ITI क्या है? ITI के करियर विकल्प?

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दोस्तों, यदि आप ITI के छात्र है या ITI कोर्स करने की सोच रहें है तो आज का ये लेख आपके लिए ही है। आज के लेख में हम आपके लिए ITI कोर्स से जुड़ी हर जरुरी जानकारी लेकर आये हैं, जो आपके लिए काफी मददगार होने वाली है। तो चलिये दोस्तों शुरू से शुरू करते हैं।

इस लेख में आपके लिए है

  • ITI क्या है?
  • ITI कोर्सेज की योग्यता तथा फीस
  • ITI कोर्सेज की समयावधि तथा प्रवेश प्रक्रिया
  • After ITI आपके पास क्या विकल्प है?
  • उच्च शिक्षा में विकल्प
  • अप्रेंटिस या अप्रेंटिसशिप करने का विकल्प
  • ITI कॉलेजेस में प्रशिक्षक बनने का विकल्प
  • जॉब करने के विकल्प.
  • खुद का व्यवसाय प्रारम्भ कर ‘आत्मनिर्भर’ बनने का विकल्प

ITI क्या है?

• ITI एक औद्योगिक प्रशिक्षण डिप्लोमा कोर्स है, जिसमे स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री में काम करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। ITI का पूरा नाम Industrial Training Institute है। ITI कोर्सेज की सबसे बड़ी ख़ासियत होती है, यहाँ पर इंडस्ट्रीज से सम्बंधित प्रैक्टिकल ज्ञान ज्यादा दिया जाता है। ITI के संस्थान मुख्यतः तो इकाइयों के द्वारा संचालित किये जाते है , NCVT और SCVT.

• NCVT का पूरा नाम नेशनल कौंसिल ऑफ़ वोकेशनल ट्रेनिंग है, इसकी स्थापना 1956 में की गयी थी। NCVT रोगजार एवं श्रम मंत्रालय के अंतगर्त कार्य करता है , यह देश भर में ITI संस्थानों का संचालन तथा उसमे कोर्सेज का संचालन करती है .

• SCVT का पूरा नाम स्टेट कोंसिल ऑफ़ वोकेशनल ट्रेनिंग है , यह राज्यों में ITI संस्थानों तथा पाठ्यक्रम कोर्सेस का संचालन करती है। SCVT, NCVT का ही अंग है किसी राज्य में NCVT के कोर्सेज का संचालन तथा उसमे आवश्यक बदलाव करके नए पाठ्यक्रमों का प्रचालन भी इसके द्वारा किया जाता है।

• यहाँ मैं आप लोगो को एक बात स्पष्ट रूप से बता देना चाहता हूँ, यदि आप एक NCVT से मान्यता प्राप्त संस्थान से ITI डिप्लोमा प्राप्त करते हैं, तो आप देश में कहीं भी सरकारी या प्राइवेट जॉब के लिए योग्य हैं , किन्तु यदि आप SCVT से मान्यता प्राप्त संस्थान से ITI डिप्लोमा प्राप्त करते हैं तो आप सम्बंधित राज्य में ही सरकारी या प्राइवेट जॉब के लिए योग्य रहते हैं।

• SCVT संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त छात्रों को NCVT द्वारा संचालित एक NCVT टेस्ट को पास करना होता है , जिससे इन्हे NCVT के द्वारा एक सर्टिफिकेट मिल जाता है। सर्टिफिकेट के आधार पर ये देश में कहीं भी जॉब के लिए योग्य हो जाते हैं।

ITI कोर्सेज की योग्यता तथा फीस

ITI कोर्सेज के लिए योग्यता 8-12th क्लास होती है। अलग -अलग कोर्सेज के हिसाब से उसकी योग्यता बदलती रहती है। ITI में टेक्निकल( फिटर, मकैनिक, ऑपरेटर ) तथा नॉन-टेक्निकल(फूड प्रोडक्शन, कमर्शियल आर्ट, सिलाई-कढ़ायी) दोनों प्रकार के कोर्स पढ़ाये जाते हैं। आज भी देश में 90% ITI संस्थान Govt. द्वारा चलाये जाते हैं, जिस वजह से ITI कोर्सेज की फीस बहुत ही कम या न के बराबर होती है।

ITI कोर्सेज का अंतराल तथा प्रवेश प्रक्रिया

ITI डिप्लोमा कोर्सेज 1 -3 साल के लिए बनाये जाते हैं। NCVT संस्थानों में कोर्सेस को 6 महीने के सेमेस्टर में बांटा गया है तथा SCVT संस्थानों में कोर्सेज साल के अनुसार चलाये जाते है।

ITI कोर्सेज की प्रवेश प्रक्रिया मेरिट या प्रवेश परीक्षा दोनों के द्वारा संचालित होती है, यदि आप किसी SCVT संस्थान में प्रवेश चाहते हैं तो आपको मेरिट प्रक्रिया से गुजरना होगा। मेरिट प्रक्रिया में छात्रों के 8वी या 10वी या 12वी के अंको के आधार पर एक मेरिट तैयार की जाती है और इसी के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

यदि आप किसी NCVT संस्थान में प्रवेश चाहते हैं तो आपको NCVT के द्वारा संचालित प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा और उसमे उत्तीर्ण होना पड़ेगा। प्रवेश परीक्षा के आधार पर आपको संस्थान में प्रवेश मिलेगा।

After ITI आपके पास क्या विकल्प है?

दोस्तों किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उसके बारे में हर जरुरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। ITI कोर्स के बारे में हम जानकारी आपको दे चुके हैं , अब बारी है After ITI क्या करे? कैसे करे ? या क्या -क्या किया जा सकता है? इस सभी प्रश्नो के उत्तर जानने की , तो चलिये शुरू करते हैं।

उच्च शिक्षा में विकल्प

किसी टेक्निकल कोर्स से ITI करने के पश्चात आपके पास पॉलिटेक्निक से 3 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स करने का अवसर रहता है। पॉलिटेक्निक कॉलेजेस में लेटरल एंट्री के द्वारा ITI डिप्लोमा प्राप्त छात्रों को सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश मिल जाता है। पॉलिटेक्निक करने के पश्चात भी यदि आप आगे की पढ़ायी जारी रखना चाहते हैं, तो आप लेटरल एंट्री प्रोग्राम के द्वारा B.Tech/B.E के द्वितीय वर्ष में एडमिशन ले सकते हो। इससे आगे की पढ़ायी भी सम्बंधित विषय में पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल करके की जा सकती है।

अप्रेंटिस या अप्रेंटिसशिप करने का विकल्प

यदि आप एक ITI डिप्लोमाधारी हैं तो आपके लिए अप्रेंटिस या अप्रेंटिसशिप को जानना तथा इसे पूर्ण करना बहुत आवश्यक है। अप्रेंटिस या अप्रेंटिसशिप ही वही दरवाजा है जो आपके लिए After ITI जॉब के सभी दरवाजे खोलता है। अप्रेंटिस का मतलब है “प्रशिक्षु”, अप्रेंटिस एक साल की होती है, अप्रेंटिस में आपको कुशल औद्योगिक प्रशिक्षण के सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक पहलुओं को सिखाया जाता है।

भारत सरकार ने 1961 में ‘अप्रेंटिस एक्ट 1961’ के तहत विभिन्न सरकारी तथा प्राइवेट औद्योगिक संस्थानों में अप्रेंटिस से सम्बंधित दिशा-निर्देशों को लागू किया है। भारत सरकार की नेशनल अप्रेंटिस ट्रेनिंग स्कीम या राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्राक्षिण योजना या www.apprenticeship. gov.in आदि के द्वारा अप्रेंटिस सम्बंधित सारी जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं।

1 वर्ष की इंडस्ट्रियल ट्रैंनिंग के बाद आपको एक परीक्षा पास करनी होती है, इसी परीक्षा के परिणाम के आधार NCVT द्वारा आपको Apprenticeship Trade certificate or ATC प्रदान किया जाता है। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर आप सरकारी या प्राइवेट जॉब के लिए कहीं भी अप्लाई कर सकते हो।

अप्रेंटिसशिप का सबसे बड़ा फायदा होता है , जब आप किसी औद्योगिक संस्थान से अप्रेंटिसशिप करने के पश्चात, उसी संस्थान की वैकेंसी के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको अन्य लोगो की तुलना में वरीयता मिल जाती है ,जैसे आपने भारतीय रेलवे से अप्रेंटिसशिप पूर्ण की है तब आपको मेरिट लिस्ट में 5-10 % का फायदा मिल जायेगा।

ITI कॉलेजेस में प्रशिक्षक बनने का विकल्प

After ITI यदि आप एक शिक्षक के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आप किसी भी सरकारी या प्राइवेट ITI संस्थान में पढ़ाने का कार्य कर सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार द्वारा चलए जा रहे इन दो कोर्सो में से किसी एक को उत्तीर्ण करना होगा, ये कोर्स हैं -शिल्प अनुदेशक प्रशिक्षण योजना (CITS) और CTI (Central training institute for instructors). इन कोर्स की योग्यता ITI डिप्लोमा तथा साथ में 1 वर्ष की अप्रेंटिसशिप होती है, इस कोर्स के लिए आयु-सीमा 18 -40 वर्ष है।

जॉब करने के विकल्प

After ITI आपके पास सरकारी तथा प्राइवेट दोनों सेक्टर्स में जॉब के बहुत अवसर रहते है। ये आपकी रूचि एवं आपके द्वारा की गयी अप्रेंटिसशिप के आधार पर तय किया जा सकता है, कि आप किस क्षेत्र को जॉब करियर के रूप में चुन सकते हैं। यदि आप किसी सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थान से अप्रेंटिसशिप किये हुए हो तब आपके लिए सरकारी क्षेत्र में जॉब के अवसर बढ़ जाते हैं , क्योकि किसी भी जॉब वैकेंसी के लिए सरकारी संस्थान अपने अप्रेंटिसशिप ट्रेनी को वरीयता देते हैं। यदि अपने प्राइवेट संस्थान से अप्रेंटिसशिप पूर्ण की है तो आपके पास प्राइवेट क्षेत्र में छा जाने के बहुत अवसर है। चलिए जानते हैं After ITI कहाँ कहाँ आप जॉब पा सकते हैं।

सरकारी और पब्लिक सेक्टर में जॉब विकल्प

After ITI वालो के लिए केंद्र तथा राज्यों के सरकारी विभागों में जॉब वैकेंसी रहती है, केंद्रीय जल विभाग, CPWD, इसरो, DRDO, भारतीय रेलवे , इंडियन आर्मी, इनलैंड वाटरवेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया, NRHM नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एन.आर.एच.एम.), रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकॉनोमिक सर्विस (राइट्स) लिमिटेड, DRDO, भाभा परमाणु अनुसन्धान केंद्र जैसे अनेक ऐसे संस्थान जहां पर After ITI वालो के लिए जॉब के अवसर रहते हैं। नव रत्न तथा महारत्न , मिनी रत्न उपक्रम जैसे- SAIL , GAIL, BHEL, मेट्रो कारपोरेशन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जैसी बहुत से संस्थान समय -समय पर after ITI के लिए पोस्ट निकालते रहते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार से सम्बंधित विद्युत् बोर्ड , जल बोर्ड , परिवहन निगम आदि में भी After ITI प्रचुर जॉब अवसर रहते हैं।

प्राइवेट क्षेत्र में जॉब विकल्प

प्राइवेट क्षेत्र में After ITI बहुत से अवसर रहते हैं । निर्माण, कृषि, कपड़ा, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल , विनिर्माण , ट्रांसपोर्टेशन , इलेक्ट्रिसिटी जैसे अनेक क्षेत्रों में जॉब के विपुल अवसर मौजूद हैं। आजकल प्राइवेट कंपनियां स्थानीय ITI संस्थानों के साथ करार कर रही हैं , करार के तहत हर वर्ष ये कंपनियां संस्थान से निश्चित मात्रा में छात्रों को अप्रेंटिस के लिए चयनित करके ले जाती हैं।

खुद का व्यवसाय प्रारम्भ कर ‘आत्मनिर्भर’ बनने का विकल्प

आजकल After ITI खुद का व्यवसाय स्टार्ट करने के भी अवसर बढ़ गए हैं। ITI कोर्स में विषय की गहन प्रैक्टिकल ज्ञान और अप्रेंटिस में मिला व्यावहारिक ज्ञान , ये दोनों मिलकर आपको इतना व्यवसायिक ज्ञान तो प्रदान कर देते है कि जिससे आप अपना छोटा स्टार्टअप प्रारम्भ कर सकते हैं। यदि आपने मोबाइल रिपेरिंग में ITI का कोर्स किया है तो आप अपना व्यवसाय स्टार्ट कर सकते हैं। इसी प्रकार से आप मोटर मकैनिक, इलेक्ट्रिशन, डाटा एंट्री ऑपरेटर , सिलाई -कढ़ाई , ब्यूटी पार्लर आदि प्रतिष्ठान खोलकर , खुद को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

चलते चलते

दोस्तों, ITI देश की ‘श्रम शक्ति की रीढ़ है’। देश के सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्रों में ITI डिप्लोमा होल्डर्स की भारी मांग रहती है, ये बात तो हम बता ही चुके हैं , इसके अतिरिक्त विदेशो में After ITI जॉब के बहुत अवसर रहते हैं , खाड़ी देशो में गैस , पेट्रोलियम , शिपयार्ड आदि क्षेत्रों में इनकी भारी मांग रहती है। दोस्तों आज के इस लेख में हम यह आशा करते हैं कि, हम आपसेो ITI से सम्बंधित हर जरुरी जानकारी साझा कर पाये हैं, धन्यवाद।

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