Women in Indian Paramilitary – माथे पर बिंदी, हाथों में बंदूक

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Women in Indian Paramilitary


महिलाओं को देश में आधी आबादी कहा जाता है। ऐसे में यह भी बहुत जरूरी है कि उन्हें हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने का समान अवसर प्राप्त हो। इसी क्रम में वर्ष 2016 में सरकार की ओर से सभी पांच अर्धसैनिक बलों में लड़ाकुओं की भूमिका में महिलाओं की नियुक्ति को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई थी। Women in Indian Paramilitary के सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक माना गया।

Paramilitary Jobs For Females: क्या थी पहले की स्थिति?

Government jobs for women की बात करें तो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी कि CRPF और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी कि CISF में भारतीय लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से सीधी एंट्री अधिकारी के तौर पर महिलाओं की नियुक्ति पहले से ही होती रही थी। इसके बाद सीमा सुरक्षा बल यानी कि BSF और सशस्त्र सीमा बल यानी कि SSB में भी वर्ष 2013 और 2014 में महिलाओं की सीधी भर्ती को मंजूरी दे दी गई। केवल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ही बचा था, जिसमें दुर्गम चीन-भारत सीमा की पहरेदारी करना सबसे महत्वपूर्ण था और जिसकी वजह से महिलाओं की इसमें नियुक्ति की मंजूरी नहीं थी। ऐसे में आखिरकार सरकार की ओर से इसमें भी महिलाओं की भर्ती को मंजूरी दे दी गई। इस तरह से women jobs in Indian Defence Sector के तहत सभी अर्धसैनिक बलों में महिलाओं की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया।

Paramilitary Jobs For Women: CRPF में महिलाएं

सीआरपीएफ में महिला बटालियन की संख्या 5 है। हर आरपीएफ महिला बटालियन में 96 महिला कार्मिक शामिल होती हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती असम, अयोध्या, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में है। जिस तरह से आंदोलन, राजनीति और यहां तक अपराधों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, वैसे में महिला कार्मिकों की नियुक्ति आवश्यक थी। वर्ष 1986 में केरिपुबल में पहली बार 88 (महिला) बटालियन को स्थापित किया गया था, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। वर्ष 1995 में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 135 (महिला) बटालियन और वर्ष 2011 में महाराष्ट्र के नागपुर में 213 (महिला) बटालियन की स्थापना कर paramilitary jobs for women को प्रोत्साहन दिया गया। एक और केरिपुबल 232 (महिला) बटालियन की स्थापना वर्ष 2014-15 के दौरान अजमेर में की गई। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के दौरान दो और महिला बटालियन बटालियन की स्थापना हुई, जिससे paramilitary jobs for females के लिए राहें आसाान हो गईं। बीते महीने ही CRPF में असिस्टेंट कमांडेंट के पदों पर भर्ती के लिए पुरुष एवं महिला दोनों ही उम्मीदवारों से आवेदन किये गये थे। आवेदन करने की अंतिम तिथि पूरी हो चुकी है, मगर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी होते रहते हैं, जिन पर आपको नजर रखनी चाहिए। पदों के मुताबिक उम्र सीमा से लेकर शैक्षणिक व शारीरिक योग्यता अलग-अलग होती है।

CISF में महिलाएं

CISF, जिसे कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के नाम से जानते हैं और जिसकी तैनाती औद्योगिक ठिकानों से लेकर एयरपोर्ट व अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा के लिए भी की जाती है, इसमें भी महिलाओं की नियुक्ति कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक पदों पर होती है। इसके लिए सीआईएसएफ की ओर से समय-समय पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी की जाती है। इस साल की शुरुआत में भी 429 हेड कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किये गये थे, जिनमें से 328 पद पुरुष तो 37 पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे। सीआईएसएफ में भर्ती के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष और अधिकतम उम्र सीमा 25 वर्ष की होती है। इसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जो चार चरणों में विभाजित होती है। आवेदन कर रहे उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है। लिखित परीक्षा ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित होती है।

BSF में महिलाएं

सीमा सुरक्षा बल यानी कि BSF की स्थापना 1 दिसंबर, 1965 को हुई थी, जिसमें महिलाओं की भी नियुक्ति समय-समय पर होती रहती है। लिखित परीक्षा के साथ शारीरिक और चिकित्सा परीक्षण में सफल होने के बाद नौकरी मिल जाती है। Government jobs for women की बात करें तो ये बताना ज़रूरी है की बीएसएफ में वर्ष 2008 में महिलाओं की नियुक्ति शुरू की गई थी। सबसे पहले वर्ष 2009 में 745 महिला कांस्टेबलों की भर्ती हुई थी और इस वक्त 3 हजार 720 महिला जवान देश की सरहद की रक्षा कर रही हैं। इनमें से कई महिलाएं सब इंस्पेक्टर और डिप्टी कमांडेंट के पदों पर भी सुशोभित हैं। बाड़मेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर और बीकानेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर पुरुष जवानों के साथ महिला जवान भी दिन-रात तैनात रहती हैं।

SSB में महिलाएं

Paramilitary jobs for females की बात करें तो सशस्त्र सीमा बल यानी कि एसएसबी में भी महिलाओं की नियुक्ति समय-समय पर होती रहती है। महिला अफसर तो इसमें तैनात होती ही हैं, साथ ही कॉम्बैट अफसरों यानी कि लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए भी इनकी नियुक्ति होने लगी है। दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों में भी इन्हें भेजा जाता है। इसमें भर्ती की जाने वाली महिलाओं की उम्र अधिकतम 25 साल की ही होनी चाहिए। अर्धसैनिक बलों में नियुक्ति सबसे पहले एसएसबी में ही वर्ष 2007 में शुरू की गई थी।

ITBP में महिलाएं

अगर हम Women jobs in Indian Defence sector की बात करें तो, भारत में महिलाएं रक्षा क्षेत्र का एक हिस्सा हैं, वो सैन्य, वायु, नौसेना में कई पदों पर हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानी कि ITBP में भी आखिरकार महिलाओं की नियुक्ति को मंजूरी दिये जाने के बाद इसमें भी महिलाओं को एंट्री मिलनी शुरू हो गई है। बेहद ठंडे और अत्यंत दुर्गम चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आईटीबीपी की महिलाएं भी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। बिहार की समस्तीपुर की रहने वालीं प्रकृति को वर्ष 2016 में आई वैकेंसी के बाद आईटीबीपी में देश की रक्षा करने वाली पहली महिला अफसर बनने का गौरव मिला था।

निष्कर्ष

इसे पढ़ने के बाद आप समझ गये होंगे कि Women in Indian paramilitary कितनी मायने रखती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि अर्धसैनिक बलों में भी महिलाओं का योगदान पुरुषों से बिल्कुल भी कम नहीं है। यदि आपमें भी देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है, तो आप भी वैकेंसी आने पर इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। बताएं, इन अर्धसैनिक बलों में से आपकी पसंद कौन-सी है?

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