इंटरनेशनल बिजनेस में अपना करियर कैसे बना सकते हैं?

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International Business career

ग्लोबलाइजेशन यानी कि भूमंडलीकरण की वजह से अब दुनिया के कोई भी देश एक-दूसरे से दूर नहीं रह गए हैं। एक देश की अर्थव्यवस्था से अब दूसरे देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। कई देशों का आपस में एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंध बना होता है। यही वजह है कि इंटरनेशनल बिजनेस के क्षेत्र में भी आज करियर की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। Career guidance के वक्त भी विशेषज्ञ career in International Business को लेकर सलाह जरूर देते हैं। इस लेख में हम आपको इंटरनेशनल बिजनेस करियर के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।

इस लेख में आपके लिए है:

  • International Business career के लिए योग्यता
  • इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में उपलब्ध स्पेशलाइजेशंस
  • इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स कराने वाले संस्थान
  • सैलरी पैकेज एक नजर में

इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स को समझें

इससे पहले कि आप career in International Business की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाएं, आपको यह समझ होनी जरूरी है कि आखिर इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स होता क्या है। दरअसल आज का जो व्यापारिक परिवेश है, उसमें अलग-अलग देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे पर निर्भर हैं और एक-दूसरे से संबंधित भी। इसकी भी जानकारी इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में उपलब्ध कराई जाती है।

  • इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स करने के बाद एक इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजर के रूप में आपकी भूमिका विविधताओं से भरी होती है। न केवल आप ठीक तरीके से बिजनेस को चलाने के लिए योजनाएं बनाते हैं, बल्कि इससे जुड़े कई तरह के क्रियाकलापों का भी आप प्रबंधन करते हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित मुद्दों की आपको पहचान करनी होती है और समस्याओं का समाधान भी निकालना आपकी जिम्मेदारियों में से एक होता है।
  • एक इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजर के रूप में आपको अपने क्लाइंट्स को व्यापार से जुड़ी शर्ते समझानी होती हैं और कामकाज को इतना आसान बना देना होता है कि विदेशों में मौजूद बिजनेस क्लाइंट्स हमारे देश में निवेश करने के लिए तैयार हो जाएं।

International Business career के लिए योग्यता

इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में यदि आप एडमिशन लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको ना केवल इससे संबंधित शैक्षणिक योग्यताओं की जानकारी होनी चाहिए बल्कि आपको यह भी पता होना चाहिए कि किस तरह की प्रवेश परीक्षाओं में आपको शामिल होना है तो आइए जानते हैं इसके बारे में:-

  • इंटरनेशनल बिजनेस में डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध होते हैं, जिसे आप दसवीं और बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद कर सकते हैं।
  • इंटरनेशनल बिजनेस में यदि आप स्नातक कोर्स करना चाह रहे हैं तो इसके लिए आपका 10+2 उत्तीर्ण होना जरूरी है। यही नहीं, आपके कुल अंक भी कम-से-कम 50 प्रतिशत होने चाहिए। स्नातक कोर्स सामान्य तौर पर इंटरनेशनल बिजनेस में बीबीए या फिर इंटरनेशनल बिजनेस में बीबीएम के नाम से लोकप्रिय है। इसकी अवधि 3 साल की होती है।
  • इंटरनेशनल बिजनेस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम यदि आप पढ़ना चाहते हैं तो किसी भी विषय में आपके पास न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज की ग्रेजुएशन की डिग्री होनी जरूरी है। स्नातकोत्तर कोर्स को हम मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के नाम से जानते हैं। यह मास्टर ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस के नाम से भी मशहूर है। यह पाठ्यक्रम 2 साल का होता है।
  • डॉक्टोरल डिग्री यदि आप इंटरनेशनल बिजनेस में हासिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से स्नातकोत्तर की डिग्री होनी जरूरी है। इसके बाद आप ऐसे विश्वविद्यालय या कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं, जो इंटरनेशनल बिजनेस में पीएचडी कोर्स ऑफर करते हैं। इस कोर्स की अवधि लगभग 3 से 4 साल की होती है विश्वविद्यालयों के दिशा-निर्देशों पर यह अवधि काफी हद तक निर्भर करती है।

इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स में उपलब्ध स्पेशलाइजेशंस

International Business career के रूप में अपनाते वक्त आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आपका स्पेशलाइजेशन आपकी रूचि के मुताबिक ही हो। व्यापारिक माहौल हमेशा प्रतिस्पर्धा से भरा होता है। ऐसे में आपको अंतरराष्ट्रीय बाजार में विज्ञापन से लेकर ब्रांडिंग तक की ठीक-ठाक जानकारी होनी जरूरी है। इन सभी से संबंधित स्पेशलाइजेशंस मौजूद हैं, जो निम्नवत हैं:-

  • पहला है इंटरनेशनल मार्केटिंग। यदि आप इस स्पेशलाइजेशन का चुनाव करते हैं, तो आपको मार्केटिंग सिंद्धांतों को समझने में आसानी होती है। बहुत से ऐसे संगठन हैं, जिनकी विदेशी व्यापारियों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है, मगर इसके बावजूद वे कई देशों के साथ अपना व्यापार आसानी से कर लेते हैं। यह सब इन्हीं मार्केटिंग प्रिंसिपल्स की देन होती है। इसमें आप अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ब्रांडिंग और विज्ञापन के महत्व को भी समझ पाते हैं।
  • दूसरा है फाइनेंसिंग ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड। अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े सभी पहलुओं और सिद्धांतों के बारे में आप इसमें पढ़ते हैं। साथ ही आपको यह भी जानकारी दी जाती है कि वित्त और वित्त के स्रोतों का प्रबंधन आपको किस तरीके से करना चाहिए।
  • तीसरा है इंटरनेशनल सप्लाई चैन मैनेजमेंट। इसमें इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चैन मैनेजमेंट अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपनियों के लिए क्यों जरूरी होता है, इसके बारे में आपको पढ़ने के लिए मिलता है।
  • चौथा है फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स और रिस्क मैनेजमेंट। अंतरराष्ट्रीय बाजार जोखिमों भी भरा रहता है। ऐसे में यह स्पेशलाइजेशन आपको डेरिवेटिव्स का गहन अध्ययन करवाता है। इससे आप किसी भी तरह के जोखिम को मैनेज करने में सक्षम बन जाते हैं।
  • पांचवां है फॉरेन लैंग्वेजेस फॉर बिजनेस। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब आप व्यापार करने के लिए उतरते हैं, तो भाषा आप का रास्ता रोक सकती है। यही कारण है कि अधिकतर विश्वविद्यालयों और संस्थानों में इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई के दौरान स्पेनिश, फ्रेंच, मैंडरिन और जर्मन जैसी भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, ताकि आप अपनी पसंद के अनुसार किसी भाषा में पारंगत हो सकें।

इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स कराने वाले संस्थान

इंटरनेशनल बिजनेस में करियर बनाने के लिए अपने देश के कई शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से हर साल इन संस्थानों के लिए एनआईआरएफ रैंकिंग भी जारी की जाती है। ये संस्थान निम्नवत हैं:-

  • भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु
  • प्रबंधन विकास संस्थान, गुड़गांव
  • जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर
  • भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोझीकोड
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे
  • भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद
  • भारतीय विदेशी व्यापार संस्थान, दिल्ली
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर
  • भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता
  • भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ

इंटरनेशनल बिजनेस कोर्स के बाद उपलब्ध पद

  • इंटरनेशनल फाइनेंस मैनेजर
  • इंटरनेशनल बिजनेस कंसलटेंट
  • इंटरनेशनल बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर
  • इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स मैनेजर
  • इंटरनेशनल ब्रांड मैनेजर
  • ग्लोबल बिजनेस मैनेजर
  • एक्सपोर्ट मैनेजर्स एंड एग्जीक्यूटिव

सैलरी पैकेज एक नजर में

अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों को सभी देशों द्वारा बढ़ावा दिए जाने की वजह से आज इंटरनेशनल बिजनेस के क्षेत्र में करियर बनाने वालों को अच्छी सैलरी मिल रही है।

  • जो फ्रेशर्स हैं, यानी कि जिनके पास एक साल से भी कम का अनुभव है, वे सालाना 2 से 3 लाख रुपये कमा रहे हैं।
  • जिनके पास एक से 4 साल का अनुभव है, उनकी सालाना कमाई 3 से 6 लाख रुपये की हो जाती है।
  • वहीं, 5 से 9 साल तक का अनुभव रखने वालों की सालाना 7 से 13 लाख रुपये और 10 से 20 साल का अनुभव रखने वालों की सालाना 15 लाख रुपये से भी अधिक की कमाई हो जा रही है।

चलते-चलते

वर्तमान परिदृश्य में career in International Business वाकई में मुनाफे का सौदा साबित होने वाला है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध प्रगाढ़ होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग भी खूब बढ़ी है। इसलिए इस क्षेत्र है, तो यह कदम बढ़ाने का सही वक्त है।

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