Vizag Gas Leak: जानिए क्या है 11 लोगों की जान लेने वाली Styrene Gas?

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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बीते दिनों गैस लीक का एक भीषण हादसा हो गया, जिसमें स्टायरिन या पीवीसी नामक गैस के रिसाव की वजह से 11 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। साथ ही लगभग 1000 लोग इससे प्रभावित भी हो गए। इस गैस लीक ने लगभग 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की भी लोगों को याद दिला दी जब यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसायनाइड गैस का रिसाव हो गया था और जिसकी वजह से हजारों की जान चली गई थी। विशाखापत्तनम की घटना के बाद आपके मन में भी एक सवाल उठ रहा होगा- What is Styrene? इस लेख में हम आपको इसी का जवाब हर पहलू से समझाते हुए दे रहे हैं।

क्या है Styrene Gas का इतिहास?

स्टायरिन की पहचान सबसे पहले वर्ष 1839 में हुई थी। जर्मनी के वैज्ञानिक एडुअर्ड साइमन अपनी प्रयोगशाला में जब शोध कर रहे थे, वहीं अमेरिकी स्वीटगम नामक एक पेड़ से प्राप्त हुए राल यारेजिन से वे एक वाष्पशील तरल पदार्थ को पृथक करने में सफल हो गए। जिस पदार्थ को पृथक उन्होंने किया, उसे उन्होंने स्टाइलोल का नाम दे दिया था, जिसे कि अब स्टायरिन के नाम से जानते हैं। साइमन ने पाया कि हवा, गर्मी या प्रकाश के संपर्क में जब स्टाइललोल आया तो एक कठोर रबड़ जैसे पदार्थ में धीरे-धीरे यह तब्दील होता चला गया। इसे उन्होंने स्टाइलर ऑक्साइड का नाम दे दिया। इसके बाद 1845 में स्टाइललोल का फार्मूला ऑगस्टहॉफमैन और उनके स्टूडेंट जॉन बेलीथ ने दिया, जो कि C8H8 के तौर पर जाना गया। कार्बन और हाइड्रोजन के 8-8 अणु इसमें आपस में गुंथे हुए रहते हैं।

गैस में मीठी गंध

एक ऑर्गेनिक कंपाउंड के रूप में स्टायरिन की पहचान है। विनाइल बेंजीन, फेनीलिथिन और एथेनिल बेंजीन के तौर पर भी इसे पहचाना जाता है। केमिकल फार्मूला इसका C6H5CH = CH2 है। इसकी उत्पत्ति बड़े ही मशहूर ऑर्गेनिक सॉल्वेंट बेंजीन से हुई है। पानी की तरह इसका कोई रंग नहीं है। पीले रंग के तैलीय तरल के रूप में यह नजर आता है। गैस इसी से निकलती है।

Styrene Gas का उत्पादन और इस्तेमाल

पेंट, प्लास्टिक और टायर जैसी चीजों के निर्माण में स्टायरिन गैस प्रयोग में लाई जाती है। वर्ष 1926 में स्टायरिन या पीवीसी को वाल्डो सेमोन नामक एक वैज्ञानिक प्लास्टिक के रूप में ढालने में कामयाब हुए थे। पीवीसी का मतलब है पॉलीविनाइल क्लोराइड। दरवाजे, टंकी पाइप, जॉइंट्स और खिड़कियों के फ्रेम आदि आज इससे तैयार किए जाते हैं। यह सस्ता और मजबूत होता है। इसकी वजह से बिल्डिंग के निर्माण में इसका अधिक प्रयोग वर्तमान में देखने को मिलता है। दुनिया के तीसरे सबसे भरोसेमंद प्लास्टिक प्रोडक्ट के रूप में पीवीसी की आज पहचान है।
करीब 25 मिलियन टन स्टायरिन का वर्ष 2010 में उत्पादन किया गया था। यह बढ़कर वर्ष 2018 तक लगभग 35 मिलियन टन हो गया था।

कितना खतरनाक है Styrene Gas का exposure?

Styrene Gas का exposure बहुत ही खतरनाक होता है। स्टायरिन गैस यदि नाक में चली जाती है तो ऐसे में सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। उबकाई आने लगती है। आंखों में जलन शुरू हो जाती है। सांस के जरिए यह गैस जैसे ही अंदर पहुंचती है, कुछ ही मिनट में श्वसन प्रणाली पर यह अपना असर डालना शुरू कर देती है। इसकी वजह से उल्टी होने लगती है। जलन की शिकायत तो होती ही है, साथ ही त्वचा पर चकत्ते भी पैदा हो जाते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह गैस अधिक जोखिम भरी साबित हो सकती है। इसका गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रभाव भी पड़ता है। जैसे कि पेट खराब हो सकता है। जलन का अनुभव टिश्यूज की ऊपरी में हो सकता है। स्टायरिन गैस इतनी खतरनाक होती है कि शरीर के मुलायम अंगों के टिश्यूज के अस्तर को भी यह क्षतिग्रस्त कर सकती है। इसकी वजह से रक्त भी बहना शुरू हो जाता है। यही वजह है कि इसकी चपेट में कोई आ जाए तो वह तुरंत बेहोश हो जाता है और कई लोगों की तो कुछ ही मिनट के अंदर मौत भी हो जाती है।

लंबे वक्त तक रहता है असर

Styrene Gas की चपेट में आने के बाद यदि कोई बच भी जाता है तो इसके बाद भी उस इस गैस के विषैले असर के साथ आगे की जिंदगी जीनी पड़ सकती है। तंत्रिका तंत्र पर इसके न्यूरोटॉक्सिक होने की वजह से असर पड़ता है। इसके कारण सिर दर्द की शिकायत होती है। थकान महसूस होती है। कमजोरी का अनुभव होने लगता है। अवसाद भी घेरना शुरू कर देता है। कई बार नर्वस सिस्टम भी शिथिल पड़ जाते हैं। लंबे समय तक इसका प्रभाव यदि बना रहे तो हाथ और पैर जैसे अंग सुन्न पड़ जाते हैं। सुनने में दिक्कत होने लगती है। आंखों से संबंधित परेशानियां होने लगती हैं। इसके अलावा त्वचा पर डर्मेटाइटिस नामक बीमारी भी उभरने लगती है।

, क्या है Styrene Gas के exposure का इलाज?

Styrene Gas की चपेट में यदि कोई आ गया है तो तुरंत उसे अपनी त्वचा के साथ आंखों को पानी से धो लेना चाहिए। गैस सांस के जरिए यदि शरीर के अंदर पहुंच गई है तो मेडिकल चिकित्सा तत्काल शुरू किए जाने की एवं सांस लेने के लिए सपोर्ट देने की आवश्यकता पड़ती है।

निष्कर्ष

इसी पढ़ कर आपको आपके सवाल What is Styrene का जवाब मिल गया होगा। निश्चित रूप से Styrene Gas जानलेवा है। इसका इस्तेमाल करते वक्त अत्यधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।

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