बदलते दौर के साथ- साथ कंप्यूटर आज हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। घर, दुकान,स्कूल, ऑफिस हर जगह कंप्यूटर ने अपनी खास जगह बना ली है। कंप्यूटर एक ऐसा डिवाइस है जो सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दो चीजों से चलता है। बदलते वक्त के साथ कंप्यूटर के कॉन्फीग्रेशन में भी काफी बदलाव आया है। कंप्यूटर के अविष्कार को लेकर भी लोगों में आज तक एक राय नहीं बन पाई है। समय- समय पर कई लोगों ने इसमें कई तरह के बदलाव किए हैं। लेकिन कंप्यूटर के अविष्कारक की बात की जाए तो चार्ल्स बैबेज का नाम ही लोगों के जुबान पर आता है। चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कंप्यूटर का जनक यानी कि फादर ऑफ कंप्यूटर कहा जाता है।
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कौन थे चार्ल्स बैबेज और कैसा था उनके द्वारा निर्मित पहला कंप्यूटर
चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 नवंबर साल 1791 में लंदन के एक बैंकर परिवार में हुआ था। बैबेज बचपन से ही काफी प्रतिभावान थे। कंप्यूटर के इतिहास में 19वीं शताब्दी को स्वर्णिम युग माना जाता है, क्योंकि 1822 में ही अंग्रेज गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने डिफ्रैंशियल इंजन नाम से एक मशीन बनाई। यह मशीन गणना करने के मामले में अपने समय की सबसे तेज मशीन थी। इसे दुनिया का पहला कम्प्यूटर कहा जाता है। देखा जाए तो इसे पहला मेकेनिकल कंप्यूटर भी कहा जा सकता है। 1833 में चार्ल्स बैबेज ने इस इंजन का विकसित रूप एनालिटिक इंजन (Analytical Engine) तैयार किया जो बहुत ही शक्तिशाली मशीन थी। बैवेज का एनालिटिकल इंजन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना।
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चार्ल्स बबेज द्वारा बनाई गई मशीन में कई व्हील्स (चक्के और गियर) लगे हुए थे, जिनकी मदद से कम्प्यूटर में नंबर डाले जाते थे। यह मशीन 0 से 9 तक के नंबरों पर काम करती थी। इस इस मशीन का प्रयोग 1832 से 1900 तक किया गया। यह भाप से चलती थी।
कंप्यूटर के अविष्कार को लेकर अब तक लोगों में एक राय नहीं बन पाई है। यही वजह है कि कंप्यूटर के विकास के इतिहास को तकरीबन पांच पीढ़ियों से जोड़ कर देखा जाता है। तो आइए जरा विस्तार से जानते हैं कंप्यूटर के विकास के विभिन्न चरणों के बारे में।
- पहली पीढ़ी (वैक्यूम ट्यूब्स)
1940 से लेकर 1956 के बीच कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया। बड़े होने की वजह से ये ज्यादा जगह लेते थे और इससे गर्मी भी काफी ज्यादा होती थी। ये वो दौर था जब कंप्यूटर ने असली आकार लेना शुरू किया। इस तकनीक से बनाए गए पहले दो कम्प्यूटर का नाम UNIVAC और ENIAC थे।
- दूसरी पीढ़ी (ट्रांजिस्टर)
1956 से 1963 तक कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाने लगा। यह डिवाइस काफी सस्ते थे और इनके रखरखाव में भी खर्च काफी कम आता था।
- तीसरी पीढ़ी (इंटीग्रेटेड सर्किट)
1964 से 1971 तक के इस दौर में कंप्यूटर में स्क्रीन और की बोर्ड का इस्तेमाल शुरू हो गया। इस दशक में सिलिकॉन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट का निर्माण होने से इसे कंप्यूटर में इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक की वजह से कंप्यूटर का आकार भी छोटा हुआ और कार्यक्षमता भी बढ़ गई।
- चौथी पीढ़ी (माइक्रोप्रोसेसर)
1971 से 1985 तक के दौर में माइक्रोप्रोसेसर का दौर रहा। 1971 में ही पहली इंटेल चिप बनी थी। 1981 में IBM और 1984 APPLE ने अपने पहले कम्प्यूटर पेश किए थे। 1973 में डगलस एंगलबर्ट ने पहला कम्प्यूटर माउस बनाया था।
- पांचवी पीढ़ी (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस)
1985 से लेकर अब तक के दौर को पांचवी पीढ़ी में ही रखा जाता है। इस युग में कंप्यूटर का इस्तेमाल हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर होने लगा। इस दौर के बाद ही वॉयस रिकॉग्निशन और आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस जैसे फीचर्स कम्प्यूटर में आए।












































