2020 टोक्यो ओलिंपिक से लेकर आपकी जिंदगी तक को कुछ ऐसे बदल देगा 5जी

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5G


जापान जो कि तकनीक के मामले में दुनिया के सभी देशों में अग्रणी माना जाता है, वह एक बार फिर से तकनीकी के मामले में नेतृत्व का बेजोड़ नमूना पेश करने वाला है, जब अगले साल यानी कि 2020 में टोक्यो में ओलिंपिक की शुरुआत होगी। इस ओलिंपिक में 5जी नेटवर्क आधारित तकनीकों की वजह से कंप्यूटिंग और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। अब तक की उपलब्ध तकनीकों से 10 गुना तेज 5जी तकनीक ओलिंपिक खेलों की रफ्तार को ऐसी गति देगी कि देखने वाले भी भौंचक्के रह जायेंगे।

5जी का मतलब क्या है

  • 5जी एक ऐसी तकनीक है, जिसमें इंटरनेट की गति 10 जीबी से भी अधिक होती है और केवल कुछ सेकेंड के अंदर आप पूरी फिल्म कहीं भेज सकते हैं। वर्तमान की जो तकनीक है, उससे 4 जी गति से 10 गुना अधिक होगी।
  • 5जी नेटवर्क आधारित तकनीक से ड्रोन, स्वचालित गाड़ियां, रोबोट और अन्य मशीनों बड़े प्रभावी तरीके से इस्तेमाल में लाया जा सकता है, क्योंकि इनमें डाटा के त्वरित विश्लेषण की आवश्यकता होती है।
  • 3डी डाटा के मामले में 4जी नेटवर्क फिलहाल थोड़ा कमजोर मालूम होता है। वहीं जब 5जी का आगमन होगा तो इसमें लाइव बदलाव देखने को मिलेंगेग। उदाहरण के लिए वर्चुअल रियलिटी चश्मा पहनने पर आप एक वर्चुअल बॉक्स किो सिर्फ देख पा रहे हैं, मगर 5जी नेटवर्क उपलब्ध होने पर आप रियल टाइम में उस बॉक्स को अपने हाथों से पकड़कर घूमा पाएंगे। आप उस बॉक्स को खोल पाएंगे और चाहें तो उसकी दीवारें भी बदल पायेंगे।
  • मल्टीपल इनपुट और मल्टीपल आउटपुट, जिसे कि मैसिव माइमो भी कहते हैं, 5जी में इसका प्रयोग हो रहा है। यदि आप 4जी के टावरों को देखेंगे तो इसके एंटीना में आपको मुश्किल से एक दर्जन पोर्ट ही मिलेंगे, मगर मैसिव माइमो आधारित जो स्टेशन होंगे, उनमें एंटीनाओं पर आपको 100 से अधिक पोर्ट देखने को मिल जायेंगे। जाहिर सी बात है कि ऐसे में सिग्नलों के आपस में क्रॉस कनेक्शन की भी आशंका होगी, ऐसे में बीमफॉर्मिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि सिग्नल एक-दूसरे को बिना बाधित किये अपनी-अपनी दिशाओं में प्रसारित हों।

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5जी से संबंधित अन्य तथ्य

  • नई प्रतिभाओं को उभारने, नये उत्पादों को बाजार में लाने, नई सेवाओं की बाढ़ लाने और नये विचारों को प्लेटफॉर्म प्रदान करने का काम 5जी नेटवर्क आधारित तकनीक करने जा रही है।
  • यदि गति की तुलना की जाए तो 3जी में आप यदि किसी मूवी फाइल को एक घंटे 8 मिनट में डाउनलोड करते हैं, तो उसे आप 4जी में 40 मिनट में डाउनलोड कर लेते हैं, मगर जब 5जी तकनीक आ जायेगी, तो आप इसे केवल 35 सेकंड में डाउनलोड कर पायेंगे।

5जी से मिलने वाले कुछ महत्वपूर्ण फायदे

  • मौसम और लोकेशन की जानकारी बेहद सटीक तरीके से मिल पायेगी।
  • कंप्यूटर को आप अपने हैंडसेट से ही आसानी से कंट्रोल कर पाने में सक्षम होंगे।
  • सौर मंडल के साथ अन्य ग्रहों पर नजर रखना पहले से आसान हो जायेगा।
  • सुनामी और भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाओं के बारे में जानकारी पहले से और सटीक होगी, जिससे कि संभावित जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
  • दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले मरीजों को भी बेहतर इलाज मुहैया करा पाने में डॉक्टर कामयाब हो पायेंगे।
  • खुफिया एजेंसियों द्वारा चीजों की मॉनिटरिंग और बेहतर हो पायेगा, जिससे कि सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा और क्राइम रेट को भी निगरानी के जरिये कम करने में सरकारों को मदद मिलेगी।

तब और अब में फर्क

  • 2016 रियो डी जनेरियो ओलिंपिक और पैरालिंपिक खेलों ने 150 देशों और क्षेत्रों में 4.1 बिलियन से अधिक दर्शकों को जोड़कर टेलीविजन देखने के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया। विश्लेषकों का मानना है कि टोक्यो ओलिंपिक रियो ओलिंपिक इस आंकड़े को बड़े ही आराम से पार कर जाएगा।
  • दुनिया को दिखाने के लिए जापान अपनी तकनीकी कंपनियों को सर्वश्रेष्ठ तकनीक इस्तेमाल में लाने का अद्भुत अवसर मुहैया करायेगा।
  • 5जी वर्तमान व्यावसायिक मॉडलों का स्वरूप बदलने में बेहद अहम साबित होने वाला है। दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजनों में से एक जापान के 2020 टोक्यो ओलिंपिक पर भी इसका जबर्दस्त प्रभाव दिखने वाला है।
  • बीते चार दशको से तकनीकों के मामले में जापान ने वैश्विक नेता की पदवी धारण कर रखी है। ऐसे में 2020 टोक्यो ओलिंपिक को तकनीकी रूप से बेहद समृद्ध और यादगार बनाने में जापान कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है और इसके लिए तेजी से 5जी तकनीक की योजना पर काम कर रहा है, ताकि खेल को और उन्नत बनाकर तकनीकी रूप से इसे अब तक का सबसे अलग रूप दिया जा सके।

कह उठेंगे वॉव

  • टोक्यो ओलिंपिक के दौरान 5जी तकनीक के इस्तेमाल से 360 डिग्री, 8के वीडियो स्ट्रीमिंग की उम्मीद की जा सकती है, जिससे दर्शकों को एथलीट का केवल प्रदर्शन ही देखने को नहीं मिलेगा, बल्कि दर्शकों को एहसास होगा कि एथलीट का खेल के प्रति क्या दृष्टिकोण है।
  • हर एंगल से दर्शकों को स्पष्ट विजुअल बिना किसी व्यवधान के देखने को मिलेगा, जिससे दर्शकों खुद को एथलीट के साथ महसूस कर पायेंगे।

5जी वाला उद्घाटन समारोह

  • ALE Co. Ltd. नामक एक जापानी स्टार्टअप है, जो उद्घाटन समारोह में मानव निर्मित उल्का की बारिश कराने की योजना पर काम कर रही है। स्काई कैनवस नाम के अपनी आर्टिफिशियल शूटिंग स्टार प्रोजेक्ट के तहत कंपनी की योजना है कि वह माइक्रोसेटलाइट्स की एक सीरीज शुरू करे, जो 5000 से अधिक उल्काओं को छोड़ेगी जो वायुमंडल में शानदार तरीके से जलकर अद्भुत नजारा पेश करने से पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे।
  • उल्कों की रासायनिक संरचना को बदलकर कंपनी ऐसी बहुरंगी छटा बिखरने की तैयारी में है, जो दर्शकों को इस दुनिया से बाहर एक अलग ही दुनिया में होने का एहसास करा देगी।

सत्कार नये रूप में

  • रोबोट टोक्यो में हवाई अड्डों पर तैनात किए जा रहे हैं, ताकि आगंतुकों को उपलब्ध सुविधाएं आसानी से मयस्सर हो सकें और शहर में उन्हें रास्ता ढूंढ़ने में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
  • इसके अलावा टोयोटा की एक फ्लाइंग कार पर काम कर रही है, जिससे कि ओलिंपिक की मशाल को रोशन करने के कार्यक्रम को यादगार बना दिया जाए।

5जी की गति

  • जापान, जो वायरलेस मोबाइल डिवाइस डाटा ट्रांसमिशन और कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए अपनी हाई स्पीड ट्रेनों के लिए जाना जाता है, हाल ही में यहां सैमसंग ने 5जी का परीक्षण किया है।
  • यहां उसने 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रहे एक वाहन में रखे एक मोबाइल डिवाइस में 2.5GBit/S की ट्रांसमिशन की गति हासिल करने में कामयाबी हासिल की।

5जी में सुरक्षा

  • 2020 टोक्यो ओलिंपिक के उद्घाटन समारोहों की सुरक्षा के लिए भी 5जी नेटवर्क पर आधारित तकनीक का इस्तेमाल होने वाला है।
  • इसके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता को तो परीक्षण किया ही जा रहा है, साथ ही एथलीटों, अधिकारियों, कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों के चेहरों की सटीक पहचान के लिए बेहद उन्नत तकनीकों जैसे कि HD 4K कैमरा वाले ड्रोन का ट्रायल चल रहा है, जो 5 जी गति से काम करते हुए सुरक्षा के प्रबंध को बेहद सख्त बनाने में कारगर साबित होगा।
  • ड्रोन आधारित तकनीक के इस्तेमाल से इस कार्य में लगने वाले इंसानों की तादाद कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह तकनीक बेहद सटीक तरीके से वांछित परिणाम भी दे पाने में सक्षम होगी।

गति के साथ सुरक्षा

  • ड्रोन 50 से 70 मीटर की ऊंचाई पर संचालित होंगे और आठ घंटे तक हवा में बने रहकर 2.5 मील तक के इलाके की निगरानी करेंगे।
  • कुछ रिपोर्ट के मुताबिक किलर ड्रोन की भी तैनाती की जा रही है, जो ओलिंपिक के दौरान अनाधिकृत रूप से संचालित हो रहे ड्रोन को मार गिरायेंगे। ये लेजर या प्रोजेक्टाइल तकनीक से लैस होंगे, जिससे इन्हें गलत तरीके से इलाके में घुस आये ड्रोन को जमीन पर मार गिराने के आसानी होगी।

निष्कर्ष

निश्चित रूप से 5जी संचार के क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आ रहा है। हम में से अधिकतर लोग अभी कल्पना भी नहीं कर सकते कि 5जी तकनीक आने के बाद हमारे स्मार्टफोन के इस्तेमाल करने का तरीका किस तरह से बदल जायेगा और 4जी तकनीक से चल रहे ऐप कैसे बाहर होकर नई तकनीक से चलने वाले ऐप के लिए मार्ग प्रशस्त कर देंगे। युवा पीढ़ी के लिए 5जी नेटवर्क आधारित तकनीक किसी वरदान से कम नहीं होगी, क्योंकि यह उनके लिए संभावनाओं के नये द्वारा खोलने वाली साबित होगी। तो बताएं, यदि आपके हाथों में 5जी तकनीक आ जाए, तो आप इसका इस्तेमाल किस चीज के लिए करना चाहेंगे?

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