भारत ने बैन किये 59 Chinese Apps- क्या आपके फ़ोन में हैं ये ऐप्स?

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India bans chinese apps


भारतीय जनता की मांग और देश के डाटा सुरक्षा की चिंता के मद्देनजर आखिरकार भारत सरकार ने 59 चाइनीज़ एप्लीकेशन पर बैन का फैसला लिया है। अब भारत में किसी भी सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म पर ये चाइनीज ऐप्स नहीं चल पाएंगे। चाइनीज़ ऐप्स पर बहुत पहले से डाटा सुरक्षा को लेकर आरोप लगते रहे हैं। अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंसी तथा अन्य विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों द्वारा भी कई बार चाइनीज़ ऐप्स पर डाटा चोरी का दावा किया गया है। कुछ समय पूर्व कनाडा में एक प्रतिष्ठित चाइनीज़ कंपनी की महिला सीईओ को एयरपोर्ट से पुलिस ने हिरासत में लेकर घंटो पूछताछ की थी। कनाडा सरकार की यह कार्यवाही ,अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंसी की खबर के आधार पर की गयी थी।

अभी कुछ दिन पूर्व ही भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी द्वारा भारत सरकार को 52 चाइनीज़ ऐप्स की जानकारी प्रदान की थी। जो देश की डाटा प्राइवेसी के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। ऐसे ही अनेक सूचनाओं और घटनाओ के बैकग्राउंड में चलते रहने के कारण, भारत सरकार का 59 चाइनीज़ एप्लीकेशन को भारत में बैन करने का फैसला सामने आया है। जिन एप्प्स को प्रतिबंधित किया गया है उनमे प्रमुख हैं, Tiktok , Likee , Helo , Shareit ,UC Browser, Cam Scanner, WeChat आदि। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए द्वारा प्रदत्त अधिकारों के आधार पर सरकार द्वारा चाइनीज़ एप्लीकेशन पर बैन लगाया गया है। भारत सरकार के अनुसार चाइनीज़ एप्लीकेशन की ग्राहकों के डाटा में सेंध और चोरी की घटनाओ में संलिप्तता काफी बढ़ गयी है। सरकार को विभिन्न माध्यमों से समय -समय पर इसकी शिकायत प्राप्त होती रही है साथ ही ये एप्प्स देश की अखंडता , एकता , सम्प्रभुत्ता , सुरक्षा तथा रक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। आइये विचार करते है चाइनीज़ एप्लीकेशन के भारत में बैन होने के कारणों पर।

चाइनीज़ एप्लीकेशन के बैन होने के मुख्य कारण

• Users प्राइवेसी में सेंध के साथ-साथ डाटा हैक करने की कोशिशों के चलते, चाइनीज़ एप्लीकेशन देश की रक्षा , सुरक्षा , शान्ति, अखंडता , सम्प्रभुत्ता तथा सांस्कृतिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आ रहे थे।

• भारत -चाइना के सीमा विवाद के चलते बढ़ते तनाव को देखते हुए। ऐसा निर्णय लेना भारत सरकार के लिए जरुरी हो गया था। क्योकि हम अपने दुश्मन देश को किसी भी प्रकार का ऐसा आर्थिक लाभ नहीं पंहुचा सकते हैं। जो युद्ध में हमारे ही खिलाफ इस्तेमाल हो सकता हैं।

• चीन का नेपाल को बाहरी रूप से सपोर्ट देकर , उसे भारत के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर इस्तेमाल करना। श्रीलंका से नजदीकियां बढ़ाकर भारत को घेरने की कोशिश करना। ये सब बातें भारतीय नागरिको को चाइना के मनसूबे बयां करने के लिए काफी हैं। इस बार जनता की तरफ से भी चाइना एप्प्स की बैन होने की मांग को उठाना भी भारत सरकार के इस फैसले में मददगार साबित हुई है।

• Tiktok के ऊपर लव -जिहाद , एसिड अटैक, बच्चो के सामने अश्लीलता परोसने , आतंकवाद को बढ़ावा देने , भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने जैसे कितने ही आरोप लग चुके थे। किन्तु अपनी बढ़ती लोकप्रियता तथा एक मनोरंजक एप्प्स की पैठ बना लेने के कारण , सरकार सीधे तौर पर टिकटोक पर कोई एक्शन नहीं ले पा रही थी।

• एक जानकारी के मुताबित चाइनीज़ एप्लीकेशन किसी अन्य एप्प्स कि तुलना में 40 % ज्यादा परमिशन हमसे मांगते हैं। ये जरूरत पड़ने पर हमारे माइक्रोफोन तथा कमरे का उपयोग बिना हमारी परमिशन के कर सकते हैं। हमारी निजी सुरक्षा की दृष्टि से सरकार का बैन करने का फैसला हमारे लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

• चाइना ने अनेक प्रकार के सामाजिक एप्प्स , चैटिंग एप्प्स ,मनोरंजक एप्प्स ,ब्राउज़िंग एप्प्स ,गेमिंग एप्प्स, शॉपिंग एप्प्स आदि बनाकर भारतीय ग्राहकों के निजी जीवन का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। शायद सरकार का यह फैसला हमें चाइना के मोह-पाश से बाहर निकालने में मददगार साबित होगा। भारतीय खुद से चाइनीज़ एप्लीकेशन के विकल्प बनाने में सफल रहेंगे।

• Tiktok हमारे स्मार्ट फ़ोन्स की क्लिपबोर्ड को एक्सेस करता है। यह बात ISO 14 के bita version के आने के बाद से सार्वजनिक हुई है। हालाँकि टेक्निकल स्तर पर Tiktok से इस बात की शिकायत पहले की गयी थी, लेकिन Tiktok ने इसे रिमूव नहीं किया था। ऐसे ही न जाने कितने सिक्योरिटी पॉइंट्स होंगे जो अब तक सामने नहीं आये थे।

• एक जानकारी के अनुसार,चाइना में सरकार की यह पॉलिसी है यदि कोई कंपनी अपना सर्वर चाइना में स्थापित करती है, तो वह कंपनी सर्वर से जुडी जानकारी सरकार को देने के लिए बाध्य है। इन सभी चाइनीज़ एप्लीकेशन के सर्वर चाइना में ही है , जिस वजह से सरकार का बैन का फैसला सही है।

भारत में चाइनीज़ एप्लीकेशन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

• डाटा प्राइवेसी में सबसे ज्यादा संवेदनशील रहा Tiktok , Tiktok के दुनिया भर में लगभग 2 अरब से सबसे ज्यादा यूजर है।

• Tiktok की यूजर लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर है भारत , दूसरे नंबर पर है चीन। भारत में लगभग Tiktok के 60 करोड़ यूजर हैं। भारत में चीन से भी ज्यादा Tiktok यूजर होना, इस जानकारी को रोचक बना देता है।

• Tiktok को बैन करने की मांग पहले भी उठाई जा चुकी हैं। तब Tiktok में घृणा फ़ैलाने एवं बढ़ाने वाले वीडियो को पोस्ट करने का मामला सामने आया था। देश की कई नामचीन हस्तियां Tiktok बैन की मांग उठा चुकी हैं।

• Tiktok पर इससे पहले अमेरिकन ख़ुफ़िया एजेंसी ने Users का निजी डाटा चोरी करने का आरोप लगाया था। Tiktok ने इसे टेक्निकल खामी का हवाले देते हुए , जल्द ठीक करने की बात कह कर टाल दिया था।

• Tiktok ने भारत में ऐसे अनेक प्रतिभावान लोगो को एक प्लेटफॉर्म दिया था। जिससे वे लोग अपनी प्रतिभा को लोगो के सामने रख पाए थे। जैसे – निशा गुरगैन , अरिष्फा खान , ज़न्नत ज़ुबैर आदि।

• Tiktok के माध्यम से अनेक लोग इंग्लिश सिखाने , फिटनेस टिप्स , मोटिवेशन सेमिनार , न्यूज़ , जर्नल नॉलेज जैसे अनेको छोटे-छोटे काम कर रहे थे। यही वजह थी , कि भारत कि बड़ी-बड़ी हस्तियों ने TikTok में आना स्टार्ट कर दिया था।

• भारत में TikTok कि लोकप्रियता इस कदर छायी हुवी थी। एक समय भारत सरकार का अकाउंट भी इसमें “mygovindia” के नाम से था। उसमे नौ लाख से ज्यादा follower तथा 65 लाख से ज्यादा लोगो ने से पसंद किया था।

• भारत में यूजर बेस के मामले में दूसरे नंबर पर है Wechat और shareit , इसके भारत में लगभग 40 करोड़ यूजर हैं। 13 करोड़ यूजर के साथ UC Browser तीसरे स्थान पर है। 10 -10 करोड़ यूजर के साथ helo तथा Cam scanner चौथे स्थान पर हैं।

चलते चलते

चाइना के एप्प्स का नशा अफीम के समान है, एक बार इसके पाश में फंस गए तो निकलना मुश्किल होता है। हमें देश हित में इस नशे को छोड़ना होगा। देशहित सर्वोपरि है , हमे उन साथियों को ध्यान में रखना होगा। जो बिना थके दिन-रात हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए , चीनी सेना से टक्कर ले रहे हैं। चलते-चलते यही कहना चाहूंगा, परिस्तिथियाँ ही नायको का निर्माण करती हैं। इस जंग में हम-तुम , हम सब नायक है, हमारे अंदर देशहित में त्याग करने की भावना प्रबल होनी चाहिए।

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