उत्तर प्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (UPTET) 2019 की परीक्षा अक्टूबर में आयोजित की जा सकती है। जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया अगस्त से शुरू हो जाएगी। यूपीटीईटी परीक्षा में सफलता लिखित परीक्षा पास करके ही हासिल की जा सकती है। इसके लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले इसके सिलेबस को समझना भी बहुत जरूरी होता है। तो यहां हम आपको बताएंगे UPTET 2019 Syllabus से जुड़ी हर जानकारी।
UPTET Syllabus in Hindi
UPTET Syllabus पेपर 1
- बाल विकास एवं अध्यापन (30 प्रश्न)
बाल विकास (कक्षा 1 से 5, 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रासंगिक)
- विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध
- बालकों के विकास के सिद्धांत
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहु-आयामी बौद्धिकता
- भाषा और चिंतन समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
- शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझाना
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन
- सतत एवं व्यापक मूल्यांकन: संदर्श और व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना
- गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृश्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
- अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
अधिगम और अध्यापन
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं, बालकों की अधिगम कार्यनीतियां सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना। बोध और संवेदनाएं प्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय।
- भाषा I
भाषा बोधगम्यता
- अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना – दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)
भाषा विकास का अध्यापन
- अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं। मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की। भूमिका पर निर्णायक संदर्श । एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
- भाषा – ॥
बोधगम्यता
- दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे।
भाषा विकास का अध्यापन
- अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार भाषा कौशल भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन अधिगम सामग्री पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
गणित
विषय-वस्तु
- ज्यामिति
- आकार और स्थानिक समझ
- हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ
- संख्याएं
- जोड़ना और घटाना
- गुणा करना
- विभाजन
- मापन
- भार
- समय परिमाण
- आंकड़ा प्रबंधन
- पैटर्न
- राशि
अध्यापन संबंधी मुद्दे
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नी तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना
- पाठ्यचर्या में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन
- शिक्षण की समस्याएं
- त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू
- नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण
- पर्यावरणीय अध्ययन
- परिवार और मित्र
- संबंध
- कार्य और खेल
- पशु
- पौधे
- भोजन
- आश्रय
- पानी
- भ्रमण
- वे चीजें जो हम बनाते और करते हैं
- पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति
- पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन
- पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा
- अधिगम सिद्धांत
- विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध
- अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण
- क्रियाकलाप
- प्रयोग/व्यावहारिक कार्य चर्चा
- सतत् व्यापक मूल्यांकन
- शिक्षण सामग्री/उपकरण
- समस्याएं
UPTET Syllabus पेपर 2
पेपर ।। (कक्षा 6 से 8 के लिए) उच्च प्राथमिक स्तर
- बाल विकास और अध्यापन
बाल विकास (कक्षा 6 से 8, 11 से 14 आयु समूह के लिए प्रासंगिक)
- विकास की अवस्था तथा अधिगम से उसका संबंध
- बालक के विकास के सिद्धांत
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव सामाजिकीकरण दबाव: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की- निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहु-आयामी बौद्धिकता
- भाषा और चिंतन
- समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना।
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम के मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन : संदर्श और व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए, कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
- भाषा I
भाषा बोधगम्यता
- अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना – दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे
- अधिगम अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं। मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
भाषा ॥
- दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
- अधिगम और अर्जन
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन- अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
गणित एवं विज्ञान
- अंक प्रणाली
- अंकों को समझना
- अंकों के साथ खेलना
- पूर्ण अंक
- नकारात्मक अंक और पूर्णाक
- भिन्न
- बीजगणित का परिचय
- समानुपात और अनुपात
- ज्यामिति
- मूलभूत ज्यामितिक विचार (2-डी)
- बुनियादी आकारों को समझना
- निर्माण (सीधे किनारे वाले मापक, कोणमापक, परकार का प्रयोग करते हुए)
क्षेत्रमिति
- आंकड़ा प्रबंधन
- गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति
- पाठ्यचर्या में गणित का स्थान
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- मूल्यांकन
- उपचारात्मक शिक्षण
- शिक्षण की समस्याएं
विज्ञान
- भोजन
- भोजन के स्रोत
- भोजन के घटक
- भोजन को साफ करना
- सामग्री
- दैनिक उपयोग की सामग्री
- जीवित प्राणियों की दुनिया
- चीजें, लोगों और विचारों को स्थानांतरित करना
- चीज़ें कैसे काम करती है
- इलेक्ट्रिक सर्किट
- चुंबक
- प्राकृतिक घटना
- प्राकृतिक संसाधन
विज्ञान की प्रकृति और संरचना
- प्राकृतिक विज्ञान/लक्ष्य और उद्देश्य
- विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना
- दृष्टिकोण/एकीकृत दृष्टिकोण प्रेक्षण/प्रयोग/अन्वेषण (विज्ञान की पद्धति)
- अभिनवता
- पाठ्यचर्या सामग्री/सहायता-सामग्री
- मूल्यांकन – संज्ञात्मक/मनोप्रेरक/प्रभावन
- समस्याएं
- उपचारात्मक शिक्षण
निष्कर्ष
हमने इस लेख में syllabus for UPTET 2019 से जुड़ी हर जानकारी दी है। जो भी उम्मीदवार इस बार ये परीक्षा देने जा रहे हैं, उनके लिए UPTET syllabus 2019 को जानना जरूरी है। अगर आप हिंदी माध्यम में ये परीक्षा दे रहे हैं, तो उम्मीद है कि ये लेख आपके लिए मददगार साबित होगी। यूपीटीईटी 2019 से जुड़े किसी भी समस्या के हल के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।