राजीव गांधी की जयंती

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Rajiv Gandhi

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देश आज राजीव गाँधी की 77वी जयंती के अवसर पर उन्हें और उनके कार्यों को याद कर रहा है। राजीव गाँधी के पुत्र और कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गाँधी ने वीर भूमि”  जाकर अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अन्य गणमान्य नेताओं ने इस अवसर पर स्वर्गीय राजीव गांधी जी को याद किया और श्रद्धांजलि दी है। दोस्तों, राजीव गाँधी एक युवा जोश और युवा सोच के साथ भारत की राजनीति में एक नयापन लेकर आये थे। राजीव गाँधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे ,उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए देशहित में  बहुत लाभकारी फैसले लिए थे। उनके कार्यों और योगदान को देश 20 अगस्त के दिन याद करते हुए आज का दिन सद्भावना दिवस” के रूप में मनाता है। आज के इस लेख मे हम राजीव गाँधी जी से जुडी उन तमाम बातों को जानेंगे जो उन्हें एक महान व्यक्तित्व बनाती हैं। तो चलिए शुरू करते हैं आज का लेख राजीव गाँधी

इस लेख में आपके लिए है

  • राजीव गाँधी का परिचय
  • राजीव गाँधी की शिक्षा
  • पायलट से प्रधानमंत्री तक का सफर
  • राजीव गाँधी की हत्या कब हुई
  • राजीव गाँधी की हत्या का कारण
  • राजीव गाँधी का योगदान

राजीव गाँधी का परिचय

  • राजीव गाँधी का जन्म पराधीन भारत में इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी की प्रथम संतान के रूप में 20 अगस्त 1944 को बॉम्बे, महाराष्ट्र मे हुआ था।
  • राजीव गाँधी के जन्म के समय नाना जवाहरलाल नेहरू जेल में बंद थे। उन्होंने जेल से लिखे पत्र मे इंदिरा से आग्रह किया कि पुत्र का नाम उसकी नानी कमला नेहरू के नाम के अनुसार ही रखा जाये।
  • कमला का पर्यायवाची शब्द होता है राजीव”। अतः नेहरूजी के कथन के अनुसार बालक को नाम दिया गया, राजीव रत्न गाँधी”
  • भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई और उसके बाद नेहरू जी के प्रधानमंत्री बनने के कारण राजीव गाँधी का बचपन उनके नैनिहाल तथा नाना नेहरू के सानिध्य में तीन मूर्ति हाउस मे बीता था। राजीव गाँधी के छोटे भाई का नाम संजय गाँधी था।
  • राजीव गाँधी के पिता फ़िरोज़ गाँधी एक ईमानदार कोंग्रेसी नेता और सांसद थे। किन्तु गाँधी परिवार के इतिहास में उनका अपना अस्तित्व कहीं खो सा गया है।
  • फ़िरोज़ गाँधी और इंदिरा गाँधी एक दूसरे से विवाह करना चाहते थे। किन्तु नेहरू जी इस विवाह से खुश नहीं थे , वे चाहते थे की इंदिरा किसी हिन्दू ब्राह्मण से ही विवाह करे।
  • तब महात्मा गाँधी ने फ़िरोज़ का धर्मान्तरण करके उन्हें अपना पुत्र तथा अपनी जाति प्रदान की थी , तब से फ़िरोज़ , फ़िरोज़ गाँधी के रूप में जाने गए और उनका विवाह इंदिरा से हो पाया।
  • फ़िरोज़ महात्मा गाँधी के बहुत चहेते और विश्वासपात्र थे। इसी कारण से महात्मा गाँधी ने उन्हें अपना पुत्र स्वीकार किया जो आगे चलकर भारत की राजनीति मे गाँधी परिवार के सूत्रपात का आधार बना।
  • राजीव गाँधी को राजनीति में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं थी। उनकी रूचि विज्ञान और इंजीनियरिंग में हुआ करती थी। रेडियो और फोटोग्राफी का राजीव को बहुत शौक था।
  • राजीव गाँधी का इंजीनियरिंग के प्रति जूनून उन्हें पायलट बनने के पथ पर ले गया था। लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् राजीव ने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास करके पायलट बनने का कड़ा प्रशिक्षण लिया था।
  • राजीव गाँधी ने वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया तथा साल 1970 मे इंडियन एयरलाइन्स मे बतौर पायलट कार्य करना शुरू कर दिया था।

राजीव गाँधी की शिक्षा

  • राजीव गाँधी और उनके भाई संजय गाँधी की शिक्षा -दीक्षा दून स्कूल” देहरादून में सम्पन्न हुई थी। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए राजीव लंदन चले गये थे।
  • लंदन में पहले राजीव ने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से शिक्षा ली उसके बाद लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई पूरी की थी।

राजीव गाँधी का वैवाहिक जीवन

  • लंदन में पढ़ाई के दौरान राजीव ने जेबखर्चा चलाने हेतु पेट्रोल पंप में, बेकरी, कोल्ड स्टोरेज आदि में काम भी किया था। इसी दौरान उनकी मुलाकात इटली के ट्यूनिस शहर के मेयर की बेटी Antonia Maino से हुई थी।
  • राजीव और Antonia एकदूसरे को पसंद कर चुके थे और शादी का निर्णय कर चुके थे। भारत आकर उन्होंने यह बात इंदिरा गाँधी जी को बताई।  तब इंदिरा गाँधी भारत की प्रधानमंत्री थी।
  • इंदिरा ने राजीव और Antonia की शादी को मंजूरी देते हुए, Antonia को हिंदुस्तानी नाम सोनिया दिया। इस प्रकार से Antonia भारत में सोनिया गाँधी नाम से जानी गयी।
  • 25 फ़रवरी 1968 को राजीव और सोनिया की शादी भारत में हुई थी। 19 जून 1970 को राजीव के पुत्र राहुल का जन्म हुआ था और दिसम्बर 1971 मे पुत्री प्रियंका का जन्म हुआ था।

पायलट से प्रधानमंत्री तक का सफर

  • साल 1970 मे पायलट का लाइसेंस प्राप्त करके राजीव एक पायलट के रूप में इंडियन एयरलायंस को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे।
  • साल 1980 में राजीव के छोटे भाई संजय की विमान दुर्घटना में मौत हो गयी। जिसके बाद इंदिरा गाँधी राजनीति में अकेली और असहाय हो गयी थी।
  • राजीव गाँधी अपनी माँ से बहुत प्रेम करते थे। अपनी माँ के सहयोग के लिए न चाहते हुए भी राजीव राजनीति में आ गए और अपने छोटे भाई संजय की रिक्त संसदीय सीट अमेठी से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।
  • राजीव ने अपनी स्वछंद छवि, मौलिक चिंतन, सहज विश्वासी और प्रसन्न व्यक्तित्व से जनता के दिलों में एक लोकप्रिय राजनेता की छवि बना ली थी।
  • 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की असामायिक हत्या ने सम्पूर्ण देश सहित राजीव को भी अथाह शोक के सागर में डूबा दिया। तत्काल प्रभाव से राजीव को कार्यकारी प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • देश में चारो तरफ नफरत की आग जल रही थी, अराजकता ने अपना भयावह रूप ले लिया था। ऐसी स्थिति से देश को निकाल कर फिर से मुख्यधारा में जोड़ने तथा देश में फिर से सौहार्द और शांति कायम करने का काम राजीव ने बड़ी समझदारी से किया था।
  • साल 1984 के आम चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने इतिहास रच दिया था। उस समय कांग्रेस पार्टी पुरे देश से 403 सीटें जीतकर लोकसभा पहुंची थी।
  • इस प्रकार से राजीव गाँधी ने 7वे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। इस समय राजीव मात्र 40 वर्ष के थे इस प्रकार से देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में राजीव ने कमान संभाली थी।

राजीव गाँधी की हत्या कब हुई

  • 21 मई, 1991 को राजीव गाँधी एक चुनावी सभा के सम्बोधन के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर गये थे। वही किसी अज्ञात महिला ने राजीव गाँधी के पैर छूने के बहाने से उनकी बम से हत्या कर दी थी।
  • यह महिला हरे रंग के सलवार सूट में खुद की कमर में बम बांधकर मानव बम” बनकर आयी और राजीव गाँधी जी सहित कुल 18 लोगों की मौत का कारण बनी थी।
  • बाद में की गयी जाँच के आधार पर कहा गया कि यह महिला लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम’ लिट्टे से सम्बंधित थी। उन्ही ने एक साजिश के तहत इसे मानव बम में तब्दील किया था।
  • नई दिल्ली में स्थित राजीव गाँधी की स्मारक स्थली को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है। यहाँ प्रतिवर्ष इनकी जयंती पर श्रद्धांजलि एवं नमन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
  • इस अवसर पर युवा कांग्रेस द्वारा देश भर मे रक्तदान शिविर, विभिन्न संगोष्ठियां, विचार शिविर, साफ़-सफाई अभियान आदि का आयोजन किया जाता है।

राजीव गाँधी की हत्या का कारण

  • राजीव गाँधी की हत्या लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के इशारे पर मानव बम धनु ने की थी। इस सम्बन्ध में 7 लोगों को गिरफ्तार करके फांसी की सजा दी गयी थी।
  • बाद में सोनिया गाँधी और नेहरू परिवार ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर इन सभी की फांसी की सजा को आजीवन उम्रकैद की सजा में तब्दील करा दिया था।
  • राजीव गाँधी हत्या कांड का फैसला 1000 गवाहों के लिखित बयान, 288 गवाहों की जिरह, 1477 कोर्ट में जमा दस्तावेज, 1,180 नमूनों, सबूतों और वकीलों के हजारों तर्कों के आधार पर किया गया था।
  • साल 1987 में प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ऐलम (लिट्टे) और श्रीलंका सरकार के मध्य युद्ध में शांति प्रयासों के लिए भारतीय सेना को वहां भेजा था। इस बात पर राजीव गाँधी “लिट्टे” के निशाने पर आ गए। जिसके परिणाम स्वरुप राजीव गाँधी जी की हत्या की गयी थी।
  • लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ऐलम (लिट्टे) एक अलगाववादी, चरमपंथी तमिल समर्थित संगठन है। यह संगठन श्रीलंका में सक्रिय है तथा यह श्रीलंका में पृथक तमिल राज्य की मांग करता है। इसकी स्थापना 5 मई , 1976  को हुई थी।

राजीव गाँधी का योगदान

  • राजीव गाँधी का सबसे बड़ा सपना था – इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण। राजीव गाँधी दूरदर्शी और आधुनिक सोच के व्यक्ति थे , वे भारत को दुनिया की हर उच्च से उच्च तकनीक से परिपूर्ण करना चाहते थे।
  • भारत में कंप्यूटर लेकर आने वाले तथा भारत को कंप्यूटर की दुनिया से परिचित कराने वाले राजीव गाँधी ही थे। उन्हें आधुनिक भारत का शिल्पकार कहा जाता है।
  • सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राजीव ने बहुत अच्छा काम किया था। दूरदर्शन और रेडियो को जन-जन तक पहुँचाने का का कार्य राजीव के कार्यकाल में ही हुआ था। उनके समय में नए -नए दूरदर्शन ट्रांसमीटर टावर्स का निर्माण देश भर में किया गया था। दूरदर्शन और रेडियो के प्रसारण का समय भी राजीव ने ही बढ़ाया था।
  • देश को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए नई शिक्षा नीति को मंजूरी 1986 में राजीव के शासन में ही दी गयी थी। देशभर में ग्रामीण बच्चों की शिक्षा के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना राजीव ने ही कराई थी।
  • देश में प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा दिया तथा इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय(इग्नू) की स्थापना भी इन्ही के समय में हुई थी। इससे आज सम्पूर्ण देश लाभान्वित हो रहा है।
  • लखनऊ में डॉ अम्बेडकर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए मंजूरी तथा बजट राजीव गाँधी की सरकार के समय ही प्रदान किया गया था।
  • महिला विकास और सशक्तिकरण के लिए राजीव सरकार ने देश भर में महिला विकास निगमों की स्थापना कराई थी। समन्वित बाल विकास सेवा’ कार्यक्रम के माध्यम से राजीव सरकार ने देश भर की दूध पिलाने वाली माताओं के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था की थी।
  • 3 नवम्बर 1988 मे मालदीव पर अज्ञात सैनिकों ने कब्ज़ा कर लिया था। वहां के राष्ट्रपति ने किसी प्रकार से बचते हुए राजीव गाँधी से मदद मांगी थी। राजीव गाँधी ने तुरंत प्रभाव से मालदीव की रक्षा करते हुए उसे बंधन मुक्त करके पुनः वहां के राष्ट्रपति को सौपा था।
  • विश्व शांति के प्रयास में श्रीलंका में लिट्टे के विरुद्ध भारतीय सेना को भेजा था। सही मायनो में कहा जाये तो राजीव गाँधी ने वैश्विक शांति के प्रयास में अपनी कुर्बानी दी है।

सारसंक्षेप

एक दूरदर्शी और कुशल प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गाँधी जी ने देश के लिए जो भी दूरदर्शी  निर्णय लिए उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। वैश्विक शांति के लिए उनका बलिदान देश तथा विश्व के ऊपर हमेशा एक ऋण रहेगा। इस लेख के माध्यम से हम राजीव गाँधी जी की जयंती पर उनके कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं तथा उनके अमर बलिदान को ह्रदय से नमन करते हैं। जय हिन्द !

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