Indian Students के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में करियर

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1998
Hospital Administration Careers

कहते हैं कि सेहत है तो सब कुछ है। शरीर का स्वस्थ होना ही सबसे ज्यादा मायने रखता है। यहां तक कि स्वास्थ्य को ही जीवन का सबसे बड़ा धन कहा जाता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भले ही भारत की तरक्की धीमी रही हो, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में तेजी से प्रगति देखने के लिए मिली है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले वक्त में भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार की कोई कमी नहीं रहने वाली है। जिस तरह से दुनिया के बाकी हिस्सों में स्वास्थ्य क्षेत्र में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पारंगत और पेशेवर लोगों की मांग बढ़ रही है, उसी तरीके से भारत में भी इस क्षेत्र में ऐसे लोगों की मांग में इजाफा देखने के लिए मिल रहा है। ऐसे में Career in Hospital Administration के बारे में यदि आप सोचते हैं तो यह आपके लिए बड़ा ही फायदेमंद साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।

इस लेख में आप पढ़ेंगे:

  • हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए का कोर्स
  • भारत में Hospital Administration Career
  • हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई के लिए प्रमुख संस्थान

हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए का कोर्स

यदि आपको ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में और हॉस्पिटल से जुड़े कामकाज में आपकी रुचि है, तो हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन करियर चुनने के लिए आपको हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए की डिग्री प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने के बाद इस क्षेत्र में आपको अपने सपनों की नौकरी मिल सकती है।

  • मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी कि एमबीए एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम होता है। इसमें मैनेजमेंट के पढ़ाई के इच्छुक नए स्टूडेंट्स भी दाखिला ले सकते हैं और मेडिकल लाइन से जुड़कर जो लोग काम कर रहे हैं, वे भी इसका हिस्सा बन सकते हैं।
  • हमारे देश में बहुत से अस्पतालों का संचालन हो रहा है, जिनमें एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेवारी संभालने के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में यदि आप एमबीए की डिग्री हासिल कर लेते हैं, तो इससे हेल्थकेयर इंडस्ट्री से जुड़ी हर तरह की गतिविधि के संचालन के आप योग्य बन जाते हैं। वह इसलिए कि पढ़ाई के दौरान आप न केवल केस स्टडी करते हैं, बल्कि इस दौरान करने वाले ग्रुप असाइनमेंट्स से आप काम करने के सही तौर-तरीके सीखते चले जाते हैं।
  • यदि आप फुल टाइम कोर्स करते हैं, तो यह 2 साल में पूरा हो जाता है, लेकिन ऐसे स्टूडेंट्स जो पार्ट टाइम कोर्स में दाखिला लेते हैं, वे 3 साल में भी इसे पूरा कर सकते हैं। दरअसल, इस तरह के कोर्स में वैसे ही स्टूडेंट्स दाखिला लेते हैं, जो पहले से कहीं काम कर रहे हैं।
  • जब आप हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए की डिग्री हासिल कर लेते हैं, तो आपको एथिकल इश्यूज के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हो जाती है। साथ में आप अर्थव्यवस्था और योजनाओं को भी अच्छी तरह से समझ पाते हैं। निर्णय लेने के बारे में आपकी समझ इससे और विकसित होती है, क्योंकि आपकी जानकारी पहले से कहीं ज्यादा पुख्ता हो चुकी होती है।
  • हॉस्पिटल मैनेजमेंट में एमबीए कर लेने के बाद आप मार्केटिंग के बारे में ठीक तरीके से समझ जाते हैं। इसके अलावा अकाउंटिंग और बजटिंग की भी पूरी प्रक्रिया से आप अवगत हो जाते हैं। हॉस्पिटल ऑर्गनाइजेशन के बारे में आपको अच्छी तरह से मालूम हो जाता है।
  • इतना ही नहीं, हेल्थ इकोनॉमिक्स को लेकर जहां आपकी जानकारी बढ़ती है, वहीं हेल्थ इनफॉरमेशन सिस्टम के भी बारे में आपकी समझ और बेहतर हो जाती है। ये सभी चीजें हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में काम करने के दौरान आपके लिए बड़ी ही मददगार साबित होती हैं।

भारत में Hospital Administration Career

Career in Hospital Administration के लिए भारत में अवसरों की कोई कमी नहीं है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए की डिग्री ले लेने के बाद जब आप एक हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर काम करना शुरू करते हैं, तो जिस हॉस्पिटल में आप काम कर रहे हैं, वहां के सभी कामकाज सुचारू रूप से चलाने की पूरी जिम्मेवारी आपकी होती है।

  • हॉस्पिटल से जुड़े जितने भी वित्तीय पहलू होते हैं, इन सभी की देखरेख एक हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर आपको करनी होती है। इसके अलावा रोजाना के बहुत से ऐसे कामकाज भी होते हैं, जिनका ध्यान हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर को रखना पड़ता है।
  • हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में आपको हॉस्पिटल में काम करने वाले कर्मचारियों का प्रबंधन करना पड़ता है। हॉस्पिटल का बजट किस तरीके से खर्च होगा, इसका निर्धारण करना पड़ता है। कई बार फंड इकट्ठा करने को लेकर भी योजनाएं बनानी पड़ती हैं। साथ ही फीस से संबंधित मुद्दों को लेकर भी निर्णय लेने पड़ते हैं।
  • हॉस्पिटल के कामकाज कई बार कई अन्य संस्थानों और कार्यालयों से भी संबंधित होते हैं। जरूरत पड़ने पर वैज्ञानिकों के साथ, सामाजिक संस्थानों के साथ और मीडिया के साथ भी संपर्क बनाने की जरूरत पड़ती है।
  • – हॉस्पिटल में बहुत से विभाग काम करते हैं, जिनके बीच सामंजस्य स्थापित करने की भी जिम्मेवारी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर की ही होती है।

हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई के लिए प्रमुख संस्थान

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (एम्स), नई दिल्ली
  • इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद
  • आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे
  • जेवियर लेबर रिसर्च इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर
  • इंस्टीट्यूट ऑफ़ रूरल मैनेजमेंट, आनंद
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, बैंगलोर
  • सिम्बायोसिस सेंटर ऑफ़ हेल्थ केयर, पुणे

यहां मिल सकती है नौकरी

  • स्वास्थ्य बीमा संगठनों में
  • हेल्थकेयर आईटी में
  • मेडिकल टूरिज्म कंपनियों में
  • वेलनेस सेंटर्स में
  • डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी चेन्स में

सैलरी पैकेज

Hospital Administration Career आर्थिक रूप से भी आपको सशक्त बनाने का काम करता है, क्योंकि शुरुआत में ही सालाना आपको 1.5 लाख से 3.5 लाख रुपये सैलरी के तौर पर मिलने शुरू हो जाते हैं, जो बाद में बढ़ते चले जाते हैं।

और अंत में

इस तरह से भारत में Career in Hospital Administration के लिए संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। यदि इस क्षेत्र में आपकी दिलचस्पी है तो फिर यहां दी गई जानकारी के आधार पर एक हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में करियर बनाने की दिशा में आप अपने कदम बढ़ा सकते हैं।

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