India-Israel Water Attache: जानें क्यों है महत्वपूर्ण

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India-Israel Water Attache

India-Israel Water Attache क्या है, यह सवाल आपके जेहन में भी उठ रहा होगा, क्योंकि बीते कई दिनों से यह चर्चा में है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं कि इसका मतलब क्या है और इससे किस तरीके से भारत और इजरायल दोनों ही देश लाभान्वित होंगे।

इस लेख में आप जानेंगे:

  • India-Israel Water Attache – चर्चा में क्यों?
  • India-Israel Water Attache क्या है?
  • भारत और इजरायल की साझेदारी
  • भारत-इजराइल कृषि परियोजना
  • MASHAV क्या है?

India-Israel Water Attache – चर्चा में क्यों?

  • India-Israel Water Attache चर्चा में इसलिए है कि हाल ही में इजराइल के भारत में राजदूत रोन मलका का यह बयान सामने आया है कि अगले साल यानी कि 2021 की जनवरी से भारत में स्थित इजराइली दूतावास में एक अलग से जल अताशे की भी नियुक्ति की जाएगी, जिसका काम भारत में जल प्रबंधन के साथ कृषि के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने के लिए अपने देश की सबसे अच्छी तकनीकों को साझा करना होगा।
  • भारत के पूर्वोत्तर इलाकों में अपनी उपस्थिति और सहभागिता बढ़ाने की भी बात इजरायल के राजदूत ने कही है। उन्होंने कहा है कि इजराइल इसके लिए प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि यहां वह एक मानद वाणिज्य दूत की भी तैनाती करने जा रहा है।
  • मलका का कहना है कि इजराइल की उपस्थिति उत्तर-पूर्व में अब तक नाम मात्र की रही है। यही कारण है कि वह अब इसे बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। इजराइल ऐसा इसलिए करने जा रहा है, क्योंकि उसके मुताबिक कई तरह के विकासपरक कार्यों में उसे इस क्षेत्र में मदद मिल सकती है।

India-Israel Water Attache क्या है?

  • भारत में बीते कई वर्षों से Agriculture Attache यानी कि कृषि अताशे काम कर रहे हैं। कृषि अताशे का यह काम है कि कृषि के क्षेत्र में जो नई प्रौद्योगिकी और प्रणालियां सामने आ रही हैं, उनके बारे में अधिकाधिक जानकारी का प्रसार किया जाए और उन्हें अपनाने में अपना योगदान दिया जाए।
  • ऐसे में इजराइल की तरफ से जो आगामी जनवरी में पहली बार जल अताशे नियुक्त किए जाने वाले हैं, इनका काम कृषि अताशे के साथ मिलकर उन्हें सहयोग करना होगा।
  • भारत और इजरायल के बीच जो साझेदारी हुई है, उसके अंतर्गत कृषि से संबंधित उत्कृष्टता केंद्र में ये जल अताशे कृषि अताशे के साथ मिलकर जाएंगे। वहां भारत में जल प्रबंधन को लेकर ये योजनाएं बनाएंगे और उनके क्रियान्वयन के लिए काम करेंगे।
  • इसके अलावा जल प्रबंधन से जुड़ीं जो भी नई तकनीकें इस्तेमाल में लाई जा सकती हैं और जिन प्रणालियों को विकसित किया जा सकता है, उन सभी के विकास और विस्तार की दिशा में भी ये काम करेंगे। इसका उद्देश्य जल प्रबंधन और कृषि को साथ में लेकर चलना है।

भारत और इजरायल की साझेदारी

  • भारत में अब तक इजरायल द्वारा 29 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। अब तक लगभग डेढ़ लाख किसानों को इन केंद्रों में नई तकनीकों, नई प्रौद्योगिकी और नई प्रणालियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
  • इजरायली राजदूत के मुताबिक जल प्रबंधन को लेकर भी भारत और इजरायल के बीच रणनीतिक साझेदारी हुई है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोविड-19 के बाद भारत में यदि कोई सबसे बड़ी चुनौती है, तो वह जल प्रबंधन ही है। आने वाले समय में यह एक और भी बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है, जिसके बारे में अभी से कमर कस लेना जरूरी है।
  • भारत में जल प्रबंधन को लेकर इजराइल और भारत दोनों ही मिलकर काम कर रहे हैं। इसी रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश में भी एक प्रोजेक्ट को लेकर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।
  • जल प्रबंधन के क्षेत्र में दोनों देश तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों के साथ भी पानी से संबंधित मुद्दों पर बेहद गंभीरता से काम किया जा रहा है।

भारत-इजराइल कृषि परियोजना

  • वर्ष 2008 में भारतीय-इजराइली कृषि परियोजना को शुरू किया गया था। इस परियोजना को शुरू किए जाने का उद्देश्य यह था कि भारतीय किसानों को इजरायल खेती से संबंधित सबसे अच्छे तरीकों के साथ उन्हें तकनीकी जानकारी उपलब्ध करा सके।
  • यह Indo-Israel Agriculture Project का ही नतीजा है कि महाराष्ट्र में आम के उत्पादन में जबरदस्त प्रगति देखने को मिली है।
  • उसी तरीके से हरियाणा में भी चेरी टमाटर भी खूब उगाए गए हैं।
  • सिंचाई तकनीकों के बारे में भी भारतीय किसानों को इस परियोजना के तहत अच्छी तरह से प्रशिक्षण दिया गया है, जिसका उपयोग करके वे अपनी पैदावार बढ़ाने में सफल हुए हैं।
  • इजरायल की ओर से इस परियोजना का नेतृत्व MASHAV कर रहा है।

MASHAV क्या है?

  • इजरायल के विदेश मंत्रालय के अंतर्गत MASHAV अंतर्राष्ट्रीय विकास व सहयोग के लिए इजरायल की एक एजेंसी है। यह पिछले 12 वर्षों से भारत का सहयोगी बनकर सहयोग कर रहा है। वर्ष 2006 के आपसी सहयोग के समझौते के आधार पर यह भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है।
  • विकासशील देशों के साथ जो इजराइल ने दुनियाभर में विकास और सहयोगपरक कार्यक्रम चला रखे हैं, उन सभी की रूपरेखा तैयार करने के साथ आपसी तालमेल बैठाने एवं इनके क्रियान्वयन की पूरी जिम्मेवारी MASHAV ही संभालता है। इसी समझौते के अंतर्गत MASHAV द्वारा भारत के 12 राज्यों में पूरी तरीके से सक्रिय 29 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं।
  • इस परियोजना के अंतर्गत मुख्य रूप से आम, अनार, फल, खजूर, सब्जियों और फलों के उत्पादन के साथ मधुमक्खी पालन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • ऐसे सभी उत्पाद और गतिविधियां जो किसानों के लिए फसलों की मात्रा और उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ पानी व पोषक तत्वों के संरक्षण एवं आय बढ़ाने में मददगार हैं, उन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
  • यूनेस्को के साथ खाद्य और कृषि संगठन इन कार्यक्रमों को प्रायोजित कर रहे हैं।

निष्कर्ष

India-Israel Water Attache क्या है, इसका जवाब आपको इस लेख में मिल गया है। भारत और इजरायल लंबे समय से एक-दूसरे के सहयोगी की भूमिका निभा रहे हैं। उम्मीद हम यही करते हैं कि जल अताशे की नियुक्ति से भारत में जल प्रबंधन ठीक तरीके से हो पाएगा और भविष्य में हमारा देश जल संकट की चपेट में आने से खुद को बचा पाएगा।

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