खेल में कैरियर कैसे बनाएँ

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भारत में पचास के दशक तक माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे की अगर जीवन में कुछ बनना है तो केवल पढ़ाई पर ही ध्यान देना होगा, खेल-कूद में समय नष्ट होता है। लेकिन ‘भाग मिलखा भाग’ ‘दंगल’ और सुल्तान जैसी फिल्मों के हिट होने के बाद  खेलों को भी आय अर्जन का एक अच्छा विकल्प माना जाने लगा। आज के समय में हर घर में यह समझा जाता है की अगर कोई बच्चा किसी खेल की ओर अपना रुझान प्रस्तुत करता है तो उसे सही मार्गदर्शन के द्वारा उस खेल में स्थापित किया जा सकता है।

खेल में कैरियर का इतिहास  :

भारत में आजादी से पहले ग्रामीण खेल जैसे कुश्ती और दंगल ही सांजीक खेल के रूप में मान्यताप्राप्त थे। शहरों में खेलों के नाम पर गली क्रिकेट और गुल्ली-डंडे से अधिक खेल नहीं खेले जाते थे। शतरंज, ताश और चेस जैसे खेल शाही और उच्च वर्ग के समय बिताने के लिए खेले जाने वाले खेलों के रूप में प्रसिद्ध थे। लेकिन समय परिवर्तन के साथ ही खेलों को भी एक अच्छा पेशा माना जाने लगा। लेकिन इसमें भी शुरुआत में केवल क्रिकेट को ही सामाजिक मान्यता मिली और अन्य खेलों को इतना ऊंचा स्थान और मान नहीं मिल सका । समय के साथ कुछ खिलाड़ी अपने बूते पर अपन्तरराष्ट्रीय खेल आकाश में चमकने लगे। हौकी के जादूगर ध्यान सिंह, उड़न सीख मिलखा सिंह, उड़न परी पी टी उषा, शतरंज के बादशाह आनंद और बेडमिंटन चैंपियन प्रकाश पादुकोण जैसे नामों नें समाज में दूसरे खेलों को भी मान्यता प्रदान करने में मदद करी। युवा वर्ग इन खिलाड़ियों से प्रभावित और आकर्षित होकर क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों को भी अपना आय कमाने का जरिया बनाने लगे।

खेल कैरियर में विकल्प:

किसी भी खेल में युवा वर्ग खिलाड़ी बनकर अच्छी आय का अर्जन कर सकता है। खिलाड़ी के अतिरिक्त एक युवा खेल जगत में विभिन्न रूपों में भी आय का अर्जन कर सकता है। इसकी जानकारी इस प्रकार है:

  1. खेल प्रशिक्षक:

किसी खेल में अपनी प्रतिभा को चमकाने के लिए एक गुरु की आवश्यकता होती है। विध्यालय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय खेल संस्थान और विभिन्न कॉर्पोरेट घरानों में खेल प्रशिक्षक की आवशयकता होती है। एक खेल प्रशिक्षक निजी तौर पर और किसी संस्थान के साथ जुड़कर भी अच्छी आय कमा सकते हैं।

  1. खेल पत्रकारिता:

खेल और पत्रकारिता दो विभिन्न विषय हैं लेकिन यदि आप चाहें तो दोनों के संयोग से एक प्रशिक्षित खेल पत्रकार बन सकते हैं। सुगठित नौकरी या फ्रीलान्सर पत्रकार के रूप में आप स्थानीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय खेलों तक को कवर करके नाम और धन दोनों कमा सकते हैं।

  1. कमेंटेटर:

जो व्यक्ति दूर बैठे दर्शक या श्रोता को खेल का आँखों देखा हाल सुनाकर उन्हें खेल की नवीनतम जानकारी देता है वह खेल कमेंटेटर कहलाता है। खेल की बारीकियों को सरल शब्दों में दूर बैठे खेलों के शौकिनों तक पहुंचाने से ही खेल कमेंटेटर की प्रसिद्धि होती है।

  1. खेल साइकोलीजिस्ट:

किसी भी अन्य व्यवसाय या पेशे की भांति खेलों में भी खिलाड़ियों को अत्यधिक तनाव का सामना करना पड़ता है। खेल साइकोलीजिस्ट खिलाड़ियों के इस तनाव को समझकर कम करने का दवाइयों और एकसरसाइज के माध्यम से प्रयास करते हैं। मनोविज्ञान और खेल जैसे विषयों के संयोग से आप इस व्यवसाय को चुन सकते हैं।

  1. फ़िटनेस एक्सपर्ट:

सामान्य रूप से फिट और तंदुरुस्त रहना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह अनिवार्यता है। फिटनेस एक्सपर्ट प्रत्येक खिलाड़ी की कमजोरियों को उनकी ताकत में बदल कर उनकी खेल क्षमता में वृद्धि करने का प्रयास करते हैं।

  1. स्पोर्ट्स एजेंट:

आजकल हर क्षेत्र में विज्ञापन किसी भी कार्य और सेवा की सफलता के लिए अनिवार्य हो गया है। खेल जगत भी इस नियम का अपवाद नहीं है। सपोर्ट एजेंट खिलाड़ियों की ब्रांडिंग करके उन्हें किसी खेल में कैसे स्थापित करना यह निश्चित करते हैं।

  1. खेल न्यूटरिशियानसिट:

किसी भी खिलाड़ी की खेल क्षमता पर उसके खान-पान का बहुत प्रभाव पड़ता है। खेल न्यूटरिशियानसिट खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता और जरूरत में संतुलन स्थापित करते हुए उनके लिए आहार योजना का निर्माण करते हैं।

इसके बाद अब कोई नहीं कह सकता की पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब।

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