हर इंसान पूरे सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जी सके। उसे आजादी का, बराबरी का और सम्मान का पूरा मौका मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर में 10th December को Human Rights Day मनाया जाता है। Human Rights एक ऐसा विषय है, जिस पर बहस हमेशा होती रहती है और वर्तमान में हैदराबाद में गैंगरेप के चारों आरोपितों को पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मार गिराए जाने के बाद भी मानवाधिकार को लेकर ही ताजा बहस छिड़ी हुई है।
क्या है Human Rights Day?
किसी भी दशा में दुनिया भर में इंसानों के मूलभूत अधिकार न छीने जाएं, इसी के संबंध में जागरूकता फैलाए जाने के उद्देश्य से 10th December को दुनिया विश्व मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाती है। Human Rights Day, 2019 के अवसर पर भी दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
कब हुई थी Human Rights Day की शुरुआत?
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एवं उससे पहले भी दुनिया भर में बढ़ते Human Rights के उल्लंघन के मामलों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से विश्व मानवाधिकार दिवस की शुरुआत वर्ष 1948 में की गई थी। सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 1948 में ही स्वीकार किया था और वर्ष 1950 से महासभा की ओर से सभी देशों को अपने यहां इसका आगाज करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इस दिन को मानवाधिकारों की रक्षा करने एवं उसे प्रोत्साहित करने के तौर संयुक्त राष्ट्र ने निर्धारित किया था। इस तरह से दुनिया भर में 10 दिसंबर को Human Rights Day के रूप में मनाया जाने लगा। हालांकि, भारत तक इसे पहुंचने में लंबा अरसा बीत गया। 26 सितंबर, 1993 से मानवाधिकार कानून को भारत में अमल में लाया गया।
अपने Human Rights को जानें
Human Rights Day, 2019 के अवसर पर यहां हम आपको बता रहे हैं कि आपके मानवाधिकार के अंतर्गत कौन-कौन-से अधिकार शामिल हैं?
- जीवन आजादी एवं सुरक्षा का अधिकार हर किसी को है। किसी भी व्यक्ति को गुलाम बनाकर नहीं रखा जा सकता। इसके तहत गुलामी प्रथा और मानवों के व्यापार को निषिद्ध किया गया है।
- किसी को भी शारीरिक यातना नहीं दी जा सकती है। ना ही अमानवीयता या क्रूरता किसी के बरती जा सकती है। कानून की निगाह में हर कोई समान है और बिना किसी तरह के भेदभाव के कानूनी सुरक्षा का अधिकार भी सभी को है।
- अपने बचाव के लिए हर कोई अदालत में जाने का अधिकारी है। मनमानी तरीके से ना तो किसी को गिरफ्तार किया जा सकता है और ना ही उसे नजरबंद या फिर देश से निष्कासित किया जा सकता है। जब तक अदालत किसी को दोषी नहीं करार देती है तब तक उसके पास मानव अधिकार के तहत निर्दोष होने का अधिकार होता है। यही नहीं, उसे अपनी ओर से सफाई देने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं भी मिलती हैं।
- मानवाधिकार के तहत यह भी एक प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी देश में आ-जा सकता है। जरूरत पड़ने पर वह किसी अन्य देश में राजनीतिक शरण भी मांग सकता है। गैर राजनीतिक अपराधों से संबंधित मामलों में इस अधिकार का लाभ नहीं मिल सकता। मनमाने तरीके से किसी को भी अपने देश की नागरिकता से वंचित नहीं किया जा सकता है।
- किसी भी बालिग महिला या पुरुष को बिना किसी धर्म, जाति या राष्ट्रीयता के भेदभाव के विवाह करने और विवाह के बाद पुरुषों एवं महिलाओं को समान अधिकार मानवाधिकार के तहत प्राप्त होते हैं। साथ ही हर किसी को अकेले या किसी के साथ मिलकर संपत्ति रखने का पूरा अधिकार है और उसे संपत्ति रखने के अधिकार से वंचित भी नहीं किया जा सकता।
- Human Rights यह भी है कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी डर के अपनी अभिव्यक्ति दे सके। उसकी अंतरात्मा जो कह रही है, उसे वह खुलकर दूसरों के सामने बयां कर सके। वह सूचना ग्रहण कर सकता है और सूचना प्रदान भी कर सकता है।
- काम करने और समानता के साथ भुगतान प्राप्त करने का अधिकार भी इसमें शामिल है। भोजन, आवास एवं कपड़े के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने का अधिकार भी मानवाधिकार के तहत आता है।
Human Rights Day 2019 की Theme
Youth Standing Up for Human Rights यानी कि मानवाधिकार के लिए खड़े हो रहे युवा, यही Human Rights Day, 2019 की theme है। इसका मतलब साफ है कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए युवा किस तरह से योगदान दे सकते हैं, इस वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के मौके पर यही बताया जा रहा है।
निष्कर्ष
10th December को Human Rights Day, 2019 के अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेने की जरूरत है कि हम अपने Human Rights के लिए आवाज उठाएं और दूसरों के मानवाधिकारों का भी पूरा समर्थन करें।