कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन (OmiCron)

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कोरोना वायरस ने एक बार फिर से अपना स्वरुप बदलकर अपने नये अवतार को लांच कर दिया है। वैज्ञानिक भाषा में इसे B.1.1.529 नाम से  जाना जा रहा है तथा अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लोगों के बीच अधिक प्रचलित करने हेतु ओमीक्रॉन नाम दिया है। लोग अभी ओमीक्रॉन को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं दिखायी दे रहे हैं और कोरोना की सावधानियों के प्रति लगातार लापरवाह होते जा रहे हैं। लेकिन हमें ओमीक्रॉन की उपस्थिति को गंभीरता से लेने की जरुरत है। आज के इस लेख में हम आपको कोरोना के नये रूप ओमीक्रॉन से सम्बंधित सभी आवश्यक और उपलब्ध जानकारी देने जा रहे हैं। तो बने रहिये हमारे साथ इस लेख में।

इस लेख में हम आपके लिए लाये हैं :

  • ओमीक्रॉन क्या है?
  • ओमीक्रॉन मतलब क्या होता?
  • वैज्ञानिकों का दावा ओमीक्रॉन, डेल्टा से ज्यादा संक्रामक है
  • क्या ओमीक्रॉन, डेल्टा से अधिक हानिकारक साबित हो सकता है?
  • ओमीक्रॉन के लक्षण
  • ओमीक्रॉन से कैसे बचे?
  • ओमीक्रॉन में कितना असरदार है टीकाकरण?
  • WHO द्वारा ओमीक्रॉन को “वैरिएंट आफ कंसर्न” में शामिल किया गया

ओमीक्रॉन क्या है?

ओमीक्रॉन मूल रूप से कोरोना वायरस का ही परिवर्तित रूप है। यह कोरोना का B.1.1.529 वैरिएंट है जिसे WHO द्वारा ओमीक्रॉन नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबित ओमिक्रॉन वेरिएंट में अब तक K417N, E484A, P681H , N679K  सहित कुल 32 म्यूटेशन देखे गए हैं, जिसके कारण इसने डब्ल्यूएचओ की चिंता बढ़ा दी है। ओमीक्रोम के इस वैरिएंट को सबसे पहले साउथ अफ्रीका में रिपोर्ट किया गया है। इसके बाद इसके मामले विश्व के अन्य देशों बोत्सवाना, इजरायल, बेल्जियम, आदि में भी मिले हैं।

ओमीक्रॉन मतलब क्या होता?

  • यदि आपको ज्ञात हो तो WHO ने कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स के बीच अंतर को लेकर उपजी समस्या के निराकरण के लिए ग्रीक वर्णमाला के अक्षरों का उपयोग करके इसके विभिन्न वैरिएंट्स जैसे अल्फ़ा, बीटा, गामा, डेल्टा, ईटा आदि का नामकरण किया था।
  • ओमीक्रॉन से पहले कोरोना के 12 वैरिएंट्स का पता चल चुका है ,जिनका नाम ग्रीक वर्णमाला के आधार पर रखा जा चुका है। WHO ने इस बार ग्रीक वर्ण माला के 15वे अक्षर ओमीक्रॉन का प्रयोग किया है। जिसका प्रतीक अंग्रेजी के छोटे o के समान है।
  • आपको बता दे ओमीक्रॉन से पहले ‘म्यू’, ‘न्यू’ तथा ‘शी’ जैसे अक्षर ग्रीक वर्णमाला में हैं, किन्तु WHO ने ‘म्यू’, और ‘न्यू’ के उच्चारण में समानता तथा ‘शी’ का चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मेल खाने के कारण उपयोग नहीं किया है।

वैज्ञानिकों का दावा ओमीक्रॉन, डेल्टा से ज्यादा संक्रामक है

  • ओमीक्रॉन अपने पूर्ववर्ती डेल्टा से अधिक संक्रामक है, अर्थात ये डेल्टा वैरिएंट्स से अधिक तेजी से फ़ैल रहा है। इसका पहला केस 24 नवम्बर को दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था ,उसके बाद यह तेजी से दुनिया के 24 से अधिक देशों में फ़ैल गया चुका है। इसके पूरी दुनिया में सैकड़ों केस दर्ज किये जा चुके हैं।
  • भारत में ओमीक्रोन का पहला मामला 2 दिसम्बर को कर्नाटक से सामने आया था। वर्तमान में भारत में कर्नाटक,तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात तथा दिल्ली सहित कुल 23 मामले सामने आ गए हैं।

क्या ओमीक्रॉन, डेल्टा से अधिक हानिकारक साबित हो सकता है?

कोरोना का ओमीक्रॉन वैरिएंट पिछले डेल्टा वैरिएंट्स से ज्यादा गंभीर हो सकता है ,क्योकि अभी यह अपनी प्रारंभिक अवस्था में है अतः इसके  प्रभावों की गंभीरता का आंकलन अभी सटीक रूप से नहीं किया जा सकता है। भारत में ओमीक्रॉन के प्रभाव के आंकलन के लिए फ़रवरी-मार्च महीनो तक इंतजार करने की आवश्यकता है, क्योकि यही वह समय है जब भारत में कोरोना की पहली और दूसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है।

ओमीक्रॉन के लक्षण

ओमिक्रॉन के लक्षणों को लेकर विदेशी और भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि बी.1.1.1.529 वेरिएट से संक्रमित होने पर रोगी में कोई असामान्य लक्षण देखने को नहीं  मिल रहे हैं। इसके रोगोयों में सामान्य और हल्के कोरोना के लक्षण देखने को मिल रहे हैं, कुछ रोगियों में शरीर दर्द, सिर दर्द, थकान और कमजोरी देखी जा रही है। ओमीक्रॉन के लक्षणों के सम्बन्ध में वैज्ञानिकों का मत है कि जैसे -जैसे इसके रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी इसके लक्षणों का स्वरुप स्पष्ट होता जायेगा।

ओमीक्रॉन से कैसे बचे?

  • WHO की गाइडलाइन के अनुसार: ओमीक्रॉन से बचने के लिए मास्क का अनिवार्य प्रयोग, अनावश्यक रूप से घूमने से परहेज, सामाजिक दूरी के नियम का पालन, देश में उपलब्ध कोविड टीकाकरण आवश्यक रूप से पूर्ण करना आदि बताये गए हैं।
  • इसके अतिरिक्त अपनी सेहत के प्रति अधिक सचेत रहें, नियमित रूप से योग- प्राणायाम करे, व्यायाम करे , इम्युनिटी सिस्टम को अधिक मजबूत करने के लिए नीबू और गिलोय की चाय का प्रयोग आदि करते रहे।
  • अपनी सामाजिक जागरूकता को बढ़ाये, अपने आसपास हो रही घटनाओं के प्रति सजग रहें, अपने आसपास के लोगों की यात्रा और स्वास्थ्य की जानकारी अवश्य प्राप्त करे, अनावश्यक रूप से ऐसे लोगों से मिलने से बचे जो आपके क्षेत्र और जलवायु परिस्थितियों से अलग रह रहे हो।
  • देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनावों का आयोजन होने वाला है, जिसके लिए राजनीतिक दल अनावश्यक रूप से चुनावी रैलियां, जनसभा तथा चुनावी प्रचार करेंगे। ऐसे में यह आपकी और हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है की हम ऐसी भीड़भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाये और अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें।
  • देश में अभी शादियों का सीजन चल रहा है, तो हमारी आपके लिए यही सलाह रहेगी की अनावश्यक रूप से ऐसे विवाह समारोह का हिस्सा न बने जिमसे अनेक स्थानों से आये हुए लोग एकत्रित हो रहे हों।
  • ओमीक्रॉन से खुद के बचाव के सम्बन्ध में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि हमें खुद की सुरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार और समाज की सुरक्षा का भी ख्याल रखना है। भगवान न चाहे, यदि किसी भी प्रकार से आप या आपके परिवार का कोई भी सदस्य ओमीक्रॉन की चपेट में आ जाये, तो तुरंत खुद को या उन्हें आइसोलेट करे तथा जरुरी चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।

ओमीक्रॉन में कितना असरदार है टीकाकरण?

  • भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट्स के व्यापक प्रसार के बाद तथा देश की 80% आबादी के टीकाकरण के पश्चात् ओमीक्रॉन के भारत में कम प्रभशाली रहने की सम्भावना है। किंतु वैज्ञानिकों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि Covid का वर्तमान प्रचलित टीका चीन से फैले प्रारंभिक कोरोना वैरिएंट्स को आधार मानकर बनाया गया है। अब यह ओमीक्रॉन वैरिएंट्स के खिलाफ कितना कारगर साबित होगा यह बात अभी देखने योग्य है।
  • भारत में अभी टीकाकरण के प्रभाव का परिणाम फ़रवरी-मार्च के महीने में सामने आएगा क्योकि उसी समय देश में इसके मामलों में वृद्धि होना प्रारंभ होता है। इसी आधार पर देश के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इस बात की पूर्णतया पुष्टि कर पाएंगे की देश में टीकाकरण कितना प्रभावी रहा और क्या हमें बूस्टर डोज या ओमीक्रॉन के लिए किसी नये टीके की ईजाद की जरुरत है?
  • अभी ओमीक्रॉन के विकास की प्रारंभिक स्टेज है, सामान्य लक्षणों के साथ जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से ओमीक्रॉन की केवल पुष्टि हो रही है। इसके प्रभावों के विषय में अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ रही है।

WHO द्वारा ओमीक्रॉन कोवैरिएंट आफ कंसर्नमें शामिल किया गया

  • किसी भी वायरस के वैरिएंट्स को उसके स्वाभाव के आधार पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। इन श्रेणियों को “वैरिएंट आफ इंटरेस्ट” तथा “वैरिएंट आफ कंसर्न”  कहा जाता है।
  • “वैरिएंट आफ इंटरेस्ट” में सामान्यतः कम संक्रामक एवं कम गंभीर प्रभाव वाले वाइरस को रखा जाता है। कोरोना के इटा, आयोटा, कप्पा, जीटा, एप्सिलोन एवं थीटा वैरिएंट को वैरिएंट आफ इंटरेस्ट की श्रेणी में रखा है।
  • वैरिएंट आफ कंसर्न” श्रेणी में ऐसे वायरस रखे जाते हैं जिनकी संक्रामक दर एवं प्रभाव अति गंभीर होते हैं। कोरोना के चार वैरिएंट्स अल्फा (alfa), बीटा (beta), गामा (gama) एवं डेल्टा (delta) को इस श्रेणी में रखा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार वायरस डेल्टा है। इसके गंभीर परिणामों से हम अच्छी तरह से वाकिफ हैं।

चलते चलते

इस लेख के अंत में मैं आपसे यही कहना चाहूंगा की, जितनी भी जल्दी हो सके ओमीक्रॉन को गंभीरता से लेना शुरू कर दीजिये, क्योकि हमारा देश कोरोना की दो लहरे देख चुका है, हम लोग इस दौर में काफी कुछ गँवा चुके हैं। अब हमें खुद से यह वादा करने की जरुरत है कि  ‘अब हम कुछ नहीं गवाएंगे’। यह तभी संभव है जब हम अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद लेंगे, हमे WHO की सभी गाइड लाइन का पालन करना है तथा किसी भी भीड़भाड़ वाली स्थिति का हिस्सा नहीं बनना है। अगले कुछ महीनों में देश के कई राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसी स्थिति में हमे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना है तथा साथ में इस समय होने वाली शादी समारोह का भी बहिष्कार करना है और Covid टीकाकरण अभियान के तहत दोनों डोज लेनी है। ‘जान है तो जहान है’- यदि इस मंत्र का पालन कर पाए तो ही बचाव संभव है। कोरोना से सावधानी ही सुरक्षा है। जय हिन्द।

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