भारतीय संसद ने बीते 3 दिसंबर को विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक, 2019 को पारित कर दिया। सबसे पहले SPG (Amendment) Bill, 2019 को बीते 25 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के निचले सदन यानी कि लोकसभा में पेश किया था, जहां यह 27 नवंबर को पारित हुआ था और अब 3 दिसंबर को वरिष्ठ सदन राज्यसभा ने भी इसे पारित कर दिया। इस विधेयक में SPG सुरक्षा देने का प्रावधान केवल प्रधानमंत्री एवं उनके साथ आधिकारिक निवास पर रह रहे लोगों को ही है। यही नहीं, प्रधानमंत्री के अलावा किसी अन्य विशेष व्यक्ति को यह सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री पद से हटने के पांच वर्षों के बाद एसपीजी सुरक्षा को उनसे वापस भी ले लिया जाएगा। विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम, 1988 में नए SPG (Amendment) Bill द्वारा संशोधन किया जा रहा है।
क्या है SPG (Amendment) Bill, 2019 का मकसद?
SPG (Amendment) Bill, 2019 को लाए जाने के पीछे की वजह बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने सदन में इसे पेश किए जाने के दौरान कहा कि इसका प्रमुख उद्देश्य एसपीजी अधिनियम को प्रधानमंत्री की सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित किए जाने के लिए पहले से भी अधिक प्रभावी बनाना है।
क्या था विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम, 1988?
देश के प्रधानमंत्री एवं प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों को अधिकतम सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एसपीजी अधिनियम को वर्ष 1988 में पहली बार लागू किया गया था। विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम को पहले भी कई मौकों पर संशोधित किया जा चुका है। सबसे पहला संशोधन वर्ष 1991 में हुआ था। इसके बाद वर्ष 1994, 1999 एवं वर्ष 2003 में भी इसमें संशोधन लाया गया था। वर्ष 2003 में जब अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे तो उस वक्त भी इसमें एक संशोधन किया गया था। इसके तहत प्रधानमंत्री को ऑफिस छोड़ने के दिन से जो सुरक्षा 10 वर्षों के लिए स्वतः मिलनी शुरू हो जाती थी, उसे हटाकर केवल एक वर्ष कर दिया गया था। वैसे, इसमें एक प्रावधान यह भी रहा कि सुरक्षा कवर लेने से कोई व्यक्ति चाहे तो मना भी कर सकता है। हालांकि, यदि व्यक्ति की सुरक्षा को थोड़ा भी खतरा रहता है तो अनिवार्य रूप से उसे यह सुरक्षा लेनी ही पड़ती है। खतरा दो तरह का हो सकता है। एक तो मिलिट्री या आतंकवादी संगठन से और दूसरा कोई बेहद गंभीर व लगातार बने रहने की प्रकृति वाला।
SPG (Amendment), 2019 की प्रमुख विशेषताएं
SPG (Amendment) Bill की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री के साथ उनके परिवार के जो भी सदस्य रहते हैं, सभी को एसपीजी की सुरक्षा मिलेगी। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री के साथ उन्हें जो आवास आवंटित किया जाता है, उस आवास पर अपने परिजनों के साथ उन्हें प्रधानमंत्री पद के छोड़ने की तारीख से एसपीजी की सुरक्षा पांच वर्षो तक प्राप्त होगी। धारा 4 के खंड ख को इसमें शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री की एसपीजी सुरक्षा यदि हटाई जाती है तो उनके निकट के परिजनों की भी सुरक्षा इसके तहत हटा ली जाती है।
क्या है SPG?
एसपीजी को विशेष सुरक्षा समूह कहा जाता है जो कि एक सशस्त्र सेना है और जो वर्ष 1988 में संसद के अधिनियम 4 की धारा 1(5) के तहत स्थापित की गई थी। इसके जरिए देश के प्रधानमंत्री के साथ पूर्व प्रधानमंत्रियों एवं परिवार के नजदीकी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान की जाती है। अत्याधुनिक राइफल्स के साथ संचार के कई अत्याधुनिक उपकरण, अत्याधुनिक वाहन, बुलेटप्रूफ जैकेट, ग्लव्स और अंधेरे में देखने हेतु चश्मे जैसी चीजें एसपीजी के कमांडो के पास होती हैं।
गृह मंत्री ने क्या कहा?
SPG (Amendment) Bill को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह राजनीति से प्रेरित नहीं है। संशोधन के तहत एसपीजी की सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री एवं उनके साथ उनके आवास में रहने वालों और पूर्व प्रधानमंत्रियों एवं उनके परिवार को 5 साल तक के लिए सरकार की ओर से आवंटित आवास पर रहने के दौरान मिलेगी।
निष्कर्ष
राज्यसभा में SPG (Amendment) Bill, 2019 को पारित किए जाने के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट करके विरोध भी जताया, मगर सदन ने बहुमत से इसे पारित कर दिया। बताएं, SPG (Amendment) Bill के नये प्रावधानों से आप किस कदर सहमत हैं?