भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी ने 75वां स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) के अवसर पर 8वी बार लाल किले की प्राचीर पर ध्वजारोहण किया और देश को सम्बोधित किया। उनके इस संबोधन में देश द्वारा पिछले एक वर्ष के दौरान हासिल की गयी उपलब्धियां, नयी योजनाओं का जिक्र, कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार एवं ओलम्पिक खिलाड़ियों का सम्मान शामिल था। उनका देश के नाम संबोधन सुबह 7:48 AM से शुरू होकर लगभग 88 मिनट तक रहा था। इस दौरान मोदी जी ने देशवासियों से बहुत सी बातें साझा की। आइये जानते हैं प्रधानमंत्री के भाषण की बड़ी बातें और PM Modi Red Fort Speech 2021 में क्या था खास।
14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सबसे पहले देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले सभी वीरों को नमन किया। उसके बाद उन्होंने आजादी के दौरान देश में भड़के सांप्रदायिक दंगों और विभाजन मे जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री जी ने उनके दुखों को देश के साथ साझा करते हुए, 14 अगस्त को प्रत्येक वर्ष ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाये जाने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री जी ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है की – “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी.”
कोरोना योद्धाओं के प्रति धन्यवाद प्रकट किया
PM Modi ने कोरोना काल के दौरान डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, हमारे सफाई कर्मचारी, हमारे वैक्सीन निर्माता इकाई, हर कोई जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान लोगों की सेवा की है, सरकार उन सब लोगों की आभारी है।
अगले 25 साल होंगे नए भारत के सृजन का अमृतकाल
अपने संबोधन मे PM Narendra Modi ने कहा कि ‘‘भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है. इस अमृतकाल में हमारे संकल्पो की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी’’। बतौर प्रधानमंत्री देश के आने वाले 25 साल बहुत महत्वपूर्ण होने वाले हैं। हमें अपने अथक परिश्रम और सामूहिक प्रयासों से देश की 100वी वर्षगांठ को सफल बनाना है।
PM ने किया ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास’ का आह्वाहन
प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम सबका साथ, सबका विकास मंत्र के साथ आगे चले थे। हमने अपने कामो के प्रति लोगों में विश्वास को बढ़ाया है। इसके बाद हमने इस मंत्र मे सबका विश्वास जोड़ा है। अब देश को आने वाले भविष्य के लक्ष्यों के लिए आप सभी के सामूहिक प्रयासों की जरुरत है। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने सरकार के मूल मंत्र मे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास जोड़ कर कर देशवासियों से सामूहिक भागीदारी और प्रयासों की अपेक्षा की है।
देश के छोटे किसानो को प्राथमिकता
देश के छोटे किसानो की और ध्यान देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा –“छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है”। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों को नई सुविधाएं देनी होंगी जिससे की उनकी सामूहिक शक्ति को बढ़ाया जा सके। देश मे 80% किसानो के पास 2 हेक्टेअर से कम भूमि है, वर्तमान सरकार ने उनकी जरूरतों को पूरा करने हेतु किसान सम्मान निधि योजना चलायी है। इस योजना के तहत छोटे किसानो के खतों मे 6 हज़ार रूपये वार्षिक भेजे जा रहे हैं।
75 सप्ताह में 75 वंदे भारत ट्रेनें
प्रधानमंत्री जी ने आजादी के पचहत्तर साल पूर्ण होने मे पर अमृत महोत्सव के अंतरगर्त आने वाले 75 सप्ताह के भीतर देश भर मे 75 भारत ट्रेनों के संचालन की बात कही है। प्रधानमंत्री ने कहा की देश के रेलवे प्लेटफार्म smart बनाये जा रहे हैं, देश मे कई एयरपोर्ट्स का निर्माण हो रहा है। आने वाले साल भारत के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
गतिशक्ति नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर मास्टरप्लान
बतौर प्रधानमंत्री सरकार देश के नौजवानों के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर मास्टरप्लान लेकर आने वाली है। जिसके तहत देश मे युवाओं के लिए 100 लाख करोड़ की योजना से लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के प्रयास किये जायेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ” देश को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाने की भी जरूरत है”। गतिशक्ति नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर मास्टरप्लान देश मे हॉलिस्टिक इंफ्रास्ट्र्क्चर की नींव रखने का कार्य करेगा।
अब सैनिक स्कूलों मे बेटियां भी पढेंगी
प्रधानमंत्री ने देश की बेटियों के हर क्षेत्र मे शानदार प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए, उनके सैनिक विद्यालयों मे पढ़ने को लेकर बड़ी घोषणा की है। अब से देश के सभी सैनिक विद्यालयों मे देश की बेटियां भी पढ़ पायेंगी। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि “बेटियां जब बेटों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर देश की रक्षा कर सकती है तो उन्हें सैनिक शिक्षा से वंचित क्यों रखा जाये”।
मातृभाषा मे शिक्षा को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के नागरिकों को अपनी मातृभाषा मे शिक्षा मिले तो वह जीवन मे बहुत तरक्की कर सकता है। मातृभाषा मे शिक्षा से निचले स्तर से भी प्रतिभा निकल कर देश की तरक्की मे योगदान दे सकती है। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में पढ़ायी की भाषा सम्बन्धी कठिनाइयों को दूर कर दिया गया है। यह शिक्षा नीति देश के गरीबों को गरीबी से उबरने मे मददगार साबित होगी।
गरीबों को दिया जायेगा पोषणयुक्त चावल
प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश मे विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाले चावल को और अधिक पोषणयुक्त किया जायेगा। देश मे राशन-गल्ले की दुकानों से दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, खाद्य सुरक्षा आपूर्ति योजना जैसी अनेक योजनाओं से तथा मिड डे मील के तहत चावल आदि राशन का वितरण किया जाता है।
यही समय है, सही समय है
प्रधानमंत्री ने हर पल के सटीक उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि-
“यही समय है, सही समय है,भारत का अनमोल समय है।
असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ देश की भक्ति है.
तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो.
यही समय है, सही समय है,भारत का अनमोल समय हो।।
कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको. कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको.
तुम उठ जाओ, जुट जाओ, समार्थ्य को अपने पहचानो,
कर्तव्य को अपने सब जानो.
यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है।“
प्रधानमंत्री के संबोधन की अन्य खास बातें
- केंद्र सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के चलते ऑक्सीजन की कमी से सबक लेते हुए, देश के सभी प्रमुख अस्पतालों मे अपने ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की आवश्यता पर जोर देते हुए इसे जल्द पूरा कर लिए जाने की बात कही है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने मेडिकल क्षेत्र मे भी शिक्षा को सर्वसुलभ तथा इसकी सीटों में बढ़ोतरी की बात कही है।
- देश की ऊर्जा जरूरतों तथा कॉर्बन उत्सर्जन की दर को कम करने के उद्देश्य से नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की नई प्रगति के द्वार खोलेगा, भारत इससे आत्मनिर्भर बनेगा और इससे ग्रीन जॉब के लिए अवसर बढ़ेंगे।
- ओलम्पिक खिलाड़ियों एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर के सदस्यों को सम्मनित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन को आगे बढ़ाने वाले साधनो मे खेल भी एक महत्वपूर्ण साधन है। ओलम्पिक मे मैडल जीतकर खिलाड़ियों ने हमे गौरवान्वित किया है तथा देश के करोड़ों लोगों के दिमाग मे खेल को लेकर एक नयी सोच का निर्माण किया है।
- प्रधानमंत्री ने संबोधन मे वर्तमान भारत की दो प्रमुख समस्याओं की तरफ सभी का ध्यान खींचते हुए कहा है, कि भारत अभी आतंकवाद और विस्तारवाद दो शत्रुओं से लड़ रहा है। आतंकवाद पर प्रधानमंत्री का इशारा पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद तथा विस्तारवाद पर चीन के साथ चल रहा गतिरोध की तरफ था।
- प्रधानमंत्री ने GST बिल, नोट बंदी, धारा 370 , राममंदिर , वन रैंक वन पेंशन आदि पर सरकार के प्रयासों की सफलता की प्रसंशा भी की।
- प्रधानमंत्री ने ग्रामीण भारत मे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बनाये जा रहे उत्पादों के लिए एक सरकारी ई -कॉमर्स प्लेटफार्म की बात का जिक्र किया है। सरकार देश-विदेशों मे इनके उत्पादों को ई -कॉमर्स साइट के माध्यम से पहुंचाने की योजना बना रही है।
सार-संक्षेप
स्वतंत्रता दिवस पूरे साल मे एकलौता ऐसा अवसर है, जब प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से पूरे देश को एक साथ सम्बोधित करते हैं। प्रधानमंत्री इस अवसर पर अपने साल भर के कार्यों की समीक्षा करते हैं, नयी योजनाओं के बारे मे देश को अवगत कराते हैं। हर साल प्रधानमंत्री का भाषण कुछ न कुछ नया सन्देश लेकर आता है। इस वजह से देशवासियों और मीडिया को इस अवसर की बड़ी प्रतीक्षा रहती है। हमारा राष्ट्रीय पर्व ‘भारत का स्वतंत्रता दिवस’ सारे देश को एक राष्ट्रीयता मे बांधने और हमारे दिलो मे देश के प्रति गर्व और सम्मान का भाव जगाने का कार्य करता है। हमे यह अहसास दिलाता है, कि हम जिस आजादी मे जीते हुए , जिन अधिकारों की बात करते हैं। उन सभी को दिलाने के लिए न जाने कितने ज्ञात -अज्ञात सेनानियों ने बलिदान दिए हैं। वास्तव मे सच्ची स्वतंत्रता यही है, कि हम देश और देश के स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और देश के प्रति कर्तव्यों का पालन करते हुए गर्व के साथ देश सेवा करते हुए जीवनयापन करें। जय हिन्द , जय भारत।