प्रशासनिक परीक्षा के लिए इतिहास की 10 महत्वपूर्ण किताबें

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पूरे भारत में प्रारंभिक प्रशासनिक परीक्षाएं अगस्त में होने वाली हैं जिसके तहत हम जानते हैं प्रत्येक विद्यार्थी के मन में कुछ अन सुलझे सवाल उठना स्वाभाविक है। इतिहास जैसा विषय अगर एकाग्रता से पढ़ा जाये तो काफी लाभ दे सकता है। यहाँ हमने प्रयास किया है की आपके लिए इतिहास की 10 महत्वपूर्ण किताबों का उल्लेख कर सकें जिनका अध्ययन न केवल प्रारंभिक परीक्षा बल्कि मुख्य परीक्षा में भी उतना ही सहायक होगा।

इस परीक्षा में संतुलित तैयारी करना उतना ही आवश्यक है जितना कि पाठ्यक्रम को पढ़ने के लिए उचित समय देना। हर विषय में बेहतरीन प्रदर्शन ही विद्यार्थी को सफलता दिला सकता है। इतिहास में पूछे जाने वाले प्रश्नों में से भारतीय संस्कृति, आधुनिक भारत , प्राचीन तथा मध्यकालीन भारत के बारे में पूछे गये प्रश्नों का बड़ा भाग है।

इतिहास की जानकारी के लिए विशेष किताबें पढ़ने से पहले अभ्यर्थियों को हमारा सुझाव है की उन्हें अपना आधार भूत ज्ञान मज़बूत करने के लिए 6 ठी से 12 वीं कक्षा तक की एनसीइआरटी की इतिहास विषय की किताबों का अध्ययन करना चाहिए। इनका पाठ्यक्रम विशेष रूप से विषय वस्तु की समझ और अवधारणा निर्माण के लिए नियत किया गया है।

इन सातों कक्षाओं की किताबों का अच्छे से अध्ययन करने के बाद प्रशासनिक परीक्षा को पास करने के लिए इतिहास की किताबों के उपलब्ध विकल्प निम्नलिखित अनुसार हैं:

1. आधुनिक भारत- यशपाल एवं ग्रोवर
संघ लोक आयोग द्वारा उल्लिखित पाठ्यक्रम के अनुसार सामान्य ज्ञान का भाग आवरण करती यह पुस्तक प्राश्निक परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों में काफी नामवर है। इसमें बंगाल में ब्रिटिश सत्ता का उदय, मुगल साम्राज्य के विघटन, प्रारंभिक पेशवाओं की उपलब्धियां, एंग्लो-फ्रेंच प्रतिद्वंद्विता, प्लासी और बक्सर, कार्नवालिस के प्रशासनिक सुधार, टीपू सुल्तान और हैदर अली, भारत में ब्रिटिश सर्वोच्चता की स्थापना, एंग्लो- सिख युद्ध, नेहरूवादी युग,आधुनिक भारत जैसे कुछ शीर्ष अध्याय सम्मिलित हैं।

2. स्वाधीनता संग्राम-विपिन चंद्र
स्वाधीनता संग्राम के व्यक्तिगत और सामूहिक संघर्ष के विश्लेषण तथा अध्ययन युक्त यह पुस्तक पाठक को 1857 के निष्फल विद्रोह से 1947 की अंतिम जीत तक सफलतापूर्वक ले जाती है। इतिहास का एक नया और आधुनिक रूप भी इस पुस्तक में भलीभाँति देखा जा सकता है।

3. आजादी के बाद का भारत- विपिन चंद्र
दनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रेरणा दायक कहानी कहती यह किताब पिछले पांच दशकों में भारत के लंबे संघर्ष और सफलताओं का विश्लेषण करती है। इसमें बताया गया है की कैसे नेहरूवादी राजनीतिक और आर्थिक एजेंडे तथा मूल विदेश नीति कैसे विकसित हुई। भारतीय अर्थव्यवस्था का विस्तृत विश्लेषण तथा व्यापक भूमि सुधार और हरित क्रांति भी इसमें शामिल हैं।

4. विश्व इतिहास – जैन एवं माथुर
इस पुस्तक में 1500 ई से लेकर 2000 ई तक का दुनिया का इतिहास दिया गया है ।मूल रूप से संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा बनाये गये पाठ्यक्रम के अनुसार लिखी गयी यह किताब उम्मीदवारों के लिए बहुत उपयोगी है।

5. प्रतियोगिता दर्पण -कला-संस्कृति अतिरिक्तांक
कला एवं संस्कृति आदि के अतिरिक्त दुनिया भर में हुआ हाल की घटनाओं और मामलों का विस्तृत विवरण विद्यार्थी इस किताब से पा सकते हैं।

6. प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत का इतिहास – उपिंदर सिंह
राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को व्यापक रूप से दिखाती यह किताब स्पष्ट रूप से इतिहास के विभिन्न पहलुओं से पाठकों को अवगत कराती है।

7. आधुनिक भारत का इतिहास-विपिन चंद्रा
इस किताब में तथ्यों पर विशेष ज़ोर दिया गया है। आधुनिक भारतीय इतिहास को विस्तार में समझाती ये पुस्तक ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य के इतिहास, भारत पर उसका आर्थिक रूप से प्रभाव तथा अन्य सामाजिक संधर्भो पर विशेष प्रकाश डालती है।

8. प्रारम्भिक भारत का परिचय- रामशरण शर्मा
प्राचीन भारतीय इतिहास से सातवीं सदी तक के काल के सर्वेक्षण से युक्त पुस्तक राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, धर्म, दर्शन और विज्ञान प्रौद्योगिकी आदि विषयों पर प्रकाश डालती है। यह छात्रों को घटनाओं के अनुक्रम के अनुसार जानकारी देती है जिस से की यह विस्तृत और अद्यतन ग्रंथ सूची आने वाली महत्वपूर्ण परीक्षाओ के लिए विद्यार्थियो के दिमाग में एक स्थान बना लेती है।

9. भारतीय कला, संस्कृति एवं विरासत -मीनाक्षी कांत
भारतीय संस्कृति, कला और परंपराओं का प्रशासनिक परीक्षाओ के मुख्य भाग में आवरण किआ गया है। इसी लिये इन संबंधित विषयों की व्यापक ज्ञान के लिए इसका पाठ्क्रम नियत किआ गया है। भारत और उसकी संस्कृति के इतिहास जैसे विषयों के इलावा क्षेत्रीय संस्कृतियों, यहां के विभिन्न कला रूपों पर विस्तार से इस किताब में बताया गया है।

10. मध्यकालीन भारत राजनीति समाज और संस्कृति -सतीश चन्द्र
मध्यकालीन भारत के इतिहास पर आधारित यह किताब आठवीं शताब्दी और सत्रहवीं सदी के बीच की अवधि को बड़े विस्तृत ढंग से बताती है। आम तौर पर इस प्रकार की पुस्तकें 1206 के आसपास उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में किये गये तुर्की आक्रमण से शुरू होती है लेकिन इसमें आठवीं सदी से शुरू होकर वो समय काफी विस्तार पूर्वक बताया गया है।

इस आलेख में हमने आपको विभिन्न प्रकाशनों की स्तरीय किताबों की जानकारी देने की विनम्र कोशिश की है। आशा है यह आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।इन पुस्तकों के अलावा पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रो का अध्ययन भी प्रश्नो की प्रकृति को समझने में सहायक सिद्ध होता है।

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