दोस्तों ,अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपने इंटरनेट से सम्बंधित Kbps ,Mbps या Gbps शब्द तो ज़रुर सुने होंगे । इंटरनेट कनेक्शन के Plans को अक्सर इन्ही टर्म्स में मापा जाता है। 40 Mbps का प्लान, 100 Mbps का प्लान या 1 Gbps का प्लान ,जैसे -जैसे प्लान्स बढ़ते जाते हैं , इंटरनेट की स्पीड एवं कीमत भी बढ़ती चली जाती है। इंटरनेट के प्लान्स की Kbps/Mbps/Gbps के साथ एक शब्द और लिया किया जाता है Upto 40 Mbps या Upto 100 Mbps। ये जो Upto Mbps या Upto Gbps शब्द होता हैं ये इंटरनेट सर्विस की सीमा को संदर्भित करते हैं, इसे ही ‘बैंडविड्थ (Bandwidth)’ कहते हैं अर्थात आप इस सीमा के अंदर ही इंटरनेट स्पीड का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज के इस लेख में हम ‘बैंडविड्थ’ के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं आज का लेख – ‘बैंडविड्थ’ क्या है? (What is bandwidth?)
इस लेख में हम चर्चा करेंगे –
● बैंडविड्थ क्या है?
● Mbps और MBps में क्या अंतर है?
● सही इंटरनेट बैंडविड्थ का चुनाव कैसे करें?
● इंटरनेट बैंडविड्थ और इंटरनेट स्पीड में अंतर.
● बैंडविड्थ की उपयोगिता.
बैंडविड्थ क्या है?(What is Bandwidth?)
● बैंडविड्थ शब्द अपने आप में बहुत विस्तृत शब्द है, इस शब्द का प्रयोग तार-बेतार संचार (wired-wireless communication) में उपयोग किया जाता है और इंटरनेट के संचार में भी इसका इस्तेमाल होता है।
● पहले हम बात करते हैं Wireless-Wired Communication की, इस स्थिति में अधिकतम फ्रीक्वेंसी और निम्नतम फ्रीक्वेंसी के अंतर को उस चैनल ‘बैंडविड्थ ‘ कहते हैं। अर्थात यहाँ पर ‘बैंडविड्थ,’ बैंड की फ्रीक्वेंसी या वेवलैंग्थ की रेंज बताता है।
● यदि बात करें इंटरनेट संचार की, इस स्थिति में किसी इंटरनेट कनेक्शन द्वारा प्रति सेकंड ट्रांसफर अधिकतम डाटा रेट को बैंडविड्थ कहा जाता है , इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं किसी नेटवर्क पर प्रति सेकंड जितनी मात्रा में डेटा भेजा जा सकता है, वह उसकी बैंडविड्थ (Bandwidth) कहलाती है|
● बैंडविड्थ को kbit/s, Mbit/s और Gbit/s या Kbps/Mbps/Gbps में मापा जाता है। Kbps का तात्पर्य Kilobits per seconds से है, इसी प्रकार Mbps – Megabits per seconds तथा Gbps – Gigabits per seconds है। ये सभी इकाइयां डाटा ट्रांफर का रेट बता रही हैं।
● बैंडविड्थ किसी इंटरनेट प्रोवाइडर की डाटा संचरण क्षमता को दर्शाता है।
Mbps और MBps में क्या अंतर है?
● दोस्तों , यदि आपने कभी ध्यान दिया होगा तो देखा होगा , कहीं Mbps लिखा होता है , कहीं MBps लिखा होता है। इन दोनों वर्ड्स के अलग अलग मतलब होते हैं।
● Mbps में छोटा b -bits को इंगित करता है , अर्थात Mbps को हम पढ़ेंगे Megabits per seconds.
● MBps में बड़ा B -Bytes को इंगित करता है, अर्थात MBps को हम पढ़ेंगे Megabytes per seconds.
● MBps , Mbps से बड़ी इकाई होती है। 1 Bytes = 8 bits
● आमतौर पर MBps का उपयोग मेमोरी क्षमता के लिए या मेमोरी की डाटा ट्रांसफर क्षमता के लिए किया जाता है।
सही इंटरनेट बैंडविड्थ का चुनाव कैसे करें?
● दोस्तों, यदि आप इंटरनेट कनेक्शन लगाने की सोच रहें हैं या इंटरनेट कनेक्शन उपयोग कर रहें है। तो आपके दिमाग में ये सवाल जरूर आया होगा की मैं किस आधार पर अपने इंटरनेट की स्पीड और बैंडविड्थ का चुनाव करना चाहिए । चलिए आपके इस सवाल का जवाब खोजते हैं।
● यदि आप एक सिंगल यूजर इंटरनेट उपभोक्ता हैं , इंटरनेट में वेब ब्राउज़िंग , ऑनलाइन वर्क , यूट्यूब वॉचिंग आदि करते हैं तो आपके लिए 1 -4 Mbps इंटरनेट बैंडविड्थ वाला कनेक्शन काफी रहेगा।
● यदि आपके इंटरनेट यूजर 1 -5 है , आप वेब ब्राउज़िंग , HD वीडियो वॉचिंग, वीडियो कॉफ्रेंसिंग आदि करते हैं तो आपको 6 -10 Mbps इंटरनेट बैंडविड्थ वाला कनेक्शन लेने की जरूरत है।
● यदि आप एक साइबर कैफ़े चला रहें हैं या आपकी सॉफ्टवेयर से सम्बंधित कंपनी है , जिसमे 50 -150 कर्मचारी है। तब आपको 100 -500 Mbps इंटरनेट बैंडविड्थ लेने की आवश्यकता पड़ेगी।
● ऑनलाइन गेमिंग – 15 और 20 Mbps के बीच इंटरनेट स्पीड होनी चाहिए।
● 4k अल्ट्रा हाई डेफिनेशन वीडियो स्ट्रीमिंग – 11 और 15 Mbps के बीच इंटरनेट स्पीड होनी चाहिए।
● 1080p के HD वीडियो स्ट्रीमिंग – 6 और 10 Mbps के बीच इंटरनेट स्पीड होनी चाहिए।
● 720p के सेमी HD वीडियो स्ट्रीमिंग – 3 और 6 Mbps के बीच इंटरनेट स्पीड होनी चाहिए।
● SD वीडिओ स्ट्रीमिंग – 2 और 3 Mbps के बीच इंटरनेट स्पीड होनी चाहिए।
● स्ट्रीमिंग म्यूजिक – 1 और 2 Mbps के बीच इंटरनेट स्पीड होनी चाहिए।
इंटरनेट बैंडविड्थ और इंटरनेट स्पीड में अंतर
● बैंडविड्थ का आशय है की हमने कितनी इनफार्मेशन या डाटा 1 सेकंड में प्राप्त किया है।
● स्पीड का आशय है की हमने यह इनफार्मेशन या डाटा किस स्पीड से प्राप्त किया है।
● उदाहरण के तौर पर, माना की हमने किसी पाइप से किसी बाल्टी में पानी 1 सेकंड में भरा है। जितना पानी बाल्टी में भरा है यह बैंडविड्थ है तथा जिस स्पीड से भरा है ये इंटरनेट स्पीड है।
● आपकी इंटरनेट कनेक्शन की बैंडविड्थ और स्पीड बराबर भी हो सकती है और नहीं भी हो सकती है। लेकिन किसी भी स्थिति में इंटरनेट बडविड्थ से ज्यादा इंटरनेट स्पीड नहीं हो सकती है।
● यदि आप अपने इंटरनेट कनेक्शन में , अपनी बैंडविड्थ के बराबर या उसके आस-पास इंटनेट स्पीड नहीं ले पा रहें हैं तो आपको इसकी कम्प्लेन अपने इंटरनेट प्रोवाइडर को करनी चाहिए। क्योकि अधिक बैंडविड्थ के प्लान महंगे होते है , इस स्थिति में कम इंटरनेट स्पीड प्राप्त होना पैसो की बर्बादी ही है।
● किसी इंटरनेट नेटवर्क की बैंडविड्थ और स्पीड दोनों को Kbps/Mbps/Gbps में मापा जाता है।
बैंडविड्थ की उपयोगिता
● जितनी ज्यादा बैंडविथ होगी, उतनी ही अधिक तेजी से ज्यादा डेटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। यानी तेज स्पीड से हम बड़ी से बड़ी फाइल को डाउनलोड तथा अपलोड कर पाएंगे।
● बैंडविड्थ हमारे इंटरनेट इस्तेमाल करने के अनुभव को बेहतर बनाता है। हम आसानी के साथ इंटनेट में कोई भी कार्य करने में सक्षम होते हैं।
● E-कॉमर्स मार्केटिंग , शेयर मार्किट , सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज , हेल्थकेयर , बैंकिंग आदि अनेक ऐसे क्षेत्र हैं , जहाँ पर बड़ी मात्रा में इंटरनेट डाटा ट्रांसफर की जरुरत रहती है। ऐसे क्षेत्रों में बड़ी क्षमता की बैंडविड्थ ही काम में लायी जाती है ताकि इंटरनेट सेवा बाधित न हो।
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चलते चलते
दोस्तों, जाने-अनजाने में हम सब नेटवर्क बैंडविड्थ का उपयोग करते ही हैं , हम अपने मोबाइल , लैपटॉप ,कम्प्यूटर्स ,स्मार्ट टीवी के माध्यम से इंटरनेट बैंडविड्थ का उपयोग करते हैं। बिना बैंडविड्थ के हमारे इंटरनेट से चलने वाले उपकरण इंटनेट इस्तेमाल ही नहीं कर पाएंगे क्योकि बैंडविड्थ इंटरनेट फ्लो करने के लिए एक पाथ का काम करती है , बिना पाथ के इंटरनेट हम तक नहीं पहुंच पायेगा। दोस्तों हम आशा करते है आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा। आप इस लेख को Facebook ,WhatsApp जैसे अन्य मीडिया प्लेटफार्म में शेयर भी कर सकते हैं।