किसान बिल 2021 (Kisan Bill 2021)

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Kisan bill


देश भर में, हो रहे किसान आंदोलन की बात किसी से भी छुपी हुई नहीं हैं क्योंकि हमारे देश के किसान खेतो के बजाये सडको पर उतर आये हैं जिसके पीछे का मूल कारण हैं किसान बिल 2021 और यही हमारे इस लेख का मूल विषय भी हैं। किसान बिल 2021 पर लेख लिखने के हमारे दो लक्ष्य हैं जैसे कि – देश के किसानो को किसान बिल 2021 की पूरी जानकारी प्रदान करना और दूसरा किसान बिल 2021 के संबंध में, फैलाई जा रही गलत अफवाहों व धारणाओ को समाप्त कर अपने किसान भाई-बहनो को जागरुक बनाना ताकि वे इस किसान बिल 2021 का पूरा लाभ लेकर अपना व अपनो का सामाजिक-आर्थिक विकास कर सकें और इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए हम, आपको अपने इस लेख में, किसान बिल 2021 की व इससे संबंधित सभी जानकारीयो को आपके समने चरणबद्ध तरीके से प्रस्तुत करेगे ताकि आप आसानी से इस किसान बिल 2021 को समझ सकें, इसकी प्रासांगिकता व उपयोगिता को समझते हुए इसका लाभ प्राप्त कर सकें।

किसान बिल 2021 क्या हैं?

भारत एक कृषि प्रधान देश हैं जहां कि, अधिकतर आबादी कृषि को अपने प्राथमिक व्यवसाय के तौर पर करती हैं और जहां के अधिकतर क्षेत्रफल में, कृषि होती हैं इसलिए भारतवर्ष में, किसानो को ’’ अन्नदाता ’’ कहा जाता हैं और उन्हीं के सतत विकास को, सामाजिक-आर्थिक विकास और उनकी कृषि पद्धति को विकसित करने के लिए भारत सरकार ने, ’’ किसान बिल 2021 अर्थात् कृषि विघेयक 2021 ’’ को जारी किया हैं जो कि, भारत की मोदी सरकार का एक बडा ही निर्णायक व दीर्घ-प्रभावी बिल हैं क्योंकि इस किसान बिल 2021 से भारत के सभी किसान भाई- बहनो का सामाजिक-आर्थिक विकास तो होगा ही होगा साथ ही साथ उनका आज तक जो कृषि – शोषण होता आया था उससे मुक्ति मिलेगी जिससे हमारे किसान भाई-बहन सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। अंत, इसलिए हम, कह सकते हैं कि, किसान बिल 2021 हमारे किसानो के विकास के लिए और भारतीय कृषि पद्धति के लिए बेहद संवेदनशील निर्णायक मील का पत्थर हैं जिसके कई सराकात्मक प्रभाव हमें, कृषि विकास व किसानो के विकास के रुप में, देखने को मिलेंगे।

किसान बिल 2021 से संबंधित 3 अलग-अलग बिल व उनके प्रावधान कौन-कौन से हैं?

जब हम, बात करते है किसान बिल 2021 तो हमारी बात तब तक अधूरी हैं जब तक, हम, किसान बिल 2021 का आधार कही जाने वाली 3 अलग-अलग बिलो अर्थात् विघेयको की चर्चा नहीं करते हैं जिसके कंधो पर पूरा किसान

बिल 2021 आधारित हैं इसलिए हम, आपके सामने किसान बिल 2021 से संबंधित तीनो अलग-अलग बिलो की पूरी जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं जो कि, इस प्रकार से हैं-

पहला बिल – किसान उत्पादन वाणिज्य और व्यापार विघेयक ( संवर्धन और सुविधा ) विधेयक

प्रावधान

किसान बिल 2021 के तहत 3 अलग-अलग बिलो में, सर्वाधिक प्रमुख बिल हैं ’’ किसान उत्पादन वाणिज्य और व्यापार विघेयक ( संवर्धन और सुविधा ) विधेयक ’’ जिसके सभी प्रावधानो की सूची निम्नलिखित हैं –

1. किसानो को संकुचित क्षेत्र से निकालकर अनन्त क्षेत्र प्रदान करना अर्थात् किसानो को उत्पादन, एकीकरण और संग्रहन के लिए विस्तृत भूमि प्रदान करना,

2. हमारे उन तमाम किसान भाई-बहनो को जो कि, अनुसूचित जाति से आते हैं उन्हें उनके बेहतर विकास व कल्याण के लिए ’’ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग व ई-कॉमर्स ’’ की सुविधा प्रदान करना,

3. राज्य सरकार की भूमिका को कृषि क्षेत्र कम करना अर्थात् कृषि क्षेत्र को स्वतंत्रता प्रदान करना जिसके तहत हमारे किसान भाई-बहनो, व्यापारियो व ट्रेडिंग करने वाले अलग-अलग मंचो पर किसी भी प्रकार का बाजारीय शुल्क, उपकर शुल्क या लेवी आदि शुल्को से मुक्ति प्रदान करना और तमाम प्रतिबंधो से मुक्ति देना आदि।

उपरोक्त सभी किसान उत्पादन वाणिज्य और व्यापार विघेयक ( संवर्धन और सुविधा ) विधेयक के प्रमुख प्रावधान हैं जिन्हें हमने आपके सामने रखने का प्रयास किया हैं।

विधेयक से होने वाले लाभ –

इस विधेयक से होने वाले सभी लाभो की सूची इस प्रकार से हैं –

1. इससे किसानो का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा क्योंकि इस विधेयक की मदद से किसानो को उनकी खेती और आमदनी के नये-नये विकल्प प्रदान किये जायेगे,

2. किसानो की फसल लागत को कम से कम करने की कोशिश की जायेगा ताकि उन्हें अधिक आमदनी प्राप्त हो सकें और

3. अधिक उत्पादन करने वाले राज्य के किसान भाई-बहन अपनी फसलो को उन राज्यो में, जाकर बेच सकते हैं जहां पर उत्पादन कम हुआ हैं आदि।

विधेयक के विरोध का कारण –

इस विधेयक के विरोध करने के कारण इस प्रकार से हैं-

1. किसान यदि अपने राज्य से बाहर अपनी उपज को बेचता हैं तो उससे राज्य के राजस्व में, कटौती आयेगी,

2. राज्यो को ’’ मंडी शुल्क ’’ प्राप्त नहीं होगा और

3. न्यूनतम समर्थन मूल्य की समाप्ति व निजी कम्पनियो द्धारा शोषण की आंशका आदि।

दूसरा बिल – किसान ( सशक्तिकरण और संरक्षण ) विधेयक मूल्य आश्वासन

प्रावधान –

किसान बिल 2021 के तहत दूसरे बिल के रुप में, हमारे सामने ’’ किसान ( सशक्तिकरण और संरक्षण ) विधेयक मूल्य आश्वासन ’’ आता है जिसके सभी उपलब्ध प्रावधान इस प्रकार से हैं-

1. किसानो की तमाम मूल्य संबंधी या इस क्षेत्र से संबंधित समस्याओ का समाधान करने के लिए एक पारदर्शी, जबावदेह और स्वंतत्र ’’ विवाद समाधान तंत्र ’’ को स्थापित किया जायेगा,

2. मूल्य को निर्धारित करने के लिए प्रत्येक बिंदु का विस्तृत उल्लेख किया जायेगा और

3. किसानो को मिलेगी कृषि समझौते की सौगात जिसके तहत हमारे किसान भाई-बहन किसी भी तरह का उत्पादन या व्यापार करने के पहले किसान व खरीददार के बीच एक समझौता किया जायेगा जिसकी कम से कम अवधि एक मौसम की फसल या पशुधन का एक उत्पादन चक्र और इसकी अधिकतम अवधि 5 वर्ष की होगी,

4. बिल के तहत खेती की उपज का पहले ही अनुमानित मूल्य निर्धारित कर दिया जायेगा ताकि आगे चलकर मूल्य निर्धारण मे, कोई समस्या ना हो,

5. किसानो को एक ऐसा पारदर्शी कानूनी मंच या ढांचा प्रदान किया जायेगा जहां पर वे अपने खरीददारो से पूर्व-व्यवस्थित अनुबंधो में, सहजतापूर्वक प्रवेश कर सकें आदि।

उपरोक्त सभी किसान बिल 2021 के दूसरे बिल के प्रावधान हैं जिनकी अपनी विशेष उपयोगिता व प्रासंगिकता हैं।

विधेयक से होने वाले लाभ –

इस विधेयक से जिन लाभो की प्राप्ति होगी उसकी एक सूची इस प्रकार से हैं-

1. किसानो को अपने खरीददारो से सीधे समझौता करने की सुविधा मिलेगी,

2. जिस प्रकार फसल अच्छी होने पर किसान व खरीददार की भागीदारी होगी ठीक उसी प्रकार यदि किसान की फसल खराब हो जाती हैं तो उस स्थिति मे, भी किसान व खरीददार की भागीदारी होगी जिससे किसानो पर फसल बर्बादी का एकमात्र बोझ नहीं पडेगा आदि।

विधेयक के विरोध का कारण –

जिन कारणो के आधार पर बिल का विरोध हो रहा हैं उनकी सूची-

1. इस विधेयक को बडे उघोगपतियो को लाभान्वित करने के उद्धेश्य से बनाया गया हैं जो कि, एक भ्रांति हैं और

2. किसान अपने फसलो की तोल-मोल नहीं कर पायेगे आदि।

तीसरा बिल – सेवा विधेयक और आवश्यक वस्तुएं ( संशोधन ) विधेयक

प्रावधान –

इस तीसरे व अन्तिम बिल के सभी मुख्य प्रावधान इस प्रकार से हैं –

1. बिल के अनुसार अनाज, दाल, दलहन, प्याज व आलू जैसी कृषि फसलों को असाधारण परिस्थितियो जैसे कि – युद्ध, अकाल, प्राकृतिक आपदा व असाधारण मूल्य वृद्धि की स्थितियो को छोडकर ’’ आवश्यक वस्तुओ ’’ की सूची से हटाने का प्रवाधान किया गया हैं ताकि हमारे किसानो को उनके फसलो की अच्छी व जायज कीमत मिल सकें।

विधेयक के मुख्य लाभ –

1. कृषि क्षेत्र में, निजी कम्पनियों व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया जायेगा,

2. कृषि क्षेत्र में, मूल्य – स्थिरता को स्थापित किया जायेगा ताकि सभी किसानो को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिल सकें आदि।

विधेयक के विरोध का कारण –

1. यदि आवश्यक वस्तुओं की सूची से अनाज, दाल, दलहन, आलू व प्याज जैसी फलसो को हटा दिया जायेगा तो निजी कम्पनियो को सीधे तौर पर इन फसलो की असीमित भंडारण की छूट मिल जायेगी,

2. व हमारे किसानो से औने-पौने दामो पर फसलो को खरीदा जायेगा आदि।

उपरोक्त बिंदुओ के आधार पर इस विधेयक का विरोध किया जा रहा हैं।

अंत, हमने आपके सामने किसान बिल 2021 के तहत जारी 3 अलग-अलग बिलो की विस्तृत जानकारी प्रदान ताकि आप इस किसान बिल 2021 को अच्छी तरह से समझ सकें।

किसान बिल 2021 से संबंधित संवेदनशील मुद्दे कौन-कौन से हैं?

हम, अपने सभी पाठको व देश के किसानो को किसान बिल 2021 से संबंधित सभी संवेदनशील मुद्दो के बारे में, बताना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –

1. बिना लाइसेंस व असीमित स्टॉक सीमा के व्यापार की अनुमति

किसान बिल 2021 का सबसे ज्वलंत मुद्दा हैं कि, इस बिल के द्धारा जहां एक तरह हमारे किसानो के लिए खरीददारो की संख्या बढाई जा रही हैं ताकि उनका विकास हो सकें वहीं दूसरी तरफ इन खरीददारो को बिमा किसी लाइसेंस या स्टॉक सीमा के व्यापार करने की अनुमति दी जा रही हैं जिससे हमारे किसानो को खरीददार को मिलेंगे पर उन्हें उनकी फसल की जायज कीमत नहीं मिलेगी।

2. कृषि विपणन मंच की स्थापना

किसान बिल 2021 के तहत दूसरा मुद्दा हैं ’’ कृषि विपणन मंच की स्थापना का ’’ जिसके तहत हमारे किसानो की पारिश्रमिक मूल्य को निर्धारित किया जायेगा ताकि हमारे किसानो को उनके परिश्रम का लाभ मिल सकें इसके लिए सरकार द्धारा एक पारदर्शी, जबावदेह और निष्पक्ष कृषि विपणन मंच की स्थापना की जायेगी।

3. ग्रामीण कृषि बाजार योजना को केंद्र वित्त-पोषित केंद्रीय योजना बनाना

ग्रामीण कृषि बाजार योजना जिसका मौलिक लक्ष्य भारत के 22,000 ग्रामीण हाटो में, बुनियादी व नागरिक सुविधाओ की पूर्ति करना है को स्थायी समिती के अनुसार पूर्णत केंद्र सरकार की वित्त से पोषित केंद्रीय योजना बना दिया जाना चाहिए आदि।

उपरोक्त सभी किसान बिल 2021 के मुख्य मुद्दे हैं जिन्हें हमने आपके सामने रखने का प्रयास किया हैं।

क्या किसान बिल 2021 से सहकारी संघवाद को मिलेगा बढावा?

भारत सरकार की तरफ से अभी तक इस स्थिति को साफ नहीं किया गया हैं कि, क्या किसान बिल 2021 से सहकारी संघवाद को मिलेगा बढावा क्योंकि संवैधानिक तौर पर देखा जाये तो कृषि व बाजार राज्य सूची के विषय हैं अर्थात् राज्य के अधिकार क्षेत्र में, आते हैं लेकिन किसान बिल 2021 के कई प्रावधानो के अनुसार राज्य के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन होगा जिस पर किसानो व राज्यो के आक्रोश को शान्त करने के लिए भारत सरकार ने, कहा हैं कि, खाद्य पदार्थो से संबंधित व्यापार व वाणिज्य आदि विषय समवर्ती सूची में, आते हैं इसलिए हम, कह सकते हैं कि, किसाल बिल 2021 से सहकारी संधवाद को बढावा मिलेगा या नहीं इस बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नही हैं।

किसान बिल 2021 का लाभ क्या है?

हम, अपने सभी पाठको व किसान भाई-बहनो को किसान बिल 2021 के लाभो के बारे में, बताना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –

1. किसान बिल 2021 के तहत दोनो पक्षों अर्थात् किसानो के साथ-साथ खरीददारो को भी ’’ अवसर की स्वंतत्रता ’’ प्रदान की जायेगी,

2. बिल के तहत मंडियो के साथ-साथ शीत-गृहो, फार्मगटो व प्रसंस्करण शाखाओ का निर्माण किया जायेगा,

3. बिल के तहत कृषि क्षेत्र में होने वाली सभी मध्यस्थाओ को समाप्त किया जायेगा,

4. बिल के तहत कृषि क्षेत्र को पारदर्शी व जबावदेह बनाया जायेगा,

5. बिल के तहत पंजीकृत किसानो अर्थात् अनुबंधित किसानो को सभी तरह के अनिवार्य उपकरणो की आपूर्ति की जायेगी,

6. बिल के तहत पंजीकृत किसानो को समय पर भुगतान किया जायेगा और

7. बिल के तहत किसानो की फसलो की आवाजाही के लिए पर्याप्त व सुविधाजनक व्यवस्था की जायेगी आदि।

उपरोक्त सभी लाभ, इस किसान बिल 2021 के तहत हमारे किसानो को प्रदान की जायेगा ताकि देश के किसानो का सतत विकास हो सकें।

किसान बिल 2021 से जुडी मुख्य बाते कौन-सी है?

भारत सरकार द्धारा जारी किसान बिल 2021 के तहत जारी सभी मुक्य बाते इस प्रकार से हैं-

1. अधूरी जानकारी, अज्ञानता व राजनीति समीकरणो के कारण हमारे किसान भाई-बहनो विशेषकर हरियाणा व पंजाब के किसान भाई-बहन इस बिल का विरोघ कर रहे हैं,

2. किसानो को इस बिल का विरोध करने के लिए उत्तेजित किया जा रहा हैं जिसके लिए कई तरह की अफवायें व गलत धारणाओ को स्थापित किया जा रहा हैं आदि।

बिल से संबंधित उपरोक्त सभी मुख्य बातो को हमने आपके सामने रखने का प्रयास किया हैं ताकि आप ताजा हालातो को समझ कर इस बिल का विश्लेषण कर सकें

क्या हैं किसान बिल 2021 से जुडी गलत धारणायें और उनकी सच्चाई?

किसान बिल 2021 से संबंधित कई तरह की गलत धारणाओ का प्रचार-प्रसार किया जा रहा हैं जिसकी जानकारी हम, आपको देना चाहते हैं और साथ ही साथ ये गलत धारणायें कितनी सच हैं इसकी भी पूरी जानकारी हम, आपको बतायेगे जो कि, इस प्रकार से हैं-

गलत धारणा – न्यूनतम समर्थन मूल्य ना देने की साजिश हैं किसान बिल 2021 ?

सच्चाई – हमारे किसानो को अधिकतम खुदरा मूल्य दिया जा रहा हैं और जो कि, आगे भी दिया जायेगा और हम, अपने किसान भाई-बहनो को बताना चाहते हैं कि, किसान बिल 2021 का न्यूनतम समर्थन मूल्य से कोई लेना-देना नहीं हैं इसलिए इन गलत धारणाओ व अफवाहो पर विश्वास ना करें।

गलत धारणा – अब मंडिया खत्म और समाप्त हो जायेगी?

सच्चाई – किसान बिल 2021 के तहत किसी भी मंडी को समाप्त नहीं किया जायेगा और देश में, सक्रिय सभी मंडी सिस्टम पहले की ही तरह कार्य करती रहेंगी।

गलत धारणा – किसान विरोधी हैं किसान बिल 2021 ?

सच्चाई – किसान बिल 2021, किसानो की विरोधी नहीं बल्कि हितैषी हैं क्योंकि इस बिल की मदद से हमारे किसानो को मंडी दलालो से मुक्ति मिलती है और साथ ही साथ कई तरह की स्वतंत्रतायें भी मिलती हैं जिससे उनका सामाजिक-आर्थिक विकास होता हैं।

गलत धारणा – किसानो की जमीन उघोपतियो व पूंजीपतियो को हस्तांतरित कर दी जायेगी?

सच्चाई – किसान बिल 2021 में, पूरी स्थिति को साफ करते हुए कहा गया हैं जो कि, समझौता किसान और खरीददार के बीच होगा और वो भी फसलो का समझौता होगा ना कि, जमीन का। स्थिति को और साफ करते हुए कहा गया हैं कि, किसानो की जमीन की बिक्री, लीज व गिरवी आदि की चीजो को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा इसलिए किसान बिल 2021 के तहत हमारे किसी भी किसान की जमीन ना तो छीनी जायेगी और ना ही पूंजीपतियो को हस्तांतरित की जायेगी।

उपरोक्त सभी गलत धारणाओ को हमने आपके सामने उनकी सच्चाई के साथ रखा ताकि हमारे किसान भाई-बहन इस किसान बिल 2021 को बेहतर ढंग से समझ सकें और इसका लाभ प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष

किसान बिल 2021 को समर्पित अपने इस लेख में, हमने आपके सामने किसान बिल 2021 अर्थात् कृषि विधेयक 2021 की पूरी जानकारी प्रदान की ताकि हमारे सभी किसान भाई-बहन इस बिल की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें और बिल के संबंध मे, फैलाई जा रही सभी गलत अफवाहों व धारणाओ से अपना बचाव करते हुए इस किसान बिल का पूरा लाभ प्राप्त कर सकें, यही हमारे इस लेख का मूल लक्ष्य हैं।

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