Booker Prize 2020 के विजेता, जानिए डगलस स्टुअर्ट कौन हैं?

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Booker Prize 2020


Booker Prize 2020 के विजेता न्यूयॉर्क में रहने वाले स्कॉटलैंड के लेखक डगलस स्टुअर्ट बने हैं। फिक्शन साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला बुकर पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में गिना जाता है। डग्लस स्टुअर्ट को बुकर पुरस्कार उनके अपने पहले ही उपन्यास शगी बेन के लिए मिल गया है। भले ही पहले ही उपन्यास के लिए डगलस स्टुअर्ट को बुकर पुरस्कार मिला है, लेकिन उनके बारे में जानने के बाद आप को भी इस बात का एहसास होगा कि वे वाकई इस पुरस्कार के हकदार थे।
इस लेख में आपके लिए है:

  • डगलस स्टुअर्ट कौन हैं?
  • उपन्यास के बारे में
  • यूं हुआ चयन
  • बुकर पुरस्कार के बारे में

डगलस स्टुअर्ट कौन हैं?

  • Who is Douglas Stuart? डगलस स्टुअर्ट के बुकर पुरस्कार को जीतने के बाद अब पूरी दुनिया में यह सवाल पूछा जा रहा है। तो आपको बता दें कि डग्लस स्टुअर्ट एक 44 साल के लेखक हैं। उनकी उम्र केवल 16 साल की रही थी, जब उनकी मां दुनिया से चल बसीं। वे शराब का सेवन कुछ ज्यादा ही करती थीं। इसी वजह से उनकी मौत हो गई थी।
  • डगलस स्टुअर्ट ने लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट इन लंदन से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। फैशन डिजाइनर वे बनना चाहते थे। इसलिए इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए वे न्यूयॉर्क चले गए थे।
  • डग्लस स्टूअर्ट फैशन डिज़ाइनर बन भी गए थे। राल्फ लॉरेन, गैप और केल्विन क्लीन जैसे कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ उन्होंने काम भी किया है। जो खाली वक्त उन्हें मिलता था, उसमें उन्होंने शुरू में लिखना शुरू किया था।
  • डगलस स्टुअर्ट का जन्म ग्लासगो में हुआ था। जब वे 24 साल के थे, तभी वे फैशन डिजाइनिंग का काम करने के लिए अमेरिका चले गए थे। ग्लास्गो के बारे में उन्होंने बुकर पुरस्कार मिलने के बाद यह लिखा भी है कि एक बार फिर से मुझे इस शहर से प्यार हो गया है।
  • स्टुअर्ट डग्लस अपनी मां के बहुत ही करीब थे। यही वजह है कि इस पुरस्कार को उन्होंने अपनी मां को ही समर्पित किया है।
  • बुकर पुरस्कार को जीतने वाले डग्लस स्टुअर्ट दरअसल स्कॉटलैंड के दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले स्कॉटलैंड के जेम्स केमैन को वर्ष 1994 में बुकर पुरस्कार उनके उपन्यास ‘हाउ लेट इट वाज, हाउ लेट’ के लिए मिला था।
  • डगलस स्टुअर्ट को अपना पहला उपन्यास छपवाने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिस शगी बेन उपन्यास के लिए उन्हें बुकर पुरस्कार मिला है, 30 प्रकाशकों ने उनके इस उपन्यास को छापने से मना कर दिया था। फिर भी स्टुअर्ट ने अपनी कोशिशें जारी रखीं। आखिरकार अमेरिका में ग्रोव अटलांटिक प्रकाशन और यूके में पीकेडॉर प्रकाशन ने इसे छापने का अधिकार ले लिया।
  • Booker Prize 2020 के लिए 6 उपन्यासों को 162 उपन्यासों में से चुना गया था। जिन लेखकों के उपन्यास इनमें शामिल थे, उनमें डग्लस स्टूअर्ट के अलावा भारतीय मूल की अवनी दोशी, डाएन कूक, तिस्टिसि डांगारेम्बगा, ब्रैंडन टेलर और माजा मेँगिस्ते शामिल थे।
  • अवनी दोशी ‘बर्नेट शुगर’, डाएन कूक ‘द न्यू वाइल्डरनेस’, माजा मेँगिस्ते ‘द शैडो किंग’, तिस्टिसि डांगारेम्बगा ‘थिस मोरनेबल बॉडी’ और ब्रैंडन टेलर ‘रियल लाइफ’ उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार के लिए नामित हुए थे।

उपन्यास के बारे में

  • डगलस स्टुअर्ट को Booker Prize 2020 से जिस उपन्यास शगी बेन के लिए सम्मानित किया गया है, वह दरअसल एक काल्पनिक कहानी है। इस उपन्यास में एग्नेस बेन की जिंदगी के बारे में बताया गया है।
  • उपन्यास में यह पढ़ने को मिलता है कि शादी टूट जाने के बाद किस तरीके से हताशा का वह शिकार हो जाती है। किस तरीके से इसके बाद उसे शराब की बुरी लत लग जाती है। यहां तक कि सभी बच्चे भी उसका साथ देने से मना कर देते हैं। सिर्फ उनका बेटा शगी उनके साथ हर वक्त खड़ा रहता है।
  • शगी की खुद की भी कई समस्याएं होती हैं, लेकिन फिर भी इन सबकी परवाह किए बिना अपनी मां का वह पूरा साथ निभाता है। कहीं-न-कहीं डग्लस स्टुअर्ट के इस उपन्यास की कहानी उनकी मां की जिंदगी को छूती है।

यूं हुआ चयन

  • जिस ज्यूरी ने इस बार के बुकर पुरस्कार विजेता का चयन किया, उसकी प्रमुख मार्गरेट बसबी ने इस बारे में बताया कि सभी ने एकमत से विजेता को चुन लिया। उन्हें केवल एक घंटा का समय ही इसमें लगा।
  • ज्यूरी इस उपन्यास से बहुत ही प्रभावित दिखे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा उपन्यास है, जो आपको शुरू से अंत तक बांधकर रखता है। वास्तव में यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण भी है।
  • उन्होंने यह भी कहा कि इस उपन्यास की कहानी किसी को भी रुला सकती है। यही नहीं, आपके चेहरे पर यह मुस्कान भी ला सकती है। वास्तव में जिंदगी को बदल देने वाला यह उपन्यास है।
  • इस बार लंदन के राउंडहाउस से बुकर पुरस्कार 2020 के समारोह का प्रसारण कोरोनावायरस की वजह से किया गया। एक खास स्क्रीन के जरिए सभी छह नामित लेखक इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
  • अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इसका हिस्सा बने और उन्होंने इसे लेकर अपने विचार प्रकट किये। कुछ ही समय पहले बराक ओबामा द्वारा जो अपने राष्ट्रपति कार्यकाल (2009-17) के दौरान अपनी किताब ए प्रॉमिस्ड लैंड लिखी गई थी, उसका पहला भाग प्रकाशित हुआ है।

बुकर पुरस्कार के बारे में

  • हर साल काल्पनिक उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार प्रदान किया जाता है। यह उपन्यास किसी भी भाषा में हो सकता है, लेकिन इसका अंग्रेजी अनुवाद होना जरूरी है। साथ ही इसका प्रकाशन ब्रिटेन और आयरलैंड में भी होना चाहिए।
  • सबसे पहली बार बुकर पुरस्कार 1969 में प्रदान किया गया था। बुकर पुरस्कार के अंतर्गत 50 हजार पाउंड की राशि दी जाती है, जो लगभग 50 लाख रुपए के बराबर है। बुकर पुरस्कार वर्ष 1969 से 2001 तक बुकर-मैक्कोनेल पुरस्कार और वर्ष 2002 से 2012 तक मैन बुकर पुरस्कार के तौर पर जाना जाता था।

चलते-चलते

Booker Prize 2020 की दौर में भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी पिछड़ जरूर गईं, लेकिन भारतीय लेखिका अरुंधति राय को वर्ष 1997 में अपने उपन्यास द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स के लिए बुकर पुरस्कार मिल चुका है। उम्मीद है कि आने वाले समय में फिर से किसी भारतीय को यह पुरस्कार हासिल हो सकेगा।

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