मध्य युग में भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। शायद यही वजह रही कि पुराने समय में भारत हमेशा ही विदेशियों के निशाने पर रहा। देश के उत्तर-पश्चिमी मार्गों से कई विदेशी आक्रमणकारियों ने यहां कई हमले किए, लूटपाट मचाई साथ ही अपना साम्राज्य भी स्थापित किया। गुलाम, मुगल, खिलजी वंश, तुगलक जैसे कई वंशों के शासकों ने भारत में कई वर्षों तक शासन किया। इतना ही नहीं भारत की धरती पर कभी विदेशियों का राज रहा तो कभी हिदूं राजाओं की भी हुकूमत रही। ऐसे में अगर भारतीय इतिहास पर नजर डालें, तो यहां कई शासक ऐसे हुए जिनके रामराज का वर्णन आज भी इतिहास में देखने को मिल जाता है। लेकिन उसके विपरीत कई शासक ऐसे भी रहे, जिनके गिनती देश के सबसे क्रूर शासकों में की जाती है। तो आइए जानते हैं भारतीय इतिहास के 10 cruelest kings के बारें में।
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- मिहिरकुल हूण– भारत के इतिहास में मिहिरकुल को सबसे क्रूर शासक माना गया है। मिहिरकुल एक हूण शासक था। ५०० ईस्वी के आसपास हूणों ने भारत में प्रवेश किया था। कहा जाता है कि एक बार मिहिरकुल ने बौद्ध धर्म के बारे में जानने के लिए बौद्ध भिक्षुओं को निमंत्रण भेजा था। लेकिन मिहिरकुल एक बहुत ही क्रूर शासक था, इसलिए बौद्ध भिक्षुओं ने अपने गुरु की जगह अपने सेवक को बौद्ध ज्ञानी बता कर उसके पास भेज दिया। जब मिहिरकुल को इस बात का पता चला तो वो बहुत ही ज्यादा क्रोधित हो गया। जिसके बाद उसने बौद्ध धर्म और उसके अनुयायियों को खत्म करने का प्रण ले लिया। इसके बाद उसने बौद्ध धर्मियों का कत्ले-आम शुरु कर दिया और कई बौद्ध मंदिरों को तहस-नहस भी कर दिया। मिहिरकुल ने भारत के सबसे पुराने धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय पर भी हमला किया था। मिहिरकूल एक शिवभक्त था। शिव के अलावे वो किसी भी धर्म या संस्कृति में विश्वास नहीं रखता था।
- मुहम्मद बिन कासिम– सउदी अरब में जन्मे मुहम्मद बिन कासिम का नाम भी भारत के सबसे क्रूर शासक के लिस्ट में आता है। करीब १७ साल की उम्र में ही कासिम ने सिंध और मुलतान प्रांत पर आक्रमण का सफल नेतृत्व किया था। सिन्ध पर जीत हासिल करने के बाद मुगल खलीफाओं ने कई बार आक्रमण किए और अंत में १५वीं बारमं मोहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में यह अभियान सफल हुआ था। कहते हैं कि मुहम्मद बिन कासिम का दिल सिंध के तत्कालीन दीवान की बेटी पर आ गया था, वो उसे अपनी बेगम बनाना चाहता था। लेकिन जब वो नहीं मानी तो कासिम ने उसका सिर कलम करवा दिया था। ऐसे ही सिंध के राजा दाहिर और उनकी पत्नियों और पुत्रियों ने भी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी।
- महमूद ग़ज़नवी– महमूद ग़ज़नवी ने भारत के कई हिस्सों पर हमला बोला। १००१ से १०२६ ईस्वी के बीच ग़ज़नवी ने भारत पर १७ बार आक्रमण किए। इन सभी आक्रमण में उसने बुंदेलखंड, किरात, लोहकोट, ग्वालियर, कालिंजर लोदोर्ग (जैसलमेर), चिकलोदर (गुजरात) तथा अन्हिलवाड़ (गुजरात) को जीता और लूट लिया। माना जाता है कि महमूद ग़ज़नवी ने अपना १६वां आक्रमण १०२५ ईस्वी में सोमनाथ पर किया था। उसने वहां के प्रसिद्ध मंदिरों को तोड़ा और वहां से अपार धन प्राप्त किया। इस मंदिर को लूटते समय महमूद ने लगभग ५०००० ब्राह्मणों और हिन्दुओं का कत्ल कर दिया था।
- चंगेज खां– चंगेज खां एक मंगोल शासक था। चंगेज अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता और साम्राज्य विस्तार के लिए कुख्यात रहा। भारत सहित पूरे एशिया और अरब देश चंगेज खां के नाम से ही कांपते थे। मुसलमानों के लिए अल्लाह के कहर के नाम से कुख्यात था क्रूर मंगोल योद्धा चंगेज खां था। उसने अपने हमलों में इस कदर लूटपाट और खूनखराबा किया कि एशिया में चीन, अफगानिस्तान सहित उजबेकिस्तान, तिब्बत और बर्मा आदि देशों की बहुत बड़ी आबादी का सफाया हो गया था।
- तैमूर लंग– कहते हैं कि तैमूर लंग भी चंगेज खान जैसा ही क्रूर शासक था। तैमूर ने जब भारत पर आक्रमण किया तब उत्तर भारत में तुगलक वंश का राज था और उसने दिल्ली पर आक्रमण करके तुगलक साम्राज्य का अंत किया। कहते हैं कि उस वक्त तैमूर ने दिल्ली को कसाईखाना बना दिया था। तैमूर के जाने के बाद दिल्ली मुर्दों का शहर बनकर रह गया था। तैमूर के आक्रमण के वक्त हिन्दू रानियों ने जौहर किया था। तैमूर इतना क्रूर था कि उसने दो हजार जिंदा आदमियों की एक मीनार बनवाई और उन्हें ईंट और गारे में चुनवा दिया था।
- अलाउद्दीन खिलजी– भारतीय इतिहास के पन्नों में अलाउद्दीन खिलजी का नाम भी सबसे क्रूर शासकों में दर्ज है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अलाउद्दीन खिलजी पर जंग जीतने का ऐसा जुनून सवार हो गया था, कि लोगों को मारने में उसके हाथ तक नहीं कांपते थे। जिस वक्त महज मंगोलों का नाम सुनकर लोगों के हाथ कांप जाते थे, अलाउद्दीन खिलजी ने कई जगहों पर मंगोलों पर विजय पाई। खिलजी ने कई मंगोलों पर ऐसा कहर बरपाया कि उन्होंने उसके डर से इस्लाम कबूल कर लिया। कहते हैं कि खिलजी ने ३० हजार मंगोलों को मौत के घाट उतार दिया था और उनके परिवार को अपना गुलाम बना लिया था।
- बाबर– भारत में मुगल वंश का संस्थापक बाबर ही था। १५२६ ईस्वी में बाबर ने भारत में मुगलवंश की नींव रखी थी। बाबर का मेवाड़ के राजा राणा सांगा के साथ युद्ध बहुत चर्चित है। बाबर ने अपने शासनकाल में हज़ारों हिन्दुओं का कत्ल करवाया और हिन्दू मंदिरों को नष्ट किया। बाबर ने ग्वालियर के निकट उरवा में जैन मंदिरों को भी नष्ट करवा दिया था। उसने चंदेरी के प्राचिन और ऐतिहासिक मंदिरों को भी नष्ट करवाया था, जो आज भी खंडहर के रुप में हैं।
- औरंगजेब– भारत में मुगल शासकों में सबसे क्रूर शासक के रुप में औंरगजेब का ही नाम लिया जाता है। औरंगजेब, शाहजहां और मुमताज का बेटा था। औरंगजेब की क्रूरता का पता इस बात ही चलता है कि उसने गद्दी के लिए अपने पिता को कैद करवाया लिया था और अपने सगे भाईयों, भतीजों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं औरंगजेब ने ही गुरु तेग बहादुर का सर कलम करवाया था और गुरु गोविन्द सिंह के बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया था। औरंगजेब ने अपने शासनकाल में अपनी प्रजा पर भी बेइन्तहा जुल्म किए। उसने ये एलान कर दिया था कि उसके राज में गैर- मुस्लिम लोग या तो इस्लाम कबूल कर लें या फिर मरने को तैयार हो जाएं। औरंगजेब के शासन में ज्यादातर ब्राह्मणों को मुस्लिम धर्म कबूल करना पड़ा था। औरंगजेब ने कई मंदिरों को भी तुड़वा दिया था। यहां तक की औरंगजेब ने सार्वजनिक तौर पर हिंदू त्योहारों को मनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
- अशोक– सम्राट अशोक को भारतीय इतिहास में एक क्रूर राजा के रुप में भी देखा जाता है। अशोक ने सम्राट बनने के लिए अपने ही सगे भाईयों से कई बार युद्ध किया और उनकी हत्या भी कर दी। अपने प्रारंभिक दिनों में अशोक अपनी क्रूरता और कठोरता के लिए दुनियाभर में जाना जाता था। अशोक ने अपने शासन काल में कई क्रूर फैसले भी लिए। कहते हैं कि पहले अशोक का दिल इतना कठोर था, कि उसे किसी पर भी तरस नहीं आता था। बाद में जाकर सम्राट अशोक को अपनी क्रूरता और लड़ाईयों से नफरत होने लगी, जिसके बाद उसने इसका पश्चाताप करने का मन बनाया। इसलिए सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया और उसके बाद राष्ट्र के लिए कई बड़े और अच्छे फैसले लिए।
- नादिरशाह- नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया और कई लूटपाट, कत्लेआम जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। उस वक्त दिल्ली की सत्ता पर आसीन मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को हराने के बाद उसने वहां से अपार सम्पत्ति अर्जित की, जिसमें कोहिनूर हीरा भी शामिल था। युद्ध में हारने के बाद दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद शाह ने यह अफवाह फैलाई कि नादिरशाह मारा गया। इससे दिल्ली में भगदड़ मच गई और फारसी सेना का कत्ल शुरू हो गया। नादिर को जब यह पता चला तो उसने इस का बदला लेने के लिए दिल्ली पर आक्रमण कर दिया। उसने यहां भयानक खूनखराबा किया और एक दिन में हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके अलावा उसने शाह से भारी धनराशि भी लूट ली।
निष्कर्ष
इनके अलावा इतिहास में और भी कई क्रूर शासकों का जिक्र मिलता है। जिन्होंने भारत में शासन किया और अपनी क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। कुछ दार्शनिक और विदेशी इतिहासकारों का कहना है कि सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत देश में कभी गरीबी नहीं देखी गई थी। और भारत में हमले की यही सबसे बड़ी वजह रही। अगर आपको हमारा ये लेख अच्छा लगा हो, तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।