अपने करियर में आसमान की ऊंचाईयों को छूने का सपना तो हर कोई देखता है, लेकिन दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं। जो आसमान की ऊंचाईयों में ही अपना करियर बनाने की चाह रखते हैं। जी हां, अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना करियर बनाना कोई आसान बात नहीं, फिर भी आज कई ऐसे युवा हैं जो स्पेस से जुड़े रहस्यों को जानने में काफी रुचि रखते हैं और इसी में अपना एक बेहतर भविष्य भी देखते हैं। अगर आप भी स्पेस साइंस से पढ़ाई कर आगे बढ़ते हैं, तो आपके सामने इससे जुड़े कई रोजगार के अवसर भी मौजूद होते हैं।
क्या है अंतरिक्ष विज्ञान
अंतरिक्ष विज्ञान को स्पेस साइंस और एस्ट्रोनॉमी भी कहते हैं। ये ब्रह्मांड की खोजबीन से जुड़ा विज्ञान है। इसमें वायुमंडल के बाहर होने वाले गतिविधियों और निर्माण जैसी चीजों से संबंधित प्रक्रियाओं में रिसर्च और अध्ययन किया जाता है। इसमें ग्रह, तारों, पृथ्वी, सौरमंडल आदि इन सभी चीजों के बारे में जानकारी दी जाती है। इस क्षेत्र में दिन-ब-दिन युवाओं की दिलचस्पी बढ़ती ही जा रही है। इसलिए कहा जा रहा है कि आने वाले पांच सालों में इस फील्ड में नौकरियां काफी बढ़ेगी।
अंतरिक्ष विज्ञान में करियर के विकल्प
अंतरिक्ष की तरह ही अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई का भी कोई अंत नहीं है। इसमें भी कई शाखाएं हैं, जिसकी पढ़ाई करते हुए आप खुद को उस फील्ड में ही आगे बढ़ा सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स, गैलैक्टिक साइंस, स्टेलर साइंस, रिमोट सेंसिंग, हाइड्रोलॉजी, कार्टोग्राफी, नॉन अर्थ प्लैनेट्री साइंस, बायॉलॉजी ऑफ अदर प्लेनेट्स, एस्ट्रोनॉटिक्स, स्पेस कोलोनाइजेशन, क्लाइमेटोलॉजी और कॉस्मॉलजी साइंस जैसी और भी कई शाखाएं हैं, जिसमें स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है। स्पेस साइंटिस्ट के इन पदों के अलावे मेट्रोलॉजिकल सर्विस, एनवायरनमेंटल मॉनिटरिंग, एस्ट्रोनॉमिकल डाटा स्टडी आदि के फील्ड से भी जुड़ कर बेहतर करियर बनाया जा सकता है।
यहां मौजूद हैं रोजगार के अवसर
अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई करने के बाद नौकरी के ढेरों विकल्प युवाओं के सामने मौजूद होते हैं। इसके प्रोफेशनल्स को नासा, इसरो, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), नेशनल एयरोनॉटिक्ल लेबोरेटरी(एनएएल) जैसी कई बड़े संस्थानों में विभिन्न पदों पर नौकरी का अवसर मिलता है। इसके अलावे इससे जुड़े शिक्षण संस्थान भी स्पेस साइंटिस्ट को पढ़ाने के लिए हायर करते हैं। स्पेसक्राफ्ट सॉफ्टवेयर डेवलपिंग फर्म, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, स्पेसक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग फर्म, स्पेस टूरिज्म, स्पेस रिसर्च एजेंसी, साइंस म्यूजियम और प्लैनेटेरियम में भी रोजगार के मौके मिलते हैं।
इन पदों के लिए कर सकते हैं आवेदन
स्पेस साइंटिस्ट
क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट
एस्ट्रोनॉमर
जियोलॉजिस्ट
एस्ट्रोफिजिसिस्ट
मैटेरियोलॉजिस्ट
रडार टेक्नीशियन
रोबोटिक टेक्नीशियन
सेटेलिट टेक्नीशियन
योग्यता
आप चाहे तो बारहवीं के बाद से ही स्पेस साइंस की पढ़ाई कर सकते हैं या फिर इससे मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई के लिए गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र से बारहवीं या स्नातक पास होना जरूरी होता है। देशभर में कई यूनिवर्सिटी है जो स्पेस साइंस में ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट कोर्स करवाती है। इसरो में एमएससी, बीएससी, एमई, पीएचडी और डिप्लोमा कर चुके छात्रों को भी एडमिशन मिलता है।
कोर्स
बीटेक इन स्पेस साइंस
बीएससी इन स्पेस साइंस
एमटेक इन स्पेस साइंस
एमएससी इन स्पेस साइंस
एमई इन स्पेस साइंस
पीएचडी इन स्पेस साइंस
प्रमुख शिक्षण संस्थान
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम
बिरला इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस, बेंग्लुरू
एमएससी स्पेस साइंस, पुणे यूनिवर्सिटी
पीजी डिप्लोमा स्पेस साइंस, गुजरात और आंध्र यूनिवर्सिटी
एमएससी कार्टोग्राफी, मद्रास यूनिवर्सिटी
नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर
निष्कर्ष
लेकिन इस फील्ड के लिए काफी साहसी, दृढ़ और वैज्ञानिक प्रवृति का होना आवश्यक है। रोजगार के लिए यह एक ऐसा सेक्टर है, जिसे काफी चुनौतीपूर्ण क्षेत्र के तौर पर देखा जाता है। यह जितना रोचक है, इसमें मेहनत भी उतनी ही है। अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ा हमारा ये लेख आपको कैसा लगा, नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरूर बताएं।
Very good