अमेरिकी सीनेट मे, चुनी जाने वाली पहली महिला प्रतिनिधि – हैथी वाइट कारावे

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Hattie Wyatt Caraway


12 जनवरी, 1932 का विश्व इतिहास में व विशेषकर अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में, एक अपना विशेष स्थान रखता हैं क्योंकि इसी दिन अमेरिकी सीनेट में, हैथी वाइट कारावे (Hattie Wyatt Caraway) पहली महिला के तौर पर चुनी गई थी जिससे ना केवल अमेरिका मे, महिला सशक्तिकरण को लेकर नई लहर उठी बल्कि पूरे विश्व में, अमेरिका एक ’’ महिला सशक्तिकरण समर्थक राष्ट्र ’’ के तौर पर उभरा था जिसका प्रभाव अमेरिका में, आज तक देखा जाता हैं जिससे महिलाओ के स्वतंत्र अस्तित्व निर्माण में, बहुत बडे योगदान के रुप में, याद किया जाता हैं इसलिए हम, अपने आज के इस लेख मे, आपको 12 जनवरी, 1932 को अमेरिकी सीनेट के लिए पहली महिला प्रतिनिधि के तौर पर चुनी जाने वाली हैथी वाइट कारावे (Hattie Wyatt Caraway) की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप भी इस महिला अस्तित्व को करीब से देख सकें और 12 जनवरी, 1932 के ऐतिहासिक महत्व को समझ सकें।

इन बिंदुओ पर होगी विस्तार से चर्चा –

  • कौन थी हैथी वाइट कारावे? कौन थी हैथी वाइट कारावे?
  • 12 जनवरी, 1932 का क्या महत्व हैं हैथी कारावे के लिए?
  • हैथी कारावे का शुरुआती जीवन कैसा रहा?
  • हैथी कारावे का राजनीति जीवन कैसा रहा?

कौन थी हैथी वाइट कारावे (Hattie Caraway) ?

1 फरवरी, 1878 को जन्मी हैथी वाइट कारावे का पूरा नाम ’’ हैथी ओफेलिया वाइट कारावे ( Hattie Ophelia Wyatt Caraway ) था जो कि, अमेरिकी राजनीति की एक जानी-मानी हस्ती के तौर पर प्रसिद्ध व लोकप्रिय थी और इन्हें जन या लोक मान्यता 12th January in History को मिली जब हैथी ओफेलिया वाइट कारावे को पहली अमेरिकी सीनेट प्रतिनिधि की पहली महिला के रुप में, चुना गया जिन्होने अर्कनास का प्रतिनिधित्व किया था और इन्होंने ही अमेरिकी सीनेट की अध्यक्षता भी की थी साथ ही साथ साल 1932 इनके राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद गौरवमयी रहा क्योंकि इसी दिन हैथी ओफेलिया वाइट कारावे ने, अपने पडोसी लुसियाना के सहयोगी सीनेटर हुये लांग ( Huey Long ) के पूर्ण समर्थन से पूर्ण रुप से अमेरिकी सीनेट में, प्रतिनिधित्व के लिए चुनी गई थी।

12 जनवरी, 1932 का क्या महत्व है हैथी कारावे के लिए?

12 जनवरी, 1932 का ऐतिहासिक महत्व पूरे विश्व के लिए अलग-अलग हैं और इसी प्रकार 12 जनवरी, 1932 का महत्व हैथी कारावे के लिए भी विशेष महत्व रखता हैं क्योंकि यही वो तारिख हैं जब पहली बार हैथी कारावे, विश्व-महाशक्ति कही जाने वाली अमेरिकी सीनेट के लिए चुनी गई थी जिससे ना केवल उन्हें नई राजनीतिक पहचान मिली थी बल्कि साथ ही साथ अमेरिका सहित पूरे विश्व में, महिला सशक्तिकरण को लेकर एक नई उज्जवल लौ प्रज्ज्वलित हुई थी।

हैथी कारावे का शुरुआती जीवन कैसा रहा?

हैथी कारावे का शुरुआती जीवन बेहद गरीबी व संघर्षमयी रहा जिसके सभी पहलूओ को एक साथ समेट कर आपके सामने प्रस्तु करने के लि हम, कुछ बिंदुओ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-

  • गरीब किसान परिवार मे, हुआ था जन्म हैथी का

12 जनवरी, 1932 को अमेरिकी सीनेट में, प्रतिनिधित्व के लिए चुनी जाने वाली हमारी एक मात्र महिला प्रतिनिधि अर्थात् हैथी कारावे का जान्म एक गरीब किसान परिवार में, हुआ था जो कि, वेस्ट सैंट्रल टैनेसी के सैंट्रल हम्फ्रेयस के रुरल बास्करविला के पास था।

हैथी कारावे के पिता का नाम ’’ विलियम कैरोल वाइट ’’ जो कि, पेशे से गरीबी किसान थे और खेती से होने वाली अल्प आय को पूरा करने के लिए एक दुकान भी चलाते थे। इस प्रकार हम, कह सकते है कि, हैथी कारावे का जन्म तंगहाल गरीबी में, हुआ था।

  • हैथी कारावे में थी उच्च शिक्षा की ललक

हैथी कारावे सिर्फ 4 साल की थी जब उसका पूरा परिवार, हेम्फ्रेयर काउंटी के हस्टवर्ग मे, रहने के लिए आया था। अपने परिवार की गंभीर आर्थिक तंगहाल गरीबी के बावजूद हैथी कारावे सदा से ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ललाइत रहती थी जो कि, रुपयो के अभाव में, अंसभव था।

हैथी कारावे के पिता ने, हस्टवर्ग के एक इवैंजर चर्च में, एक कमरे वाले घर को किराये पर लिया जिसमें पहले पठन-पाठन का काम चलता था और यही स हैथी कारावे ने, अपनी शुरुआती शिक्षा का शुभारम्भ किया।

इसके बाद हैथी कारावे को टैनेंसी के डिक्सन जिले के एक सामान्य कॉलेज में, भेजा गया जहां पर हैथी कारावे ने, साल 1896 में, अपनी बी.ए की डिग्री अर्थात् बैचलर ऑफ आर्ट्स की उपाधि प्राप्त की जिसके बाद साल 1902 में, थैड्स कारावे जिनसे वे कॉलेज में, मिली थी से विवाह करने से पूर्व उन्होंने एक स्कूल में शिक्षण कार्य भी किया।

  • हैथी कारावे के तीनो बच्चो ने, सफलता प्राप्त की थी

हैथी कारावे ने, साल 1902 में, थैड्स कारावे से विवाह किया था जिनसे उनकी मुलाकात कॉलेज के दिनो मे, हुई थी। हैथी कारावे को कुल तीन बच्चे हुए थे जिनके नाम इस प्रकार से हैं – पॉल, फोरेस्ट और रॉबर्ट आदि।

हैथी कारावे के दो बच्चे अर्थात् पॉल और फोरेस्ट अमेरिकी सेना के जनरल पद पर नियुक्त हुए थे जो कि, जोन्सब्रो ( अर्कनास ) में, अपने परिवार के साथ पूर्णत स्थापित हो चुके थे और यही वो जगह थी जहां पर उन्होने अपना बचपन बिताया था और यही से उन्होने अपना अभ्यास शुरु किया था और साथ ही साथ परिवार के रुई कारखाने का संचालन भी करते थे इस प्रकार हम, कह सकते हैं कि, कैथी कारावे  तीनो बच्चो ने, जीवन में, सफलता प्राप्त की थी और एक उज्जवल भविष्य की और बढ रहे थे।

उपरोक्त बिंदुओ की मदद से हमने आपको हैथी कारावे के जीवन की शुरुआती झलक प्रस्तुत की है ताकि आप हैथी कारावे के जीवन को करीब से देख और समझ पाये।

हैथी कारावे का राजनीति जीवन कैसा रहा?

हैथी कारावे का रुझान राजनीति की तरफ उनके पति थैड्स की राजनीतिक सफलता ने, आकर्षित किया था जिसके बाद उन्होने अपना राजनीतिक जीवन व सफल शुरु किया जिसके प्रत्येक पहलू को आपके सामने प्रस्तुत करने के लिए हम, कुछ बिदुंओ की मदद ले रहे हैं जो कि, इस प्रकार से हैं –

  • अपने पति से प्राप्त की थी राजनीतिक भविष्य की प्रेरणा

हैथी कारावे को राजनीति में, आने की मूल प्रेरणा अपने पति थैड्स से मिली थी जो कि, साल 1912 में, अमेरिका के हाऊस ऑफ रिप्रेजेंटेटीव्स मे, सदस्य के तौर पर चुने गये थे औऱ उन्हें साल 1921 तक इसमें काम किया था जिसके बाद उन्हें अमेरिकी सीनेट का सदस्य चुना गया और यही से हैथी कारावे ने, अपने पति की राजनीतिक व्यवसाय मे, रुचि लेना प्रारंभ किया।

अपने पति की भांति बनने के लिए हैथी कारावे ने, अपन सामाजिक व महिला शोषण के खिलाफ जारी अपने अभियान से दूरी बनाई और अपने पति के राजनीतिक व्यवसाय में, रुचि लेना शुरु कर दिया।

  • हैथी कारावे ने, संभाली अपने पति थैड्स की कुर्सी

हैथी कारवे के पति अर्थात् थैड्स  की मृत्यु साल 1931 में, उनके दफ्तर मे, ही हुई थी जिसके बाद विधवा हो चुकी हैथी कारावे को अपने पति की जगह लेने के लिए आमंत्रित किया गया था जिसे हैथी कारावे ने, स्वीकार किया।

इसके बाद अर्कनास से गर्वनर हारवे पेरेन्ल ने, हैथी कारावे को अपने पति थैड्स की जगह नियुक्त किया जिसके बाद उन्होने साल 1932 में, आयोजित सीनटेर चुनाव को आसानी व सरलतापूर्वक जीत लिया था और इस प्रकार हैथी कारावे ने, अपने राजनीतिक जीवन मे, सफलता अर्जित की थी।

  • हैथी कारावे का राजनीति अभियान

हैथी काराव ने, अर्कनास के सभी राजनीतिक दिग्गजो को उस समय आश्चर्यचकित कर दिया था जब उन्होंने घोषणा की थी कि, आने वाले चुनावो में, वे पूर्ण समर्पण भाव से भाग लेंगी व अपनी जीत के लिए हल संभव प्रयत्न करेंगी।

अपनी इस घोषणा के साथ ही हैथी कारावे उस समूह में, जा शामिल हुई थी  जहां पर पहले से ही राजनीतिक दिग्गजो का जमघट लगा था और जो पहले से ही हैथी कारावे राजनीतिक से दरकिनार करने की मंशा पर काम कर रहे थे।

  • महिलाओ की स्थिति पर क्या कहा था हैथी कारावे ने

हम, आपको बताना चाहते हैं कि, अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में, हैथी कारावे ने, समाचार चैनलो को बताया था कि, ’’ अब वो समय बीत गया है जब किसी महिला को कोई पद तभी और तभी तक दिया जाता था जब तक कि, कोई दूसरा उस पद से लिए आवेदन ना करे। ’’

  • अमेरिकी उप-राष्ट्रपित चार्ल्स कर्टिस का न्यौता

हैथी कारावे को अपने राजनीतिक जीवन की पहली सीढी तब मिली जब अमेरिकी उप-राष्ट्रपति चार्ल्स कर्टिस ने, उन्हें सीनेट की अध्यक्षता करने का न्यौता दिया और इसी समय व न्यौते का पूरा लाभ लेते हुए हैथी कारावे ने, घोषणा की कि, वे पुन-चुवान करवायेगे और पूर्ण रुप से उसमें, भाग लेंगी।

  • हैथी कारावे को मिला हुये लांग का पूर्ण समर्थन

हैथी कारावे की राजनीतिक सफलता के पीछे सिर्फ हैथी कारावे की मेहनत नहीं थी बल्कि लुसियाना के उनके सहयोगी हुये लांग का भी अमूल्य योगदान रहा हैं जिन्होनें लुसियाना से अर्कनास के लिए 7 दिन की यात्रा की और इन सातो दिनो में, उन्होने अर्कनास में, हैथी कारावे के समर्थन में, राजनीतिक प्रचार-प्रसार किया जिसका सीधा लाभ हैथी कारावे को मिला।

  • आखिरकार हैथी कारावे ने, जीता सीनेट का चुनाव

हुये लांग व अपने कड संघर्ष के आधार पर आखिरकार हैथी कारावे ने, भारी बहुमत से सीनेट का चुनाव जीत लिया और इस प्रकार पूरे अमेरिकी इतिहास में, वो पहली महिला बन गई जिन्हें सीनेट की अध्यक्षता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और इस प्रकार हैथी कारावे महिला सशक्तिकरण का एक जीवन्त प्रमाण बनकर भी उभरी।

  • सामाजिक व महिला सशक्तिकरण की तरफ हुई वापसी

हैथी कारावे जो कि, अपने पति की राजनीतिक सफलता से आकर्षित होकर राजनीति मे, आ गई थी उन्हे पुन उनके सहयोगी हुये लांग ने, सामजिक विकास व महिला सशक्तिकरण के मूल लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वापस आंमत्रित किया जिसे स्वीकार करके हैथी कारावे ने, पुन विधवा व महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य किया और महिलाओ को एक स्वतंत्र पहचान देने के लिए नये अभियान की शुरुआत की।

उपरोक्त बिंदुओ की मदद से हमने आपको हैथी कारावे के राजनीतिक उत्कर्ष की एक सम्पूर्ण तस्वीर प्रस्तुत करने का प्रयास किया हैं ताकि आप उनके राजनीतिक संघर्ष और सफलता को करीब से देख पाये और प्रेरणा ग्रहण कर पाये।

सारांश

हैथी कारावे जिनका जन्म के गरीब किसान परिवार में, हुआ था उन्होंने कैसे अपना राजनीतिक जीवन शुरु किया और कैसे 12 जनवरी, 1932 में, सीनेट के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बनी, इसकी बिंदु-दर-बिंदु जानकारी हमने इस लेख मे, आपको दी।

हैथी कारावे ने, अमेरिका में हुए आम चुनावो में, भारी जीत अर्जित की थी और आपको बता दे कि, वे फ्रेंकलिन डी. रुजवेल्ट के सहयोग से इस चुनाव में, उतरी थी। इस प्रकार उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन मे, भारी और प्रेरणापूर्ण सफलता अर्जित की थी साथ ही साथ महिला उत्थान, विकास, शिक्षा और महिला शोषण के खिलाफ एक प्रतीक के तौर पर भी स्थापित हुई थी जिनसे प्रेरणा लेकर कई महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमो का आयोजन ना सिर्फ अमेरिका में किया गया बल्कि पूरे विश्व में, इसके प्रति एक लहर को संचालित किया गया। अंत, इस प्रकार हम, कह सकते हैं कि, हैथी कारावे एक सफल राजनीतिक के साथ-साथ एक समर्पित महिला उत्थान कार्यकता भी थी जिनसे और पूरे विश्व को प्रेरणा लेनी चाहिए।

हैथी कारावे – आपके सवाल और हमारे जबाव

सवाल 1– हैथी कारवे के पिता का नाम क्या था?

जबाव – विलियम कैरौल वाइट।

सावल 2– हैथी काराव ने, अपनी बी.ए की डिग्री कब प्राप्त की थी?

जबाव – 1896 में।

सवाल 3– हैथी कारावे की कितनी संतान थी और किन दो को अमेरिकी आर्मी मे, जनरल्स का पद प्राप्त हुआ था?

जबाव – हैथी कारावे की कुल 3 संतान थी जिसमे से पॉल व फोरेस्ट को अमेरिकी आर्मी में, जनरल्स का पद प्राप्त हुआ था।

सवाल 4– हैथी कारावे के पति कौन थे और कब हुई थी शादि?

जबाव – हैथी कारावे ने, साल 1902 में, थैड्स कारावे से शादि की थी।

सवाल 5– हैथी कारावे को राजनीतिक में, आने की प्रेरणा किससे मिली?

जबाव – अपने पति थैड्स कारावे से जब उन्हें अमेरिकी सीनेट में, चुना गया।

सवाल 6– हैथी कारावे की राजनीतिक सफलता में अमूल्य योगदान किसका माना जाता हैं?

जबाव – लुसियाना के उनके सहयोगी हुये लांग का।

सवाल 7– हैथी कारावे, अमेरिकी सीनेट के लिए कब चुनी गई थी?

जबाव – 12 जनवरी, 1932 को।

सवाल 8– हैथी कारावे की मृत्यु कब हुई?

जबाव – 21 दिसम्बर, 1950 को।

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