Point Four Program: जब अमेरिकी सरकार ने जीतना चाहा था विकासशील देशों का दिल

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Point Four Program


तारीख थी 20 जनवरी 1949 यूनाइटेड स्टेट्स के तब के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन (Harry S. Truman) अपने दूसरे भाषण में एक प्रोग्राम की घोषणा की  थी। इस प्रोग्राम के तहत विकाशशील देशों को तकनीकी सहायता पहुँचाने का मिशन सामने रखा गया था। तब इस प्रोग्राम को पॉइंट फोर प्रोग्राम (Point Four Program) का नाम दिया गया था।

राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन (Harry S. Truman)  के भाषण में चौथी फॉरेन पालिसी के तहत इस प्रोग्राम की घोषणा की गई  थी।

इस लेख के मुख्य बिंदु-

  • क्या था पॉइंट फोर प्रोग्राम (Point Four Program)?
  • एक नज़र में इस प्रोग्राम का बैक ग्राउंड
  • राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन (Harry S. Truman)  के भाषण की झलक
  • आखिर कैसे किया गया था Point Four Program को इम्प्लीमेंट
  • एक सवाल ये भी पूछा जाता है कि कौन से देश की सरकार ने यूएस के Point Four Program को सबसे पहले माना था?
  • यूएस का  Point Four Program बाकी प्रोग्राम से अलग क्यों था?
  • सरांश

क्या था पॉइंट फोर प्रोग्राम (Point Four Program)?

Point Four Program विकाशशील देशों में गरीबों की सहायता करने के लिए एक विदेशी सहायता प्रोग्राम था। 1949 में अपने दूसरे उद्घाटन भाषण में, राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन (Harry S. Truman) ने इस “साहसिक नए कार्यक्रम” को शांति और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए एक साहसिक और सम्पूर्ण प्रयास का हिस्सा बताया था।

  • हैरी एस.ट्रूमैन ने अन्य राष्ट्रों को भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए, इस तकनीकी सहायता प्रोग्राम को “शांति और स्वतंत्रता” की उपलब्धि के लिए “विश्वव्यापी प्रयास” बताया था।

एक नज़र में इस प्रोग्राम का बैक ग्राउंड

आपको बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका और  यूएसएसआर के बीच शीत युद्ध के संघर्ष जैसे माहौल बन गये थे। हैरी एस.ट्रूमैन प्रशासन, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका जैसे देशों का दिल और दिमाग जीतना चाहता था। इसलिए उन्होंने विकासशील देशों के “दिल और दिमाग” को जीतने के लिए एक तकनीकी सहायता प्रोग्राम की घोषणा करने का फैसला किया था।

  • इस प्रोग्राम के तहत हैरी एस.ट्रूमैन प्रशासन विकासशील देशों के साथ कई तरह के रोड मैप शेयर करना चाहते थे. एग्रीकल्चर से लेकर बिजनेस तक की फील्ड में काम कैसे किया जाता है? इन सबकी पूरी जानकारी वो इस प्रोग्राम के तहत विकासशील देशों तक पहुंचाना चाहते थे. Point Four Program का मकसद विकासशील देशों की जीवनशैली में बदलाव लाना था।
  • जब  कभी फर्स्ट ग्लोबल यू.एस फॉरेन प्रोग्राम का ज़िक्र होता है तो उसमे एक ही नाम निकलकर सामने आता है. वो है Point Four Program का, इस प्रोग्राम को कार्यान्वित करने वाले हैरी एस.ट्रूमैन ही थे।

राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन (Harry S. Truman)  के भाषण की झलक

20 जनवरी 1949 को राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन ने अपने भाषण में इस प्रोग्राम का जिक्र करते हुए कहा था कि

“हमें विकासशील क्षेत्रों के सुधार और विकास के लिए अपनी वैज्ञानिक प्रगति और औद्योगिक प्रगति के लाभों को उपलब्ध कराने के लिए एक साहसिक नए प्रोग्राम को अपनाना चाहिए। दुनिया के आधे से अधिक लोग दुख की स्थिति में रह रहे हैं। उनका भोजन अपर्याप्त है।

वे बीमारी के शिकार हैं। उनका आर्थिक जीवन आदिम और स्थिर है। उनकी गरीबी एक बाधा और उनके लिए और अधिक समृद्ध क्षेत्रों के लिए खतरा है। इतिहास में पहली बार, मानवता के पास इन लोगों के दुख को दूर करने के लिए ज्ञान और कौशल है।

संयुक्त राज्य अमेरिका अब विकासशील देशों की मदद करने जा रहा है। तकनीकी ज्ञान में हमारे असंभव संसाधन लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए हमने फैसला किया है कि डिजिटल क्रान्ति की मदद से ही दुनिया को जीने का तरीका सिखाया जायेगा ”

आखिर कैसे किया गया था Point Four Program को इम्प्लीमेंट?

आपको अवगत करा दें कि इस प्रोग्राम को लागू करने के लिए 9 फरवरी, 1949 को यूएस के राज्य विभाग के भीतर एक नई समिति की स्थापना की गई थी।

 जिसे सैमुअल हेस की अध्यक्षता में देखा जा रहा था।

 इसी को टेक्निकल असिस्टेंट ग्रुप के रूप में जाना जाता है।

  • इस प्रोग्राम को कांग्रेस ने 5 जून 1950 को विदेशी आर्थिक सहायता अधिनियम के तहत अप्रूवड किया था, जिसे वित्तीय वर्ष 1950/51 के लिए $ 25,000,000 डॉलर का बजट आवंटित किया गया था।
  • इसके साथ ही इस प्रोग्राम को सही ढ़ंग से चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गये थे।
  • फिर आई तारीख 27 अक्टूबर 1950 की, इसी दिन कांग्रेस की मंजूरी के बाद, प्वाइंट फोर प्रोग्राम को चलाने के लिए राज्य के विभाग के भीतर तकनीकी सहयोग प्रशासन (TCA) की स्थापना की गई और OCIAA को नए संगठन में शामिल किया गया।
  • Henry G. Bennett साल 1950 से 1951 तक पहले TCA प्रशासक थे।
  • इस प्रोग्राम को लेकर एक ख़ास बात ये भी थी कि इसे उन्ही देशों के साथ किया गया था जिनकी सरकारों ने कार्यक्रम के तहत सहायता के संबंध में अमेरिकी सरकार के साथ द्विपक्षीय समझौते किए थे।
  • जिन देशों की सरकारों ने अमेरिकी सरकार के द्विपक्षीय समझौता करने से मना कर दिया था, उन्हें इस प्रोग्राम में शामिल नहीं किया गया था।
  • इसी के साथ कई रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि TCA ने उन देशों के भीतर क्मिशन स्थापित किए, जिन्होंने कृषि उत्पादन में सुधार के लिए काम किया और सामान्य रूप से अर्थव्यवस्था में सुधार पर तकनीकी जानकारी यूएस के साथ साझा की थी।
  • इस प्रोग्राम के तहत यूएस पर सभी की जानकारी का गलत उपयोग करने का भी आरोप लग चुका है, हालांकि, अमेरिकी सरकार ने हर बार इस तरह के इल्जामों को गलत बताया है।

एक सवाल ये भी पूछा जाता है कि कौन से देश की सरकार ने यूएस के Point Four Program को सबसे पहले माना था?

  • इसका जवाब है कि 19 अक्टूबर 1950 को ईरान की सरकार ने सबसे पहले यूएस के Point Four Program के लिए सहमती भर दी थी।

यूएस का  Point Four Program बाकी प्रोग्राम से अलग क्यों था?

  • प्वाइंट फोर प्रोग्राम अन्य प्रोग्राम्स से अलग था, क्योंकि यह किसी विशिष्ट क्षेत्र तक ही सीमित नहीं था. इसे पाकिस्तान, इज़राइल और जॉर्डन जैसे देशों तक भी  बढ़ाया गया था।
  • इस प्रोग्राम का उद्देश्य ही ये था कि इसे हर विकासशील देश की अर्थव्यवस्था तक पहुंचना है. इस प्रोग्राम के माध्यम से यूएस को अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करना था. इसलिए वो इसे दुनिया के हर कोने तक पहुंचाना चाहता था।
  • व्यापक स्तर पर टेक्निकल सहायता प्राप्त करने वाले पहले देशों में भारत भी था। साल 1950-1951 तक भारत ने पेनिसिलिन वृक्षारोपण, स्कूलों में वृद्धि और चिकित्सा अनुसंधान सुविधाओं के साथ-साथ बांध निर्माण के कार्यों को भी अंजाम दिया था।

सरांश

प्वाइंट फोर प्रोग्राम विकासशील देशों में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों में सुधार करने के लिए डिज़ाइन की गई पहली अमेरिकी योजना थी। इसने अमेरिकी विकास नीति को दुनियाभर में पहुंचाने का काम किया था। इस प्रोग्राम ने अंतर्राष्ट्रीय विकास नीति के प्रचार को लेकर भी काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

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