के जैवलिन का भार 800 ग्राम तथा लम्बाई 2.6 मीटर से 2.7 मीटर के बीच होती है तथा महिलाओं के जैवलिन का भार 600 ग्राम और लंबाई 2.2 मीटर और 2.3 मीटर के बीच होती है।
  • जैवलिन को  एक “सेक्टर” की ओर फेंका जाता है, जो रनवे के अंत में आर्क से बाहर की ओर 28.96 डिग्री के कोण को कवर करता है।
  • जैवलिन थ्रो  का रनवे 30 मीटर (98 फीट) लंबा और 4 मीटर (13 फीट) चौड़ा होता है। रनवे एक घुमावदार आर्क में समाप्त होता है। जैवलिन थ्रो को इसी आर्क से मापा जाता है।
  • सबसे अधिक दूर तक जैवलिन थ्रो करने का रिकॉर्ड जर्मनी के उवे हॉन(भारतीय कोच) के नाम है। जो उन्होंने साल 1984 ,बर्लिन में 104.8 मीटर जैवलिन थ्रो करके बनाया था। 
  • साल 1986 में ओलम्पिक समिति ने जैवलिन के डिज़ाइन मे परिवर्तन करके उसे छोटे स्थानों में फेकने योग्य बना दिया। जिसके बाद नये नियमो के अनुसार सबसे लम्बी दूरी तक जैवलिन थ्रो करने का रिकॉर्ड चेक गणराज्य के जान ज़ेलेज़नी के नाम है। उन्होंने साल 1996 में 98.48 मीटर जैवलिन थ्रो करके यह रिकॉर्ड बनाया। 
  • महिला वर्ग में सबसे लम्बी दूरी तक जैवलिन थ्रो करने का रिकॉर्ड बारबोरा स्पॉटकोवा(चेक गणराज्य) के नाम है। इन्होने साल 2008  में विश्व एथलीट चैंपियनशिप में 72.28 मीटर जैवलिन थ्रो करके बनाया था।

चलते चलते

दोस्तों, नीरज चोपड़ा ने भारत की उन युवा क्षमताओं में जोश, साहस और उम्मीद भर दी है ,जो विभिन्न एथलेटिक्स इवेंट्स में भारत के लिए खेलने का सपना देख रहे हैं। नीरज चोपड़ा की इस स्वर्णिम सफलता मे उनका अथक परिश्रम और बेहतरीन प्रशिक्षण शामिल है। नीरज चोपड़ा को बेहतरीन कोचिंग प्रशिक्षण उपलब्ध करने के लिए हम स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया का भी धन्यवाद देना चाहते हैं। हम SAI से उम्मीद करते हैं भारत की सभी प्रतिभावान युवा प्रतिभाओं को इसी स्तर का प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी।इस ओलम्पिक से एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, जरूरत है बस उन्हें तराशने की। जिस तरह से देश और सरकार ने ओलम्पिक के विजयी खिलाड़ियों का स्वागत और सम्मान किया है, आने वाले समय में भारत के कई ओलम्पिक स्वर्णिम होने वाले हैं। इसी उम्मीद के साथ की भारत आने वाले सभी ओलम्पिक में अपनी यह सफलता दोहराएगा और इसमें इजाफा करेगा, हम आज का अपना यह लेख यहीं समाप्त करते हैं।  धन्यवाद!

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