आखिर क्या है बैंकिंग सेवा के ऑफिसर स्केल 1, 2 और 3 में अंतर, आइए जानते हैं

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Bank Scale 1,2,3 officer

बैंकिंग एक बहुत ही आकर्षक क्षेत्र है। पिछले कई सालों से करियर के रुप में ये युवाओं का पसंदीदा विकल्प भी रहा है। यही वजह है कि भारत में लाखों युवा बैंकिंग सेवाओं में नौकरी पाने के लिए दिन- रात मेहनत करते हैं। बैंक की नौकरी अच्छे वेतन और भत्ते के साथ- साथ करियर में तेजी से विकास भी प्रदान करती है। क्योंकि बैंकिंग सेवाओं में कुल 7 ग्रेड होते हैं। जहां अपने ज्ञान और अच्छे प्रदर्शन के बल पर आप तरक्की की ऊंचाईयों को छू सकते हैं।

बैंक ऑफिसर ग्रेड

  1. जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड
  2. मैनेजर (मिडिल मैनेजमेंट ग्रेड)
  3. सीनियर मैनेजर (मिडिल मैनेजमेंट ग्रेड)
  4. चीफ मैनेजर (सीनियर मैनेजमेंट ग्रेड)
  5. असिस्टेंट जनरल मैनेजर (सीनियर मैनेजमेंट ग्रेड)
  6. डिप्टी जनरल मैनेजर (टॉप एग्जीक्यूटिव ग्रेड)
  7. जनरल मैनेजर (टॉप एग्जीक्यूटिव ग्रेड)

चीफ मैनेजर को डिवीजनल मैनेजर के नाम से भी जाना जाता है। ये पैमाने बैंकिंग इंडस्ट्री में लागू होते हैं। यहां पांच और छह स्केल के  अधिकारी को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। आईबीपीएस बैंकों में अधिकारियों की भर्ती करवाता है।

बैंक ऑफिसर स्केल 1,2 और 3 में अंतर

बैंक ऑफिसर स्केल 1- बैंकिग सेवा में स्केल 1 अधिकारी स्तर का सबसे पहला पड़ाव है। इसकी गिनती जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड में की जाती है। इस पद पर प्रवेश प्रमोशन और भर्ती के जरिए किया जाता है। यहां क्लर्क स्तर से प्रमोशन के बाद ऑफिसर स्केल 1 में प्रवेश मिलता है। वहीं पीओ, एसओ जैसे कई पदों के लिए प्रवेश परीक्षाओं के जरिए भी यहां नौकरी पाने का मौका मिलता है। इस श्रेणी में मुख्य रुप से अकाउंटेंट, अकाउंट्स ऑफिसर, आईटी ऑफिसर, लॉ ऑफिसर, एग्रीकल्चरल ऑफिसर, लघु उद्योग अधिकारी आते हैं।

वेतनमान- बैंक ऑफिसर स्केल 1 में सैलरी न्यूनतम 23,700 से लेकर अधिकतम 32,850 रुपए होती है। वेतन में बढ़ोतरी वार्षिक वृद्धि के आधार पर किया जाता है।

बैंक ऑफिसर स्केल 2- बैंक ऑफिसर स्केल 2 की गिनती मिडिल मैनेजमेंट ग्रेड में की जाती है। इस पद पर पहुंचने वाले को मैनेजर कहा जाता है। जो किसी भी ब्रांच का हेड होता है। स्केल 1 से 2 में आने के लिए बैंक की ओर से आयोजित प्रमोशन परीक्षाऔर साक्षात्कार से होकर गुजरना पड़ता है। एक ओर जहां स्केल 1 ऑफिसर पद के लिए केवल उम्र और स्नातक डिग्री का होना आवश्यक है, वहीं स्केल 2 के लिए उम्र, शैक्षणिक योग्यता के साथ- साथ आपके पास बैंकिंग सेक्टर में अनुभव भी होना बहुत जरूरी है।

वेतनमान- बैंक ऑफिसर स्केल 2 क न्यूनतम सैलरी 31705 से लेकर अधिकतम 45950 रुपए है।

बैंक ऑफिसर स्केल 3- बैंक ऑफिसर स्केल 3 को भी मिडिल मैनेजमेंट ग्रेड में ही गिना जाता है। लेकिन इस स्केल के अधिकारी को सीनियर मैनेजर कहा जाता है। इसमें ब्रांच के आकार के आधार पर ऑफिसर को पूरे ब्रांच की जिम्मेदारी दी जाती है। यहां तक पहुंचने के लिए भी बैंकों की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में बैठना पड़ता है।

वेतनमान- बैंक ऑफिसर स्केल 3 के लिए वेतनमान कम से कम 42020 और अधिक से अधिक 51490 रुपए होती है।

स्केल 2 और 3 पदों के लिए उम्मीदवारों को उम्र, शैक्षणिक योग्यता और अनुभव के मानदंडों को पूरा करना होता है। ये मानदंड अलग- अलग प्राइवेट बैंकों के लिए विभिन्न- विभिन्न भी हो सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत में विभिन्न प्रकार के बैंक हैं। लेकिन लगभग सभी बैंकों में ऑफिसर पद की संरचना एक समान ही होती है। उम्मीद है कि हमारे इस लेख के जरिए बैंक अधिकारी स्केल 1,2 और 3 में विशेष अंतर का आपको पता चल गया होगा।

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